आयुर्वेदिक डॉक्टर ने लगा दिया ऐसा इंजेक्शन, युवक की तड़प-तड़प कर मौत; परिवार बोला- ये हत्या है

कर्नाटक के कोलार में बुखार के इलाज के दौरान इंजेक्शन लगाने से एक युवक की मौत हो गई है. मृतक के परिजनों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कोलार ग्रामीण थाना पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने और उसके बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. कोलार में फर्जी डॉक्टरों और फर्जी क्लीनिकों की संख्या में वृद्धि हुई है और लोग स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में उचित कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.

कोलार के वक्कलेरी गांव का गौतम उर्फ ​​नागेन्द्रबाबू से बुखार से पीड़ित था. शाम को गौतम को इलाज के लिए परिजन उसे गांव के ही सनराइज क्लिनिक ले गए. इलाज के दौरान वहां मौजूद बीएएमएस डॉक्टर मोहम्मद रफीक ने उसे एक इंजेक्शन दिया. इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर बाद गौतम तड़प-तड़प कर बेहोश हो गया. जब डॉक्टर रफीक ने देखा कि गौतम की दिल की धड़कन धीमी हो रही है, तो उन्होंने तुरंत उसे कोलार के अस्पताल रेफर कर दिया.

इंजेक्शन से हुई युवक की मौत

इसके बाद उसे तुरंत कोलार के जालप्पा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन तब तक गौतम की मौत हो गई थी. मृतक गौतम के परिजनों का आरोप है कि नागेंद्र बाबू की मौत वक्कलेरी सनराइज क्लिनिक के डॉक्टर रफीक के लगाए गए इंजेक्शन के कारण हुई है. मृतक की मां की मांग है कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो. गौतम के पिता नहीं थे, इसलिए उसकी मां ने मजदूरी करके उसका पालन-पोषण किया और उसे अच्छी शिक्षा दिलाई

आयुर्वेदिक पढ़ाई करके कर रहा था एलोपैथिक इलाज

वह एमबीए पूरा करने के बाद नौकरी करना चाहता था. वह शहर में छोटे-मोटे काम करके अपनी मां की घर चलाने में मदद करता था. गौतम की मौत की खबर से उनके परिवार और गांव के लोग सदमे में हैं. डॉक्टर मोहम्मद रफीक ने बीएएमएस की पढ़ाई की थी और वक्कलेरी में उनका क्लीनिक था. उन्होंने केवल आयुर्वेदिक इलाज करने की डिग्री ली थी, लेकिन वे एलोपैथिक दवा दे रहे थे.

परिजनों ने की कार्रवाई की मांग

पता चला है कि रफीक बंगारपेट तालुक अस्पताल में अनुबंध के आधार पर काम कर रहा था. फिलहाल मृतक के परिजनों ने कोलार ग्रामीण थाने में डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की है. इसके अलावा, वक्कलेरी सरकारी अस्पताल में डॉक्टर नियमित रूप से नहीं आ रहे हैं. उन्होंने मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा है कि वहां मौजूद एंबुलेंस काम नहीं कर रही थी.

जांच में जुटी पुलिस

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि वे तुरंत नहीं जागे तो हिंसक विरोध प्रदर्शन होंगे. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस ने मृतक के परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

पत्नी को दिल्ली से महाकुंभ ले गया, स्नान के बाद वीडियो बनाकर शेयर किया… फिर लॉज में ले जाकर मार डाला, कहानी कातिल पति की

कातिल तो आपने बहुत से देखे होंगे. लेकिन कुछ इतने शातिर होते हैं जो क्राइम की घटनाओं के ऐसे अंजाम देते हैं, जिस पर यकीन कर पाना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसा ही एक क्राइम किया दिल्ली नगर निगम के एक सफाईकर्मी अशोक वाल्मीकि ने. उसका एक महिला से अफेयर था, जबकि वो खुद तीन बच्चों का पिता है. पत्नी को जब अशोक के एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर का पता चला तो वो इसका विरोध करने लगा. रोज घर में लड़ाई-झगड़े होने लगे

अशोक चाहता तो परिवार की खातिर अपने अवैध संबंधों को छोड़ सकता था. लेकिन उसने अवैध संबंधों को तवज्जो देते हुए बीवी को ही मार डालना उचित समझा. अशोक ने एक फुलप्रूफ प्लान बनाया, जिससे वो पत्नी को हमेशा-हमेशा के लिए रास्ते से भी हटा देगा और किसी को भी उस पर शक नहीं होगा. वो 17 फरवरी को पत्नी मीनाक्षी को लेकर दिल्ली से प्रयागराज के लिए निकला. 18 फरवरी को दोनों संगम नगरी पहुंचे. यहां उन्होंने गंगा में स्नान किया. तब अशोक ने मीनाक्षी के साथ एक वीडियो डालकर सोशल मीडिया पर शेयर किया.

रात होने को थी. दोनों काफी थक गए थे. वो ठहरने के लिए एक कमरा तलाशने लगे. तय प्लान के अनुसार, वह ऐसा कमरा खोज रहा था, जहां उससे आईडी न ली जाए और कोई कैमरा भी न लगा हो. 18 फरवरी की देर रात कमरे की तलाश के दौरान उसकी मुलाकात झूंसी में सुरेंद्र बिंद से हुई. सुरेंद्र ने अपने मौसी के बेटे संजय के यहां लॉज में 500 रुपए में किराए पर कमरा दिलवाया. यहां अशोक ने बताया कि वह दोनों पति-पत्नी हैं. मगर उनके पास आईडी नहीं है. लॉज मालिक ने उसे बगैर आईडी के कमरा दे दिया.

बाथरूम में बीवी को मार डाला

रात में जब, मीनाक्षी बाथरूम में गई तो अशोक चाकू लेकर उसकी तरफ बढ़ गया. बाथरूम में ही उसने मीनाक्षी की गर्दन पर वार किया और मार डाला. इसके बाद वो लॉज से भाग निकला. फिर घर जाकर उसने कहा कि मीनाक्षी महाकुंभ में कहीं बिछड़ गई है. मीनाक्षी का बेटा उसी वक्त प्रयागराज के लिए निकल पड़ा, ताकि वो मां को ढूंढ सके.

उधर, दूसरी तरफ लॉज वालों ने पुलिस को बताया कि एक शख्स अपनी पत्नी की हत्या करके भाग गया है. लेकिन उनके पास उस व्यक्ति की कोई आईडी (पहचान पत्र) नहीं थी. इसलिए पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. साथ ही महिला के फोटो प्रयागराज के भी थानों में फॉरवर्ड कर दिए, ताकि किसी को कुछ जानकारी हो तो पता चल सके.

बेटा पहुंचा मां को तलाशने

पुलिस यहां महिला के कातिल का पता लगा ही रही थी कि उसका बेटा भी झूंसी थाने आ पहुंचा. उसने मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. तब फोटो देख पुलिस ने कहा- ऐसी ही एक महिला का शव हमें लॉज से मिला है. बेटा शव देखकर मां को पहचान गया. बोला- ये तो मेरी मां है. पुलिस बोली- इनका कत्ल हुआ है. बेटा बोला- पापा तो कह रहे थे कि वो उनसे बिछड़ गई थीं. तब पुलिस ने बेटे से कहा कि अपने पापा को यहां बुलाओ. लेकिन ये मत बताना कि तुम्हारी मम्मी की डेड बॉडी मिली है.

पुलिस के सामने उगले राज

अशोक बेटे के बुलाने पर झूंसी पहुंचा. यहां थाने में उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने सारे राज उगल दिए. बोला- मेरा एक महिला से अफेयर है. पत्नी मीनाक्षी इसका विरोध करती थी. रोज लड़ती थी. इसलिए मैंने उसे मारने की साजिश रची. प्रयागराज महाकुंभ सबसे सही जगह लगी. मैं दिल्ली से उसे लेकर आया. पत्नी की हत्या से पहले संगम पर स्नान किया. उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया. इसके बाद लॉज में किराए का कमरा दिया. रात में उसी लॉज में हत्या कर दी. मैंने सोचा था पत्नी को यहां मार दूंगा और परिवार वालों से कह दूंगा कि मीनाक्षी महाकुंभ में खो गई है. पुलिस ने बताया- फिलहाल अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उसके खिलाफ आगामी कार्रवाई जारी है.

लोगों के जीवन से खिलवाड़ न करें… संगम के जल पर आई रिपोर्ट पर अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट में प्रयागराज में संगम का जल प्रदूषित पाया गया है. इसके आने के बाद गंगा और यमुना नदियों के जल की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. उनका कहना है कि डबल इंजन की सरकार होने की वजह से इस रिपोर्ट को साजिश भी नहीं बता सकती है.

कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि अब तक लोग गंगा जल लेकर सच बोलते थे, आज उप्र की बीजेपी सरकार द्वारा गंगा जल के लिए ही झूठ बोला और बुलवाया जा रहा है. अगर ये रिपोर्ट दिल्ली-लखनऊ के बीच संघर्ष और मंथन की उपज है तो ये ‘राजनीतिक संक्रमण’ न देश के लिए अच्छा है, न उत्तर प्रदेश के लिए ठीक है. सपा नेता ने कहा कि सरकार को लोगों के जीवन से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भंग कर देना चाहिए’

अखिलेश यादव ने अपने एक्स पर पोस्ट के जरीए गंगा जल को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अगर लोगों की व्यक्तिगत राय ‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ से ज्यादा सही है तो इस बोर्ड को भंग कर देना चाहिए. सपा नेता ने कहा कि जो लोग उत्तर प्रदेश शासन-प्रशासन के दबाव में आकर रिपोर्ट को गलत बता रहे हैं और भ्रामक वीडियो डाल रहे हैं उसपर न्यायालय को संज्ञान लेना चाहिए.

अब तक लोग गंगा जल लेकर सच बोलते थे, आज उप्र की भाजपा सरकार द्वारा गंगा जल के लिए ही झूठ बोला और बुलवाया जा रहा है। डबल इंजन की सरकार होने की वजह से उप्र सरकार ये भी नहीं कह सकती है कि गंगा जी के जल-मल संक्रमण की रिपोर्ट किसी ने साज़िशन बनवाई है। अगर ये रिपोर्ट दिल्ली-लखनऊ के सीपीसीबी की रिपोर्ट की माने तो संगम के पास गंगा और यमुना के जल में फीकल कोलीफार्म बैक्टीरिया की मात्रा अत्यधिक है. यह कई बीमारियों का कारण बन सकता है. हालांकि, इस रिपोर्ट के आने के वाबजूद लोगों और विशेष कर श्रद्धालुओं का मानना है कि गंगा जल हमेशा की तरह पवित्र है. गंगा जल की गुणवत्ता पहले की तरह बरकरार है.

करोड़ों लोगों के सामने के सच को झूठला रहे- अखिलेश

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग इसे भ्रामक करार दे रहे हैं उनके ख़िलाफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी सक्रिय होना चाहिए. क्योंकि इस मुद्दे का सीधा संबंध जनता के स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ा है. उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा, ‘जो आज करोड़ों लोगों के सामने के सच को झूठला रहे हैं वो कल के लिए क्या सच बोलेंगे.वैसे भी जो जानते हैं कि 2027 के बाद वो रहेंगे नहीं तो 2029 के लिए झूठ बोलने में क्या जाता है. एक ट्रिलियन का झूठ.’.

Instagram बैन कर देगा आपका अकाउंट, अगर बार-बार की ये गलती

अगर आप इंस्टाग्राम चलाते हैं तो ये जानकारी आपके काम आएगी. आप दिनभर में कई ऐसी गलतियां करते हैं जिससे आपके अकाउंट पर ब्लॉक होने का खतरा मंडराता रहता है. इंस्टाग्राम की अगर एक भी गाइडलाइन का उल्लघंन किया जाता है तो प्लेटफॉर्म आपके मिलियन फॉलोअर्स वाला अकाउंट भी नहीं छोड़ता है. यहां जाने कि आप अपने अकाउंट को सस्पेंड का ब्लॉक होने से कैसे बचा सकते हैं. इसके अलावा सस्पेंड अकाउंट को ठीक कैसे कर सकते हैं

कब बैन होता है आपका इंस्टाग्राम अकाउंट?

अगर आपका अकाउंट इंस्टाग्राम कम्युनिटी गाइडलाइंस को फॉलो नहीं करता है तो अकाउंट बैन कर दिया जाता है. अगर आप किसी भी तरह का अश्लील कंटेंट पोस्ट शेयर करते हैं तो आपके अकाउंट को सस्पेंड किया जा सकता है. इसके अलााव अगर आप अपनी पोस्ट या रील्स पर रिस्ट्रिक्टेड हैशटैग का इस्तेमाल करते हैं तो भी आपको अकाउंट बैन की नोटिफिकेशन आ सकती है. इंस्टाग्राम पर फेक प्रोफाइल साबित होने पर या स्कैम का हिस्सा पाए जाने पर भी आपके अकाउंट पर एक्शन लिया जा सकता है.

कैसे बचें इंस्टाग्राम की तलवार से?

आप इंस्टाग्राम पर कुछ भी पोस्ट कर सकते हैं. लेकिन उसमें इंस्टाग्राम की कम्युनिटी गाइडलाइन का पूरा पालन होन चाहिए. किसी भी रिस्ट्रिक्टेड हैशटैग का यूज ना करें. कुछ भी ऐसा शेयर करने से बचें तो देश के खिलाफ या पॉलिटिकल राय को दिखाता हो

अकाउंट बैन हो जाए तो ऐसे करें ठीक

इसके लिए सबसे पहले अपने इंस्टाग्राम को ओपन करें. सेटिंग में जाएं और हेल्प सेंटर पर क्लिक करें. यहां पर आपको “My Instagram account has been disabled” का ऑप्शन शो होगा. इस पर क्लिक करें. इसके बाद अपनी अकाउंट डिटेल्स भरें. इसमें यूजरनेम, ईमेल, फोन नंबर जैसी सभी डिटेल्स ध्यान से भरें. बंद होने का कारण सलेक्ट करें. आपके अकाउंट को कौनसी गाइडलाइन फॉलो नहीं करने पर बैन किया गया है वो ऑप्शन सलेक्ट करें. ये करने के बाद अपनी अपील सबमिट कर दें.

उमर ने दिखाए PAK के खिलाफ तेवर, बोले- जब तक आतंकवाद को मदद, नहीं होगी बातचीत

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि भारत सरकार पाकिस्तान से तब तक बात नहीं करेगी, जब तक वह आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं कर देता. सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हममें से किसी के लिए भी यह कहना मूर्खता होगी कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ हो रहा है, वह पूरी तरह से यहां से हो रहा है और इसमें किसी बाहरी सहायता की जरूरत नहीं है.

यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान अभी भी इस क्षेत्र में दखल दे रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान ने कभी जम्मू-कश्मीर में दखल देना बंद किया है.”

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमेशा भारत सरकार की चिंताओं को दूर करने के लिए पाकिस्तान को साथ लेने की कोशिश की है, ताकि एक दोस्ताना कामकाजी संबंध स्थापित हो सके.

पाकिस्तान के साथ बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें ऐसा (पाकिस्तान के साथ कामकाजी संबंध) होता हुआ दिखाई देता है, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं देता है.”

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कभी नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की सलाह दी है, उमर ने कहा, “फिलहाल मुझे भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की कोई गुंजाइश नहीं दिखती है.”

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में जिस तरह के हमले हुए हैं, जैसे कि सशस्त्र बलों और निर्माण शिविरों को निशाना बनाया गया है, उसके बाद कोई गुंजाइश नहीं है. सरकार से यह कहना बहुत मुश्किल हो जाता है कि उसे बात करनी है.

भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच फ्लैग मीटिंग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इन बैठकों का उद्देश्य बल प्रयोग के बिना तनाव कम करना है.

बजट को लेकर सीएम ने कही ये बात

जम्मू-कश्मीर के बजट पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे पास पांच साल का जनादेश है. एक बजट में सभी मुद्दों को संबोधित नहीं किया जा सकता. हम अपने कार्यकाल में लोगों की सभी उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश करेंगे.

उन्होंने कहा कि पहला बजट सभी सार्वजनिक मुद्दों को संबोधित नहीं कर सकता, लेकिन अगले पांच सालों के लिए नींव रखने के लिए यह एक अच्छी शुरुआत होगी.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें पता है कि लोगों की उम्मीदें हैं और सरकार उन उम्मीदों पर खरा उतरेगी. उन्होंने कहा कि पहले बजट में सभी मुद्दों को हल नहीं किया जा सकता है, लेकिन अगले पांच सालों के लिए नींव रखने के लिए यह एक अच्छी शुरुआत होगी.

महिलाओं के लिए नहीं अब बस में पुरुषों के लिए छोड़नी होगी सीट… इस राज्य की सरकार ने लिया फैसला

बस में महिला यात्रियों के लिए आरक्षित सीटें उनके लिए छोड़ दी जाएं”, “महिलाएं सीट…” बस और मेट्रो में सफर करते हुए आपने सीट के ऊपर इस तरह के संदेश लिखे जरूर देखें होंगे. अगर आप महिलाओं के लिए आरक्षित सीट पर बैठकर यात्रा करते हैं, तो आपको जुर्माना देना पड़ जाता है. कई बार महिलाओं की सीट पर तो महिलाएं बैठी होती ही हैं, साथ ही पुरुषों की सीट पर भी महिलाएं बैठी होती हैं.

ऐसे में महिलाओं को तो सीट मिल जाती है, लेकिन पुरुषों को सीट नहीं मिलती. कांग्रेस सरकार की गारंटी योजनाओं में से एक शक्ति योजना के बाद बसों में महिलाओं की संख्या काफी बढ़ गई है. क्योंकि इस योजना के तहत महिलाओं के लिए यात्रा मुफ्त है. अब पुरुषों से कहा जाता है कि वह अपनी सीट भी महिलाओं को दे दें. अब कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम के मैसूर डिवीजन ने इस मामले को लेकर एक आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है.

पुरुष यात्रियों को नहीं मिल रही सीट

महिला यात्रियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से पुरुष यात्रियों को सीट नहीं मिल पा रही हैं. इसलिए पुरुष यात्रियों के लिए आरक्षित सीटें उन्हें दी जानी चाहिए. (KSRTC) मैसूर डिवीजनल कंट्रोलर ने हाल ही में ड्राइवरों और कर्मचारियों को इस मामले पर ध्यान देने का आदेश जारी किया. यह आदेश पुरुषों के लिए आरक्षित सीटों पर महिलाओं के यात्रा करने के मुद्दे के संबंध में जारी किया जा रहा है.

ड्राइविंग स्टाफ को निर्देश दिया गया

विष्णुवर्धन एस ने केंद्रीय कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि मैसूर शहर के परिवहन वाहनों में पुरुष यात्रियों के लिए आरक्षित सीटों पर महिला यात्री बैठती हैं और पुरुष यात्रियों को सीट नहीं मिलती है. मैसूर डिवीजनल कंट्रोलर ने आदेश में कहा कि सभी ड्राइविंग स्टाफ को निर्देश दिया गया है कि वह देखें कि पुरुष यात्रियों को सीट मिले और पुरुष यात्रियों की सीट पर पुरुष यात्रियों को बैठने दिया जाए.

पश्चिम बंगाल: बीरभूम में महिला और दो बच्चों की हत्या, पुलिस जांच में जुटी

पश्चिम बंगाल के बीरभूम इलाके में दो बच्चे और महिला की हत्या के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है. लोगों ने बताया कि महिला अपने बच्चों के साथ रहती थी लेकिन सुबह जब उसके घर लोगों की नजर पड़ी तो तीन के शव खून से लथपथ पड़े हुए थे. लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने जांच पड़ताल की है.

बीरभूम के तंगरा की घटना ने बंगाल में एक बार फिर से तनाव पैदा कर दिया है. एक महिला और दो बच्चों की हत्या कैसे हुई? उस परिवार के दो भाई और एक महिला कैसे शिकार हो गए? फिलहाल पुलिस इन सभी सवालों के जवाब ढूंढने में जुटी है.

घटना बीरभूम के मोहम्मद बाजार के मैनेजर पाड़ा गांव में घटी. वहां एक घर से मां और दो बच्चों के खून से लथपथ शव बरामद किए गए. मोहम्मद बाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस का अनुमान है कि तीनों लोगों की हत्या की गई है. लेकिन यह किसने किया? इस बारे में अभी कोई सूचना नहीं मिल सकी है.

खून से लथपथ मिले शव

पुलिस के अनुसार, मृतका का नाम लक्ष्मी मद्दी है. उनके पति लालू मद्दी अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते थे. इसी वजह से दोनों बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी पत्नी के कंधों पर आ गई. दोनों बच्चे मां के साथ घर पर अकेले रहते थे. शुक्रवार की सुबह पड़ोसियों ने सबसे पहले घर में महिला और दो बच्चों के खून से लथपथ शव पड़े देखे. इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया.

जांच में जुटी पुलिस

लेकिन जब पुलिस ने मृतकों के शवों को ले जाने की कोशिश की तो स्थानीय लोगों ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने मांग की कि हत्या की जांच के लिए पुलिस कुत्ते बुलाए और मामले की बारीकी से जांच हो. लोगों ने कहा कि पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. पुलिस को आरोपियों को पकड़ने के लिए जांच पड़ताल करनी चाहिए.

अद्भुत दृश्य के साथ खत्म होगा महाकुंभ, दिखेगा ये खास नजारा

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ अपने आखिरी हफ्ते में आ गया है. महाकुंभ 26 फरवरी को संपूर्ण हो जाएगा. महाकुंभ के आखिरी हफ्ते में भारत में सोलर सिस्टम के सभी सात ग्रह आसमान में दिखाई देंगे. सोलर सिस्टम के सभी ग्रह- बुध (Mercury), शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून – को महाकुंभ के आखिरी सप्ताह में रात के दौरान देखा जा सकता है. जहां महाकुंभ समाप्त हो रहा है ऐसे पावन समय में आसमान में सभी ग्रह का एक साथ दिखना काफी शुभ माना जा रहा है. कुछ लोग तो यह भी मानते हैं कि ब्रह्मांड में होने वाली यह चीज आध्यात्मिक ऊर्जा में इजाफा कर सकते हैं.

जनवरी 2025 में शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून भारत में आसमान में दिखना शुरू हुए थे. इसी के बाद फरवरी में बुध भी आसमान में दिखाई देने लगेगा और एक साथ सभी ग्रह को देखा जा सकेगा. सबसे ज्यादा खूबसूरत और हैरान कर देने वाला नजारा 28 फरवरी को दिखाई देगा, जब सभी सात ग्रह सूरज के एक तरफ लाइन से दिखाई देंगे.

आसमान में दिखेगा खूबसूरत नजारा

आसमान में यह खूबसूरत नजारा देखने के लिए जब आप छत पर जाएंगे तो आपको अपनी आंखों से सिर्फ 5 ही ग्रह दिखाई देंगे. बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि आप अपनी आंखों से देख सकेंगे. वहीं, यूरेनस और नेपच्यून काफी धुंधले दिखाई देंगे और इन को साफ देखने के लिए आपको दूरबीन या टेलिस्कोप की मदद लेनी होगी. हालांकि, आपको आसमान पर सबसे खूबसूरत और ग्रह की साफ तस्वीर दो बार नजर आएगी, सूरज ढलने के बाद और सूरज उगने से पहले.

55 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी को महाकुंभ शुरू हुआ था. इस कुंभ में पवित्र स्नान करने के लिए बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी बड़ी तादाद में पहुंचे, रेलवे स्टेशन से लेकर बस और यातायात के सभी माध्यम पर लोगों की भारी भीड़ नजर आई, जिनका मकसद सिर्फ एक बार आस्था की डुबकी लगाना था. सभी ने पवित्र स्नान किया. अब तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक महाकुंभ में 55 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी भी ने कुंभ में पावन डुबकी लगाई थी. इसी के साथ सीएम योगी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गज नेता और हर क्षेत्र के लोगों ने स्नान किया है. 26 फरवरी को महाकुंभ समाप्त हो रहा है. इसी के चलते आखिरी हफ्ते में लोगों की भीड़ की बढ़ने की उम्मीद है.

मगरमच्छ लेकर सरकारी दफ्तर पहुंचे किसान, जानें क्या है पूरा मामला

कर्नाटक के कलबुर्गी गोब्बुर गांव के गेसकॉम (गुलबर्गा इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी) कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब किसान एक बैलगाड़ी पर मगरमच्छ बांधकर पहुंच गए. मगरमच्छ देखते ही बिजली विभाग के दफ्तर में भगदड़ मच गई. किसान बिजली कटौती की समस्या से परेशान थे. इसी बात का विरोध करने के लिए वह मगरमच्छ को बांधकर बिजली विभाग के आफिस पहुंचे थे. इस पूरी घटना का वीडियो भी इन दिनों काफी वायरल हो रहा है.

कर्नाटक के कलबुर्गी का एक वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो में मगरमच्छ बैलगाड़ी पर बांधा हुआ है, जिसे किसान बिजली विभाग के आफिस लेकर जाते हुए नजर आ रहे हैं. इस इलाके में सिंचाई के लिए सुबह 4 बजे थ्री फेस बिजली दी जा रही थी. किसानों को सुबह-सुबह अंधेर में खेत जाना पड़ा रहा था. रात के अंधेरे में निरंतर उनपर मगरमच्छ का खतरा बना रहता था.

गांववालों ने पकड़ा मगरमच्छ

बुधवार की रात गांव का एक पुजारी खेत में काम करने गया. इस दौरान उसने सुना कि उसके जानवर जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं. पुजारी ने देखा कि जानवरों के पास मगरमच्छ है, जिसने एक भेड़ को अपने मुंह में दबाया हुआ था. इस दौरान पुजारी ने गांव में हल्ला मचाकर लोगों को जगा दिया. इसके बाद 50 से ज्यादा गांववालों ने 30 मिनट के अंदर मगरमच्छ को पकड़ लिया. गांववालों ने मगरमच्छ को कस कर रस्सियों से बांध दिया था.

बैलगाड़ी पर ले गए मगरमच्छ

पुजारी ने समय रहते मगरमच्छ को नहीं देखा होता तो वह उसके घर के अंदर घुस सकता था. जिससे कोई बहुत बड़ी अनहोनी हो सकती थी. इसके बाद बिजली विभाग के अधिकारियों से गुस्साए किसान मगरमच्छ को बैलगाड़ी पर बांधकर 8 किलोमीटर दूर गेसकॉम के कार्यालय लेकर पहुंचे, जहां से बाद में वन विभाग मगरमच्छ को अपने साथ ले गया. गुस्साए गांववालों ने बिजली विभाग के अधिकारियों को बताया कि हम आपको दिखाना चाहते थे कि अगर थ्री फेस बिजली सुबह 4 बजे दी जाती है, तो यह किसान के लिए कितना खतरनाक हो सकता है.

गुस्साए किसानों ने बिजली विभाग से मांग की है कि हम चाहते हैं कि आप इस पर ध्यान दें और सुबह 6 बजे के बाद बिजली मुहैया कराएं.

कुत्तों के बाद इस शहर में आवारा बिल्लियों की होगी नसबंदी, कितने होंगे खर्च?

महाराष्ट्र के नासिक शहर में अब आवारा कुत्तों के बाद बिल्लियों की नसबंदी का अभियान शुरू किया जा रहा है. नगर निगम के पशुपालन विभाग ने राज्य मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर यह कदम उठाया है. इस अभियान का उद्देश्य आवारा बिल्लियों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण पाना है, जिससे शहर में होने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सके

नासिक नगर निगम ने इस कार्य के लिए बजट में 10 लाख रुपये का प्रावधान किया है. अप्रैल माह में एक संस्था को नियुक्त किया जाएगा, जो बिल्लियों को पकड़कर उनकी नसबंदी करेगी. प्रत्येक बिल्ली की नसबंदी पर 1650 रुपये खर्च होंगे. पहले चरण में 606 बिल्लियों की नसबंदी करने का लक्ष्य रखा गया है. इस अभियान के माध्यम से आवारा बिल्लियों की संख्या में कमी लाई जा सकेगी, जिससे शहर में इन जानवरों से होने वाली समस्याएं, जैसे कि बीमारी फैलना, सड़क पर अनावश्यक शोर, और अन्य परेशानियां कम हो सकेंगी.

बिल्लियों की नसबंदी ज्यादा मुश्किल

कुत्तों के मुकाबले बिल्लियों को पकड़ना ज्यादा मुश्किल होता है, क्योंकि बिल्लियां काफी चपल और सतर्क होती हैं. इसलिए एक विशेषज्ञ संगठन को नियुक्त किया जाएगा, जो जाल बिछाकर बिल्लियों को पकड़ेगा. यह प्रक्रिया धीरे-धीरे और सावधानी से की जाएगी ताकि बिल्लियों को कोई नुकसान न हो.

नसबंदी के बाद बिल्लियों को उसी स्थान पर छोड़ दिया जाएगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था. यह कदम न केवल बिल्लियों की संख्या पर नियंत्रण रखने के लिए लिया गया है, बल्कि यह समाज में संतुलन बनाए रखने में भी मदद करेगा और इन जानवरों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करेगा.

अभियान में एक लाख से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी

यह अभियान 2007 से चल रहे आवारा कुत्तों की नसबंदी अभियान का एक हिस्सा है. अब तक इस अभियान के तहत एक लाख से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है. इस पहल से कुत्तों और बिल्लियों की संख्या में वृद्धि को रोका जा सकता है, जिससे सड़क पर इन जानवरों की संख्या कम होगी और इससे मानव-जानवरों के बीच बेहतर तालमेल बनेगा.

सकारात्मक दिशा में नगर निगम का कदम

नासिक नगर निगम का यह कदम शहर को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने में सहायक होगा. नसबंदी अभियान से न केवल जानवरों की संख्या में कमी आएगी, बल्कि यह समाज में पालतू और आवारा जानवरों के लिए एक बेहतर वातावरण भी तैयार करेगा.