शिक्षा, नौकरी और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में तेलंगाना के ओबीसी समुदाय को मिलेगा  42% आरक्षण :मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी

डेस्क:–तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सोमवार को ओबीसी समुदाय के लोगों के लिए एक बड़ा ऐलान किया। सीएम रेड्डी ने शिक्षा, नौकरी और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में ओबीसी आबादी के लिए 42 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने की घोषणा की। सीएम रेड्डी ने इस ऐतिहासिक कदम को लेकर अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट भी किया, जिसमें उन्होंने इसे भारतीय स्वतंत्रता के बाद से पिछड़े वर्गों की सबसे लंबी बहुप्रतीक्षित मांग बताया।

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अपनी पोस्ट में लिखा, "तेलंगाना को गर्व है कि वह भारत में सामाजिक क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि हम भारतीय स्वतंत्रता के बाद से पिछड़े वर्गों की सबसे लंबी मांग को पूरा कर रहे हैं। हमारे भाई-बहन जो पिछड़े वर्गों से आते हैं, उनकी यह मांग थी कि उन्हें आधिकारिक जनगणना में गिना और पहचाना जाए और आज इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर हम सफलता प्राप्त कर रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "आज तेलंगाना विधानसभा के नेता के रूप में और मुख्यमंत्री के रूप में, मैं यह संजीदगी से घोषणा करता हूं कि हमारे लोगों की कड़ी मेहनत और वैज्ञानिक तरीके से की गई सर्वेक्षणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि तेलंगाना में ओबीसी आबादी 56.36 प्रतिशत है। हम अब यह सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हैं कि इस समूह को शिक्षा, रोजगार, और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के सभी क्षेत्रों में 42 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।"

रेवंत रेड्डी ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह एक बड़ा कदम है, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में बदलाव लाएगा। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस ऐतिहासिक कदम का समर्थन करें और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। सरकार के इस फैसले के बाद तेलंगाना के ओबीसी समुदाय को विभिन्न सरकारी सेवाओं और अवसरों में समान भागीदारी मिलेगी। इस आरक्षण की घोषणा से राज्य में सामाजिक समानता और समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा, और पिछड़े वर्गों के विकास में मदद मिलेगी।

महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र को क्षति पहुंचाना गलत : मायावती

डेस्क:– महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तेज हो रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का कहना है कि किसी की भी कब्र व मजार आदि को क्षति पहुंचाना व तोड़ना ठीक नहीं है। वहीं, महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने औरंगजेब की कब्र को लेकर विवादित बयान दिया है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र व मजार आदि को क्षति पहुंचाना व तोड़ना ठीक नहीं है, क्योंकि इससे वहां आपसी भाईचारा, शांति व सौहार्द आदि बिगड़ रहा है। सरकार ऐसे मामलों में खासकर नागपुर के अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे, वरना हालात काफी बिगड़ सकते हैं, जो ठीक नहीं।

वहीं, भाजपा नेता नितेश राणे ने कहा कि औरंगजेब का मकबरा है, जो गंदगी है वो यहां रखने लायक नहीं है। उसे शौचालय भी घोषित करेंगे तो गलत नहीं है। हमारे छत्रपति शिवाजी और संभाजी महाराज के साथ जो कुछ भी किया था, उसकी कोई भी गंदगी हमारे राज्य में रखने लायक नहीं है। यही भूमिका हमारे मुख्यमंत्री ने ली है और ये गंदगी अब ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं है। सही समय पर आपको ब्रेकिंग न्यूज मिल जाएगी।

बता दें कि संभाजीनगर में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को गिराए जाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच नागपुर में दो समूहों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें पथराव और आगजनी हुई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने पुलिस कमिश्नर को तनाव की स्थिति पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है।

गुजरात में सुनीता विलियम्स की वापसी पर जश्न का माहौल
डेस्क:–नौ महीने से अंतरिक्ष में फंसी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स मंगलवार को धरती पर वापस आएंगी। इस खबर के बाद सुनीता के परिवार और उनके गांव वालों में खुशी का माहौल है। सभी उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के वापसी की खबर पर उनके र‍िश्‍ते में बड़े भाई दीपक रावल ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए खुशी जाहिर की। उन्होंने बताया, "सुनीता विलियम्स के वापसी की खबर सुनकर परिवार में सभी खुश हैं। हमें लगता था कि पिछले नौ महीने से वह लड़की परेशान थी, लेकिन वो बहुत हिम्मत वाली है। पूरे परिवार के लोग उसके लिए बहुत चिंतित थे।

बचपन की बातों को याद करते हुए उन्होंने बताया, "सारी जिंदगी हम और उनके पिताजी साथ में रहे हैं। अमेरिका जाने के बाद वे लोग जब-जब भारत आए, हमारे घर पर रुके। बचपन से ही सुनिता निडर थी। हमें एक बात याद है कि जब बचपन में उसे ऊंट पर बिठाया गया, तो वह ऊंट के ऊपर से उतर ही नहीं रही थी, किसी तरह उसे उतारा गया।

एक अन्य किस्से को याद करते हुए उन्होंने बताया, "सुनीता जब लश्कर के अंदर सर्विस कर रही थी, तो उस समय कुछ दिन के लिए भारत आई थी। वो हमारे साथ घूमने उदयपुर गई और रात में वो होटल से बाहर निकल गई। मैं बहुत परेशान हुआ। जब वो बाद में घूमते हुए आई, तो मैंने उससे नए शहर में बाहर जाने को लेकर सवाल किया। तो उसने बताया, मैं लश्कर में काम करती हूं और किसी चीज से घबराती नहीं हूं। आप पुरुष लोग बाहर जा सकते हैं, लेकिन कोई महिला नहीं जा सकती? उसने उस समय मैसेज दिया था कि हम लेडिज आगे जाएंगे और दुनिया को बताएंगे।

उन्होंने बताया, "सुनिता पर आज हमें बहुत गर्व महसूस होता है। हमें लगता है कि ऐसी बहन हमें मिली है, उस पर हमें और पूरे गांव को गौरव है। उन्हें भारत और अपने गांव से बहुत लगाव है।"
छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को मिटाने की कोशिश: भाई जगताप

डेस्क:–मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस नेता भाई जगताप ने दावा कर दिया है कि औरंगजेब की कब्र हटाने की आड़ में छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को मिटाने की कोशिश की जा रही है।

कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा कि कई वर्षों तक रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि को छिपाने का काम किया गया। उस समाधि को उजागर महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले ने किया। जिस औरंगजेब ने पूरे देश को पछाड़ा था। लेकिन, शिवाजी महाराज ने उसकी बुरी हालत कर दी थी। औरंगजेब की मृत्यु हुई और महाराष्ट्र की जमीन पर उसे दफनाया गया। यह इतिहास है इसे उखाड़ने की क्या जरूरत है।

छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को जिस तरह से मिटाया जा रहा है मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। औरंगजेब एक क्रूर शासक था। मराठाओं ने औरंगजेब के ख़िलाफ 27 साल संर्घष किया। उसे मारकर दफनाया गया। मैं समझता हूं कि ऐसे इतिहास को मिटाने का काम नहीं होना चाहिए।

महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ हर्षवर्धन सपकाल द्वारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तुलना औरंगजेब से करने पर कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा कि उन्होंने कार्यशैली की तुलना औरंगजेब से की है। मैं उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में था। देखिए औरंगजेब एक क्रूर शासक था। उसने बहुत कोशिश की महाराष्ट्र पर अधिकार हो। लेकिन, मराठाओं ने संघर्ष किया और ऐसा नहीं होने दिया। महाराष्ट्र सरकार के संदर्भ में हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि वर्तमान सरकार भी औरंगजेब की तरह काम कर रही है। लेकिन, उन्होंने किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया है।

source: social media
Godhra कांड: फायर अधिकारी ने खोला राज, फायर ब्रिगेड की देरी से बढ़ी मौतें, अधिकारी ने बताया सच

डेस्क:–प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ 2002 में गुजरात के गोधरा कांड के बारे में खुलकर बात की। पीएम मोदी ने उस समय के विपक्ष पर झूठ फैलाने और सरकार की छवि को खराब करने का आरोप लगाया। गोधरा कांड के समय के फायर अधिकारी विनय शर्मा और गोधरा के सीनियर एडवोकेट पीयूष गांधी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से उस समय के हालात के बारे में चर्चा की।

गोधरा कांड में काफी लोगों की जान बचाने वाले उस समय के गोधरा पालिका के फायर विभाग के अधिकारी विनय शर्मा सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया, "ट्रेन के कोच के अंदर बहुत भंयकर आग थी, अंदर जाना काफी मुश्किल था, लेकिन मैंने थोड़ी हिम्मत करके अंदर जाने का प्रयास किया। अंदर लोग बहुत बुरी तरह से जल गए थे और कुछ लोग जल रहे थे।

उन्होंने बताया, "हादसे के बाद कुछ लोगों ने पत्थरबाजी करके कुछ दूरी पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को रुकवा दिया था। फायर ब्रिगेड की गाड़ी देर से पहुंचने के कारण कुछ लोग ज्यादा जल गए। अगर हम समय से पहुंच जाते तो शायद कुछ की जान बच जाती। पुलिस को दिए बयान में मैंने पूरी बात बताई थी। घटना से कुछ समय पहले मामूली शिकायत के लिए गाड़ी का पंप तुड़वा दिया गया था। वहीं, दूसरी गाड़ी में जो परेशानी थी, उसे हम लोगों ने सुबह करीब 7.30 बजे ठीक कर दिया था, जैसे उसे ठीक किया तो हमें आग की सूचना मिली।"

गोधरा के सीनियर एडवोकेट पीयूष गांधी ने बताया, "गुजरात और पूरे भारत में राम जन्मभूमि आंदोलन तेज हो रहा था। उसके लिए सभी माला जपते थे। इसी बीच गुजरात से कारसेवकों की टीम अयोध्या गई और वहां पर स्नान किया। बाद में वापस आते समय विधर्मी लोग हादसे वाली जगह के पास एक मस्जिद में इकट्ठे हुए और प्लान बनाया। पेट्रोल छिड़ककर लोगों ने आग लगा दी, जिसमें 60 लोगों की जलकर मौत हो गई।"
बुलंदशहर में होली खेलने के बाद नहाने गई किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म के आरोप में दो आरोपी गिरफ्तार

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में होली खेलने के बाद ट्यूबवेल पर नहाने गई किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अनूप शहर के पुलिस क्षेत्राधिकारी गिरजा शंकर त्रिपाठी ने बताया कि थाना अहार में एक व्यक्ति द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसमें उसकी पुत्री के साथ अपहरण और दुष्कर्म का आरोप लगाया है। चार लोगों को नामजद किया गया है। इस सूचना पर तुरंत अभियोग पंजीकृत कर दो लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इसके बाद टीम गठित कर पीड़िता को बरामद किया गया है। दो लोगों की तलाश जारी है।

पकड़े गए दो लोगों से पूछताछ हो रही है। पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है। परिजनों के अनुसार, थाना अहार क्षेत्र के एक गांव निवासी कक्षा सात की छात्रा शुक्रवार को घर पर होली खेलने के बाद दोपहर में गांव के समीप ट्यूबवेल पर नहाने चली गई। इसी दौरान एक युवक ने उसे पकड़ लिया और खेत में ले जाकर दुष्कर्म की कोशिश की। किशोरी की चीख सुनकर उधर से गुजर रहे पड़ोसी गांव के कुछ युवक वहां पहुंच गए।

आरोपी युवक उन्हें देखकर वहां से भाग निकला। इसके बाद मौके पर पहुंचे पड़ोसी गांव के और उसके दो साथियों ने किशोरी के साथ छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी। उसका वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देने लगे।


वक्फ संशोधन विधेयक के लिए BJP ने बनाई प्रदेश समिति

डेस्क:– हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने रविवार को वक्फ संशोधन बिल के संदर्भ में तीन सदस्यीय प्रदेश समिति का गठन किया। इस समिति के तीन सदस्यों को अहम जिम्मेदारी दी गई है। समिति के संयोजक की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री जाकिर हुसैन को दी गई है। इसके अलावा, समिति के सदस्य के रूप में पानीपत के महाराज हुसैन साबरी और हिसार के घनश्याम गोयल को चुना गया है।

भारतीय जनता पार्टी हरियाणा प्रदेश द्वारा रविवार को जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, यह समिति वक्फ संशोधन विधेयक पर काम करेगी और प्रदेश के सभी आवश्यक पहलुओं पर विचार करेगी। इस समिति का गठन तत्काल प्रभाव से किया गया है। समिति का प्रमुख उद्देश्य वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन के मुद्दों पर काम करना है, ताकि प्रदेश में वक्फ संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल हो सके और इसका प्रभावी प्रबंधन किया जा सके।

प्रेस रिलीज में लिखा गया कि भारतीय जनता पार्टी हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली जी द्वारा "वक्फ संशोधन बिल" हेतु प्रदेश समिति का गठन किया गया है। पूर्व मंत्री जाकिर हुसैन को प्रदेश संयोजक बनाया गया। वहीं, पानीपत के महाराज हुसैन साबरी और हिसार के घनश्याम गोयल को समिति का सदस्य बनाया गया। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी।

वक्फ संशोधन बिल मुस्लिम समाज के विकास के लिए ऐतिहासिक कदम: मंत्री दानिश आजाद

डेस्क:–उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने रविवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समाज के विकास के लिए बहुत जरूरी है और इसे पहले ही लाया जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक दल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि मोदी सरकार मुस्लिम समाज के विकास के लिए काम कर रही है।

दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि तमाम राजनीतिक दलों ने मुस्लिम समुदाय को अपनी राजनीति का हिस्सा बना लिया है और उन्हें गुमराह करके सिर्फ अपनी सत्ता मजबूत करने की कोशिश की है। लेकिन वक्फ संशोधन बिल मुस्लिम समाज के विकास के लिए एक सार्थक कदम है। यह बिल पहले ही आना चाहिए था और इसके जरिए गरीब मुसलमानों और पसमांदा मुसलमानों का भला होगा। मुसलमानों का हित मोदी सरकार के एजेंडे में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा मुस्लिम समाज के विकास की बात की है और आज भी वह इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मुस्लिम समाज मोदी सरकार की नीतियों को सराहता है और इसके परिणामस्वरूप, देश के मुसलमान पीएम मोदी को दुआएं दे रहे हैं।

जंतर-मंतर पर प्रस्तावित विपक्ष के विरोध-प्रदर्शन को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जब भी मुसलमानों के विकास की बात की जाती है, विपक्ष हैरान और परेशान हो जाता है। विपक्ष को मुसलमानों का विकास नहीं पसंद है, इसलिए वह इस तरह के प्रयासों का विरोध करते हैं। लेकिन मोदी सरकार ने मुसलमानों के विकास का बीड़ा उठाया है और हम ईमानदारी से इस दिशा में काम कर रहे हैं।

वक्फ संशोधन विधेयक के महत्व पर जोर देते हुए दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि यह बिल मुस्लिम समाज के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। वक्फ का मूल उद्देश्य गरीब मुसलमानों का भला करना है और यह विधेयक उसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए लाया जा रहा है। इस संशोधन से वक्फ संपत्ति का सही उपयोग सुनिश्चित होगा और मुस्लिम समुदाय के गरीब और पिछड़े वर्ग को इसका लाभ मिलेगा।
UPMSP UP Board Results 2025: जानें 10वीं-12वीं रिजल्ट पर क्या है अपडेट, 19 मार्च से शुरू होगी काॅपियों की चेकिंग

डेस्क:–उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा काॅपियों का मूल्यांकन 19 मार्च से शुरू करेगा.काॅपियों की चेकिंग 2 अप्रैल तक होगी. बोर्ड ने इस परीक्षा वर्ष के मूल्यांकन कार्य से संबंधित नियुक्ति पत्र और प्रिंसिपल पत्र डाउनलोड करने के लिए स्कूलों के लिए लिंक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक्टिव कर दिए हैं, जिसे संबंधित स्कूल अपने लाॅगिन आईडी का प्रयोग कर डाउनलोड कर सकते हैं.

छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन निर्धारित मूल्यांकन केंद्रों पर होगा, जो सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा. मूल्यांकन तिथियों और समय के अलावा यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक सुरक्षित और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा नियंत्रकों के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए हैं.

यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा 24 फरवरी से शुरू होकर 12 मार्च तक चली थी. पिछले साल उत्तर पुस्तिकाओं की जांच 16 से 30 मार्च के बीच की गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नतीजे अप्रैल में घोषित किए जाने की संभावना है. हालांकि बोर्ड ने अभी इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं साझा की है.

*मूल्यांकन के लिए जारी किए गए हैं ये निर्देश*

निगरानी के लिए मूल्यांकन केंद्र के प्रवेश द्वार पर जिम्मेदार कर्मियों की नियुक्ति करें.

अनधिकृत व्यक्तियों या अतिरिक्त व्यक्तियों को मूल्यांकन क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दें.

निगरानी के लिए सभी मूल्यांकन कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं.

मुख्य परीक्षक को सभी नामित परीक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी.

परीक्षकों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था करें.

समय पर पहचान पत्र जारी करें और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन ठीक से पूरा करना सुनिश्चित करें.

निर्दिष्ट कोड संख्या के आधार पर आवश्यक संख्या में कर्मियों को नियुक्त करें.

आवश्यकतानुसार अतिरिक्त सहायक परीक्षक या परीक्षक नियुक्त करें, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे विषय के लिए योग्य हो.

मूल्यांकन कक्षों के अंदर मुख्य परीक्षकों और परीक्षकों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग पर रोक लगाएं.

मूल्यांकन कक्षों के अंदर फोटोग्राफी प्रतिबंधित करें.

मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं का दैनिक रिकॉर्ड नियंत्रक और माध्यमिक शिक्षा परिषद को प्रस्तुत किया जाए.

विषय-विशिष्ट बैचों का आयोजन करें तथा 5% उत्तर पुस्तिकाओं का दोहरा मूल्यांकन करें.

*पिछले साल कैसा था रिजल्ट?*

पिछले साल यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजे 20 अप्रैल को जारी किए थे. हाईस्कूल में कुल 89.55 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए थे. वहीं इंटरमीडिएट का रिजल्ट 82.60 प्रतिशत दर्ज किया गया था. लड़कियों ने लड़कों की तुलना में 7.35 प्रतिशत बेहतर प्रदर्शन किया था. शुभम वर्मा ने हाईस्कूल की परीक्षा में टॉप किया था. दूसरा स्थान ईशू चौधरी ने हासिल किया. यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 22 फरवरी से 9 मार्च के बीच 8,265 केंद्रों पर आयोजित की गई थी.
रीट आंसर-की जल्द होगी जारी, जानें कहां और कैसे कर सकते हैं चेक

डेस्क:–REET 2024 Answer Key: रीट 2024 परीक्षा में शामिल 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को आंसर-की का इंतजार हैं. परीक्षा का आयोजन राजस्थान बोर्ड की ओर से 27 और 28 फरवरी को किया गया था. एग्जाम दो लेवल में हुआ था.

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) की ओर से रीट 2024 की परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को प्रोविजनल आंसर-की का इंतजार हैं. आंसर-की राजस्थान बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट rajeduboard.rajasthan.gov.in और reet2024.co.in जारी की जाएगी, जिसे एग्जाम में शामिल कैंडिडेट अपने रजिस्ट्रेशन नंबर और जन्म तिथि के जरिए डाउनलोड और चेक कर सकेंगे.

राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन 27 और 28 फरवरी 2025 को किया गया था. एग्जाम 27 फरवरी को दो पालियों में आयोजित किया गया था. पहली पाली में परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 3 बजे से शाम 5.30 बजे तक हुआ था. परीक्षा का आयोजन राज्य भर में निर्धारित विभिन्न केंद्रों पर राजस्थान बोर्ड की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत किया गया था.

रीट परीक्षा का आयोजन दो लेवल में किया गया था. प्राथमिक शिक्षकों के लिए लेवल 1 और माध्यमिक शिक्षक पदों के लिए लेवल 2. अपनी पात्रता के आधार पर उम्मीदवारों को लेवल 1, 2 या दोनों एग्जाम में शामिल होने की अनुमति दी गई थी. प्रोविजनल आंसर-की जारी होने के बाद अभ्यर्थियों को आपत्ति दर्ज कराने का भी समय दिया जाएगा. इस पर प्राप्त आपत्तियों के निपटारे के बाद फाइनल आंसर-की और रिजल्ट जारी किया जाएगा.

*रीट आंसर-की ऐसे कर सकते हैं चेक*

रीट 2024 की आधिकारिक वेबसाइट reet2024.co.in पर जाएं.

होम पेज पर दिए गए रीट 2024 आंसर-की लिंक पर क्लिक करें.

अब रजिस्ट्रेशन नंबर और लाॅगिन डिटेल दर्ज कर सबमिट करें.

आंसर-की आपकी स्क्रीन पर आ जाएगी.

चेक करें और डाउनलोड करें.

रीट परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया 16 दिसंबर 2024 से शुरू होकर 15 जनवरी 2025 तक चली थी. दोनों लेवल की परीक्षा में शामिल होने के लिए एप्लीकेशन फीस 750 रुपए निर्धारित की गई थी. वहीं लेवल 1 और लेवल 2 के लिए आवेदन फीस 550 रुपए थी. अधिक जानकारी के लिए कैंडिडेट राजस्थान बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं.