कौन हैं प्रोफेसर शाइजा? गोडसे को महान बताने वाली NIT कालीकट की प्रोफेसर में मिला अहम पद, विवाद शुरू

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महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा कर विवादों में आईं एनआईटी कालीकट की महिला प्रोफेसर शाइजा ए को अहम पद दिया गया है। उन्हें NIT-कालीकट में योजना और विकास विभाग का डीन नियुक्त किया गया है। उधर इस नियुक्ति के बाद विवाद छिड़ गया है। इस फैसले पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, प्रोफेसर शाइजा ए पर महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर नाथूराम गोडसे की प्रशंसा का आरोप है। इसी मामले को लेकर फरवरी 2024 में शाइजा को गिरफ्तार भी किया गया था।हालांकि कुछ समय बाद उनको जमानत मिल गई।

प्रोफेसर शाइजा ए को योजना एवं विकास विभाग का डीन बनाए जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता दिख रहा है। इस नियुक्ति को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल राव ने भी इस पर आपत्ति जताया है और फैसले को वापस लिए जाने की मांग की है।

राहुल गांधी के बेहद करीबी नेताओं में गिने वाले वेणुगोपाल राव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नियुक्ति पर निराशा जताई। उन्होंने कहा, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बार-बार अपना असली रंग दिखाती है। यह फैसला एक तरह से गांधी-विरोधी विचारों का खुला-खुला समर्थन है, और यह गोडसे को बढ़ावा देने तथा हमारे सार्वजनिक विमर्श में उनके नफरत भरे एजेंडे को मुख्यधारा में लाने का उनका तरीका है।

नियुक्ति को रद्द करने की मांग करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि महात्मा गांधी के हत्यारों की तारीफ करने वाले ऐसे लोगों को सार्वजनिक जीवन में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए, राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में जिम्मेदारी के पदों पर प्रमोट किया जाना तो दूर की बात है। इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिए।

बता दें कि 2024 में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर प्रोफेसर शाइजा ए ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की थी। उन्होंने एक वकील की ओर से किए गए पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा था कि, उन्हें महात्मा गांधी की हत्या के लिए गोडसे पर गर्व है, इस घटना की वजह से ही भारत बच पाया। उसमें लिखा था कि हिंदू महासभा कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे भारत में कई लोगों के नायक है। विवाद बढ़ता देख शैजा ने टिप्पणी हटा ली थी, लेकिन इसका स्क्रीनशॉट वायरल हो गया था।

इसी पोस्ट के खिलाफ कांग्रेस और वाम दलों की ओर से प्रोफेसर शाइजा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके ऊपर दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाने का मामला दर्ज किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत दे दी गई।

अमेरिका में एक्सीडेंट के बाद कोमा में भारतीय छात्रा, परिवार को नहीं मिल रहा वीजा

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महाराष्ट्र के सतारा जिले की रहने वाली 35 वर्षीय नीलम शिंदे अमेरिका में जिदंगी और मौत के बीच जूझ रही है। अमेरिका में 14 फरवरी को एक रोड एक्सीडेंट के बाद नीलम शिंदे कोमा में है। नीलम के मस्तिक का ऑपरेशन होना है। मगर नीलम के परिवार को अमेरिका का वीजा नहीं मिल पा रहा है। दरअसल, अमेरिका में बिना रक्त संबंधियों की अनुमति के बगैर ऑपरेशन नहीं होता है। महाराष्ट्र में रहने वाले उसके पिता अमेरिका जाने के लिए अर्जेंट वीजा चाहते हैं और केंद्र सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं।

नीलम तानाजी शिंदे वर्तमान में कैलिफोर्निया के अस्पताल में कोमा की हालत में भर्ती हैं। नीलम शिंदे के पिता तानाजी शिंदे ने कहा कि हमें 16 फरवरी को दुर्घटना के बारे में पता चला और तब से हम वीजा के लिए प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हमें अभी तक वीजा नहीं मिला है। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने शिंदे को वीजा दिलाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि यह बहुत चिंताजनक मामला है और हम सभी को एकजुट होकर इसे सुलझाने में मदद करनी चाहिए।

नीलम के परिवार के अनुसार, 14 फरवरी को वह शाम की सैर पर निकली थी, जब हादसे का शिकार हो गई। परिवार ने बताया कि यह हिट-एंड-रन मामला था। एक कार ने उन्हें पीछे से टक्कर मारी, जिससे उनके दोनों हाथ, पैर, सिर और छाती में गंभीर चोटें आईं हैं। दुर्घटना के बाद भारतीय छात्रा को कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में सी डेविस मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां उनका आईसीयू में इलाज चल रहा है।

नीलम शिंदे उच्च शिक्षा हासिल करने अमेरिका गई थी। वे वहां कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी में चौथे वर्ष की छात्रा थीं। नीलम शिंदे पिछले चार साल से अमेरिका में रह रही हैं। वे मास्टर ऑफ साइंस के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही थीं। एक साल पहले ही ब्रेन ट्यूमर से नीलम की मां का निधन हो चुका है।

बांग्लादेश में आंदोलनाकारी छात्र बनाएंगे नई पार्टी, अंतरिम सरकार में शामिल नाहिद का इस्तीफा दिया

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बांग्लादेश में पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। पिछले साल अगस्त में शेख हसीने के सत्ता गंवाने के बाद भी हालात बदले नहीं है। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सलाहकार नाहिद इस्लाम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नाहिद इस्लाम यूनुस कैबिनेट में सूचना सलाहकार के पद पर तैनात थे। उन्होंने मंगलवार को मोहम्मद यूनुस को अपना इस्तीफा दिया। दरअसल हसीना को सत्ता से बेदखल करने वाले आंदोलनकारी छात्र नई पार्टी बनाने का ऐलान का है। छात्र संगठन शुक्रवार को ढाका में नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे।

संसद भवन के पास मानिक मिया एवेन्यू पर रैली करते हुए पार्टी की शुरुआत की जाएगी। इस नई राजनीतिक पार्टी का नेतृत्व नाहिद इस्लाम करेंगे। नाहिद नई पार्टी बनाने के लिए मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार से इस्तीफा दे चुके हैं। नई पार्टी के ऐलान के साथ ही छात्रों ने मोहम्मद यूनुस से दूरी बनाते हुए कहा कि वह राजनीतिक प्रतिनिध नहीं हैं। वह भी दूसरे लोगों की तरह बीते साल के विरोध आंदोलन का प्रतिनिधित्व करते हैं।

जातियो नागरिक कमिटी की प्रवक्ता सामंता शरमीन ने कहा कि पिछले साल के जुलाई 2024 विद्रोह के बाद बांग्लादेश में नई आशाओं का जन्म हुआ है। छात्रों ने इस नई पार्टी का गठन इसलिए किया है क्योंकि उनका मानना है कि मौजूदा राजनीतिक दल (मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार) देश के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। शरमीन के अनुसार, नई पार्टी बांग्लादेश को एक आधुनिक देश बनाने के लिए काम करेगी और देश को दक्षिण एशिया में एक प्रमुख स्थान पर लाना चाहेगी। उनका उद्देश्य बांग्लादेश को दुनियाभर से जोड़ना और नए विचारों को शामिल करना है।

सामंता शरमीन ने कहा कि बांग्लादेश पिछले 53 वर्षों से सरकारी दमन का शिकार रहा है और सरकारी संस्थानों का दुरुपयोग किया गया है। इस नई पार्टी का लक्ष्य अधिकारों पर आधारित राजनीति की नींव रखना है। शरमीन ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश के लोगों के मूल अधिकारों के आधार पर पार्टी की राजनीति चलेगी। साथ ही, देश के सभी देशों के साथ निष्पक्ष और समानता पर आधारित संबंध बनाए जाएंगे।

महाशिवरात्रि पर सद्गुरु के बुलावे पर ईशा योगा सेंटर पहुंचे डीके शिवकुमार, बढ़ती दिख रही नाराजगी

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कर्नाटक कांग्रेस के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी अंदरूनी कलह से जूझ रही है। इस बीच कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश समिति के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की एक बात से फिर पार्टी की नाराजगी सामने आई है। दरअसल, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पहले प्रयागराज महाकुंभ में स्नान किया और फिर यूपी की योगी सरकार की तारीफ की। इसके बाद बुधवार को महाशिवरात्रि के उत्सव पर सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा योगा सेंटर में गए। इस कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह भी पहुंचे हुए थे। ऑल इंडिया कांग्रेस समिति के सचिव पीवी मोहन ने इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर की है।

पीवी मोहन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट शेयर किया। इसमें उन्होंने शिवकुमार के महाशिवरात्रि के मौक पर ईशा फाउंडेशन के समारोह में शामिल होने और इसके लिए सद्गुरु को धन्यवाद करने पर उनकी आलोचना की। अपने पोस्ट में पीवी मोहन ने डीके शिवकुमार को टैग करते हुए लिखा, वह एक सेक्यूलर पार्टी के अध्यक्ष होकर राहुल गांधी का मजाक उड़ाने वाले शख्स का कैसे धन्यवाद कर सकते हैं।

पीवी मोहन ने कहा कि वह आलोचना नहीं कर रहे बल्कि अपने विचार साझा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जग्गी वसुदेव और ईशा फाउंडेशन की विचारधारा भाजपा और आरएसएस से मिलती है। हम इस विचारधारा के बिल्कुल विपरीत हैं। राहुल गांधी ने भी कई बार कहा है कि जो आरएसएस की विचारधारा को फॉलो करता है वह पार्टी छोड़ सकता है आरएसएस उन्होंने कहा कि उन्हें डीके शिवकुमार के वहां जाने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन उनके एक्शन में पार्टी की वैल्यू झलकनी चाहिए।

दरअसल डीके शिवकुमार ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में महाशिवरात्रि के मौके पर कोयंबटूर के ईशा योगा सेंटर में उन्हें आमंत्रित करने पर सद्गुरु का आभार जताया। उन्होंने इस दौरान वहां अपना अनुभव शेयर किया और इन्विटेशन लेटर का एक फोटो पोस्ट किया।

वहीं, शिवकुमार महाशिवरात्रि के उत्सव पर सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा योगा सेंटर में गए। इस कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह भी पहुंचे हुए थे। इसके बाद से अटकलें लगाई जा रही हैं कि डीके शिवकुमार भी अब बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

हालांकि, डीके शिवकुमार ने मीडिया में आई उन खबरों को खारिज कर दिया। डीके शिवकुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'ईशा फाउंडेशन आने के लिए मेरी पहले ही आलोचना हो चुकी है। मुझे सद्गुरु ने आमंत्रित किया था, इसलिए मैं यहां आया। मैं जन्म से हिंदू हूं, जो सभी धर्मों से प्यार करता है। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं बीजेपी के करीब आ रहा हूं।

बता दें कि पहले ही कर्नाटक कांग्रेस के भीतर इस समय शिवकुमार और सिद्धारमैया गुटों में जबरदस्त खींचतान चल रही है। कर्नाटक कांग्रेस में जारी पावर स्ट्रगल के बीच कई मंत्री शिवकुमार को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। इनमें गणेश परमेश्वर, केएन राजन्ना और सतीश जारकीहोली जैसे मंत्री शामिल हैं, जो हाल ही में दिल्ली जाकर हाईकमान से मिलेइन मंत्रियों की मांग है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलकर कोई नया चेहरा लाया जाए, क्योंकि शिवकुमार की कार्यशैली से कई नेता नाराज़ हैं। ये सभी सीएम सिद्धारमैया के करीबी माने जाते हैं और पार्टी हाईकमान पर दबाव बना रहे हैं।

भारत में कोई घर और जमीन नहीं, कभी सैलरी नहीं ली, क्यों पड़ी सैम पित्रोदा को ऐसा बोलने की जरूरत?

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भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा पर 150 करोड़ की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का आप लगा है। सैम पित्रोदा पर कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने 150 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया है। इस पर पित्रोदा ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा- भारत में मेरे पास कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।

भाजपा नेता एनआर रमेश ने आरोप लगाया है कि वन विभाग के अधिकारियों समेत पांच सीनियर सरकारी अधिकारियों की मदद से सैम पित्रोदा ने बेंगलुरु के येलहंका में 150 करोड़ रुपये की 12.35 एकड़ क सरकारी जमीन अवैध रूप से हासिल की है। उन्होंने लीज की अवधि खत्म होने के बाद भी जमीन वापस नहीं की। जमीन की वैल्यू 150 करोड़ रुपए है। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के पूर्व पार्षद रमेश ने ईडी और कर्नाटक लोकायुक्त से इस मामले में शिकायत की है।

भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने भाजपा नेता एन आर रमेश के आरोप का जवाब दिया है। पित्रोदा ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, हाल ही में भारतीय मीडिया में टेलीविजन और प्रिंट दोनों पर आई खबरों के मद्देनजर, मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि मेरे पास भारत में कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।

कभी भी कोई रिश्वत नहीं दी या स्वीकारी-पित्रोदा

अमेरिका में रह रहे कांग्रेस नेता ने कहा, इसके अलावा भारत सरकार के साथ काम करने के दौरान- चाहे 1980 के दशक में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ या 2004 से 2014 तक डॉ मनमोहन सिंह के साथ- मैंने कभी कोई सैलरी नहीं ली। पित्रोदा ने कहा, मैं साफ तौर पर यह बात रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं कि मैंने अपने पूरे जीवन में - 83 साल में - भारत में या किसी अन्य देश में कभी भी कोई रिश्वत नहीं दी या स्वीकार नहीं की। यह पूर्ण सत्य है।

भाजपा नेता का आरोप

बीजेपी नेता रमेश ने अपनी शिकायत में कहा कि पित्रोदा ने 23 अक्टूबर 1993 को मुंबई महाराष्ट्र के को-ऑपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार ऑफिस में फाउंडेशन फॉर रिवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (एफआरएलएचटी) नाम से एक ऑर्गनाइजेशन रजिस्टर किया था। पित्रोदा ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय जड़ी-बूटियों के संरक्षण और रिसर्च के लिए एक रिजर्व वन क्षेत्र को लीज पर देने का अनुरोध किया।

पित्रोदा के अनुरोध पर विभाग ने 1996 में बेंगलुरु के येलहंका के पास जरकबांडे कवल में बी ब्लॉक में 12.35 एकड़ आरक्षित वन भूमि को पांच साल की लीज पर दे दिया। एफआरएलएचटी को दी गई शुरुआती पांच साल की लीज 2001 में खत्म हो गई थी, जिसके बाद कर्नाटक वन विभाग ने इसे अगले 10 सालों के लिए बढ़ा दिया।

पित्रोदा के मुंबई में एफआरएलएचटी को दी गई लीज 2 दिसंबर 2011 को खत्म हो गई थी और इसे आगे नहीं बढ़ाया गया। जब लीज समाप्त हो गई, तो राज्य वन विभाग को इस 12.35 एकड़ की बहुमूल्य सरकारी जमीन को वापस लेना था, जिसकी अब कीमत 150 करोड़ रुपए से ज्यादा है। रमेश ने आरोप लगाया कि वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 सालों में इस जमीन को वापस लेने का कोई प्रयास नहीं किया।

क्या बुआ ममता बनर्जी से नाराज हैं भतीजे अभिषेक बनर्जी? बीजेपी ज्वाइन करने की अटकलों पर भी दिया जवाब

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तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की अपनी बुआ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मतभेद की चर्चा है। इस बीच ऐसी अफवाहें थीं कि अभिषेक बनर्जी भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने वाले हैं। इस बीच अभिषेक ने बड़ा बयान दिया है। अभिषेक बनर्जी ने अपनी बुआ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मतभेद की अटकलों को महज अफवाह करार दिया है। उन्होंने ममता के प्रति अपनी वफादारी का दावा किया। उन्होंने कोलकाता में पार्टी सम्मेलन में कहा, मैं टीएमसी का वफादार सिपाही हूं और मेरी नेता ममता बनर्जी हैं।

भाजपा का दिमाग ठिकाने नहीं आया- अभिषेक

अभिषेक ने कहा कि बाजार में फैलाया जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी भाजपा में जा रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी नई पार्टी ला रहे हैं। ये सब बेकार की बातें हैं। मेरा गला काट भी दिया जाए तो भी ममता बनर्जी ज़िंदाबाद की आवाज निकलेगी। भाजपा 18 से 12 पर आ गयी है पर दिमाग ठिकाने नहीं आया, अभी तक बंगाल के लोगों के पैसे नहीं दे रहे हैं।

अभिषेक का बीजेपी पर तंज

अभिषेक ने कहा कि बीजेपी के पास ईडी, सीबीआई, आईटी है, लेकिन बीजेपी के पास टीएमसी जैसा समर्थक नहीं है। हमने वोटर लिस्ट देखी है, हम लोगों को वोटर लिस्ट के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा है कि हम 197 वोटों से जीतेंगे। मेरा मानना है कि हम 215 सीटों से जीतेंगे। लोगों के पास जाओ, पार्टी सुप्रीमो के आदेश का इंतजार मत करो। सोचो और मानो कि पार्टी तुम्हारी है। ममता चौथी बार सीएम बनेंगी।

अभी मैदान में उतरो, मैं मैदान में रहूंगा। हमें अपनी सीटें बढ़ानी हैं। साजिश मत करो, व्हाट्सएप की राजनीति का कोई फायदा नहीं है। हम विपक्ष को एक चुटकी भी जमीन नहीं देंगे। हम 215 से ज्यादा सीटों से जीतेंगे।

140 करोड़ देशवासियों की आस्था, एकता का महायज्ञ संपन्न”, महाकुंभ के समापन पर पीएम मोदी का ब्लॉग

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प्रयागराज में 13 फरवरी से शुरू हुआ महाकुंभ महाशिवरात्रि पर समाप्त हो चुका है. 45 दिनों तक चले इस कुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान किए। यह संख्या देश की लगभग आधी आबादी है। महाकुंभ में इस बार 20 लाख से अधिक लोगों ने कल्पवास किया, इस दौरान नेपाल, भूटान, अमेरिका, इंग्लैंड, जापान समेत कई देशों से लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। प्रयागराज महाकुंभ के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्लॉग लिखकर “मन की बात” कही है। महाकुंभ के सफल आयोजन की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ संपन्न हुआ...एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ।

अपने ब्लॉग में पीएम मोदी ने लिखा, "महाकुंभ संपन्न हुआ...एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का प्रयास किया है।

पीएम ने कहा है, जब एक राष्ट्र की चेतना जागृत होती है, जब वो सैकड़ों साल की गुलामी की मानसिकता के सारे बंधनों को तोड़कर नव चैतन्य के साथ हवा में सांस लेने लगता है, तो ऐसा ही दृश्य उपस्थित होता है, जैसा हमने 13 जनवरी के बाद से प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में देखा।

22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मैंने देवभक्ति से देशभक्ति की बात कही थी। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सभी देवी-देवता जुटे, संत-महात्मा जुटे, बाल-वृद्ध जुटे, महिलाएं-युवा जुटे, और हमने देश की जागृत चेतना का साक्षात्कार किया। ये महाकुंभ एकता का महाकुंभ था, जहां 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ गई थी।

एकता और समरसता की वो प्रेरणा-पीएम मोदी

तीर्थराज प्रयाग के इसी क्षेत्र में एकता, समरसता और प्रेम का पवित्र क्षेत्र श्रृंगवेरपुर भी है, जहां प्रभु श्रीराम और निषादराज का मिलन हुआ था। उनके मिलन का वो प्रसंग भी हमारे इतिहास में भक्ति और सद्भाव के संगम की तरह ही है। प्रयागराज का ये तीर्थ आज भी हमें एकता और समरसता की वो प्रेरणा देता है।

बीते 45 दिन, प्रतिदिन, मैंने देखा, कैसे देश के कोने-कोने से लाखों-लाख लोग संगम तट की ओर बढ़े जा रहे हैं। संगम पर स्नान की भावनाओं का ज्वार, लगातार बढ़ता ही रहा। हर श्रद्धालु बस एक ही धुन में था- संगम में स्नान। मां गंगा, यमुना, सरस्वती की त्रिवेणी हर श्रद्धालु को उमंग, ऊर्जा और विश्वास के भाव से भर रही थी।

इस विराट आयोजन की कोई दूसरी तुलना नहीं-पीएम मोदी

प्रयागराज में हुआ महाकुंभ का ये आयोजन, आधुनिक युग के मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के लिए, प्लानिंग और पॉलिसी एक्सपर्ट्स के लिए, नए सिरे से अध्ययन का विषय बना है। आज पूरे विश्व में इस तरह के विराट आयोजन की कोई दूसरी तुलना नहीं है, ऐसा कोई दूसरा उदाहरण भी नहीं है।

पूरी दुनिया हैरान है कि कैसे एक नदी तट पर, त्रिवेणी संगम पर इतनी बड़ी संख्या में करोड़ों की संख्या में लोग जुटे। इन करोड़ों लोगों को ना औपचारिक निमंत्रण था, ना ही किस समय पहुंचना है, उसकी कोई पूर्व सूचना थी। बस, लोग महाकुंभ चल पड़े...और पवित्र संगम में डुबकी लगाकर धन्य हो गए।

मैं वो तस्वीरें भूल नहीं सकता-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने लिया कि मैं वो तस्वीरें भूल नहीं सकता…स्नान के बाद असीम आनंद और संतोष से भरे वो चेहरे नहीं भूल सकता। महिलाएं हों, बुजुर्ग हों, हमारे दिव्यांग जन हों, जिससे जो बन पड़ा, वो साधन करके संगम तक पहुंचा। मेरे लिए ये देखना बहुत ही सुखद रहा कि बहुत बड़ी संख्या में भारत की आज की युवा पीढ़ी प्रयागराज पहुंची। भारत के युवाओं का इस तरह महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए आगे आना, एक बहुत बड़ा संदेश है। इससे ये विश्वास दृढ़ होता है कि भारत की युवा पीढ़ी हमारे संस्कार और संस्कृति की वाहक है और इसे आगे ले जाने का दायित्व समझती है और इसे लेकर संकल्पित भी है, समर्पित भी है।

आगे लिखा कि इस महाकुंभ में प्रयागराज पहुंचने वालों की संख्या ने निश्चित तौर पर एक नया रिकॉर्ड बनाया है, लेकिन इस महाकुंभ में हमने ये भी देखा कि जो प्रयाग नहीं पहुंच पाए, वो भी इस आयोजन से भाव-विभोर होकर जुड़े। कुंभ से लौटते हुए जो लोग त्रिवेणी तीर्थ का जल अपने साथ लेकर गए, उस जल की कुछ बूंदों ने भी करोड़ों भक्तों को कुंभ स्नान जैसा ही पुण्य दिया। कितने ही लोगों का कुंभ से वापसी के बाद गांव-गांव में जो सत्कार हुआ, जिस तरह पूरे समाज ने उनके प्रति श्रद्धा से सिर झुकाया, वो अविस्मरणीय है।

मणिपुर में लगातार लौटाए जा रहे लूटे गए हथियार, राज्यपाल की अपील के बाद हो रहा सरेंडर

#weaponsarebeingreturnedcontinuouslyinmanipur

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से ही हथियारों का सरेंडर जारी है। मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला की अपील के बाद लूटे गए हथियार और बड़ी मात्रा में गोला बारूद लौटाए जा रहे हैं। मणिपुर में 13 फरवरी को केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगाया था। जिसके बाद राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लूटे गए हथियार और गोलियां लौटाने की अपील की थी।

बुधवार को पुलिस ने बताया कि 87 तरह के हथियार, गोला-बारूद और अलग-अलग सामान लोग स्वेच्छा से सरेंडर कर रहे हैं। इंफाल ईस्ट, बिश्नुपुर, थौबल, कांगपोकपी, जिरीबाम, चुराचांदपुर और इंफाल वेस्ट जिलों में हथियार सरेंडर किए गए हैं।

कौन से जिले से कितने हथियार सरेंडर हुए

• इंफाल वेस्ट: सबसे ज्यादा हथियार इंफाल वेस्ट जिले से सरेंडर किए गए हैं। इनमें 12 सीएमजी मैगजीन के साथ, दो 303 राइफल मैगजीन के साथ, दो SLR राइफल मैगजीन के साथ, चार 12 बोर सिंगल बैरल, एक आईईडी और गोला-बारूद शामिल हैं।

• जिरीबाम: पांच 12 बोर डबल बैरल, एक 9mm कार्बाइन मैगजीन के साथ, गोला-बारूद और ग्रेनेड सरेंडर किए गए।

• कांगपोकी: एक एके 47 राइफल 2 मैगजीन के साथ, एक .303 राइफल, एक Smith & Wesson रिवॉल्वर, एक .22 पिस्टल मैगजीन के साथ, एक सिंगल बैरल राइफल, तीन इम्प्रोवाइज्ड मॉर्टर, 9 मॉर्टर बम, ग्रेनेड और अन्य चीजें सरेंडर किए गए।

• बिश्नुपुर: 6 SBBL गन , एक राइफल, 3 DBBL, एक .303 राइफल मैगजीन के साथ, एक कार्बाइन SMG वन मैगजीन के साथ और 15 लाइव राउंड, गोला-बारूद और अन्य सामग्री सरेंडर किए गए हैं।

• थौबल: एक सब मशीन गन 9एमएम कार्बाइन 1A मैगजीन के साथ, एक रॉयट गन और अन्य सामग्री सरेंडर किए गए हैं।

• इंफाल ईस्ट: 2 कार्बाइन, एक एसएलआर दो मैगजीन के साथ, एक लाइव राउंड, 2 लोकल कार्बाइन मैगजीन, 4 इन्सास राइफल मैगजीन, बड़ी संख्या में गोला-बारूद सरेंडर की गई।

राज्यपाल की अपील का असर

इससे पहले राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लोगों से लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को 7 दिन के भीतर स्वेच्छा से पुलिस के सुपुर्द करने की 20 फरवरी को अपील की थी। इसके साथ ही गवर्नर ने यह आश्वासन भी दिया था कि इस अवधि के दौरान हथियार छोड़ने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। मणिपुर के मुख्य सचिव पीके सिंह ने रविवार को कहा था कि अगर कोई हथियार त्यागना चाहता है तो लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को स्वेच्छा से पुलिस के सुपुर्द करने के लिए दिया गया 7 दिन का समय पर्याप्त है।

13 फरवरी को मणिपुर में लगा था राष्ट्रपति शासन

बता दें कि मणिपुर में पिछले 2 साल से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बीरेन सिंह पर राज्य में 21 महीने से जारी हिंसा के चलते काफी दबाव था। मणिपुर में नेतृत्व संकट के बीच कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।

अंतरराष्ट्रीय सहायता पर जीवित’: भारत ने जिनेवा बैठक में कश्मीर पर टिप्पणी को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा

भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 58वें सत्र की सातवीं बैठक में पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की और उसे अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर एक असफल देश बताया। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के क्षितिज त्यागी ने कहा कि यह आश्चर्यजनक नहीं है कि पाकिस्तान के नेता अपने सैन्य-आतंकवादी परिसर से झूठ फैलाना जारी रखते हैं।

क्षितिज त्यागी ने कहा, “यह देखना दुखद है कि पाकिस्तान के नेता और प्रतिनिधि अपने सैन्य-आतंकवादी परिसर से झूठ फैलाना जारी रखते हैं। पाकिस्तान ओआईसी को अपना मुखपत्र बताकर उसका मजाक उड़ा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस परिषद का समय एक असफल देश द्वारा बर्बाद किया जा रहा है जो अस्थिरता पर पनपता है और अंतरराष्ट्रीय सहायता पर जीवित रहता है।” भारत के रुख की पुष्टि करते हुए त्यागी ने जोर देकर कहा कि जम्मू और कश्मीर, लद्दाख के साथ, हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा, उन्होंने इन क्षेत्रों में प्रगति की ओर इशारा किया।

त्यागी ने कहा, "जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग बने रहेंगे। पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रगति अपने आप में बहुत कुछ कहती है। ये सफलताएँ दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से पीड़ित इस क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता में लोगों के भरोसे का प्रमाण हैं।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत के प्रति अपने अस्वस्थ जुनून से बाहर निकलना चाहिए और उन मुद्दों का समाधान करना चाहिए जो उसके नागरिकों को प्रभावित करते रहते हैं। उन्होंने कहा, "भारत लोकतंत्र, प्रगति और अपने लोगों के लिए सम्मान सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। ये ऐसे मूल्य हैं जिनसे पाकिस्तान को सीखना चाहिए।"

त्यागी की यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वतनेनी हरीश के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने 19 फरवरी को कहा था कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के गलत सूचना अभियानों की कड़ी निंदा की थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बहुपक्षवाद के अभ्यास और वैश्विक शासन में सुधार पर खुली बहस में भारत के वक्तव्य के दौरान हरीश ने कहा, "पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने अपने वक्तव्य में भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का उल्लेख किया है। मैं फिर से पुष्टि करना चाहूंगा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग रहा है, है और हमेशा रहेगा।"

महाशिवरात्रि पर साउथ एशियन विवि की मेस में परोसा नॉनवेज, जमकर हुआ बवाल

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दिल्ली की साउथ एशियन यूनिवर्सिटी (एसएयू) में छात्रों के दो गुटों के बीच जमकर बवाल हुआ है। ये विवाद हुआ महाशिवरात्रि के मौके पर यूनिवर्सिटी की मेस में नॉन वेज खाना परोसने को लेकर। यूनिवर्सिटी के मेस में नॉनवेज परोसने को लेकर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों के बीच हाथापाई हो गई। मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। दोनों छात्र संगठनों ने एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।

एसएफआई का कहना है कि एबीवीपी के सदस्यों ने महाशिवरात्रि पर मांसाहार न परोसने की उनकी मांग नहीं मानी। इसके बाद एबीवीपी ने यूनिवर्सिटी के मेस में छात्रों पर हमला किया। एसएफआई का आरोप है कि एबीवीपी के लोगों ने मांसाहार परोसे जाने पर छात्र-छात्राओं और भोजनालय कर्मियों के साथ मारपीट की। एसएफआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन से हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

वहीं, एबीवीपी ने घटना पर कहा, महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में छात्रों ने उपवास रखा। अपनी धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए इन छात्रों ने मेस प्रशासन से पहले ही अनुरोध किया था कि इस खास दिन पर उनके लिए सात्विक भोजन की व्यवस्था की जाए। मेस प्रभारी से इस मामले पर चर्चा करने के बाद करीब 110 छात्रों ने उपवास के भोजन की मांग की। इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए विश्वविद्यालय ने दो मेस हॉल में से एक में सात्विक भोजन की व्यवस्था की, ताकि छात्र अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भोजन कर सकें। वामपंथी गुंडों ने जानबूझकर धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया। जब मेस में सात्विक भोजन परोसा जा रहा था, तो एसएफआई से जुड़े लोगों ने जबरन नॉनवेज भोजन परोसने का प्रयास किया।

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कहा कि विश्वविद्यालय में स्थिति शांतिपूर्ण है और उसे कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। इसमें यह भी कहा गया कि विश्वविद्यालय द्वारा आंतरिक जांच की जा रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक साउथ एशियन यूनिवर्सिटी से दोपहर करीब 3.45 बजे मैदानगढ़ी पुलिस स्टेशन में झगड़े की पीसीआर कॉल मिली। जब हम मौके पर पहुंचे तो मेस में दो गुटों के बीच झगड़ा हो रहा था।