मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे कौन? खुफिया एजेंसियों के चौंकाने वाले खुलासे
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वक्फ संशोधन कानून लागू हो चुका है। वहीं, दूसरी ओर कानून का विरोध भी जारी है। पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून का सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले और अन्य जिलों में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए। हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई और कई पुलिसकर्मी घायल हुए। असम और त्रिपुरा में भी उग्र प्रदर्शन की खबरें आईं, मगर इन राज्यों में हालात काबू में रहा। देश के अन्य हिस्सों में भी वक्फ बिल के विरोध में प्रदर्शन हुए, मगर बंगाल की तरह पलायन की नौबत नहीं आई।
वक्फ संशोधन कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा को लेकर इंटेलिजेंस एजेंसियों को चौंकाने वाले इनपुट मिले हैं। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि वक्फ संशोधन कानून के विरोध में फैली हिंसा का पैटर्न साल 2019 में सीएए के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों की तरह है। भारतीय जांच एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो इस हिंसा की प्लानिंग लंबे समय से की जा रही थी। पिछले 3 महीनों से इलाके के लोग इस घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। इसके लिए विदेशों से फंडिंग की गई थी।
बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठनों का हाथ
सूत्रों के अनुसार, बंगाल पुलिस को इनपुट मिले हैं कि इस हिंसक प्रदर्शन में बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठनों का हाथ है। सूत्रों ने कहा है कि जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (हूजी) जैसे समूह बांग्लादेश बॉर्डर से लगते इलाकों और सुंदरबन डेल्टा में हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं। ये आतंकी संगठन ट्रेनिंग देने के साथ ही प्रोपेगेंडा भी फैला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगठन अशांति को बढ़ाने के लिए वैश्विक मीडिया का उपयोग कर रहे हैं और दहशत फैलाने के लिए अफ़वाह फैलाने में मदद कर रहे हैं।
विदेशों से हो रही थी फंडिंग
मुर्शिदाबाद हिंसा की प्लानिंग और पूरे खर्च का दारोमदार तुर्की के भरोसे चल रहा था, यहीं से हिंसा को लेकर पूरा फंड दिया जा रहा है। जांच एजेंसियों की मानें तो इस योजना में शामिल हर हमलावर और पत्थरबाजों को लूटपाट के लिए 500 रुपये दिए गए थे। इनकी पिछले 3 महीनों से लगातार ट्रेनिंग चल रही थी। साजिशकर्ताओं ने बंगाल को भी बांग्लादेश बनाने की योजना बनाई थी, जैसे दंगे बांग्लादेश हिंसा में देखने को मिले थे। ठीक वैसे ही यहां भी प्लान था।
सुवेंदु अधिकारी ने भी “बांग्लादेश” पर उठाई अंगुली
भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा (विस) में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा के पीछे बांग्लादेशी संगठन 'अंसारुल्ला बांग्ला जमात' का हाथ बताते हुए आरोप लगाया कि बंगाल सरकार के मंत्री सिद्दिकुल्लाह चौधरी ने हिंसा भड़काने का काम किया। सोमवार को विस भवन के गेट पर मीडिया से बातचीत में सुवेंदु ने कहा-'बंगाल में जहां भी हिंदू अल्पसंख्यक हैं, उन्हें मतदान करने से रोका जाता है। पुलिस सत्तारूढ़ पार्टी के कैडर की तरह काम कर रही है। स्वतंत्र व निष्पक्ष मतदान के लिए अगला विस चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत होना चाहिए। केंद्रीय निर्वाचन आयोग को इसकी सिफारिश करने पर विचार करना चाहिए।
कुणााल घोष का विवादित बयान
इस बीच टीएमसी नेता कुणाल घोष ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमें कुछ इनपुट मिल रहे हैं कि इन घटनाओं के पीछे एक बड़ी साजिश थी, जिसमें केंद्रीय एजेंसियों के अलावा बीएसएफ और दो-तीन राजनीतिक दल भी शामिल है।
कब शुरू हुई थी मुर्शिदाबाद में हिंसा
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में 10 अप्रैल से हिंसा जारी है। मुर्शिदाबाद में पहले से ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के करीब 300 जवान तैनात हैं और केंद्र ने व्यवस्था बहाल करने में मदद के लिए केंद्रीय बलों की पांच अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं।
केंद्र सरकार के वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग लगा दी, सड़कें जाम कर दीं और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।
Apr 15 2025, 18:57