हड़ताल पर रहे तहसील के अधिवक्ताओं ने किया संशोधन विधेयक का विरोध

खजनी गोरखपुर।विधि का शासन बनाए रखने के लिए निर्भीक न्याय तंत्र का होना अति आवश्यक है। किंतु अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 अधिवक्ताओं के खिलाफ पूरी तरह से काला कानून लागू करने का प्रावधान है, यह संशोधन हम सभी अधिवक्ताओं के साथ ही आम जनता के न्याय की आस को चोट पहुँचाने जैसा है। इसका अधिवक्ता समाज पूरी तरह से विरोध करता है।उक्त विचार खजनी तहसील बार एशोसिएशन के अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने तहसील में आयोजित बैठक के दौरान कहीं, साथ ही तहसील मुख्यालय में सामूहिक विरोध प्रदर्शन के बाद एक पत्रक सचिव केंद्रीय विधि मंत्रालय को संबोधित तहसीलदार खजनी को सौंपा गया।

दिए गए पत्रक में अधिवक्ताओं और उनके परिवार के लिये एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्राविधान करने की मांग की गई। पत्रक में परिषदों में निर्वाचित सदस्यों के अतिरिक्त कोई समाहित न किया जाए और उनके लोकतांत्रिक स्वरूप को यथावत रखने की मांग तथा परिषदों के सदस्यों या अस्तित्व पर सुझाए गए संशोधनः को तुरंत समाप्त करने की मांग की गई। प्रदेश के अधिवक्ताओं विशेषकर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के द्वारा मांग की गई कि प्रदेश के अधिवक्ताओं का 10 लाख रूपए का मेडिक्लेम और किसी अधिवक्ता की मृत्यु होने पर 10 लाख रूपए की बीमा राशि देने की मांग की गई।

साथ ही पंजीकरण के समय प्रत्येक अधिवक्ता से लिए जाने वाली 500/-₹ के स्टाम्प की राशि प्रादेशिक परिषदों को वापस करने की मांग करते हुए राज्य सरकार द्वारा विधिक स्टाम्प की बिकी से प्राप्त धनराशि का 02 प्रतिशत अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने की मांग करते हुए ऐसा केरल राज्य सरकार द्वारा किए जाने का उदाहरण देते हुए कहा गया कि नियम बनाने का अधिकार पूर्व में जो एडवोकेट्स एक्ट में प्राविधानित था, उसको उसी प्रकार रखा जाए। आक्रोश जताते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा रेगुलेशन बनाने की जो बातें कही गयी हैं, उसे तुरंत समाप्त किया जाए। कहा गया है कि किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता न होने के कारण हम सभी अधिवक्त एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल-2025 के पूरे संशोधन को निरस्त करते हैं। एडवोकेट अमेंडमेंड बिल-2025 को तुरन्त वापस लिया जाए, अन्यथा अधिवक्ता गण पूरे देश में इस लड़ाई को लड़ने की रणनीति बनाने पर बाध्य होंगे। धरना प्रदर्शन में अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह,मंत्री कामेश्वर प्रसाद,पूर्व अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह, रामप्रीत यादव, पलटराज, दरगाही प्रसाद,अनूप सिंह, विनोद कुमार पाण्डेय, ईश्वरचन्द्र सिंह,अशोक दूबे, बलजीत,सुनील कुमार, रामकृष्ण दूबे,सन्तोष कुमार सिंह,कृष्णानन्द शुक्ल,संजय कुमार ,अनिल कुमार,बिजेंद्र यादव,लालबहादुर यादव, राजदेव प्रियदर्शी, दिनेश, बृजलाल प्रसाद,सूर्यनाथ मौर्य आदि सभी अधिवक्ता मौजूद रहे।

सीआरसी गोरखपुर में मनाया गया विश्व सामाजिक न्याय दिवस

गोरखपुर। सीआरसी गोरखपुर में विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया गया। टिकाऊ भविष्य के लिए न्यायोचित परिवर्तन को मजबूत करना थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास कार्यक्रम के प्रशिक्षु तथा सीआरसी गोरखपुर के सभी अधिकारियों कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय की मांग यही है कि न्याय होना ही नहीं चाहिए बल्कि दिखाना भी चाहिए। इसके लिए हमें अपने अधिकारों को प्रति जागरूक होना चाहिए। लेकिन कभी भी हमें मिले हुए अधिकारों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक राजेश कुमार ने किया। अरविंद कुमार पांडे ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

*सरकारी परिषदीय स्कूलों में संगोष्ठी और वार्षिकोत्सव का आयोजन*

खजनी गोरखपुर।।प्रदेश शासन शिक्षा विभाग एवं मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेंद्र कुमार सिंह के निर्देशानुसार 22 फरवरी शनिवार को सभी सरकारी परिषदीय स्कूलों में वार्षिक संगोष्ठी और वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया है।

आयोजन में टीएलएम मेला अभिभावकों और शिक्षकों की बैठक संगोष्ठी और बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक बौद्धिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया जाएगा।

खजनी बीआरसी कार्यालय परिसर में स्थित कंपोजिट स्कूल में डायट प्राचार्य और बीएसए भी उपस्थित रहेंगे।

उक्त जानकारी बीईओ खजनी सावन कुमार दूबे के द्वारा दी गई।

*पहलवान स्व.बनवारी यादव की स्मृति में 23 फरवरी को दंगल का आयोजन*

खजनी गोरखपुर।।इलाके के रामपुर पांडेय गांव में 23 फरवरी रविवार को स्वर्गीय बनवारी यादव की स्मृति में भव्य दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। दंगल में वाराणसी, हांथरस, हरियाणा फिरोजाबाद, सन्तकबीरनगर महराजगंज, गोरखपुर सहित भारत केशरी आदि पहलवानों को आमंत्रित किया गया है। दंगल प्रतियोगिता में महिला पहलवान भी प्रतिभाग करेंगी जानकरी दंगल के आयोजक राष्ट्रीय पहलवान संदीप यादव ने दी।

उरुवा में सिर पर डंडा मारकर युवक की हत्या

खजनी तहसील के उरूवां थाना क्षेत्र में आने वाले में इंद्रापार बुजुर्ग गाँव में युवक की सिर पर डंडा मारकर हत्या करने का मामला सामने आया है।पुलिस ने आरोपित रोहित को गिरफ्तार कर लिया है।

घटना उरुवा थाना क्षेत्र के इंद्रापार बुजुर्ग गांव की है। मृतक की पहचान उसी गांव के 32 वर्षीय अजय कुमार पांडेय पुत्र स्व. दिग्विजयनाथ पांडेय के रूप में हुई है।

मृतक के भाई चिंटू पांडेय ने पुलिस को दी गई तहरीर में जेसीबी चालक रोहित पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

चिंटू ने बताया कि गुरुवार की रात लगभग 8:15 बजे घर के सामने अपनी पत्नी को डांट फटकार रहे थे।

इसी बीच सामने स्थित साहब सिंह के भट्‌ठे से जेसीबी ड्राइवर रोहित उर्फ रोहन पुत्र समरनाथ वहां आ गया।

वह अजय से गाली-गलौज करने लगा।

अजय ने विरोध किया तो डंडे से उनके सिर पर मार दिया। जिससे उन्हें गंभीर चोट आई।

अजय को तत्काल इलाज के लिए पीएचसी उरुवा ले जाया गया। जहां से उसे मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कालेज में डाॅक्टर ने मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने दर्ज किया केस

उरुवा थाने में तहरीर के आधार पर आरोपित रोहित सिकरीगंज थाने के बेलसड़ी गांव का रहने वाला है। तहरीर के आधार पर पुलिस ने उसके विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपित ने गिरफ्तार कर लिया है।

आबकारी विभाग से ठगी में जुटे साइबर जालसाजों ने नकली आईडी बनाई

गोरखपुर।उत्तर प्रदेश में आबकारी विभाग के ज़रिए शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस ई-लॉटरी के ज़रिए मिलते हैं। इसके लिए सरकार बाकायदा नोटिफ़िकेशन जारी करती है। इसके बाद, लाइसेंस के लिए ऑनलाइन या ऑफ़लाइन आवेदन किया जाता है।

किंतु अब साइबर ठगों ने नकली वेवसाइट (आईडी) बना कर सरकारी शराब की दुकान खोलने के इच्छुक व्यावसाईयों से रकम ऐंठने की जुगत में जुट गए हैं।

ठगों से बचाव के लिए गोरखपुर जिला आबकारी अधिकारी ने उस नकली फर्जी वेबसाइट से सतर्क रहने और आॅनलाइन टेंडर न करने के लिए सूचना जारी की है।

आबकारी विभाग से शराब का ठेका पाने के लिए ज़रूरी दस्तावेजों में हैसियत प्रमाण पत्र के साथ अन्य जरूरी जानकारियां दे कर अपने नाम से टेंडर पाने के लिए आॅनलाइन आवेदन करते हुए रकम (फीस) जमा करनी पड़ती है।

आबकारी विभाग की ज़िम्मेदारी है कि वो शराब और दूसरे नशीले पदार्थों के निर्माण, कब्ज़े, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, और खपत को नियंत्रित करे और

इन सभी गतिविधियों पर नज़र रखे।

आबकारी विभाग से जुड़े कुछ और नियम:-

साल 2025-26 की आबकारी नीति में बदलाव के मुताबिक, देशी-विदेशी शराब, बीयर, भांग की फ़ुटकर दुकानों का लाइसेंस ई-लॉटरी के ज़रिए मिलेगा 

एक व्यक्ति को पूरे प्रदेश में ज़्यादा से ज़्यादा दो दुकानें ही ई-लॉटरी प्रक्रिया में मिल सकती हैं।

पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल नहीं होगा, देशी शराब और अंग्रेज़ी शराब बेचने के लिए अलग-अलग लाइसेंस जारी होते हैं।

किंतु साइबर ठगों ने अब नकली वेवसाइट ऐप और आईडी बनाकर ठेका लेने के इच्छुक व्यावसाईयों से आॅनलाइन ठगी का प्रयास शुरू कर दिया है। जिससे बचाव के लिए आबकारी विभाग द्वारा नकली (फेक) आईडी का चित्र साझा करते हुए व्यावसाईयों से इन साइबर ठगों से सावधान रहने की अपील की है।

विभाग द्वारा एक्स पर एक पोस्ट के जरिए नकली वेबसाइट का लिंक पोस्ट करते हुए कहा गया है कि कृपया इस नकली वेबसाइट से सावधान रहें,

यह आबकारी विभाग की ई-लाटरी की आधिकारिक वेबसाइट नहीं है। संभव है कि

यह वेबसाइट आपराधिक तत्वों द्वारा लोगों के पैसे अवैध रूप से धोखाधड़ी करके वसूलने के लिए बनायी गयी हो। आबकारी विभाग इस वेबसाइट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर रहा है। साथ ही बताया गया है कि ई-लाटरी के लिए आबकारी विभाग की एकमात्र आधिकारिक वेबसाइट

https://exciseelotteryup.upsdc.gov.in है। कृपया केवल इस आधिकारिक वेबसाइट को ही एक्सेस करें।

साथ ही इस सूचना को प्रदेश शासन मुख्य सचिव सूचना विभाग और विभागीय एडमिन को भी भेजा गया था।

इस संदर्भ में जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि सूचना लखनऊ मुख्यालय से प्राप्त हुई है, जिले में अभी किसी के धोखाधड़ी का शिकार होने की सूचना नहीं मिली है। संबंधित विभागों को जनहित में जागरूकता के लिए सूचना भेजी गई है।

एक्सप्रेस-वे पर हो रहे लगातार हादसे, जिम्मेदार मौन

खजनी गोरखपुर।गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे बन पूरी तरह से यात्रियों के स्वागत के लिए तैयार हो चुका है, आगामी अप्रैल महीने में इसके लोकार्पण की तैयारी है। इस एक्सप्रेस-वे पर कम्हरियाघाट बेलघाट में सरयू नदी पर बने सबसे बड़े पुल के अंडर एप्रोच का काम पूरा न होने के कारण इसके लोकार्पण में अनावश्यक देरी की जानकारी दी गई है। हालांकि मार्ग पर बिना टोल टैक्स अदा किए वाहनों का अनाधिकृत आवागमन बीते दो महीने से शुरू हो चुका है। लेकिन इसके शुरू होने से पहले ही सड़क हादसे में अब तक दर्जन भर लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 2 अक्टूबर को सिकरीगंज थाना क्षेत्र के मलांव गांव के पास अधेड़ व्यक्ति का शव मिला।

19 नवंबर को बेलघाट के ब्रह्मचारी गांव के भाई बहन शिवम् 17 वर्ष और करिश्मा 22 वर्ष खजनी में हरनहीं से लिंक एक्सप्रेस-वे पर चढ़े उनौला खास और खैराटी गांव के पिकअप वैन से टकराए, 30 जनवरी 2025 को बिहार राज्य के पूर्वी चंपारण मोतिहारी के तीन लोगों की सिकरीगंज थाना क्षेत्र के ददौरा गांव में लिंक एक्सप्रेस-वे पर घने कोहरे के कारण अज्ञात वाहन से हुए दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। 16 फरवरी को खजनी थाने के भगवानपुर टोल प्लाजा के पास सबेरे 5.30 बजे हुए हादसे में पीपीगंज क्षेत्र के दो बाइक सवारों

की मौत हो गई। 18 फरवरी को भगवानपुर टोल प्लाजा के पास हुए हादसे में राजस्थान के चुरू जिले के ट्रक चालक की मौत हो गई। अनाधिकृत रूप से लिंक एक्सप्रेस-वे पर यात्रा करते हुए सड़क हादसे में मरने वाले लोगों की लंबी फेहरिस्त तैयार हो चुकी है। सूत्रों की मानें तो एक्सप्रेस-वे पर हवा से बातें करते हुए तेज रफ्तार में बाइकिंग करने वाले और चार पहिया वाहन से यात्रा करते हुए हादसे में जान गंवाने वाले युवाओं की संख्या अधिक है।

लिंक एक्सप्रेस-वे का आधिकारिक लोकार्पण आगामी अप्रैल महीने में प्रस्तावित है, इस बीच लिंक एक्सप्रेस-वे लगभग पूरी तरह से बन कर तैयार हो चुका है। किंतु टोल प्लाजा और कैमरे आदि अभी सक्रिय नहीं हुए हैं साथ ही सुरक्षित यात्रा की दृष्टि से इस 91.35 किलोमीटर लंबे मार्ग पर अभी की स्थानों पर बैरिकेडिंग भी की गई है। किंतु स्थानीय लोग लंबी चौड़ी साफ सुथरी चमचमाती नई सड़क पर अपनी गाड़ियों को फूल स्पीड में दौड़ने के लिए इस कदर लालायित हैं कि आकस्मिक हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं। लेकिन एनएचआई और यूपीडा के अधिकारी इन हादसों से बेख़बर हो कर एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों का आवागमन रोकने में विफल हो रहे हैं।

इस संदर्भ में यूपीडा एक्सप्रेस-वे के प्रबंधक वेद प्रकाश शर्मा ने बताया कि एक हफ्ते के भीतर लिंक एक्सप्रेस-वे पर अनाधिकृत वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। इस समय एक्सप्रेस-वे की सफाई, धुलाई और फिनिशिंग का काम तेजी से चल रहा है।

यात्रियों और स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए इस एक्सप्रेस-वे पर 16 वाहन अंडरपास, 50 लाइट (छोटे) अंडरपास, और 35 पैदल यात्री अंडरपास बनाए गए हैं। इसके अलावां, इस एक्सप्रेस-वे पर 7 बड़े पुल, 27 छोटे पुल, 7 फ़्लाईओवर, और 2 टोल प्लाज़ा भी बन कर तैयार हो गया हैं। 91.35 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ज़िले के सहजनवां के जैतपुर गांव से शुरू होकर, आजमगढ़ ज़िले के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर स्थित सालारपुर गांव से जुड़ेगा। वर्तमान में

यह एक्सप्रेसवे 4 लेन चौड़ा है, जिसे भविष्य में 6 लेन तक बढ़ाया भी जा सकता है।

इस एक्सप्रेस-वे से गोरखपुर क्षेत्र, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के ज़रिए लखनऊ, आगरा, और दिल्ली से जुड़ जाएगा। इतना ही नहीं

इस एक्सप्रेस-वे पर औद्योगिक गलियारे का निर्माण भी किया जाएगा। इसीलिए इस एक्सप्रेस-वे को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की देखरेख में बनाया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए इस एक्सप्रेस-वे पर एक साइड सर्विस लेन भी बनाई गई है। माना जा रहा है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ा यह लिंक एक्सप्रेस-वे गोरखपुर और बस्ती मंडल के यात्रियों के लिए सरकार की एक बड़ी सौगात है जिस पर फर्राटा भरने और अपने गंतव्य तक बिना किसी जाम और घनी आबादी वाले इलाकों से बच कर लोग अपनी यात्राएं सुगमता से पूरी कर सकेंगे।

3:30 घंटे में पहुंच जाएंगे लखनऊ

7283 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस लिंक एक्सप्रेस-वे से गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़, सहित सिद्धार्थनगर, देवरिया, महाराजगंज और कुशीनगर जिले के लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन अभी नहीं हुआ है, लेकिन आवागमन दो माह पहले से शुरू हो चुका है।

आधिकारिक रूप में इस एक्सप्रेस-वे के शुरू हो जाने से लखनऊ का सफर 3.30 से 4 घंटे में ही पूरा हो जाएगा। गोरखपुर, अयोध्या होते हुए लखनऊ की तुलना में एक्सप्रेस-वे से लखनऊ की दूरी तकरीबन 30 से 40 किमी अधिक है, लेकिन मार्ग में कोई अवरोध नहीं होने की वजह से यात्रा में समय कम लगेगा।

सप्त दिवसीय विशेष शिविर कार्यक्रम के तीसरे दिन सोशल मिडिया का मानसिक प्रभाव पर डाला प्रकाश

गोरखपुर। महात्मा गांधी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सप्त दिवसीय विशेष शिविर कार्यक्रम के तीसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में डॉ सुष्मिता उपाध्याय प्रभारी मनोविज्ञान विभाग महात्मा गांधी पीजी कॉलेज उपस्थित रही। मुख्य अतिथि डॉ सुष्मिता उपाध्याय ने सोशल मिडिया का मानसिक प्रभाव पर प्रकाश डाला और कहा की युवाओं में आक्रमकता बढ़ रही हैं और उनकी एकाग्रता पर भी अधिक प्रभाव हो रहा हैं हमें बच्चों को सही दिशा देनी होगी।

जिसमे शिक्षक, माता पिता सभी की निश्चित सहभागिता होनी चाहिए। यह कार्यक्रम प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में किया गया। लक्ष्य गीत हर्षित तिवारी द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में स्वयंसेवक व स्वयंसेविकाओं ने अति उत्साह के साथ प्रतिभाग किया I कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनिल कुमार मिश्रा ने सभी अतिथिगण एवं शिक्षक गण का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से गणित विभाग के डॉ रविंद्र नाथ शुक्ल, डॉ शोभित श्रीवास्तव वनस्पति विभाग, डॉ राकेश तिवारी व्यवसाय प्रशासन विभाग आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे I

डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ उद्घाटन

गोरखपुर: पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्था का हृदय होता है तथा इसे संबंधित संस्था का ड्राइंग रूम कहा जाता है। शैक्षणिक पुस्तकालय के साथ-साथ सार्वजनिक पुस्तकालय को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि आमजन, बुद्धिजीवी, बुजुर्ग के साथ-साथ छात्र भी ज्ञान अर्जन में महती भूमिका निभा सके। पुरानी ज्ञान संपदा जैसे पांडुलिपि को संरक्षित करना पुस्तकालयों का परम धर्म होना चाहिए। उपरोक्त बाते दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 पूनम टंडन ने बुधवार को विवि परिसर स्थित दीक्षा भवन में लाइब्रेरी प्रोफेशनल एसोसिएशन, नई दिल्ली एवं िविश्वविद्यालय प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस आन नालेज आर्गेनाइजेशन इन एकेडमिक लाइब्रेरीज (आई-काल 2025) की अध्यक्षता करते हुए कही।

उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी, बिहार के कुलपति प्रो0 संजय श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा किया भारत वर्ष दुनिया में ज्ञान का केन्द्र है। हमारा अतीत एवं वर्तमान दोनों गौरवशाली है तथा शैक्षणिक सहित अन्य क्षेत्रों में दुनिया के लिए नजीर पेश करता है। उन्होंने अमेरिका सहित अन्य यूरोपीय देशों का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि वहाँ ज्ञान अर्जन शिशु पुस्तकालय से शुरू होकर शोध पुस्तकालय तक निरन्तर चलता रहता है। उन्होंने यूरोपीय देशों की भांति अपने देश में भी एकेडमिक एवं पब्लिक लाइब्रेरी को आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स के साथ-साथ डिजिटल एवं आनलाइन प्लेटफार्म पर आगे ले जाने के लिए पुस्तकालय विज्ञान के विशेषज्ञों से अनुरोध किया। उन्होंने केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति एवं विकसित भारत 2047 को अंजाम तक पहुंचाने की बात कही। जल सम्पदा के क्षेत्र में प्लेरिज्म, बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर) को और शक्ति से लागू करने की बात की। साथ ही उन्होंने आरएफआईडी, आडियो वीजुअल सेक्शन, पुस्तकों को एक से दूसरे संस्थाओं में आदान-प्रदान, आईटी का प्रयोग एवं मोबाइल लाइब्रेरी के प्रयोग पर बल दिया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में संगोष्ठी निदेशक विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 अनुभूति दूबे ने आगत अतिथियों का स्वागत किया वहीं लाइब्रेरी प्रोफेशनल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा0 रामानन्द मालवीय ने अपने संस्था के द्वारा भारत समेत पूरी दुनिया में लाइब्रेरी प्रोफेशनल को नई तकनीकों से अवगत कराने की बात कही तथा भारत सरकार के विकसित भारत अभियान 2047 में अहम योगदान का संकल्प लिया। कार्यक्रम में एल0पी0ए0 के महासचिव डा0 सलेक चन्द ने आई-काल 2025 के इतिहास, वर्तमान एवं भविष्य पर विस्तृत चर्चा किया। एल0पी0ए0 के कोषाध्यक्ष एवं संगोष्ठी के निदेशक आनन्द अंजनी झा ने पूरे देश एवं दुनिया में लाइब्रेरी क्षेत्र के विशिष्ट कार्य करने वाले लाइब्रेरी प्रोफेशनल का घोषणा करते हुए उन्हें अवार्ड से सम्मानित करवाया। इस अवसर पर 77 शोधपत्र के साथ कांफ्रेंस प्रोसीडिंग के पुस्तक का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में विश्वविद्यालय संगीत विभाग की छात्राओं ने कुलगीत प्रस्तुत कर आगत अतिथियों एवं प्रतिभागियों को भाव विभोर कर दिया। डा0 सूर्यकान्त त्रिपाठी के संचालन में चले कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप में मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। तत्पश्चात आयोजन समिति की ओर से अतिथियों को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

विशिष्ट कार्य करने वाले लाइब्रेरी प्रोफेशनल को दिया गया सम्मानः-

अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (आई-कोल 2025) उद्घाटन सत्र के मध्य में अतिथियों की ओर से एल0पी0ए0 नई दिल्ली द्वारा देश व दुनिया में पुस्तकालय के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न क्षेत्रों के पुस्तकालय विशेषज्ञों को अवार्ड दिया गया। सम्मान पाने वालों में महत्वपूर्ण लाइफटाइम एचीवमेन्ट अवार्ड-विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, म0प्र0 के अवकाश प्राप्त प्रो0 सोनल सिंह को प्रदान किया गया। सर्वोत्तम विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष अवार्ड मिजोरम के डा0 सुधीर कुमार झा को प्रदान किया गया। सर्वोत्तम कालेज लाइब्रेरियन का अवार्ड मेडिकल साइंस कालेज की रूची सिन्हा को प्रदान किया गया। सर्वात्त स्कूल लाइब्रेरियन का अवार्ड कोटा राजस्थान के मनीष मकेला को प्रदान किया गया। पब्लिक लाइब्रेरी के क्षेत्र में सर्वोच्च लाइब्रेरियन का अवार्ड राजस्थान के ही डा दीपक श्रीवास्तव को प्रदान किया गया। कार्पोरेट लाइब्रेरी के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान एनएचपीसी के डा पी0एन0 शर्मा को दिया गया। वहीं विशेष लाइब्रेरी के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान रोहतक मेडिकल साइंस, रोहतक, हरियाण के बबिता को प्रदान किया गया। उपरोक्त सम्मान के सम्बन्ध में एल0पी0ए0 के कोषाध्यक्ष डा आनन्द अंजनी झा ने बताया कि जूरी सदस्यों के गंभ्भीर मंथन के बाद उपरोक्त विद्वानों को एल0पी0ए0 की ओर से चयन किया गया।

अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र का समापन सह धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विश्वविद्यालय के ग्रंथालयी डा0 बिभाष कुमार मिश्रा ने विस्तार से एक-एक अतिथियों को कार्यक्रम में शरीक होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो0 रजनी कान्त पाण्डेय जी, विश्वविद्यालय के कुलसचिव धीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, नाईजीरिया के पुस्तकालय विज्ञान विशेषज्ञ इसीका चीका, हुसैनी मूसा, मुजफ्फरपुर बिहार के पुस्तकालयाध्यक्ष डा0 के0के0 चैधरी, डा0 गौरी कुमारी, पृथ्वीराज यदुवंशी सहित देश व दुनिया के सैकड़ों विशेषज्ञ शामिल हुए। विश्वविद्यालय के प्रो0 हर्ष कुमार सिन्हा, प्रो0 उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो0 दिनेश यादव, प्रो0 सुधीर श्रीवास्तव, डा0 उपेन्द्र नाथ त्रिपाठी, प्रो0 मनीष कुमार मिश्रा, प्रो0 कमलेश कुमार गुप्ता, प्रो0 प्रत्युश दुबे, प्रो0 राजेश कुमार सिंह, प्रो0 विनीता पाठक, प्रो0 उमा श्रीवास्तव, एस0एन0 पाण्डेय, डा0 राकेश कुमार मिश्र, डा0 कुशल नाथ मिश्र, डा0 मनोज द्विवेदी, महेन्द्र नाथ सिंह, योगेन्द्र यादव, सीमा प्रयाग चैधरी एवं ग्रंथालय के कर्मचारीगण तथा भारी संख्या में छात्र-छात्रायें उपस्थित रहीं।

*मनुष्य को चिंता रहित जीवन जीते हुए सत्य और प्रेम का ही आश्रय लेना चाहिए- ब्रह्मांस दास*

खजनी गोरखपुर।भगवान की भक्ति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए हृदय में प्रेम का भाव प्रबल होना चाहिए। समर्पित भाव से ईश्वर से प्रेम करने वाले भक्तों को संसार से कोई कष्ट नहीं होता। जीवन में शांति के लिए हमें चिंता रहित होकर सत्य और प्रेम को आत्मसात करते हुए प्रसन्नता पूर्वक जीवन जीना चाहिए।

उक्त उद्गार खजनी रूद्रपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन हनुमानगढ़ी अयोध्या से पधारे भागवत कथा व्यास ब्रह्मांसदास ब्रह्मचारी ने व्यक्त किए उन्होंने उपस्थित श्रद्धालु श्रोताओं को बताया कि कंस के श्वसुर और भगवान शिव के भक्त मगध नरेश जरासंध ने कंस वध का प्रतिशोध लेने के लिए 17 बार मथुरा पर चढ़ाई की जिसके कारण भगवान श्रीकृष्ण को मथुरा छोड़ कर जाना पड़ा और वो समुद्र के बीच द्वारिकापुरी में जा बसे, जिससे भगवान कृष्ण का एक नाम रणछोड़ कहलाया। इस दौरान भगवान कृष्ण और रूक्मिणी के विवाह की कथा के दौरान सुंदर झांकी सजाई गई। संगीतमय भागवत कथा में सुमधुर भजनों और कीर्तन की धुनों पर कथा पांडाल में उपस्थित लोग देर सायं तक भक्तिमय माहौल में झूमते रहे और भगवान श्रीकृष्ण रूक्मिणी के विवाह की लीला के प्रसंग का आनंद लिया। इसके साथ ही उन्होंने सत्यभामा विवाह, श्यामंतक मणि की चोरी जामवंती विवाह समेत भगवान के 16 हजार 108 विवाह की कथा का वर्णन करते हुए भगवान के बालसखा सुदामा की कथा सुनाई।

इस अवसर पर मुख्य यजमान पूर्व ग्रामप्रधान असमावती मिश्रा, प्रेमशंकर मिश्र, डॉ. उदय प्रकाश मिश्र जयप्रकाश तिवारी गणेश शंकर मिश्र संजय मिश्र श्रीप्रकाश मिश्र ओमप्रकाश वल्लभाशरण समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।