चीन ने फिर बढ़ाया अपना रक्षा बजट, भारत से तीन गुना अधिक
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पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा हुआ है। एक तरफ इजराइल-हमास युद्ध के मैदान में डटे हुए हैं। वहीं, रूस-यूक्रेन जंग लड़ रहे है, दूसरी तरफ अमेरिका ने यूक्रेन के मुद्दे पर यूरोपीय देशों को नाराज कर अलग गुट में खड़ा कर दिया। इस बीच चीन खुद को ताकतवर बनाने की होड़ में लगा हुआ है। चीन लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ाता जा रहा है। इसी के तहत चीन ने एक बार फिर अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी करने का एलान किया है। चीन ने बुधवार को अपने रक्षा बजट का एलान किया, जिसमें चीन ने रक्षा खर्च के लिए 249 अरब डॉलर का बजट रखा है। यह पिछले साल के बजट की तुलना में 7.2 प्रतिशत ज्यादा है।
खर्च का बचाव करते हुए नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के प्रवक्ता लू किनजियान ने कहा कि शांति की रक्षा के लिए ताकत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मजबूत राष्ट्रीय रक्षा क्षमताओं के साथ, चीन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास से जुड़े हितों की बेहतर ढंग से रक्षा कर सकता है, एक प्रमुख देश के रूप में अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा सकता है और विश्व शांति और स्थिरता की रक्षा कर सकता है। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में चीन का रक्षा व्यय वैश्विक औसत से कम है। वर्ष 2016 से चीन के वार्षिक रक्षा खर्च में लगातार नौ वर्षों से एकल अंक में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि चीन का रक्षा खर्च जीडीपी के हिस्से के रूप में पिछले कई सालों से डेढ़ फीसदी से कम रहा है।
चीन अपने सभी सशस्त्र बलों का बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण करने का काम जारी रखे हुए है। चीन के रक्षा बजट के आंकड़ों को उसके द्वारा विमानवाहक पोतों के निर्माण, उन्नत नौसैनिक जहाजों और आधुनिक स्टील्थ विमानों के तेजी से निर्माण सहित बड़े पैमाने पर सैन्य आधुनिकीकरण के मद्देनजर संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। बीते साल भी चीन ने अपने रक्षा बजट में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि की थी। पिछले साल चीन का रक्षा बजट 1.67 खरब युआन या कहें 232 अरब डॉलर था।
अमेरिका को चुनौती देने की तैयारी में ड्रैगन
चीन, अमेरिका को हर मोर्चे पर चुनौती देने की तैयारी कर रहा है और इसी के तहत वह अपनी सेना को भी मजबूत करने में जुटा है। हालांकि अभी अमेरिका की तुलना में चीन का बजट काफी कम है, लेकिन जिस तेजी से चीन अपने सैन्य खर्च को बढ़ा रहा है, उसे देखते हुए जल्द ही चीन के भी अमेरिका के नजदीक पहुंचने की उम्मीद है। अमेरिका का सैन्य बजट 895 अरब डॉलर है। इस मामले में कोई भी देश अमेरिका के आसपास भी नहीं फटकता।
भारत के मुकाबले तीन गुना से भी ज्यादा बजट
एक तरफ चीन अमेरिका से मुकाबला कर रहा है, तो दूसरी तरफ उसकी नजर भारत पर भी है। भारत के साथ चीन का सीमा विवाद है। ऐसे में भारत के मुकाबले चीन का सैन्य बजट तीन गुना से भी ज्यादा होना भारत के लिए बड़ा तनाव देने वाला है। बीते दिनों पेश किए गए बजट में भारत ने अपने सैन्य खर्च के लिए 75 अरब डॉलर आवंटित किए थे। जबकि चीन का यह खर्च 249 अरब डॉलर है। इससे दोनों देशों के बीच के अंतर को साफ समझा जा सकता है। सैन्य बजट के मामले में भारत चौथे स्थान पर है।
Mar 05 2025, 18:44