जहानाबाद प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी स्व० श्यामनारायण सिंह की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई गई
जहानाबाद प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवं ए.एन.एस. कॉलेज, जहानाबाद के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय श्यामनारायण सिंह की पुण्यतिथि बुधवार को कॉलेज परिसर में भव्य श्रद्धांजलि सभा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथियों, प्राध्यापकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं एवं शहर की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय प्रांगण में स्व. श्यामनारायण बाबू की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इसके उपरांत आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने उनके जीवन, संघर्ष और योगदान को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) ओमप्रकाश सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि श्यामनारायण बाबू का जीवन सदैव गरीब, असहाय, और समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की सेवा के लिए समर्पित रहा। वर्ष 1925 में जन्मे श्यामनारायण बाबू ने मात्र 17 वर्ष की उम्र में भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में हिस्सा लिया और जेल की यातनाएं सहीं, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम से पीछे नहीं हटे।
उन्होंने डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह, डॉ. श्रीकृष्ण सिंह, जयप्रकाश नारायण एवं फिदा हुसैन जैसे महान नेताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। पढ़ाई पूरी नहीं कर सके, परंतु शिक्षा के महत्व को समझते हुए उन्होंने एसएस कॉलेज, एसएन कॉलेज, गांधी स्मारक विद्यालय और गौतम बुद्ध उच्च विद्यालय जैसे कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना एवं संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ए.एन.एस. कॉलेज की स्थापना से लेकर अपने जीवन के अंतिम समय तक वे संस्थापक सचिव के रूप में कार्यरत रहे। साथ ही, वे तीन बार नगर पालिका (वर्तमान नगर परिषद्) के चेयरमैन भी रहे। 1975 की इमरजेंसी के दौरान उन्हें मीसा एक्ट के तहत छह महीने की जेल भी हुई, बाद में जनता पार्टी सरकार में वे कारा सुधार समिति के सदस्य नियुक्त हुए।
श्रद्धांजलि सभा में प्रो. अरविंद कुमार सिंह, प्रो. शिवप्रकाश सिंह, प्रो. शिवशंकर सिंह, डॉ. अखिलेश पाण्डेय, डॉ. रंगनाथ द्विवेदी सहित कई वक्ताओं ने उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उनके सुपुत्र अभय कुमार सिंह एवं अखिलेश सिंह ने भी सभा को संबोधित किया और सभी आगंतुकों के प्रति आभार जताया।
कार्यक्रम के दौरान डा. अमित कुमार सिंह के नेतृत्व में एक क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें सफल छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। सभा के अंत में प्रो. डॉ. राम भवन शर्मा द्वारा कुशल मंच संचालन किया गया। कार्यक्रम के उपरांत सभी अतिथियों के लिए प्रीतिभोज की व्यवस्था महाविद्यालय परिवार द्वारा की गई।
यह आयोजन स्व. श्यामनारायण बाबू के आदर्शों और विचारों को जीवित रखने की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल रही।
Apr 10 2025, 20:04