*127 स्कूलों में अपार आईडी नहीं बनी* *माध्यमिक के 12 , बेसिक के 93 और अल्पसंख्यक के 22 मरदसे शामिल, अंतिम नोटिस जारी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार आईडी) बनाने में मान्यता प्राप्त विद्यालयों की लापरवाही कम नहीं हो रही है। करीब चार महीने बाद भी 127 स्कूल और मदरसों ने एक भी बच्चे की आईडी जनरेट नहीं की। इसको लेकर स्कूल प्रबंधकों को अंतिम नोटिस जारी किया गया, हालांकि परिषदीय विद्यालयों की स्थिति काफी बेहतर है। वहां 89.38 फीसदी बच्चों की आईडी जनरेट हो गई है। 95 विद्यालय ऐसे हैं, जहां शत प्रतिशत बच्चों की आईडी बन चुकी है। अपार आईडी को वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी के नाम से भी जाना जाता है। यह प्री प्राइमरी से हायर एजुकेशन में अध्ययनरत विद्यार्थियों की बनाई जानी है। यह केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। जिले में 885 परिषदीय, 735 मान्यता प्राप्त और 193 माध्यमिक इंटर कॉलेज संचालित हैं। इनमें तीन लाख से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। अपार आईडी बनाने को लेकर शासन सख्त है। स्कूल महानिदेशक से लेकर अन्य अधिकारी लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। दिसंबर से आईडी बनाने का काम शुरू हुआ। करीब चार महीने हो गए, लेकिन अभी 127 विद्यालयों ने बच्चों की आईडी जनरेट नहीं की है। इसमें माध्यमिक के 12, बेसिक के 93 विद्यालय और 22 मदरसे शामिल हैं। प्रगति शून्य होने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी को अंतिम एवं व्यक्तिगत नोटिस भेजकर मान्यता प्रत्याहरण की चेतावनी दी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि पूर्व में नोटिस भेजने के बाद प्रगति कुछ हद तक सुधरी है, लेकिन अब भी 127 विद्यालयों में एक भी बच्चे की आईडी जनरेट नहीं की गई। इसको लेकर अंतिम नोटिस भेजा गया है। उन्होंने बताया कि 885 परिषदीय विद्यालयों में 90 फीसदी बच्चों की आईडी बन चुकी है। अब किसी विद्यालय में पांच तो किसी में 10 बच्चे की नहीं बनी है। 95 ऐसे विद्यालय हैं जहां शत प्रतिशत बच्चों की आईडी बनाई जा चुकी है।
Apr 10 2025, 15:24