महाकुंभ में भारतीय संस्कृति और व्यवस्थाओं का अध्ययन कर रहे विदेशी सैलानी

डेस्क:–इस बार महाकुंभ में विदेशी सैलानियों की रुचि में बड़ा बदलाव देखा गया है। पहले जहां विदेशी पर्यटक नागा साधुओं और उनके रहस्यमय जीवन को जानने के लिए आते थे, वहीं इस बार वे महाकुंभ की स्वच्छता, यातायात व्यवस्था और संपूर्ण आयोजन प्रबंधन का अध्ययन करने भी आ रहे हैं।

इस बार मेले में पहले से कहीं ज्यादा विदेशी सैलानी पहुंचे और उन्होंने भारतीय संस्कृति को नजदीक से देखा और अनुभव किया।

अग्नि अखाड़े के सचिव महामंडलेश्वर संपूर्णानंद जी ने बताया कि इस बार कई देशों से विदेशी पर्यटक प्रयागराज आए हैं। उन्होंने यहां ब्रह्मचारी जीवन और गृहस्थ जीवन के अंतर को करीब से जाना और समझा। अब विदेशी सैलानी सिर्फ नागा साधुओं के जीवन को देखने नहीं आ रहे, बल्कि वे महाकुंभ की व्यवस्थाओं और सनातन संस्कृति का गहराई से अध्ययन करने भी आ रहे हैं।

अफ्रीका के घाना देश से आए जितेंद्र सिंह नेगी (उच्चायोग अफेयर्स, घाना) ने बताया कि उनके पूर्वज भारत से घाना गए थे और पहली बार प्रयागराज आकर उन्हें सनातन धर्म की अद्भुत जानकारी मिली।

उन्होंने कहा, "हमने पहली बार गुरुजी (अग्नि अखाड़ा महामंडलेश्वर संपूर्णानंद जी) से मुलाकात की और सनातन धर्म के गूढ़ रहस्यों को समझा। हमारे साथ 16 अन्य प्रतिनिधि भी आए, जिन्होंने भारतीय संस्कृति को गहराई से जाना।"

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इसी क्रम में विदेशी सैलानी अंकिता उपाध्याय ने बताया, "हमने महाकुंभ के बारे में जो सुना था, उससे कहीं अधिक यहां आकर देखा और महसूस किया। व्यवस्थाओं की सुगमता और संगम की आध्यात्मिक ऊर्जा ने हमें नई अनुभूति दी है।"

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महाकुंभ नगर प्रशासन के अनुसार, महाकुंभ 2025 में अब तक 50 से अधिक देशों के सैलानी आ चुके हैं और आगे भी बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना है।

महबूबा मुफ्ती के बयान पर रविंद्र रैना ने जताई नाराजगी

डेस्क:–जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को पाकिस्तान के लिए रास्ते खोलने की वकालत की। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने उनके बयान की निंदा करते हुए उनसे माफी की मांग की है। रविंद्र रैना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने "बेहद गैर-जिम्मेदाराना" बयान दिया है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित है, जो पिछले 35 साल से यहां पनप रहा है।

पाकिस्तान प्रायोजित इस आतंकवाद के कारण जम्मू-कश्मीर को नुकसान उठाना पड़ा है, यहां पाकिस्तान और इस्लामाबाद के आतंकवादियों और अलगाववादियों के इशारे पर बम, बंदूकें और गोलियां फैलाई गईं। इसे महबूबा मुफ्ती अच्छी तरह से जानती हैं। उनके इस बयान में भी साजिश है। वह जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। जम्मू-कश्मीर के अंदर अमन, शांति हमारी प्राथमिकता है। रैना ने आगे कहा कि पिछले 10 साल से पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की शांति के लिए बहुत काम किए हैं। उनकी कोशिशों का नतीजा है कि आज यहां के लोग खुशहाली के रास्तों पर आगे बढ़ रहे हैं।

महबूबा मुफ्ती ने आतंकी हमले को हमेशा एक राजनीतिक हथकंडा बनाया है। वह फिर इस पर प्रपंच रच रही हैं। उन्हें अपने इस गलत बयानबाजी के लिए माफी मांगनी चाहिए। वह झूठा प्रोपेगेंडा फैलाने का काम कर रही हैं। इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को जम्मू में पार्टी मुख्यालय में अपनी पीडीपी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए 11 फरवरी को अखनूर सेक्टर में हुए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट के बारे में बात की थी। इसमें सेना के एक कैप्टन और एक जवान की मौत हो गई थी। इस दौरान उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बारे में बात की और पाकिस्तान के लिए मार्ग खोलने की वकालत की।
महाकुंभ में प्रदर्शनी ने बटोरी वाहवाही, श्रद्धालुओं ने पीएम मोदी और सीएम योगी की तारीफ

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जहां श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ यहां पर राज्य सरकार द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है। एक प्रदर्शनी में राज्य के पर्यटन, खान-पान, हस्तशिल्प और ग्रामीण पर्यटन को दर्शाया गया है। इसके अलावा, यह प्रदर्शनी 'एक जिला, एक उत्पाद' पहल को बढ़ावा देती है, जिसमें विभिन्न जिलों के अनूठे उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल शामिल हैं।

महाकुंभ में उत्तर प्रदेश की प्रदर्शनी देखने आई एक श्रद्धालु ने कहा, "व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं और सब कुछ अच्छी तरह से मैनेज है। हमें कोई कठिनाई नहीं हो रही है और यहां का माहौल वाकई अद्भुत है। मैं पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करना चाहती हूं।" प्रदर्शनी देखने आई एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, "गंगा में डुबकी लगाते समय मेरी आंखों में आंसू आ गए। यहां सुरक्षा और सफाई बेहतरीन है। इस प्रदर्शनी में हस्तनिर्मित उत्पाद और अन्य वस्तुएं अद्भुत हैं, और कीमतें भी उचित हैं। मैं पश्चिम बंगाल से आई हूं और मैंने पहली बार ऐसी प्रदर्शनी देखी है। कोलकाता में काफी महंगी चीजें मिलती हैं, लेकिन यहां पर काफी सस्ती चीजें मिल रही हैं। यहां का अनुभव काफी अच्छा है। पीएम मोदी ने देश के लिए बहुत किया है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी यहां पर श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।"

एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि राज्य सरकार ने यहां पर भीड़ को अच्छी तरह से नियंत्रित किया है। योगी सरकार ने बहुत ही भव्य महाकुंभ का आयोजन किया है। एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद करना चाहतीहूं कि यहां पर बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है। यहां पर प्रदर्शनी में पीएम मोदी की स्टार्टअप क्रांति देखने को मिल रही है। बहुत ही सस्ते दामों पर चीजें मिल रही हैं। महाकुंभ से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला है।
आर्थिक संकट से छुटकारा पाने के लिए घर से कुछ चीजों को हटाना बहुत महत्वपूर्ण है
* डेस्क:* मध्य लोगों को वित्तीय संकट में रहना होगा। हालांकि, ज्योतिष की सलाह का पालन करने से कुछ समस्याएं हल हो सकती हैं।
हम हर दिन ऐसी गलतियाँ करते हैं, ऐसा करने से जीवन में वित्तीय संकट पैदा होगा। यदि आप इन चीजों को अपने घर में छोड़ देते हैं, तो आपके जीवन में पैसा संकट में होगा। जानें कि कौन सी चीजें घर पर नहीं रखनी है ।

*यह पानी कॉल*

घर पर कभी पानी बर्बाद न करें। ऐसा करने से जीवन में वित्तीय संकट आएगा। यदि आपके घर से पानी निकलता है, तो पानी बंद करने का प्रयास करें। या यदि पानी आपके घर के किसी भी कॉल से गिरता है, तो उस कॉल को आज बदलें।

*टूटी हुई घड़ी या बर्तन*

पारिस्थितिक विशेषज्ञों के अनुसार, घर पर टूटी हुई घड़ी या टूटी हुई बर्तन रखना बहुत अशुभ है। ऐसा करने से जीवन में आपका पैसा हो सकता है।यह आपके जीवन में खुशी को भी खत्म कर देगा। इसलिए पहले से सावधान रहें।

*ऐसा पैसा*

यदि आप एक अच्छा रास्ता नहीं कमाते हैं या बुराई का रास्ता बनाते हैं, तो गरीबी अभी भी आपके जीवन में आएगी। संसाधन नहीं बढ़ेंगे। आप किसी भी तरह से सफलता प्राप्त नहीं कर सकते। यदि आप एक बुरा रास्ता कमाते हैं, तो आप उस पैसे को घर पर नहीं रख पाएंगे।

*टूटी हुई मूर्ति*

हर समय टैगोर की जगह साफ रखें। इसके साथ, आप हर दिन पूजा करेंगे। यायदि आप भगवान का नाम नहीं रखते हैं, लेकिन आपका वित्तीय संकट जीवन लेगा। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना कमाते हैं, आप पैसे नहीं पकड़ सकते। टूटी हुई प्रतिमा को घर में न रखें। यह बहुत अशुभ है।
IIT के बाद अब रामा यूनिवर्सिटी के छात्र ने किया सुसाइड,तीन दिन के अंदर दो छात्रों के सुसाइड करने से युवाओं की मानसिक स्थिति को लेकर चर्चा शुरू

डेस्क:–कानपुर में छात्रों के सुसाइड करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही आईआईटी कानपुर के एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अब बार फिर कानपुर की एक यूनिवर्सिटी से सुसाइड का मामला सामने आया है। रामा मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र ने परीक्षा में बैक आने पर फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। छात्र बी फार्मा के फर्स्ट ईयर का छात्र था। तीन दिन के अंदर दो छात्रों के सुसाइड करने से युवाओं की मानसिक स्थिति को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।

सीतापुर के रहने वाले सरोज गुप्ता के दो बेटे और एक बेटी है, जिसमें से एक बेटे ने सुसाइड कर लिया है। उनका एक बेटा नवीन कानपुर के मंधना स्थिति रामा यूनिवर्सिटी में बी फार्मा का फर्स्ट ईयर का छात्र था। एक हफ्ते पहले नवीन की सेमेस्टर परीक्षा हुई थी। उस परीक्षा में नवीन के सभी विषयों में बैक आई थी। इस बात से नवीन काफी परेशान था और डिप्रेशन में रहने लगा था। दो दिन पहले उसने अपने परिवार से वीडियो कॉल पर बात भी की थी।

बुधवार देर शाम जब नवीन के हॉस्टल का कमरा नहीं खुला तो उसके दोस्तों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को खबर दी। जब दरवाजा खुलवाया गया तो नवीन फंदे से लटक रहा था। नवीन के परिजनों का कहना था कि कुछ समय पहले नवीन बीमार हो गया था। हालांकि, उसके सारे टेस्ट की रिपोर्ट सामान्य आई थी। नवीन जुड़वा बच्चा था। उसकी बहन और वो एक साथ पैदा हुए थे। नवीन की बहन उससे मात्र दो सेकंड बड़ी थी।

सुसाइड की खबर मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। नवीन के परिजनों को सूचना दे दी गई थी। हॉस्टल में कमरे में एक अन्य छात्र भी नवीन के साथ रहता था, जो छुट्टी पर गया हुआ था। पुलिस अब पूरे मामले में जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार अगर मृतक के परिजन कोई तहरीर देंगे तो उस आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।
श्रीनगर में पानीपत के जवान सत्यजीत का हुआ निधन,दो महीने बाद होनी थी शादी

डेस्क:–जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पानीपत के जवान सत्यजीत (25) की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई। जवान का पार्थिव शरीर 12 फरवरी को उसके पैतृक गांव शेरा पहुंचा। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। हालांकि, सलामी देने वाली सेना की टुकड़ी साथ नहीं आई। मतलौडा गांव में कुछ समय के लिए शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है, इसके बाद पैतृक गांव शेरा में ही इसका अंतिम संस्कार किया गया।

जवान का शव मंगलवार को श्रीनगर से हेलिकॉप्टर के जरिए दिल्ली भेजा गया था। दिल्ली से इसे इसके बाद सेना की एम्बुलेंस से घर पहुंचाया गया। सत्यजीत की करीब 2 महीने बाद 5 अप्रैल को शादी होनी थी। ऐसे में घर में तैयारियां चल रहीं थी। सत्यजीत खुद भी इसकी तैयारियों में जुटे हुए थे। 3 दिन पहले ही वह शादी की शॉपिंग कर ड्यूटी पर लौटे थे।

सत्यजीत शूटिंग में नेशनल लेवल के खिलाड़ी थे. उन्होंने गोल्ड मेडल भी जीता था। स्पोर्ट्स कोटे से ही वह आर्मी में भर्ती हुए थे। सत्यजीत के पिता सज्जन सिंह ने बताया है कि सत्यजीत 6 साल पहले स्पोर्ट्स कोटे से सेना की राष्ट्रीय राइफल्स (RR) बटालियन में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे। वह 2 साल पहले हवलदार के पद पर पदोन्नत हुए थे। भर्ती होने से पहले उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी कई मेडल जीते थे। उन्हें हाल में ही आर्मी कमांडर पत्र से भी नवाजा गया था।

सज्जन सिंह ने कहा कि 2 महीने बाद सत्यजीत की शादी थी, इसलिए वह शॉपिंग के लिए छुट्टी पर घर आए थे। शादी के वक्त ज्यादा काम बाकी न रहे, इसलिए कपड़े तैयार करवा लिए थे। 9 फरवरी को ही वह छुट्टियां खत्म कर ड्यूटी पर लौटे थे। सज्जन सिंह बताते हैं कि 10 तारीख को उनके पास फोन आया कि सत्यजीत को गोली लगी है। ऐसे में ये सूचना मिलते ही पूरा परिवार चिंतित हो गया।

परिवार बेटे के स्वस्थ होने की कामना कर ही रहा था कि 11 फरवरी को दोबारा फोन आया और बताया गया कि सत्यजीत की मौत हो गई है। बेटे की मौत की सूचना मिलते ही परिवार में मातम छा गया। हालांकि, परिवार को यह नहीं पता लगा कि गोली किस तरह लगी है।

सत्यजीत के पिता सज्जन सिंह खुद सेना से सूबेदार के पद से रिटायर हैं। करीब 8 साल पहले वह सेना से रिटायर हुए थे। सत्यजीत अपने पिता सज्जन सिंह से काफी प्रभावित थे। वह हमेशा से ही अपने पिता की तरह देश की सेवा करना चाहते थे। यही कारण था कि स्पोर्ट्स में अच्छा करने के बावजूद उन्होंने सेना में जाना चुना। ऐसे में अब परिवार में सत्यजीत के एक छोटे भाई हैं, जो परिवार के साथ मतलौडा में रहते हैं। सत्यजीत के अंतिम संस्कार में मंत्री, विधायक व प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल होंगे। परिवार के सदस्य उनके शव को लेने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं।
महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज से दो दिनों में 568 ट्रेन चलाई गईं

डेस्क:–महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज से दो दिनों में 568 ट्रेन चलाई गईं. इनमें 27 लाख 8 हजार यात्रियों ने सफर किया। इनमें 12 फरवरी को 225 ट्रेनों से 12.46 लाख से अधिक यात्री और 11 फरवरी को 343 ट्रेनों में 14.69 लाख से अधिक यात्रियों ने सफर किया।

महाकुंभ में ट्रेनों से आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधाओं पर नई दिल्ली स्थित रेल भवन में बने वॉर रूम से नजर रखी जा रही है। बुधवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव वॉर रूम पहुंचे। उन्होंने वहां पहुंचकर प्रयागराज के आठ रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन की स्थिति की समीक्षा की। इस बीच रेल मंत्री ने सभी दिशाओं में तीर्थयात्रियों के लिए ट्रेनें उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

रेल मंत्रालय के मुताबिक, प्रयागराज से दो दिनों में 568 ट्रेन चलाई गईं। इनमें 27.08 यात्रियों ने सफर किया. इनमें 12 फरवरी को शाम छह बजे तक 225 ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 12.46 लाख से अधिक यात्रियों ने सफर किया। इससे पहले मंगलवार यानी 11 फरवरी को 343 ट्रेनों में 14.69 लाख से अधिक यात्रियों ने यात्रा की ।

रेल मंत्री ने अश्विनी वैष्णव, सीईओ और सीआरबी सतीश कुमार के साथ बुधवार रात करीब 9 बजे रेल भवन के वॉर रूम पहुंचे। उन्होंने प्रयागराज की गाड़ियों की मॉनिटरिंग कर अधिकारियों महाकुंभ के श्रद्धालुओं को पूरी सुविधा दिए जाने के निर्देश दिए। साथ ही स्पेशल गाड़ियों का लगातार परिचालन किए जाने को भी कहा। रेल मंत्री ने प्रयागराज मंडल को यात्रियों की भीड़भाड़ कम करने और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का निर्देश दिया।

मंत्रालय के अनुसार, भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेनों से संबंधित जानकारी विशेष बुलेटिन, महाकुंभ क्षेत्र होल्डिंग जोन, रेलवे स्टेशन, सोशल मीडिया और अन्य मीडिया आउटलेट सहित विभिन्न चैनलों के माध्यम से लगातार प्रदान की जा रही है। मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि यात्रियों की सुविधा के लिए प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास 5 हजार की क्षमता वाले चार होल्डिंग एरिया पूरी तरह से चालू हो गए हैं। मंत्रालय ने कहा, इसके अलावा, माघी पूर्णिमा के अवसर पर खुसरोबाग में 100,000 यात्रियों की क्षमता वाला एक नया होल्डिंग एरिया चालू हो गया है, जिसमें ठहरने, भोजन और अन्य आवश्यक चीजों की विशेष व्यवस्था की गई है।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 133 एंबुलेंस तैनात

डेस्क :–महाकुंभ में माघ पूर्णिमा स्नान में बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारी की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ क्षेत्र के साथ ही शहर और मंडल के सभी अस्पताल हाई अलर्ट मोड में रहेंगे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल, थल और नभ से निगरानी की जा रही है। इसके तहत 133 एंबुलेंस को तैनात किया गया है, जो किसी भी आपात स्थिति में तत्काल राहत पहुंचाने का काम करेंगी। इसमें 125 एंबुलेंस के अलावा सात रिवर एंबुलेंस और एक एयर एंबुलेंस विशेष रूप से तैनात की गई हैं।

महाकुंभ क्षेत्र के प्रत्येक सेक्टर में अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था की गई है। छोटे ऑपरेशनों से लेकर बड़ी सर्जरी तक की सुविधा मौजूद रहेगी। महाकुंभ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉ. गौरव दुबे ने बताया कि योगी सरकार की आपातकालीन सेवाएं विशेष रूप से एंबुलेंस सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस दौरान 2,000 से अधिक मेडिकल स्टाफ महाकुंभ क्षेत्र में तैनात रहेंगे, जबकि स्वरूप रानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल में 700 से अधिक मेडिकल फोर्स हाई अलर्ट पर रहेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष निर्देश पर एसआरएन अस्पताल में 250 बेड रिजर्व किए गए हैं। यहां पर आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 200 यूनिट ब्लड भी सुरक्षित रखा गया है। वहीं, महाकुंभ नगर के 500 बेड क्षमता वाले सभी 43 अस्पतालों को भी पूरी तरह से मुस्तैद रखा गया है। स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में 40 बेड का ट्रॉमा सेंटर, 50 बेड का सर्जिकल आईसीयू, 50 बेड का मेडिसिन वार्ड, 50 बेड का पीएमएसएसवाई वार्ड और 40 बेड की बर्न यूनिट को रिजर्व रखा गया है। इसके अलावा, 10 बेड का कार्डियोलॉजी वार्ड और 10 बेड का आईसीयू भी पूरी तरह तैयार है। यहां संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी प्रधानाचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा के नेतृत्व में की जा रही है, जबकि उप प्रधानाचार्य डॉ. मोहित जैन और प्रमुख अधीक्षक डॉ. अजय सक्सेना विशेष रूप से श्रद्धालुओं की जरूरतों के मद्देनजर मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

अस्पतालों में चिकित्सकीय सेवाओं की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 30 वरिष्ठ डॉक्टरों को विशेष ड्यूटी पर लगाया गया है, जबकि 180 रेजिडेंट डॉक्टर और 500 से अधिक नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ लगातार सेवा देंगे। अस्पताल प्रशासन ने हाउसकीपिंग एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सफाई व्यवस्था में कोई लापरवाही न होने पाए। स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल की प्रधानाचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा ने बताया कि माघ पूर्णिमा स्नान के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में तुरंत अस्पताल से संपर्क करें। यहां निःशुल्क और उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा उपलब्ध रहेगी।

आयुष विभाग की 150 मेडिकल फोर्स के साथ 30 विशेषज्ञ डॉक्टर भी श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तैनात किए गए हैं। इनमें एम्स दिल्ली और बीएचयू के चिकित्सा विशेषज्ञ भी सतर्क रहेंगे। डॉ. गिरीश चंद्र पांडेय ने बताया कि क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मनोज सिंह के नेतृत्व में टीम 24 घंटे श्रद्धालुओं की हिफाजत के लिए अलर्ट मोड में है।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने लखनऊ एसजीपीजीआई में ली अंतिम सांस ,CM योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख
डेस्क:–अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बुधवार को लखनऊ एसजीपीजीआई में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से अस्वस्थ थे और एसजीपीजीआई में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख व्यक्त किया।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा कि परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं सामाजिक व आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

भाजपा सांसद रवि किशन ने भी एक्स पर लिखा कि श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी, आचार्य सत्येंद्र दास जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद और पीड़ादायक है। वे संपूर्ण जीवन श्री रामलला की सेवा, भक्ति और धर्म की रक्षा के प्रति समर्पित रहे। उनकी आध्यात्मिक साधना, धर्म पर गहरी पकड़, और सनातन संस्कृति के प्रति अटूट निष्ठा ने उन्हें न केवल अयोध्या बल्कि समस्त हिंदू समाज में एक पूजनीय संत के रूप में स्थापित किया।

उन्होंने आगे लिखा कि उनका योगदान श्री राम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर रामलला के पुनर्स्थापन तक अविस्मरणीय रहेगा। उनकी मधुर वाणी, ज्ञान की गहराई, और भक्ति की ऊर्जा ने असंख्य श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया। उनकी अनुपस्थिति से अयोध्या और समस्त भक्त समुदाय में एक अपूरणीय शून्य उत्पन्न हो गया है, जिसे भर पाना असंभव है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे पूज्य आचार्य सत्येंद्र दास जी की पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिवार, भक्तों तथा अनुयायियों को इस कठिन समय में धैर्य एवं संबल प्रदान करें। उनका आशीर्वाद और शिक्षा सदैव हमें धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे।

बता दें कि 2 फरवरी को सत्येंद्र दास को अयोध्या के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से बेहतर इलाज के लिए उन्हें पहले ट्रामा सेंटर और फिर लखनऊ एसजीपीजीआई रेफर किया गया था।
संत रविदास जयंती पर वाराणसी में विशेष भजन-कीर्तन का आयोजन

डेस्क:–पूरा देश संत शिरोमणि रविदास को उनकी 648वीं जयंती पर याद कर रहा है। वाराणसी स्थित सीर गोवर्धन क्षेत्र के प्रसिद्ध संत रविदास मंदिर में भी उनके अनुयायी जुट रहे हैं। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने संत रविदास की प्रतिमा के समक्ष मत्था टेका और भक्ति भाव से पूजन-अर्चन किया। इस मौके पर विशेष भजन-कीर्तन और प्रवचन का आयोजन भी किया गया, जिसमें संतों और विद्वानों ने संत रविदास के जीवन और उनके उपदेशों पर प्रकाश डाला। उनके विचारों को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने समाज में समानता, प्रेम और भक्ति का संदेश दिया, जो आज भी प्रासंगिक है।

पूरा देश संत शिरोमणि रविदास को उनकी 648वीं जयंती पर याद कर रहा है। वाराणसी स्थित सीर गोवर्धन क्षेत्र के प्रसिद्ध संत रविदास मंदिर में भी उनके अनुयायी जुट रहे हैं। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने संत रविदास की प्रतिमा के समक्ष मत्था टेका और भक्ति भाव से पूजन-अर्चन किया। इस मौके पर विशेष भजन-कीर्तन और प्रवचन का आयोजन भी किया गया, जिसमें संतों और विद्वानों ने संत रविदास के जीवन और उनके उपदेशों पर प्रकाश डाला। उनके विचारों को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने समाज में समानता, प्रेम और भक्ति का संदेश दिया, जो आज भी प्रासंगिक है।

पंजाब से आए श्रद्धालु बलवीर सिंह ने इस अवसर पर अपनी भावनाएं प्रकट करते हुए कहा, “हमारे श्री गुरु रविदास महाराज जी की आज जयंती है। यह पर्व हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी को शिक्षा का मार्ग दिखाया, भक्ति की और समाज को नई दिशा दी। वह नेकी और सत्य के प्रतीक हैं। मैं उन्हें कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं। मंदिर समिति के अनुसार, इस वर्ष पहले की तुलना में अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गई। मंदिर परिसर में सफाई, जल आपूर्ति और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ चिकित्सा शिविर भी लगाए गए ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सके। श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला। विभिन्न राज्यों से आए अनुयायियों ने शोभा यात्रा में भाग लिया और भजन-कीर्तन करते हुए नगर में संत रविदास के संदेश का प्रचार किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने आपसी प्रेम और भाईचारे का परिचय देते हुए उन्हें याद किया।

बता दें कि संत रविदास का जन्म वाराणसी के गोवर्धनपुर गांव में 15वीं शताब्दी में हुआ था। उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से समाज में व्याप्त ऊंच-नीच और भेदभाव को समाप्त करने की शिक्षा दी। उनके भजन और शिक्षाएं आज भी करोड़ों अनुयायियों को प्रेरित कर रही हैं। उनकी जयंती न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि सामाजिक एकता और समरसता का प्रतीक भी है।