मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को रंगपंचमी की दी शुभकामनाएं

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को रंग, उमंग और आनंद के पर्व रंगपंचमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रंगपंचमी प्रेम, सौहार्द और एकता का प्रतीक है। होली के पांच दिन बाद मनाया जाने वाला यह उत्सव रंगों की खूबसूरती और उल्लास का संदेश देता है। इस दिन लोग रंग, गुलाल और अबीर से एक-दूसरे को सराबोर कर खुशियों और मेल-मिलाप का पर्व मनाते हैं।

उन्होंने कहा कि रंगपंचमी हमें जीवन में रंगों के महत्व को समझने और सकारात्मकता को अपनाने की सीख देती है। यह पर्व हमें प्रेरित करता है कि हम अपने जीवन में ही नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में भी खुशियों के रंग भरने का प्रयास करें।

मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से इस पर्व को आपसी प्रेम, सौहार्द और उल्लास के साथ मनाने की अपील की और कामना की कि यह पर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा, खुशहाली और उत्साह लेकर आए।

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी के विभागों के लिए 12 हजार 389 करोड़ 29 लाख रूपए से अधिक अनुदान मांगे पारित

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्त, आवास एवं पर्यावरण एवं योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 12 हजार 389 करोड़ 29 लाख रूपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित की गई। इसमें वित्त विभाग से संबंधित व्यय के लिए 11 हजार 109 करोड़ 43 लाख 25 हजार रूपए, आवास एवं पर्यावरण से संबंधित व्यय के लिए 1 हजार 208 करोड़ 36 लाख 72 हजार रूपए, योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग से संबंधित व्यय के लिए 71 करोड़ 49 लाख 60 हजार रूपए की अनुदान मांगे पारित की गई।

वित्त विभाग

वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी वित्त विभाग के अनुदान मांगों की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वित्त विभाग के इस बजट में मुख्य रूप से शासकीय सेवकों को पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति हितलाभों, जैसे- पेंशन, परिवार पेंशन, पेंशन कम्यूटेशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, एनपीएस में नियोक्ता अंशदान आदि मदों का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि नवंबर 2004 से अप्रैल 2022 के मध्य नियुक्त शासकीय सेवकों के लिए एनपीएस-ओपीएस चयन करने विकल्प दिया गया था। नियोक्ता अंशदान के लिये बजट में प्रावधान किया गया है।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि 1 अप्रैल, 2022 से पुरानी पेंशन योजना की बहाली के फलस्वरूप भविष्य के पेंशन दायित्वों के बढ़ते वित्तीय भार को ध्यान में रखते हुए इसके प्रबंधन के लिये 456 करोड़ का प्रावधान पेंशन निधि में निवेश के लिये रखा गया है। इसके लिये हम पेंशन निधि अधिनियम भी बनाने जा रहे हैं, जिससे इस प्रक्रिया को स्थायी स्वरूप दिया जा सकेगा। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा। यह हमारी सरकार के दूरगामी सोच एवं कुशल वित्तीय प्रबंधन का ही एक प्रमुख भाग है।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा भविष्य में बाजार ऋणों की देयताओं को ध्यान में रखते हुए संचित शोधन निधि का गठन किया गया है, जिसमें गत वर्ष के अवशेष ऋणों के 0.5 प्रतिशत प्रति वर्ष निवेश किया जाता है। साथ ही निधि में कुल अवशेष ऋणों का 5 प्रतिशत तक निवेश होना चाहिए। वर्तमान में इस निधि में कुल अवशेष ऋणों का 7.3 प्रतिशत से अधिक है। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य सरकार की गारंटी पर लिये जाने वाले ऋणों की अदेयता की स्थिति में उनका भुगतान सुनिश्चित करने हेतु गारंटी मोचन निधि में अब तक 500 करोड़ निवेशित किये हैं तथा इस बजट में भी 500 करोड़ का प्रावधान किया है। संचित शोधन निधि के साथ गारंटी मोचन निधि में बड़ी राशि निवेशित करने वाला छत्तीसगढ़ देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में से एक है।

वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ राज्य को विकासशील से विकसित राज्य बनाने की दिशा में कार्यरत है। हमने इस बजट में एक नया फंड छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड बनाया है। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का प्रथम राज्य होगा। निश्चित रूप से यह हमारे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन की पहल में सहयोगी होगा।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि राज्य में हितग्राहियों को सुचारू रूप से लाभ पहुंचाने हेतु डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर सेल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल के द्वारा सीएसएस की विमुक्त की गई राशि की निगरानी एवं जमीनी स्तर तक के उपयोगीकरण का पर्यवेक्षण किया जाता है। एसएनएस-स्पर्श के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष 03 राज्यों में शमिल है। निर्धारित लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने पर राज्य शासन को भारत सरकार से इस वर्ष 500 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है। राज्य के आय-व्यय का रियल टाईम पर्यवेक्षण एवं डेटा विश्लेषण किया जा सकेगा, जिससे वित्तीय प्रबंधन और बेहतर हो सकेगा।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हमने अपने बजट में प्रत्येक क्षेत्र के विकास के लिये आवश्यक प्रावधान रखने का प्रयास किया है। किसी भी कार्य को करने के लिये हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिये, हमारे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन की सरकार में हो रहे रिफॉर्म इस सकारात्मकता के द्योतक हैं।

आवास एवं पर्यावरण विभाग

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी अपने विभाग आवास एवं पर्यावरण विभाग के अनुदान मांग के चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि नवा रायपुर अटल नगर को आधारभूत सुविधाओं का विस्तार एवं देश और दुनिया में पहचान स्थापित करना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में पेयजल की निर्वाध आपूर्ति, प्रदेश के कोने-कोने से शासकीय कार्य हेतु आने वाले लोगों के लिए परिवहन सुविधा, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास जैसी जनसुविधा उपलब्ध कराने में हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की परिकल्पना थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की याद में हमारी सरकार ने नवा रायपुर में ’’अटल स्मारक और संग्रहालय’’ निर्माण का निर्णय लिया है।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि नवा रायपुर में राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान जैसे IIM, Hidaytulla Law University, IIIT, IHM स्थापित है। विश्वस्तरीय आवासीय विद्यालय का निर्माण पूर्णता की ओर है। केन्द्रीय विद्यालय एवं अन्य अनेक निजी विद्यालय एवं विश्वविद्यालय नवा रायपुर क्षेत्र में संचालित है। हमारी सरकार ने युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी एवं उच्च्तर अध्ययन की सुविधा प्रदाय करने की योजना बनाई है। हमारी सरकार ने बजट में पुस्तकालय भवन निर्माण के लिए प्रावधान किया है। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प के अंतर्गत नवा रायपुर में विकसित भारत आईकोनिक डेस्टिनेशन निर्माण की योजना है।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि नवा रायुपर अटल नगर में रोजगार, निवेश एवं बसाहट को प्रोत्साहित करने हेतु कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में आईटी कंपनियों को प्लग एवं प्ले सुविधा के साथ फर्निशड बिल्ट-अप स्पेस के आबंटन हेतु नीति तैयार की गई। इस नीति अनुसार प्राधिकरण द्वारा 02 आई.टी. फर्मों को बिल्टअप स्पेस आबंटित किया गया है, इस आबंटन से नवा रायपुर में आई.टी. क्षेत्र में लगभग 2000 लोगों हेतु कुशल रोजगार सृजित होगा। नवा रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार एवं बसाहट को प्रोत्साहन देने हेतु स्वास्थ्य प्रयोजन, सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, शैक्षणिक प्रयोजन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स/इलेक्ट्रिकल उद्योग क्षेत्र में निश्चित भूखण्डों को रियायती दरों पर आबंटन किये का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि आवास एवं पर्यावरण मण्डल में चल रहे कार्यो की समीक्षा एवं पारदर्शिता हेतु डिजिटलाइजेशन अंतर्गत ऑनलाईन मॉनिटरिंग डेशबोर्ड विकसित किया गया, जिसमे मण्डल की परियोजनाओं, संपदा, न्यायालयीन प्रकरण एवं रखरखाव से संबंधित कार्यो की समीक्षा/जानकारी प्राप्त की जा सकेंगी। राज्य में कन्टीन्यूअस एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन्स की स्थापना की गई है। इनसे 24ग7 मॉनिटरिंग डाटा उपलब्ध हो रहे हैं। केन्द्रीय पर्यावरण प्रयोगशाला जल, वायु, मिटटी एवं अन्य ऐसे परीक्षणों में सहायता करेगी, जिससे राज्य में मॉनिटरिंग व्यवस्था सुदृढ़ हो सकेगी एवं विश्वसनीय डाटा बैंक भी तैयार हो सकेगा। इसी दिशा में पर्यावरण मंडल में 90 पदों की भर्ती की कार्यवाही की जा रही है।

ऑन लाईन इमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम के लिये सेट्रल सर्वर के स्थापना

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि प्रदेश में स्थापित 17 प्रकार के प्रदूषणकारी उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों के सतत निगरानी हेतु कंटिन्यूअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम, कंटिन्यूअस एबिएन्ट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम, एवं कंटिन्यूअस इफल्यूएन्ट क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम से रियल टाईम डाटा हैण्डलिंग प्राप्त करने की व्यवस्था कराई गई है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों की राजधानियों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर प्रदेश में भी प्रदेश के मध्य क्षेत्रों को समाहित करते हुए ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र’‘ का गठन किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र तथा संबंधित प्राधिकरण की स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार की जा रही है।

योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग

योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित आधारभूत सांख्यिकी जिसमें सर्वेक्षण, विश्लेषण, मूल्यांकन संबंधी जानकारी का संकलन कर सविन्यास प्रकाशन का दायित्व निभा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित बनाने हेतु पथ प्रदर्शक दस्तावेज छत्तीसगढ़ बनाया हैं। यह विजन जनता की महत्वाकांक्षाओं, भावनाओं व आशाओं से प्रेरित हैं। इस मार्गदर्शी विजन में सामाजिक एवं आर्थिक विकास संबंधित अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक रणनीतियों और पहलों का समावेश किया गया हैं। वर्ष 2047 तक राज्य को विकसित राज्य की ओर ले जाने हेतु आर्थिक एवं सामाजिक विकास संबंधी कुल 13 थीम्स का की परिकल्पना विजन डाक्यूमेंट में किया गया है।

वाणिज्यिक कर (जी.एस.टी एवं पंजीयन) विभाग

वाणिज्यिक कर (जी.एस.टी एवं पंजीयन) मंत्री ओ पी चौधरी अपने विभाग के अनुदान मांग के चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत में आर्थिक सुधारों की दिशा में जीएसटी कर प्रणाली सर्वाधिक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व कदम है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता एवं कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है। जीएसटी प्रणाली एक राष्ट्र, एक कर एवं एक बाजार की संकल्पना को साकार रूप प्रदान करता है। जीएसटी प्रणाली में केन्द्र और राज्य के 17 प्रकार के विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को समाहित किया गया है।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार सत्ता में आने के पश्चात कर प्रशासन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया है। करदाताओं को होने वाली असुविधाओं को दूर करने का सतत प्रयास किया जा रहा है। जीएसटी लागू होने से वस्तुओं की लागत में कर का भार कम हुआ है। वस्तुओं के मूल्यों में कमी आई है, इससे खपत को बढ़ावा मिला है और आर्थिक क्षेत्र को मजबूती मिली है तथा उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कर (जी.एस.टी) विभाग राज्य का मुख्य राजस्व संग्रहणकर्ता विभाग है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में अभी तक (माह फरवरी तक) जीएसटी से प्राप्त राजस्व 20,174 करोड़ है जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में राजस्व संग्रहण के दृष्टिकोण से तीसरे स्थान पर है।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि जीएसटी प्रणाली 01 जुलाई 2017 से लागू हुई है। इस समय राज्य में पंजीयत व्यवसाईयों की संख्या 1 लाख 28 हजार थी जो वर्तमान मे बढ़कर 1 लाख 87 हजार हो गई है। यह जीएसटी विभाग के जागरूगता अभियान और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस सेल (EODB सेल) के गठन से संभव हुआ है। करदाताओं को कर अनुपालन, पंजीयन अथवा ई-वे बिल जनरेशन में आने वाली समस्याओं के त्वरित और सटीक समाधान के लिए मुख्यालय स्तर पर कॉल सेंटर और हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है।

जीएसटी अधिनियम के पूर्व के अधिनियमों के अंतर्गत व्यवसाईयों के वर्षों पुराने राशि की वसूली के लिये पुरानी सरकार द्वारा वन टाईम सेटलमेण्ट स्कीम (ओटीएस) 2023 लागू की गई थी जिसे व्यापारियों की विशेष मांग पर 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है। जीएसटी विभाग द्वारा कर संग्रहण हेतु अधिकतम तकनीकी साधनों का उपयोग किया जा रहा है इसके लिए गतवर्ष फरवरी 2024 में बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना की गई है।

उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के राज्य का महत्वपूर्ण राजस्व अर्जक विभाग है। अभी राज्य के 40 रजिस्ट्री ऑफिस ऐसे हैं जिनके पास अपना खुद का भवन तक नहीं है, और ये तहसील दफ्तर के बहुत छोटे छोटे कमरे में चल रहे हैं। इस कमी को दूर करने के लिए राज्य के 25 रजिस्ट्री ऑफिस में नवीन भवन निर्माण के लिए इस बजट में प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य विभाजन के पश्चात रजिस्ट्री विभाग में कई सालों से सेटअप रिवीजन नहीं हुआ है। सेट-अप रिवीजन नही होने के कारण वर्तमान कार्यरत रजिस्ट्री ऑफिसों में काम का अत्यधिक दबाव है। लोगों को आसानी से अपॉइंटमेंट नहीं मिल पाते। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर जैसे जगहो में भारी भीड़ और अपॉइंटमेंट के लिए वेटिंग की समस्या आम है। इसको ध्यान में रखते हुए पंजीयन विभाग के सेटअप का रिवीजन किया गया है तथा नए 85 पदों सृजन किया गया है।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि नवीन उद्योगों को रियायत, ऑनलाईन पंजीयन प्रणाली पर विशेष फोकस करते हुए विभाग द्वारा पंजीयन प्रणाली में मोबाईल एप ‘सुगम’ लागू किया गया हैै। जिसमें पक्षकार द्वारा पंजीयन के लिए आवेदन प्रस्तुत करते समय संपत्ति की फोटो अपलोड करते ही उस स्थान के अक्षांस एवं देशांतर की जानकारी स्वतः कैप्चर हो जाती है। गूगल मैप के माध्यम से संपत्ति की सही स्थिति, निर्मित संरचना मुख्यमार्ग से दूरी का अनुमान होने से संपत्ति का उचित मूल्यांकन हो पा रहा है, जिसके कर अपवंचन की रोकथाम हो रही है। इसके साथ ही पैन आधार इंटीग्रेशन, सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है। उन्होंने कहा कि वास्तविक बाजार मूल्य एवं गाइडलाइन दरों की विसंगति दूर करने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 30 प्रतिशत की कमी को समाप्त कर 2019-20 की दरों को यथावत लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजीयन शुल्क में कमी/युक्तियुक्तकरण के तहत गाइडलाइन दर से ऊपर की रजिस्ट्री पर पंजीयन शुल्क से छूट एवं पारिवारिक व्यवस्थापन हेतु शुल्क की रियायत का प्रावधान किया गया है।

वित्त, आवास एवं पर्यावरण, योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी, वाणिज्यिक कर (जीएसटी एवं पंजीयन) विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायकगण राघवेन्द्र सिंह, अमर अग्रवाल, धर्मजीत सिंह, सुनील सोनी, शेषराज हरवंश, हर्षिता बघेल ने भाग लिया।

वोटर आईडी से आधार कार्ड होगा लिंक, तकनीकी विशेषज्ञों की जल्द होगी बैठक

नई दिल्ली-  देश के निर्वाचन आयोग ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ आज नई दिल्ली के निर्वाचन सदन में केंद्रीय गृह सचिव, सचिव विधायी विभाग, सचिव मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और सीईओ, UIDAI और निर्वाचन आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक की।

देश के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है; आधार कार्ड व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है।

इसलिए यह निर्णय लिया गया कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों के अनुसार तथा WP (Civil) संख्या 177/2023 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप ही किया जाएगा।

तदनुसार UIDAI और निर्वाचन आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू होने वाला है।

महिला प्रोफेसर सेक्सुअल हरासमेंट मामले में हुई बड़ी कार्रवाई

रायपुर- रायपुर के आयुर्वेदिक कालेज में सेक्सुअल हरासमेंट मुद्दे पर बड़ी कार्रवाई हुई है। स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से सदन में कार्रवाई की घोषणा के बाद त्वरित कार्रवाई हुई है। राज्य सरकार ने यौन उत्पीड़न के आरोपी जीआर चतुर्वेदी को पद से हटा दिया गया है। भाजपा विधायक भावना बोहरा के सवाल पर आज ही विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी, कि तीन दिन के भीतर मामले में कार्रवाई कर दी जायेगी।

लेकिन, स्वास्थ्य मंत्री के ऐलान के चार घंटे के भीतर ही मामले में आरोपी जीआर चतुर्वेदी को हटा दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इसकी पुष्टि की है। आपको बता दें कि पूरा मामला साल 2018 का था, जब महिला प्रोफेसर ने जीआर चतुर्वेदी पर आरोप लगाया था। जांच कमेटी ने भी जीआर चतुर्वेदी को आरोपी माना था। लेकिन कार्रवाई के बजाय उन्हें प्रमोशन दे दिया गया।

विशाखा कमेटी का मुद्दा उठा था विधानसभा में

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक भावना बोहरा ने 2018 में रायपुर आयुर्वेदिक कॉलेज में हुए सेक्सुअल हरासमेंट का मुद्दा उठाया था। भावना बोहरा ने जीआर चतुर्वेदी केस का मुद्दा उठाते हुए इस मामले में अब तक कार्रवाई नहीं होने को लेकर सवाल पूछा था। भावना बोहरा ने कहा कि शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. जीआर चतुर्वेदी पर एक महिला प्रोफेसर ने सेक्सुअल हरासमेंट का आरोप लगाया था। विशाखा कमेटी ने जांच शुरू की तो मामले की जांच समिति में शामिल सरोज परहते को हटा दिया गया। जांच कमेटी ने डॉ. जी. आर. चतुर्वेदी दोषी भी पाया था, लेकिन कार्रवाई के बजाय उनका प्रमोशन किया गया। इसी सवाल पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि घटना दुर्भाग्यजनक है और हम 3 दिनों के भीतर इस मामले में कर्रवाई करने जा रहे हैं।

ना रात था, ना दिन था, आचार संहिता था

भावना बोहरा के सवाल के बीच नेताप्रतिपक्ष डॉ चरणदास मंहत ने सवाल पूछा कि, तिथि को स्पष्ट करें। चरणदास महंत का कहना है भावना बोहरा ने सवाल में कहा है 2017- 18, ये किसके कार्यकाल में घटना घटी थी। क्योंकि प्रश्न की तारीख के मुताबिक मामला तब भाजपा का शासनकाल था, क्योंकि हमने दिसंबर में शपथ ली। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये नरसिंग अवतार की तरह है। ना रात था ना दिन था, ना आपका शासनकाल था, ना मेरा शासनकाल था, ये घटना आचार संहिता के काल की है।

रायपुर में रची गई झारखंड शराब घोटाले की साजिश, EOW ने सरकार से दो अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांगी अनुमति, जानिए पूरा मामला…

रायपुर-  झारखंड में कथित शराब घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) रायपुर ने झारखंड सरकार से आईएएस विनय कुमार चौबे और उत्पाद विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह के खिलाफ धारा 17 क के तहत जांच की अनुमति मांगी है. मामला रायपुर के आर्थिक अपराध शाखा ने दर्ज किया था, जिसमें यहां के अधिकारियों के अलावा झारखंड के आईएएस अधिकारी और तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे को भी आरोपित बनाया गया था।

जानकारी के मुताबिक, रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के रहने वाले विकास सिंह ने इस घोटाले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। विकास सिंह ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने मिलकर शराब घोटाला किया, जिसके कारण राज्य सरकार को अरबों रुपए का राजस्व नुकसान हुआ। इसके अलावा यह भी आरोप था कि छत्तीसगढ़ और झारखंड के अधिकारियों के एक सिंडिकेट ने झारखंड की आबकारी नीति को बदलवाया और इसके चलते राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ। आरोप में यह भी कहा गया था कि दोनों राज्यों के अधिकारियों ने मिलकर मैन पावर सप्लाई में भी घोटाला किया। दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच वर्ष 2021 के दिसंबर से लेकर जनवरी 2022 तक कई बैठकें हुई थीं।

ईडी आफिस में बयान दर्ज

अप्रैल 2023 में आईएएस विनय चौबे और के. सत्यार्थी ने ईडी के रायपुर कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराया था। जांच एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों और व्यापारियों के एक अवैध सिंडिकेट ने शराब घोटाला किया। जांच में यह भी सामने आया कि 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हुआ।

नकली होलोग्राम आपूर्ति करने का आरोप

यह वही कंपनी है जिस पर नकली होलोग्राम आपूर्ति करने का आरोप है। झारखंड में छत्तीसगढ़ माडल की तर्ज पर लागू शराब नीति के दौरान इसी कंपनी को झारखंड में भी होलोग्राम आपूर्ति का ठेका मिला था। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में कंपनी की भूमिका उजागर होने के बाद झारखंड में भी उसे ब्लैकलिस्ट किया गया था।

झारखंड में छत्तीसगढ़ माडल पर शराब की चल रही थी बिक्री

बता दें कि छत्तीसगढ़ माडल पर झारखंड में भी मई 2022 से शराब की बिक्री हो रही थी। इनमें छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एपी त्रिपाठी को सलाहकार नियुक्त किया गया था। प्रिज्म होलोग्राम एंड फिल्म सिक्योरिटी लिमिटेड को शराब की बोतलों में होलोग्राम छापने का काम मिला था। इसी तरह मेसर्स सुमित फैसिलिटीज लिमिटेड को मैन पावर सप्लाई की जिम्मेदारी मिली थी। तीनों ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपित भी हैं।

अनवर ढेबर के ठिकाने पर हुई थी बैठक

ईओडब्ल्यू में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार दिसंबर 2022 में झारखंड की शराब नीति में बदलाव किया गया था। इसकी बैठक रायपुर में कारोबारी अनवर ढेबर के ठिकाने में की गई थी। इस दौरान एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह सहित झारखंड के उत्पाद अधिकारी भी मौजूद थे। नीति में बदलाव करने के पीछे सुमीत कंपनी को फायदा दिलाना बताया गया है। इससे करोड़ों रुपए का सरकार को नुकसान हुआ है। यही कंपनी छत्तीसगढ़ में भी शराब ठेके का काम कर रही थी।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विधानसभा परिसर में तीन दिवसीय स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का किया शुभारंभ

रायपुर-  विधान सभा परिसर स्थित ऐलोपैथिक चिकित्सालय में आज विधान सभा के सदस्यों के लिए आयोजित तीन दिवसीय “स्वास्थ्य परीक्षण शिविर” का शुभारंभ विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप एवं लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने किया।

इस अवसर पर मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायकगण, विधान सभा सचिव दिनेश शर्मा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया भी उपस्थित थे। यह शिविर दिनांक 18 से 20 मार्च तक रहेगा। इस शिविर में पं. जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के विभिन्न विशेषज्ञ एवं चिकित्सक पूर्वान्हः 11.00 बजे से अपरान्ह् 5.00 बजे के मध्य विधायकों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे।

“स्वास्थ्य परीक्षण शिविर” के शुभारंभ अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा मंत्री, श्याम बिहारी जायसवाल का स्वास्थ्य परीक्षण चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा किया गया। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिवर्ष विधान सभा परिसर में बजट सत्र के दौरान समस्त मान. सदस्यों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है। इस शिविर में ई.सी.जी., एक्सरे, सोनोग्राफी एवं पैथोलॉजी टेस्ट के साथ दन्त, ऑख, नाक, गला, संबंधी विभिन्न विशेषज्ञ/ चिकित्सक उपस्थित रहकर विधायकों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे।

माओवादी हथियार छोड़ विकास की राह पर, 2 इनामी समेत 3 नक्सलियों ने किया सरेंडर

सुकमा-  छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों को लगातार कामयाबी मिल रही है. इसी कड़ी में आज सुकमा जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सक्रिय दो इनामी सहित तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पण करने वाले दो नक्सलियों पर 2-2 लाख, कुल 4 लाख रुपये का इनाम घोषित था.

इन सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ शासन की “छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति” और “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रेरित होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया. नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में डीआईजी ऑफिस सुकमा, आरएफटी (रेपिड फोर्स टीम), और 151वीं वाहिनी सीआरपीएफ की बड़ी भूमिका रही.

नगर पालिका तखतपुर में गौरी देवांगन बनीं उपाध्यक्ष, कांग्रेसियों में खुशी की लहर

तखतपुर- नगर पालिका तखतपुर उपाध्यक्ष का चुनाव आज हुआ, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी गौरी देवांगन की जीत हुई. नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रत्याशी गौरी देवांगन को 10 मत मिले. वहीं भाजपा प्रत्याशी अंकित अग्रवाल को 6 मत मिले. चार मत से गौरी देवांगन ने जीत हासिल की।

विजय केशवानी कांग्रेसी जिलाध्यक्ष ग्रामीण बिलासपुर ने कहा, नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पद पर कांग्रेस का कब्जा हो गया है. इसके चलते कांग्रेस खेमे में खुशी का माहौल है. कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर जमकर नारेबाजी करते हुए खुशी मनाई. बता दें कि नगर पालिका तखतपुर में कांग्रेस की पूजा मक्कड़ अध्यक्ष बनी हैं. यहां कांग्रेस के 9 पार्षद तो भाजपा के 6 पार्षद विजयी हुए हैं.

आय से अधिक संपत्ति मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला: सरकारी अधिकारी को सुनाई 5 साल सश्रम कारावास की सजा, लगाया 1 लाख का अर्थदंड

रायपुर- आय से अधिक संपत्ति मामले में विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रायपुर ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में पदस्थ अधीक्षण अभियंता मनोज सिंह ठाकुर को दोषी करार देते हुए 5 वर्ष के सश्रम कारावास और 1 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतने का आदेश भी दिया गया है।

ऐसे हुआ खुलासा

एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 20 जुलाई 2015 को विशेष न्यायालय से तलाशी वारंट प्राप्त कर मनोज सिंह ठाकुर के रायपुर स्थित दीनदयाल नगर निवास पर छापा मारा था। इस दौरान सोने-चांदी के आभूषण, नगदी, वाहन, कीमती दस्तावेज, बैंक पासबुक और बीमा पत्रक समेत कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए थे। जांच में सामने आया कि मनोज सिंह ठाकुर और उनके परिजनों के नाम पर कुल 71 लाख 22 हजार 771 रुपये की अनुपातहीन संपत्ति दर्ज है।

कोर्ट का कड़ा रुख, भ्रष्टाचार को बताया समाज के लिए घातक

पूरी जांच और सुनवाई के बाद विशेष न्यायालय रायपुर के न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि –“वर्तमान समय में भ्रष्टाचार समाज की जड़ों को खोखला कर रहा है। यह देश, प्रदेश और समाज के समुचित विकास को प्रभावित करने वाला एक गंभीर अपराध है। ऐसे मामलों में कठोर दंड आवश्यक है।”

सरकारी गाड़ी में पेट्रोल के नाम पर लाखों का भ्रष्टाचार, उच्च शिक्षा विभाग का बाबू निलंबित

रायपुर-  सरकारी गाड़ी में पेट्रोल भरवाने के नाम पर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार करने के आरोप में उच्च शिक्षा विभाग के बाबू काे निलंबित कर दिया गया है. यह आदेश उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त जनक पाठक ने जारी किया है. निलंबन काल में आकाश श्रीवास्तव सहायक ग्रेड-02 का मुख्यालय उच्च शिक्षा संचालनालय, नवा रायपुर निर्धारित किया गया है. निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा.

उच्च शिक्षा संचालनालय से जारी आदेश में कहा गया है कि एक वर्ष से वर्क फार्म होम कार्य करने एवं वित्तीय अनियमितता संबंधी शिकायत मिली थी. जांच समिति की रिपोर्ट अनुसार बाबू आकाश श्रीवास्तव ने अनाधिकृत रूप से कर्तव्य पर अनुपस्थित रहा और उच्च शिक्षा, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर में लेखा संबंधी कार्यों में सुनियोजित तरीके से कुटरचना कर लगभग 18,55,289 रुपए का गबन किया जाना पाया गया है. आकाश श्रीवास्तव, सहायक ग्रेड-02 का यह कृत्य छग सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 का स्पष्ट उल्लंघन है. इसके चलते आकाश श्रीवास्तव, सहायक ग्रेड-02, उच्च शिक्षा संचालनालय को तत्काल प्रभाव से सेवा से निलंबित किया जाता है.

जानिए पूरा मामला

दरअसल उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर में शासकीय गाड़ी में पेट्रोल डलवाने के नाम पर एक बाबू ने बड़ा घोटाला किया है. जांच में पता चला कि अपर संचालक की गाड़ी बिना चले ही 6 माह में 6 लाख रुपए की पेट्रोल पी गई. क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ आकाश श्रीवास्तव (सहायक गेड-2) बाबू ने पूरे भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. इसके अलावा इसी ऑफिस में 4 कर्मचारियों को हर महीने वेतन देने के नाम पर दस महीने तक 10-10 हजार रुपए शासन से लिए गए. ये कर्मचारी कार्यालय में पदस्थ ही नहीं हैं. यह फर्जीवाड़ा देवकुमार वर्मा, अजय टंडन, भूपेंद्र वर्मा और खिलावन जोशी नाम के कर्मचारियों के नाम पर किया गया था.