उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में आबकारी विभाग निभाएगा अहम भूमिका : नितिन अग्रवाल

-- 39582.39 करोड़ रुपए के 138 एमओयू , 7538.73 करोड़ की 45 परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग के लिए तैयार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने में आबकारी विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस संबंध में आज विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित हुई।

श्री अग्रवाल ने जानकारी दी कि आबकारी विभाग के साथ 39582.39 करोड़ रुपए के 138 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। इनमें से 7538.73 करोड़ रुपए की 45 परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शेष इकाइयों की स्थापना हेतु उद्यमियों से समन्वय स्थापित कर अधिक से अधिक निवेश सुनिश्चित किया जाए, जिससे नौकरी के नए अवसर भी सृजित होंगे।

मंत्री ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग को लगभग 63 हजार करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य प्राप्त करना है। इसके लिए अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी के विरुद्ध प्रवर्तन कार्रवाई को और अधिक सुदृढ़ व प्रभावी बनाया जाएगा।

उन्होंने सुझाव दिया कि सीमावर्ती राज्यों से तस्करी पर रोक लगाने के लिए पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित किया जाए।

ड्रोन से निगरानी: दूरस्थ क्षेत्रों में नई पहल

श्री अग्रवाल ने कहा कि नदियों के कछार क्षेत्रों, घने जंगलों एवं दूरस्थ इलाकों में दविश कार्यवाहियों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आबकारी नीति में महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। प्रमुख अल्कोहल कंपनियों के साथ संवाद स्थापित कर नई उत्पादन इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा दिया जाएगा।

इस बैठक में प्रमुख सचिव आबकारी वीना कुमारी, आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

उप्र में 11 आईपीएस अफसरों के तबादले, आगरा—गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर बदले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तबादला एक्सप्रेस चल रहा है। मंगलवार रात को जहां 16 आईएएस अफसरों का स्थानांतरण हुआ था। इसके कुछ ही घंटे बाद 11 आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए गये हैं, जिनमें चार जिलों के पुलिस कप्तान, आगरा और गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर शामिल हैं।

तबादला सूची में अनुसार निलाब्जा चौधरी को अपर पुलिस महानिदेशक एटीएस से हटाकर अपर पुलिस महानिदेशक सीआईडी बनाया गया है। अजय कुमार मिश्रा को पुलिस आयुक्त गाजियाबाद से पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज, जे रवीन्द्र गौड़ पुलिस आयुक्त आगरा से पुलिस आयुक्त गाजियाबाद भेजा है। दीपक कुमार को पुलिस आयुक्त आगरा बनाया गया हैं, इससे पहले वे पुलिस महानिरीक्षक आगरा परिक्षेत्र की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। प्रेम कुमार गौतम को पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज से हटाकर एटीएस की जिम्मेदारी मिली है। वे आईजी एटीएस बनाए गये हैं। शैलेश कुमार पाण्डेय को मथुरा एसएसपी/डीआईजी के पद से हटाते हुए पुलिस महानिरीक्षक आगरा परिक्षेत्र का कार्यभार सौंपा गया है।

श्लोक कुमार को एसएसपी बुलंदशहर से एसएसपी मथुरा, दिनेश कुमार सिंह को एसएसपी बुलंदशहर, प्रेमचन्द्र को पुलिस अधीक्षक भर्ती बोर्ड लखनउ से सेना नायक 8वीं वाहिनी पीएसी मेरठ, बागपत के एसपी अर्पित विजयवर्गीय को बाराबंकी का एसपी और सूरज कुमार राय को सेना नायक 8वीं वाहिनी पीएसी मेरठ से बागपत का नया पुलिस कप्तान बनाया है।

यूपी में 16 आईएएस अफसरों का तबादला, छह जिलों के डीएम बदले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मंगलवार रात को बड़े स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले हुए हैं। शासन ने छह जिलों के जिलाधिकारी समेत 16 आईएएस अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश जारी किया है। शीघ्र ही 11 आईपीएस अधिकारियों के तबादले की भी सूची जारी होगी। अयोध्या के डीएम चंद्र विजय सिंह को विशेष सचिव. अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। चंदौली के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे को अयोध्या जिले का नया जिलाधिकारी बनाया है। प्रयागराज के नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग को चंदौली का जिलाधिकारी बनाया है।

जौनपुर के सीडीओ सीलम साईं तेजा को प्रयागराज के नगर आयुक्त की जिम्मेदारी मिली है। गोरखपुर की संयुक्त मजिस्ट्रेट मृणाली अविनाश जोशी को जौनपुर का सीडीओ बनाया है। अमेठी की डीएम निशा को मिशन निदेशक, राष्ट्रीय आयुष मिशन के पद पर तैनाती दी गई है। सहारनपुर के नगर आयुक्त संजय चौहान को अमेठी का जिलाधिकारी, विशेष सचिव, उच्च शिक्षा विभाग शिपू गिरी को नगर आयुक्त सहारनपुर, मिशन निदेशक राष्ट्रीय आयुष मिशन महेंद्र वर्मा को सचिव उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनायमक प्राधिकरण (रेरा) का जिम्मा।

इसके अलावा इटावा के जिलाधिकारी अवनीश कुमार राय को बदायूं का जिलाधिकारी, कन्नौज के डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल को इसी पद पर इटावा भेजा गया है। मुख्यमंत्री के विशेष सचिव और अपर निदेशक राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद आशुतोष मोहन अग्निहोत्री को कन्नौज का जिलाधिकारी बनाया गया है। बदायूं की डीएम निधि श्रीवास्तव को विशेष सचिव, उच्च शिक्षा के पद पर तैनाती मिली है। मुजफ्फरनगर सीडीओ संदीप भागिया को अपर आयुक्त, राज्यकर गौतमबुद्धनगर, मेरठ के संयुक्त मजिस्ट्रेट कंडारकर कमलकिशोर देशभूषण को मुजफ्फरनगर का सीडीओ और प्रतीक्षारत चल रहे राजकुमार प्रथम को विशेष सचिव, उर्जा विभाग के पद पर तैनाती दी गई है।

पुलिस पेंशनर्स खेलकूद प्रतियोगिता कल

लखनऊ । बुधवार प्रात: 06 बजे से 35 वीं वाहिनी पीएसी के महानगर सिंथेटिक स्टेडियम में पुलिस पेंशनर्स की खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बाक चाल, म्यूजिकल चेयर रेस, गोला फेंक, चक्का फेंक, व रस्साकसी आइटम की प्रतियोगिता होगी। उक्त प्रतियोगिता में उ०प्र० पुलिस पेंशनर्स प्रतिभागी एवं दर्शक के रूप में प्रतिभाग कर सकते हैं। अत: अनुरोध है कि प्रतियोगिता में प्रतिभाग लेकर प्रतियोगिता को कृपया सफल बनायें।

जहरीला पदार्थ खाने से युवक की मौत

लखनऊ । राजधानी के इंदिरानगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले फतहापुरवा, तकरोही निवासी एक युवक द्वारा कथित रूप से विषाक्त पदार्थ का सेवन करने के बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक की पहचान दीपक राजपूत (उम्र 26 वर्ष) पुत्र जैसराम के रूप में हुई है।

अस्पताल में भर्ती के बाद नहीं दी गई पुलिस को सूचना

जानकारी के अनुसार, दीपक राजपूत ने 10 अप्रैल 2025 को किसी अज्ञात कारणवश विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया था। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा था। हालांकि, इस घटना की सूचना परिजनों द्वारा तत्काल पुलिस को नहीं दी गई।चार दिन तक अस्पताल में इलाज के बाद 14 अप्रैल 2025 को दीपक की मौत हो गई। इस संबंध में सूचना विभूतिखंड थाना पुलिस द्वारा इंदिरानगर थाने को दी गई।

पुलिस ने की कानूनी कार्रवाई, पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा

सूचना मिलने पर इंदिरानगर थाना के उपनिरीक्षक दुर्गेश पांडेय मौके पर पहुंचे और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के तहत पंचायतनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) भेजा गया। पोस्टमार्टम के पश्चात शव को अंतिम संस्कार हेतु परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि युवक ने आत्महत्या की थी या यह किसी और परिस्थिति का परिणाम था। पुलिस मामले की जांच कर रही है ताकि घटना के पीछे की सच्चाई सामने आ सके।

सरकार ने पिछले आठ वर्षों में निपटाए राजस्व के 34 लाख मामले

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त "रूल ऑफ लॉ" है, जो सहज, सरल और समयबद्ध होनी चाहिए। आम नागरिक और सरकारी कार्मिकों को न्याय तक सहज पहुंच मिले और उनके मामलों का निपटारा मेरिट के आधार पर हो, यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है। उन्होंने यह बात सोमवार को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) लखनऊ खंडपीठ के नव-निर्मित भवन के उद्घाटन समारोह में कही। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री (कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन) डॉ. जितेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती का उल्लेख करते हुए कहा कि बाबा साहब ने समाज के वंचित, दलित और उपेक्षित वर्गों को न्याय दिलाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। यह दिन हमें न्यायपूर्ण और समावेशी व्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि न्यायिक प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और मेरिट आधारित हो। कैट जैसे ट्रिब्यूनल इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैट की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह केंद्र सरकार से जुड़े कार्मिकों को त्वरित और निष्पक्ष न्याय देने का मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आज 16 जनपदों के केंद्रीय कार्मिकों के लिए लखनऊ में यह आधुनिक और भव्य कैट भवन तैयार हुआ है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप कार्मिकों को समय पर न्याय उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा।

-- 10 वर्षों में 6,000 से अधिक मामलों का निस्तारण

मुख्यमंत्री ने बताया कि लखनऊ पीठ ने वर्ष 2014 से 2025 के बीच कुल 6,700 में से 6,000 से अधिक मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यदि दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर संवाद कराया जाए, तो कई मामलों का समाधान और तेज़ी से हो सकता है।राजस्व से संबंधित मामलों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश में 33 लाख राजस्व मामले लंबित थे। सरकार ने इन्हें मेरिट के आधार पर सुलझाने के निर्देश दिए और ऑनलाइन मॉनीटरिंग की व्यवस्था लागू की।

परिणामस्वरूप, आठ वर्षों में 34 लाख मामलों का निस्तारण हुआ, जबकि इस दौरान 10 लाख नए मामले आए जिनका भी समयबद्ध निपटारा जारी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि नव-निर्मित कैट भवन न्यायिक प्रक्रिया को न केवल सरल बनाएगा, बल्कि शासन के अनावश्यक बोझ को भी कम करेगा। इस मौके पर कैट नई दिल्ली के अध्यक्ष न्यायमूर्ति, लखनऊ पीठ के विभागाध्यक्ष न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा, प्रशासनिक सदस्य संजय कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

-- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने की सीएम योगी की तारीफ

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएम योगी की तारीफ करते हुए कहा कि सीएम योगी के प्रयासों से ही कैट का भव्य भवन बनकर तैयार हुआ है क्योंकि आपकी ही सरकार में जमीन के ट्रांसफर का काम शुरू हुआ। सीएम ने 1,825 स्क्वायर फीट जमीन देने में सरकार ने तनिक भी देर नहीं लगायी। इस पर 18 करोड़ का निर्माण कार्य हुआ। ये सारा काम आपके सीएम योगी सहयोग से भी संपन्न हुआ है।

अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह की हुई शुरुआत, सीएम योगी को डीजी ने लगाया फ्लैग पिन

लखनऊ। राज्य में अग्नि सुरक्षा के प्रति नागरिकों को जागरूक करने के उद्देश्य से अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह की औपचारिक शुरुआत हो गई। इस अवसर पर डीजी अग्निशमन सेवा अविनाश चंद्र ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके सरकारी आवास पर जाकर फ्लैग पिन लगाया। इस सप्ताह के दौरान पूरे प्रदेश में अग्नि सुरक्षा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला चलाई जाएगी।

प्रदेश में पिछले पांच वर्षों के दौरान 2451 लोगों को अग्निकांड में अपनी जान गंवानी पड़ी। हालांकि, फायर सर्विस के जांबाज कर्मचारियों ने 38 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। कोविड के दो वर्षों के दौरान अग्निकांड की घटनाओं में तुलनात्मक रूप से गिरावट देखी गई, जो एक राहत की बात रही।

जागरूकता कार्यक्रमों में शामिल होंगे ये विषय:

आग से बचाव व सतर्कता के उपाय, सुरक्षित पलायन मार्ग की व्यवस्था, बहुमंजिला इमारतों व उद्योगों में अग्नि सुरक्षा, दिव्यांगजनों की सुरक्षा, पटाखों व ज्वलनशील वस्तुओं से सावधानी, फायर एक्सटिंग्यूशर का सही इस्तेमाल, ग्रामीण क्षेत्रों में आग की रोकथाम के उपाय।

ग्रामीण क्षेत्रों में आग की मुख्य वजह:

मार्च से जून के बीच ग्रामीण इलाकों में खेत-खलिहानों, झोपड़ियों में आग की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। इसका प्रमुख कारण है - चिंगारी, धूम्रपान, लापरवाही व हाईटेंशन लाइन।

- अग्निशमन सेवा पर एक नजर

उत्तर प्रदेश में 359 फायर स्टेशन स्वीकृत। 301 स्टेशन कार्यरत। 49 फायर स्टेशन शुरू होने की प्रक्रिया में। 6476 अधिकारी और कर्मचारी तैनात।

हज यात्रा नियमों में बड़ा बदलाव : 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए हज पर रोक

लखनऊ। हज यात्रा को लेकर सऊदी अरब सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। अब 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हज यात्रा पर नहीं जा सकेंगे। इस नए नियम के चलते 291 बच्चों के हज आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, हज यात्रा 2025 को लेकर सऊदी अरब सरकार के नए फैसले का असर अब साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हज यात्रा के लिए वीजा नहीं मिलेगा, जिससे देशभर में 291 बच्चों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के 18 बच्चे भी शामिल हैं।

राज्य हज कमेटी के सचिव एसपी तिवारी ने बताया कि हज कमेटी ऑफ इंडिया, मुंबई की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार, सऊदी सरकार ने 2025 के हज सीजन में 12 साल से कम आयु के बच्चों को वीजा न देने का फैसला लिया है। इससे देश के हर राज्य को असर झेलना पड़ा है।

इस बार उत्तर प्रदेश से 13,748 यात्री हज यात्रा पर जाएंगे। इनमें से 18 बच्चे भी शामिल थे, लेकिन अब वे इस यात्रा का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। उत्तर प्रदेश के हज यात्री लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट और दिल्ली एयरपोर्ट से सऊदी अरब के लिए रवाना होंगे। लखनऊ से जाने वाले यात्रियों के लिए सरोजनीनगर स्थित मौलाना अली मियां मेमोरियल हज हाउस में ठहरने की व्यवस्था की गई है।

-- बच्चों के कारण यात्रा रद्द करना हो तो क्या करें ?

एसपी तिवारी ने बताया कि जिन "कवर नंबर" में बच्चे शामिल हैं, उनमें बाकी यात्री अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं। यदि पूरे परिवार यात्रा को रद्द करना चाहे तो वे 14 अप्रैल तक ऑनलाइन या हज सुविधा ऐप से आवेदन कर सकते हैं। इस स्थिति में कोई कैंसिलेशन शुल्क नहीं लिया जाएगा। 14 अप्रैल के बाद रद्द करने पर नियमों के अनुसार शुल्क कटेगा।

-- पाबंदी की वजह क्या है ?

सऊदी सरकार ने इस निर्णय के पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह फैसला- सुरक्षा उपायों, भीड़ नियंत्रण, और स्वास्थ्य मानकों को ध्यान में रखकर लिया गया है।

नौकरी छोड़ना चाहता था, पत्नी ने रोका", पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की अनसुनी कहानी


लखनऊ। यूपी पुलिस के पॉडकास्ट "Beyond the Badge" के 12वें एपिसोड में पूर्व DGP प्रकाश सिंह ने अपने सेवाकाल, संघर्षों और ईमानदार नेतृत्व के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में वह नौकरी छोड़ना चाहते थे, लेकिन परिवार के सहयोग से आगे बढ़े और कठिन हालातों में भी डटे रहे। नागालैंड में जान से मारने की धमकी के बावजूद सेवा नहीं छोड़ी। उन्होंने योगी सरकार की माफिया विरोधी कार्रवाई को ऐतिहासिक बताया और युवा अधिकारियों को सत्य, सेवा और नेतृत्व के रास्ते पर चलने का संदेश दिया।

सत्य के रास्ते पर चलिए, शॉर्टकट से नहीं, युवाओं को दिया संदेश 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस की उपलब्धियों को जनमानस तक पहुँचाने के लिए डीजीपी प्रशान्त कुमार द्वारा शुरू किए गए इस पॉडकास्ट की मेज़बानी कर रहीं पुलिस अधीक्षक (महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन) वृन्दा शुक्ला के साथ हुई इस बातचीत में प्रकाश सिंह ने न सिर्फ अपने करियर के उतार-चढ़ाव साझा किए, बल्कि युवाओं और अधिकारियों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश छोड़ा—“सत्य के रास्ते पर चलिए, शॉर्टकट से नहीं। नेतृत्व की पहचान आचरण से होती है।”

जब नौकरी छोड़ने का मन बनाया… और इतिहास रच दिया

 प्रकाश सिंह साहब द्वारा भारतीय पुलिस सेवा में आने के अपने अनुभव के संबंध में बताया गया कि कोई ईश्वरीय शक्ति थी जो मुझे इस पुलिस की सेवा में ले आई और वही मेरा मार्ग प्रशस्त करती रही । इनके द्वारा बताया गया कि भारतीय पुलिस सेवा में चयनित होने के उपरांत जब इन्होंने नौकरी की शुरुआत की तब इनका पुलिस की नौकरी में मन नहीं लग रहा था और वह अपनी पत्नी से अक्सर चर्चा किया करते थे कि इस नौकरी को छोड़कर चला जाए, पर उनकी पत्नी ने कहा कि अभी कुछ साल देख लीजिए, अगर आपका मन नहीं लगे तो छोड़ दीजिएगा और अपनी पत्नी की बात सुनकर प्रकाश सिंह के द्वारा कुछ दिन और नौकरी करने का विचार किया और धीरे-धीरे चुनौतियों का सामना करते-करते इनका मन इस नौकरी में रम गया।

"जाको राखे साइयां..."नागालैंड में मौत के साए के बीच डटे रहे

प्रकाश सिंह के द्वारा अपनी नागालैंड की पोस्टिंग के दौरान के अनुभवों को साझा करते हुए बताया गया कि ततसमय उनको मारने का फरमान तत्कालीन अलगाववादी संगठनों के नेताओं द्वारा दिया गया था, जिसको देखते हुए उनको वहां से हटाकर नई दिल्ली पोस्टिंग किए जाने का विकल्प भी तत्कालीन उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए थे, किंतु इनके द्वारा यह कहकर नागालैंड से जाने से मना कर दिया गया कि "जाको राखे साइयां मार सके ना कोई" और इसी भावना के साथ इन्होंने अपने नागालैंड पोस्टिंग के कार्यकाल को पूरा किया।

पारिवारिक विरासत और ईमानदारी की शिक्षा

प्रकाश सिंह के द्वारा अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताया गया कि, इनके पिता सूर्यनाथ सिंह के द्वारा 1942 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था, जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था, इसीलिए इनके पिता को पूर्वी यूपी का गांधी भी कहा जाता था। इनके द्वारा अपने पिता के बारे में बताया गया कि वह बहुत ईमानदार आदमी थे और बचपन से ही इनके पिताजी हमेशा कहा करते थे कि जो लोग गलत पैसा कमाते हैं, उनका सारा पैसा गलत तरीके से निकल ही जाता है। पिताजी के द्वारा दी गई शिक्षा के कारण बचपन से ही ईमानदारी का गुण इनके अन्दर था और अपने पूरे सेवाकाल में अपने सिद्धान्त के साथ दृढ़ता से नौकरी किये जाने की जानकारी वार्ता के दौरान दी गई। 

योगी सरकार की माफिया विरोधी कार्रवाई को बताया ऐतिहासिक

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा माफियाओं के विरुद्ध की गई कार्रवाई के संबंध में चर्चा करते हुए प्रकाश सिंह द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री योगी के द्वारा माफियाओं के कमर तोड़ने का, उनको नेस्तनाबूत करने का जो काम किया गया है, वह ऐतिहासिक है और वह एक मुख्यमंत्री ही कर सकते हैं कोई डीजीपी ऐसा ऐतिहासिक काम नहीं कर सकता है। उनके द्वारा माफिया और अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का पूर्ण समर्थन चर्चा के दौरान किया गया।

भर्ती से लेकर भवन निर्माण तक—पुलिस में व्यापक सुधारों की तारीफ

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 60 हजार आरक्षियों की पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार रहित भर्ती के संबंध में चर्चा करते हुए उनके द्वारा कहा गया कि उत्तर प्रदेश में रिक्त पदों को भरने का काम बहुत अच्छा ढंग से किया जा रहा है, और उनके द्वारा यह भी कहा गया कि भवन निर्माण के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश पुलिस में काफी अच्छा काम हो रहा है। प्रकाश सिंह के द्वारा चर्चा के दौरान अपनी नौकरी के उतार-चढ़ाव में परिवार ने किस प्रकार साथ दिया, इनके द्वारा की गई जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए ऐतिहासिक निर्णय, सेवानिवृत्ति के उपरांत अपने द्वारा लिखी गई पुस्तकों इत्यादि के संबंध में काफी विस्तार से चर्चा की गई है।

 पुलिस विभाग में शॉर्टकट से तरक्की की बात न सोचे

प्रकाश सिंह के द्वारा अंत में युवा पीढ़ी के अधिकारियों को यह संदेश दिया गया कि पुलिस विभाग में शॉर्टकट से तरक्की की बात न सोचे, सत्य के रास्ते पर चले, सही रास्ते पर चलकर सही नेतृत्व प्रदान करें, क्योंकि आपके नीचे का सिपाही आपके आचरण और नेतृत्व को देखकर ही आपकी इज्जत करता है। इसलिए सही रास्ते पर चलिए रूल ऑफ लॉ को अपहोल्ड करिए और रास्ते में अगर कुछ कुर्बानी देनी पड़ती है तो कुर्बानी दीजिए, तब आपके माथे पर विजय का सेहरा बनेगा और लोग आपको याद करेंगे ।

वारदात से पहले ही धर दबोचे गए अपराधी, मुठभेड़ में दोनों घायल

लखनऊ । मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में रविवार रात पुलिस और दो कुख्यात अपराधियों, रामचंद्र उर्फ छोटू और कमलेश के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस को सूचना मिली थी कि ये दोनों अपराधी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया, तो दोनों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों के पैरों में गोली लगी, और उन्हें गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने इनके पास से देशी तमंचे, खोखे, कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद की। दोनों पर कई संगीन अपराधों के मुकदमे पहले से दर्ज हैं, और इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई हो चुकी है। पुलिस अब उनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।

पुलिस ने पीछा किया तो शुरू कर दी फायरिंग

डीसीपी दक्षिणी निपुण अग्रवाल ने बताया कि रविवार रात करीब 11:30 बजे पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि रामचंद्र और कमलेश किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए पूरनपुर की तरफ बढ़ रहे हैं। दोनों अपराधी पूर्व में भैदुआ गांव में चोरी का प्रयास कर चुके थे। इस सूचना के बाद पुलिस ने पूरनपुर के पास कस्तूरबा इलाके में नाकाबंदी कर दी।जब पुलिस ने संदिग्ध बाइक सवारों को रुकने का इशारा किया, तो दोनों ने बाइक मोड़कर भागने की कोशिश की। पुलिस ने उनका पीछा किया और तभी दोनों ने पुलिस पर जानलेवा फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दोनों के पैरों में गोली लग गई। घायल होने के बावजूद, पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और तुरंत PGI ट्रॉमा सेंटर भेजा, जहां उनका इलाज चल रहा है।

दोनों ऊपर डकैती और चोरी के कई मामले दर्ज

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो देशी तमंचे, दो खोखे, एक जिंदा कारतूस, और एक मोटरसाइकिल बरामद की है। गैंगस्टर एक्ट के तहत पहले से ही इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। कमलेश पर करीब दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं, जबकि रामचंद्र उर्फ छोटू पर डेढ़ दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। इन दोनों पर लखनऊ, सीतापुर और लखीमपुर में डकैती और चोरी जैसे संगीन अपराधों के मामले भी दर्ज हैं।डीसीपी दक्षिणी ने बताया कि इस मुठभेड़ में पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की, जिससे आरोपी अपनी वारदात को अंजाम नहीं दे सके। फिलहाल पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।