ममता बनर्जी ने क्यों की इस्तीफे की पेशकश, भाजपा से किस बात के लिए मांगा सबूत?

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी की ओर से लगाए जा रहे आरोपों के बाद आक्रोश जाहिर किया। ममता बनर्जी ने बीजेपी नेताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए अचानक अपने इस्तीफे की बात कह दी।बीजेपी के नेता ने उन पर बांग्‍लादेशी आतंक‍ियों के साथ रिश्ते होने, कट्टरपंथ‍ियों के साथ संबंध होने के आरोप लगाए थे। इस पर ममता बनर्जी ब‍िफर गईं।ममता ने कहा कि अगर भाजपा विधायक इन आरोपों को साबित कर दें, तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी।

पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने अपने खिलाफ बेबुनियाद टिप्पणियां करने के लिए भाजपा विधायकों की आलोचना की। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा से निलंबित होने के बाद ममता बजर्नी पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे। ममता बनर्जी इसी का जवाब दे रही थीं। ममता ने कहा, वे कह रहे हैं कि मेरे आतंकवादियों से संबंध हैं। इससे तो मर जाना ही अच्छा है। मैंने कुछ नहीं कहा फिर भी आप सबने मेरा संबंध आतंकवादियों से जोड़ दिया? यह देश सबका है। क्या मैं हिंदू धर्म का अपमान करती हूं या मुस्लिम लीग का समर्थन करती हूं? मैं कश्मीर या बांग्लादेश से आये आतंकवादियों के साथ रहती हूं? अगर आप इस आरोप को साबित कर सकें तो मैं एक दिन में सीएम पद छोड़ दूंगी। मैं प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखूंगी और पूछूंगी कि क्या विपक्षी नेता मेरे खिलाफ इस तरह के आरोप लगा सकते हैं।

ममता ने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी उन्हें (भाजपा विधायकों को) नफरत फैलाने वाले भाषण देने और लोगों को बांटने की अनुमति नहीं देती है। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब नफरत फैलाने वाली बातें नहीं है। आप (भाजपा विधायक) राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का सहारा लेते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते।

एक बार फिर टूटेगा पाकिस्तान! पाक सांसद ने शहबाज शरीफ को दी चेतावनी

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क्या एक बार फिर पाकिस्न के टूकड़े होने जा रहे हैं? दरअसल, पाकिस्तानी सांसद और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के अध्यक्ष फजल उर-रहमान ने सरकार को ऐसा आगाह किया है। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान प्रांत के एक हिस्से में पाकिस्तान से लोग खुश नहीं है। मौलाना फजलुर रहमान ने दावा किया है कि बलूचिस्तान के पांच से सात जिले टूटकर स्वतंत्रता की घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध का जिक्र करते हुए चेतावनी दी है कि ऐसी ही स्थिति एक बार फिर बन सकती है।

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रहमान ने पाकिस्तान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कुछ जिलों ने खुद को आजाद घोषित किया तो संयुक्त राष्ट्र भी इनकी आजादी को मान लेगा। शहबाज शरीफ को चेताते हुए रहमान ने कहा कि बलूचिस्तान के कुछ जिलों में आजादी का ऐलान और यूएन की स्वीकार्यता का मतलब पाकिस्तान का टूटना होगा। बलूचिस्तान के पांच से सात जिले आजादी का ऐलान कर सकते हैं और ये देश की हुकूमत के रवैये की वजह से होगा। 

फजल उर-रहमान ने कहा कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के सूरत-ए-हाल किसी से छिपे नहीं हैं। हम सब पाकिस्तानी हैं, हमारा अमन एक है और हमारी इज्जत-ओ-आबरू एक हैं। उस हवाले से हमें पता होना चाहिए कि इस वक्त 2 सूबों में हुकूमत का कोई रिट नहीं है। उन्होंने कहा, आज प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ यहां होते और उनसे पूछा जाता कि कबाइली इलाकों में क्या हो रहा है, बलूचिस्तान में क्या हो रहा है तो वो शायद यही कहते कि मुझे इसका इल्म नहीं है। अगर मेरा हुक्मरान मुल्क के मामलात के बारे में इतना बेखबर हैं और मुझे याद है एक जमाने में हमने मिलकर काम किया है। अफगानिस्तान हमारे जरिए जाते थे और मैंने जब उनसे पूछा तो उन्हें कोई इल्म नहीं था।

रहमान का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब बलूचिस्तान के बड़े हिस्से में हिंसा बढ़ रही है। इस क्षेत्र में सुन्नी-शिया संघर्ष भी चल रहा है। बीते साल नवंबर से यहां लगातार मौते हो रही हैं। कबीलाई लोग मशीनगनों और भारी हथियारों से लड़ रहे हैं, जिससे अफगानिस्तान बॉर्डर के पास का पहाड़ी इलाका पाकिस्तान सुरक्षाबलों की पकड़ निकल रहा है।

जरूरत पड़ी तो जेलेंस्की से बात करेंगे पुतिन', सऊदी में अमेरिका के साथ बैठक के बीच रूस का ऐलान

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डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म करने की चर्चा जोरों पर है। इस बीच यूक्रेन में जंग खत्म करने को लेकर अमेरिका ने रूस के साथ सऊदी अरब में बैठक की है।बैठक में इन दोनों मुल्कों के प्रतिनिधियों के अलावा सऊदी के प्रतिनिधि भी शामिल रहे, लेकिन यूक्रेन की तरफ से किसी को भई मीटिंग में नहीं बुलाया गया। इन सबके बीच रूस की सरकार ने एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा है कि अगर जरूरी है तो राष्ट्रपति पुतिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बात करने के लिए तैयार हैं।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने यह जानकारी देते हुए कहा कि रूस और अमेरिका के बीच वार्ता अब खत्म हो गई है। इसके साथ ही, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक के लिए अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है। वहीं, कहा कि किसी भी समझौते का कानूनी आधार तय होना चाहिए, खासकर इस संदर्भ में कि जेलेंस्की की वैधता पर सवाल हो सकता है।

राष्ट्रपति पुतिन का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब आज मंगलवारको सऊदी अरब में रूस और अमेरिका के राजनयिकों की बैठक हुई। इस मीटिंग का उद्देश्य रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए एक समझौता करना है। बैठक के दौरान खास बात ये देखने को मिली कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने को लेकर चर्चा की गई लेकिन यूक्रेन के राजनयिक को जगह नहीं दी गई।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका देश युद्ध समाप्त करने के लिए इस सप्ताह अमेरिका-रूस वार्ता में भाग नहीं लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि यूक्रेन इस वार्ता में भाग नहीं लेगा इसलिए वह वार्ता के नतीजों को भी स्वीकार नहीं करेगा।

क्रैश, आग का गोला, पलटाव: डेल्टा एयरलाइंस की घटनापूर्ण लैंडिंग

डेल्टा एयरलाइंस का एक जेट विमान, जिसमें 76 यात्री और चार चालक दल के सदस्य सहित 80 लोग सवार थे, सोमवार दोपहर टोरंटो के पियर्सन हवाई अड्डे पर एक नाटकीय क्रैश लैंडिंग में शामिल था। विमान, एक मित्सुबिशी CRJ-900LR, दोपहर लगभग 2.15 बजे उतरने का प्रयास करते समय अपनी छत पर पलट गया। हवाई अड्डे के अधिकारियों के अनुसार, सभी यात्री बच गए, हालांकि 18 को मामूली चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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मिनियापोलिस से रवाना हुई इस उड़ान को खराब मौसम की स्थिति का सामना करना पड़ा, क्योंकि 40 मील प्रति घंटे (65 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के कारण बर्फ़बारी हुई, जो रनवे पर घूम रही थी। विमान के दृष्टिकोण के दौरान पायलट और हवाई यातायात नियंत्रण के बीच सामान्य संचार के बावजूद, विमान के उतरते समय कुछ गड़बड़ हो गई, जिससे यह अपने रास्ते से भटक गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में विमान के उतरने और उसके बाद होने वाले प्रभाव और पलटाव को दिखाया गया है।

यात्रियों ने भयावहता का वर्णन किया

पैरामेडिक्स सम्मेलन के लिए टोरंटो जा रहे यात्री पीटर कार्लसन ने लैंडिंग को "बहुत जोरदार" बताया। उन्होंने उस पल को याद करते हुए कहा: "अचानक, सब कुछ एक तरफ़ हो गया, और फिर अगली बात जो मुझे पता चली, वह यह कि मैं एक झटके में उल्टा हो गया, फिर भी मैं विमान में बंधा हुआ था।"

कार्लसन और अन्य यात्रियों ने एक माँ और उसके छोटे बेटे सहित आस-पास के लोगों को विमान से बाहर निकालने में मदद की। उन्होंने बर्फ़ से ढके टरमैक को "टुंड्रा जैसा महसूस" बताया, लेकिन कहा कि वह और उनके साथी यात्री ठंड की स्थिति से ज़्यादा सुरक्षित जगह पर पहुँचने के बारे में चिंतित थे।

ग्रेटर टोरंटो एयरपोर्ट अथॉरिटी की सीईओ डेबोरा फ्लिंट ने आभार व्यक्त किया कि कोई मौत नहीं हुई, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि लगी चोटें अपेक्षाकृत मामूली थीं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम बहुत आभारी हैं कि कोई जान नहीं गई।"

विमानन दुर्घटनाओं में वृद्धि

यह दुर्घटना उत्तरी अमेरिका में महत्वपूर्ण विमानन दुर्घटनाओं की श्रृंखला में नवीनतम है। कुछ ही सप्ताह पहले, वाशिंगटन डी.सी. में एक घातक हेलीकॉप्टर दुर्घटना, फिलाडेल्फिया में एक विमान दुर्घटना और अलास्का में एक दुर्घटना में दर्जनों लोग मारे गए थे। पियरसन में आखिरी बड़ी दुर्घटना 2005 में हुई थी, जब पेरिस से आ रहा एक एयरबस A340 रनवे से फिसल गया था और उसमें आग लग गई थी, हालांकि उस समय कोई हताहत नहीं हुआ था।

रूस-अमेरिका की बातचीत से यूरोप में क्यों बढ़ी टेंशन?

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अमेरिका और रूस में यूक्रेन युद्ध को लेकर हो रही बातचीत से यूरोप टेंशन में हैं। अधिकतर यूरोपीय देश के नेता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीधे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत को लेकर नाराज हैं। नाटो देशों ने आशंका जताई है कि इस वार्ता से रूस को फायदा होगा, जबकि बाकी सभी नुकसान उठाएंगे।

सऊदी अरब में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्क रूबियो के स्तर पर हो रही है। अगर यह वार्ता सफल रही, तो यूक्रेन संकट के हल की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि यूरोपीय देश इस पहल को लेकर उत्साहित नहीं दिख रहा। वो इसलिए भी कि वो इस बैठक का हिस्सा है। सभी युद्ध खत्म करना चाहते हैं, लेकिन इसका रास्ता क्या हो—यही असली मतभेद है। सवाल यह है कि जब ट्रंप खुद शांति वार्ता को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो यूरोप इस पर संशय में क्यों है?

यूरोपीय देशों के लिए रूस केवल एक आक्रामक शक्ति नहीं है, बल्कि एक भविष्य की चिंता का नाम भी है। पोलैंड, बाल्टिक देश और जर्मनी जैसे देशों को यह डर सता रहा है कि अगर युद्ध बिना किसी ठोस शर्तों के खत्म हो गया, तो रूस अपनी विस्तारवादी नीतियों के साथ फिर से सक्रिय हो सकता है। यही कारण है कि यूरोप चाहता है कि युद्ध का अंत रूस की हार के साथ हो, ताकि रूस की सैन्य ताकत कमजोर हो सके और भविष्य में उसे फिर से चुनौती देने की स्थिति न बने।

इधर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने ट्वीट किया, कई यूरोपीय नेताओं को एक साथ लाने के बाद, मैंने अभी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फिर राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बात की है। हम यूक्रेन में एक मजबूत और स्थायी शांति चाहते हैं। इसे हासिल करने के लिए, रूस को अपनी आक्रामकता खत्म करनी होगी और इसके साथ यूक्रेनियन के लिए मजबूत और विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी होनी चाहिए। अन्यथा, जोखिम है कि यह युद्धविराम मिन्स्क समझौते की तरह खत्म हो जाएगा। हम सभी यूरोपीय, अमेरिकियों और यूक्रेनियन के साथ मिलकर इस पर काम करेंगे।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह संकेत दिया था कि वह सऊदी अरब में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि रियाद में होने वाली वार्ता में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के भी भाग लेने की उम्मीद है. रुबियो की यह यात्रा पिछले हफ्ते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद हो रही है. पुतिन के साथ बातचीत में ट्रंप ने कहा था कि वे ‘अपनी-अपनी टीम द्वारा तुरंत बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए हैं’.

लालू यादव के बाद ममता बनर्जी का विवादित बयान, महाकुंभ को बताया 'मृत्युकुंभ'

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बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ पर बेहद विवादित बयान दिया है। मंगलवार को अपने एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा, महाकुंभ अब महा कुंभ नहीं बल्कि 'मृत्यु कुंभ' में बदल गया है। मुख्यमंत्री ने अपने लंबे चौड़े संबोधन के बीच यूपी की सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। वहीं, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि महाकुंभ में वीआईपी को विशेष सुविधा मिल रही है, जबकि आम लोग परेशान हैं।

ममता बनर्जी ने कहा, यह 'मृत्यु कुंभ' है...मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मैं पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं। लेकिन कोई योजना नहीं है। उन्होंने आगे कहा, कितने लोगों को बरामद किया गया है? अमीर, वीआईपी के लिए 1 लाख रुपए तक के शिविर प्राप्त करने की व्यवस्था उपलब्ध है। गरीबों के लिए, कुंभ में कोई व्यवस्था नहीं है।

ममता बनर्जी ने कहा, वीआईपी-वीवीआईपी को कोई दिक्कत नहीं हो रही है। लेकिन आम आदमी भीड़ में मर रहा है। इतना बड़ा आयोजन, इतने लोगों की जान चली गई. फिर भी लोग प्रचार में लगे हैं।

बता दें, ममता बनर्जी से पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया था। लालू यादव से जब कुंभ को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था, कुंभ का क्या मतलब है, फालतू है कुंभ। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारें में हलचल मच गई थी।

यूक्रेन जंग खत्म करने के लिए सऊदी अरब में अमेरिका-रूस के बीच बातचीत शुरू, जेलेंस्की को न्योता नहीं

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यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के मकसद से अमेरिका और रूस के बीच सऊदी अरब में वार्ता शुरू हो गई है।यह वार्ता अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हो रही है। हालांकि, इस वार्ता में यूक्रेन की तरफ से कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं है। दरअसल, यूक्रेन को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया है। खुद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।

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अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री मार्को रुबियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और पश्चिम एशिया के लिए डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विट्कॉफ बैठक में मौजूद रहे। जबकि रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लावरोव करेंगे और उसमें पुतिन के सलाहकार यूरी यूशाकोव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। वहीं, यूक्रेन को इस बैठक में नहीं बुलाया गया है। जबकि यह बातचीत यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के उद्देश्य से हो रही है। रूस और अमेरिका इस बैठक के दो पक्ष हैं और सऊदी मध्यस्थ की भूमिका मे है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका देश युद्ध समाप्त करने के लिए इस सप्ताह अमेरिका-रूस वार्ता में भाग नहीं लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि यूक्रेन इस वार्ता में भाग नहीं लेगा इसलिए वह वार्ता के नतीजों को भी स्वीकार नहीं करेगा। यूएई में एक कांफ्रेंस कॉल के दौरान जेलेंस्की ने पत्रकारों से कहा, उनकी सरकार को सऊदी अरब में मंगलवार की नियोजित वार्ता के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।

यूरोपीय संघ को भी चर्चा में शामिल नहीं किया गया है। यूरोपीय नेताओं ने इस पर एतराज जताते हुए किसी भी शांति वार्ता में अपनी भागीदारी की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि एक निष्पक्ष और स्थायी शांति के लिए उनकी मौजूदगी जरूरी है।

फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब में यह बैठक यूक्रेन पर रूसी हमले के तीन साल बाद हो रही है। अमेरिका की शांति समझौते में भूमिका की वजह से इसे अहम माना जा रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग और रूस के अधिकारियों में बातचीत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल ही में फोन पर चर्चा के बाद हो रही है। 12 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेढ़ घंटे तक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर वार्ता कर संबंधों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया शुरू की है। फोन पर दोनों नेताओं ने यूक्रेन पर तुरंत शांति वार्ता शुरू करने पर सहमति जताई थी।

यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद रूस को अलग-थलग करने की अमेरिकी नीति में बदलाव किया है। इससे पहले अमेरिका यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उसे अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा था। अब दोनों देश को शीर्ष अधिकारी मिले हैं। यह बातचीत डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक का रास्ता भी खोल सकती है।

रविंद्र नेगी ने मनीष सिसोदिया पर लगाया गंभीर बड़ा आरोप, वीडियो शेयर कर कहा- सोफा, AC, TV सब उठा ले गए

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दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए। जिसमें पिछले 11 सालों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार हुई। वहीं बीजेपी 27 सालों के बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। एक तरह जहां दिल्ली में नए सीएम को लेकर हलचल तेज है दूसरी ओर बीजेपी विधायक ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर चोरी का गंभीर आरोप लगाए हैं।

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पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज से मौजूदा भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक और उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया पर बड़ा आरोप लगाया है। विधायक रविंद्र नेगी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी से पटपड़गंज के पूर्व विधायक मनीष सिसोदिया ने चुनाव से पहले ही अपना असली चेहरा दिखा दिया था। उन्होंने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि मनीष सिसोदिया विधानसभा कैंप कार्यालय से एसी, टीवी (AC,TV) टेबल, कुर्सी और पंखे जैसे सामान सब चुरा ले गए।

विधायक रविंद्र नेगी ने आगे लिखा कि इनकी भ्रष्टाचार की हदें अब भी पार नहीं हुईं। अब ये अपनी असलियत और चोरी छिपाने की राजनीति में माहिर हो गए हैं। हम जनता के हक की रक्षा करेंगे और ऐसे भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करेंगे। आगे कहा कि हम इस मामले में मनीष सिसोदिया को कानूनी नोटिस भेजने वाले हैं।

बता दें कि हाल ही में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। भाजपा ने 70 सीटों में से 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया है। वहीं,आम आदमी पार्टी को सिर्फ 22 सीटें ही मिली हैं। उधर, भारतीय जनता पार्टी अब मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी में जुटी हुई है

अश्लील कंटेंट को लेकर क्या कर रही सरकार, रणवीर अलाहाबादिया मामले के बीच सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से सवाल

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आने वाली आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से सवाल किया है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट के बारे में कुछ करने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने एक तरफ तो यूट्यूबर रणवीर अलाहाबादिया को इंडियाज गॉट लेटेंट शो के दौरान उनकी अभद्र टिप्पणी को लेकर जमकर फटकार लगाई। वहीं, दूसरी तरफ केंद्र सरकार से यूट्यूब और सोशल मीडिया पर फैल रही अश्लील सामग्री को लेकर जवाब मांगा है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने केंद्र को इस मामले में नोटिस जारी किया है। एएसजी ऐश्वर्या भाटी से बेंच ने कहा कि आप एसजी और एजी को हमारी चिंता के बारे में सूचित करें और हमें बताएं। एक अन्य मामले में एएसजी ऐश्वर्या भाटी जब जस्टिस सूर्यकांत की बेंच के सामने पेश हुईं, तब जस्टिस सूर्यकांत ने भाटी से कहा, हम सोशल मीडिया में अश्लील कंटेंट के मुद्दे पर भी विचार करेंगे। हम मुद्दे का विस्तार कर रहे हैं, सरकार बताए कि उसने क्या किया है?

जस्टिस सूर्यकांत ने मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी की भी सहायता मांगी और कहा कि हमें इस मुद्दे के महत्व और संवेदनशीलता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर अलाहाबादिया को ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में उनकी उपस्थिति के दौरान उनकी विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर कड़ी फटकार लगाई।सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूब पर एक कार्यक्रम के दौरान इन्फ्लुएंसर द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर सवाल उठाया और कहा कि समाज के कुछ मूल्य हैं। शीर्ष अदालत ने कहा, आपके द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द बेटियों, बहनों, माता-पिता और यहां तक कि समाज को भी शर्मिंदगी महसूस कराएंगे। कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी को भी समाज के मानदंडों के खिलाफ कुछ भी बोलने की छूट नहीं है। पीठ ने इन्फ्ल्युएंसर के वकील से पूछा, समाज के मूल्य क्या हैं, ये मानक क्या हैं, क्या आपको पता है।

टेस्ला की भारत में होगी एंट्री? दिल्‍ली-मुंबई में कर्मचारियों की भर्ती के लिए निकाला विज्ञापन

#trip_tesla_hires_in_india_signaling_entry_plans

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प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की अमेरिका दौरे का असर दिखने लगा है। अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता टेस्ला की भारत में एंट्री होने जा रही है। टेस्ला ने भारत में अलग-अलग पदों के लिए भर्तियां शुरू कर दी हैं। इनमें व्यवसाय संचालन विश्लेषक और ग्राहक सहायता विशेषज्ञ शामिल हैं। यह कंपनी के भारत में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। ये सब कुछ तब हो रहा है जब, एलन मस्क ने हाल में अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उसके बाद से ही उनकी कंपनियों टेस्ला और स्टारलिंक के भारत में एंट्री मारने की अटकलें तेज हो गई हैं।

टेस्ला ने भारत में हायरिंग शुरू कर दी है। इस हायरिंग के शुरुआती दौर में टेस्ला ने 13 जॉब्स निकाली हैं।इनमें ग्राहक-संबंधी और बैक-एंड भूमिकाएं शामिल थीं। कुल पदों में से कम से कम पांच पद, जैसे सेवा तकनीशियन और विभिन्न सलाहकार भूमिकाएं, मुंबई और दिल्ली दोनों स्थानों के लिए उपलब्ध हैं। वहीं, कस्‍टमर इंगजमेंट मैनेजर और डिलीवरी संचालन विशेषज्ञ जैसी नौकरियां विशेष रूप से मुंबई के लिए सूचीबद्ध की गई हैं।

आपको बता दें कि बीते कई सालों से भारत टेस्ला को लाने की तैयारी कर रहा था। टेस्ला भी भारत में एंट्री को आतुर थात्र लेकिन इन सब के बीच भारत के टैक्स और ड्यूटीज आड़े आ रही थी। अब जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं और टैरिफ को लेकर उनका रवैया दिख रहा है। उसमें भारत ने अपने कदम को थोड़ा पीछे खींचा है। बजट में जिस से इंपोर्ट ड्यूटी कम किया गया है। उससे साफ है कि अमेरिका के टैरिफ वॉर से भारत अलग रहना चाहता है और ज्यादा से बिजनेस बढ़ाना चाहता है।

टेस्ला और भारत के बीच रिश्ते काफी उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं। टेस्ला ज्यादा टैरिफ के कारण भारत आने से डर रही थी। सरकार ने अब 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली गाड़ियों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 110% से घटाकर 70% कर दी है। यह टेस्ला के लिए एक अच्छा मौका है। चीन की तुलना में भारत में ईवी कारों का बाजार अभी शुरुआती दौर में है। भारत में पिछले साल करीब 100,000 ईवी बिकी थीं जबकि चीन में यह संख्या 1.1 करोड़ थी।