जहीर खान ने टीम इंडिया के बैटिंग लाइनअप में बल्लेबाजों की पॉजिशन लगातार बदलाव को लेकर जताई चिंता


डेस्क:–जब से गौतम गंभीर भारतीय टीम के हेड कोच नियुक्त हुए हैं, तब से सीमित ओवरों के फॉर्मेट में भारतीय टीम में एक चीज साफ झलक रही है वह है कि बल्लेबाजों की पॉजिशन स्थाई नहीं है। कोई भी बल्लेबाज किसी भी पॉजिशन पर खेलता दिख रहा है। गंभीर ने कोच बनने के बाद इस बात के साफ संकेत भी दिए थे कि वह भारतीय बैटिंग में लचीलापन लाना चाहते हैं, जिससे परिस्थितियों के लिहाज से कोई भी बल्लेबाज किसी भी क्रम पर खेलने को तैयार हो। लेकिन गौतम गंभीर के साथ खेल चुके पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान कोच के इस आइडिया से प्रभावित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इससे खिलाड़ियों के मन में असुरक्षा की भावना घर कर जाएगी और यह स्थिति कोच गंभीर को ही मुश्किल में डाल सकती है।

बता दें गंभीर और जहीर खान 2011 वनडे वर्ल्ड कप विनिंग टीम का अहम हिस्सा रहे थे। जहीर ने इस टूर्नामेंट में भारत के लिए सर्वाधिक विकेट अपने नाम किए थे। इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही 3 मैचों की मौजूदा वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में टीम को दो अलग-अलग ओपनिंग कॉम्बिनेशन, जबकि नंबर 3 पर अलग-अलग बल्लेबाज खेलते दिखे। हां, टी20 सीरीज में जरूर ओपनिंग पॉजिशन पर संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा के रूप में एक ही कॉम्बिनेशन देखने को मिला।

लेकिन वनडे सीरीज में वह भी चैम्पियन्स ट्रॉफी से ठीक पहले इतने बदलाव देखने चौंकाने वाला है। पहले वनडे में जब रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग के लिए यशस्वी जायसवाल आए तो यह लगा कि शायद विराट कोहली चोटिल हैं और ऐसे में गिल को नंबर 3 पर मौका दिया गया है क्योंकि जायसवाल स्वभाविक ओपनिंग बल्लेबाज हैं। लेकिन इसी मैच में श्रेयस अय्यर ने पचासा ठोककर ब्रॉडकास्टर में यह बयान देकर हैरान कर दिया कि वह इस प्लेइंग XI का हिस्सा नहीं थे  अगर कोहली चोटिल नहीं होते तो वह इस मैच में बाहर बैठते, जबकि जायसवाल का डेब्यू पहले से ही तय था।

तो क्या इसके मायने यह हैं कि चैम्पियन्स ट्रॉफी में गंभीर गिल को नंबर 4 पर खिलाने की योजना बना रहे हैं।क्योंकि निश्चिततौर पर आप वनडे में कोहली के क्रम को नीचे नहीं कर सकते। लेकिन आप श्रेयस अय्यर को बेंच पर कैसे बिठा सकते हैं? जिनका वनडे में औसत 50 है। इसके अलावा अक्षर पटेल को लगातार नंबर 5 पर खिलाया जा रहा है, जबकि उनके बाद केएल राहुल और हार्दिक पांड्या को भेजा जा रहा है।

जहीर खान ने क्रिकेट वेबसाइट क्रिकबज पर चर्चा के दौरान कहा, ‘लचीलापन लाना सही है लेकिन यह तय गाइडलाइन्स के मुताबिक होना चाहिए. अन्यथा इससे असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है.’

जहीर ने कहा, ‘आपने कहा था कि आपको लचीलापन लाना होगा। नंबर 1 और 2 वहां रहेंगे लेकिन दूसरे बल्लेबाजों के क्रम में लगातार बदलाव देखने को मिल सकता है। इस लीचलेपन के भीतर ही कुछ नियम तो लागू करने होंगे। यहां कुछ निश्चित नियम होने चाहिए, जिनका पालन जरूरी है। वहां एक निश्चित संवाद की जरूरत है, जो चीजों को सही बनाते हुए दिखे। अन्यथा आप असुरक्षा पैदा कर रहे हैं, जो किसी स्थिति में आप पर भी आ सकती है और नुकसान पहुंचा सकती है। आप ऐसी स्थिति लाना नहीं चाहेंगे तो आपको ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।’
जय शाह ने तीसरे वनडे से पहले अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की मुहिम की शुरुआत करने की जानकारी दी

डेस्क:–इंग्लैंड के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज पहले ही अपने नाम कर चुकी टीम इंडिया अब मेहमान टीम का सफाया करने के इरादे से अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में उतरेगी। बुधवार को खेले जाने वाले इस मैच में अंग दान के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से एक खास अभियान भी चलाया जाएगा। अहमदाबाद में खेले जाने वाले इस मैच के दौरान ‘अंग दान करें, जीवन बचाएं’ नामक जागरूकता अभियान की शुरुआत होगी. आईसीसी के अध्यक्ष जय शाह ने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए दी है ।

जय शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ’12 फरवरी को अहमदाबाद में भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे वनडे के अवसर पर हम ‘अंग दान करें, जीवन बचाएं’ नामक जागरूकता अभियान शुरू कर रहे हैं. खेल में लोगों को प्रेरित करने, जोड़ने और मैदान से बाहर भी सकारात्मक प्रभाव डालने की ताकत होती है. इस पहल के माध्यम से हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे सबसे बड़ा उपहार देने की दिशा में एक कदम बढ़ाएं – जीवनदान।

‘एक संकल्प, एक निर्णय, कई जिंदगियां बचा सकता है. आइए, हम सब मिलकर बदलाव लाने में योगदान दें!’ भारत ने नागपुर में खेले गए पहले वनडे में चार विकेट से जीत दर्ज कर इंग्लैंड पर बढ़त बनाई थी। इसके बाद कटक में हुए दूसरे वनडे में भी भारत ने इसी अंतर से जीत हासिल कर 2-0 की अजेय बढ़त बना ली। अब तीसरा और आखिरी वनडे बुधवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा।

दिल्ली के विकास के लिए काम करेगी भाजपा की डबल इंजन सरकार:केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल

डेस्क:–दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इस परिणाम का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों में जनता के भरोसे को दिया जाता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि दिल्ली की जनता ने पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों पर भरोसा दिखाया है और जनता ने AAP के कुशासन को खत्म कर दिया है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार दिल्ली के विकास के लिए काम करेगी और यमुना नदी को साफ करेगी।

भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने इस पल की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि दिल्ली के लोग दिवाली मना रहे हैं। लंबे समय के बाद दिल्ली में भाजपा की सरकार बन रही है। दिल्ली के लोग एक समृद्ध और विकसित दिल्ली का सपना देखते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में दिल्ली की जनता का यह सपना पूरा होगा। भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने भी चुनाव परिणामों पर अपनी राय रखी और कहा कि दिल्ली की जनता ने दिल्ली में भ्रष्टाचार करने वाले सभी लोगों को परास्त कर दिया है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने "ऐतिहासिक" जीत दर्ज की, 70 में से 48 सीटें जीतीं और आम आदमी पार्टी से सत्ता छीन ली। बता दें कि BJP पार्टी ने अभी तक दिल्ली के लिए किसी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। भाजपा 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में लौटी है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP ने 22 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस लगातार तीसरी बार एक भी सीट जीतने में विफल रही।
246 महिलाओं ने ली नागा दीक्षा, महाकुंभ में नारी शक्ति ने रचा नया अध्याय

डेस्क:–प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 धार्मिक और सामाजिक चेतना के इतिहास में एक नया अध्याय लिख रहा है। इसमें न केवल लाखों श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं, बल्कि सनातन धर्म में नारी शक्ति और युवा चेतना की भागीदारी भी बड़ी संख्या में देखी जा रही है।

*नारी शक्ति का ऐतिहासिक योगदान*

- महाकुंभ में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने एक नया इतिहास रच दिया है।

- 246 महिलाओं को नागा संन्यासिनी दीक्षा दी गई, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

- इन महिलाओं में बड़ी संख्या में उच्च शिक्षित और आत्म चिंतन की प्रवृत्ति रखने वाली महिलाएं शामिल हैं।

- 2019 के कुंभ में 210 महिलाओं को दीक्षा दी गई थी, लेकिन इस बार संख्या ने नया रिकॉर्ड कायम किया।

- संन्यासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की अध्यक्ष डॉ. देव्या गिरी ने बताया कि इस बढ़ी हुई भागीदारी का श्रेय महिलाओं की बढ़ती आध्यात्मिक रुचि और उनके आत्म-निर्णय को जाता है।

*सनातन से जुड़ने का बढ़ता आकर्षण*

- योगी आदित्यनाथ सरकार के दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुंभ आयोजन ने लोगों को सनातन धर्म से जोड़ने का मंच प्रदान किया है।

- सभी प्रमुख अखाड़ों में 7,000 से अधिक महिलाओं ने गुरु दीक्षा ली और सनातन धर्म की सेवा का संकल्प लिया।

- जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी और वैष्णव संतो के धर्माचार्यों में सनातन से जुड़ने वालों में महिलाओं की संख्या अभूतपूर्व रही।

*नई पीढ़ी में बढ़ती रुचि*

- दिल्ली यूनिवर्सिटी और गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के शोध से यह सामने आया है कि महाकुंभ में नई पीढ़ी की महिलाओं की भागीदारी में 40% वृद्धि हुई है।

- महाकुंभ में आने वाले हर 10 श्रद्धालुओं में 4 महिलाएं होती हैं।

- युवाओं में सनातन धर्म को समझने और इससे जुड़ने की रुचि तेजी से बढ़ी है।

सनातन धर्म का भविष्य

- महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह समाज को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह आयोजन सनातन धर्म को और मजबूत कर रहा है।

- यह आयोजन भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को नई दिशा प्रदान कर रहा है।

- नारी शक्ति और युवा चेतना का अभूतपूर्व जुड़ाव, सनातन धर्म के भविष्य की नींव रख रहा है।

महाकुंभ 2025 ने यह साबित कर दिया है कि सनातन धर्म की व्यापकता और गहराई आधुनिक युग में भी लोगों को आकर्षित कर रही है। नारी शक्ति और युवाओं की बढ़ती भागीदारी से इसका विस्तार सुनिश्चित है।
महाकुंभ में भगदड़ को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्य स्थगन नोटिस किया पेश

डेस्क:–आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्य स्थगन नोटिस पेश किया, जिसमें प्रयागराज में 29 जनवरी को हुई महाकुंभ भगदड़ पर चर्चा की मांग की गई। बता दें कि इस घटना में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। राज्यसभा के महासचिव को लिखे अपने पत्र में सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि यह दुखद आपदा योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के कुप्रबंधन और वीआईपी संस्कृति का परिणाम थी।

सांसद संजय ने कहा कि सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक महाकुंभ ने पिछले 70 वर्षों में अपनी छठी भीषण भगदड़ देखी है। इस बार, यह दुखद आपदा योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार वीआईपी संस्कृति का परिणाम थी। व्यवस्थाओं पर 7,500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने के बावजूद, संसाधनों का असमान वितरण स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। 

सांसद संजय सिंह ने मामले पर तत्काल चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कार्यवाही स्थगित करने का आग्रह किया। वहीं भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज विदेश मामलों की स्थायी समिति की 29वीं रिपोर्ट में टिप्पणियों और सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण देते हुए राज्यसभा में बयान देंगी। बता दें कि यह रिपोर्ट भारत की नीति नियोजन और थिंक टैंकों की भूमिका से संबंधित 24वीं रिपोर्ट की सिफारिशों के कार्यान्वयन पर केंद्रित है, जिसमें आईसीडब्ल्यूए और आरआईएस का विशेष संदर्भ है। साथ ही वह भारत की पड़ोस प्रथम नीति के बारे में विदेश मामलों की स्थायी समिति की 13वीं रिपोर्ट पर सरकार की प्रतिक्रिया पर एक बयान भी पेश करेंगी, जिस पर पहले 22वीं रिपोर्ट में चर्चा की गई थी।

छत्तीसगढ़ से नक्सलियों के खिलाफ एक और बड़ा ऑपरेशन बीजापुर में जारी, अभी तक 31 नक्सलियों को मार गिराया

डेस्क:–त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से ठीक पहले बीजापुर के नेशनल पार्क इलाके में पुलिस व नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़ हुई है। पुलिस सुरक्षा बल ने छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर 31 नक्सलियों को मार गिराया है। वहीं दो जवान बलिदान और दो जवान घायल भी हुए हैं। घायल जवानों को निकालने के लिए जगदलपुर से एमआई-17 हेलीकॉप्टर रवाना किया गया है। बस्तर संभाग के आईजीपी सुंदर राज ने एनकाउंटर की पुष्टि की है। मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ भी सकती है। फिलहाल मुठभेड़ अब भी जारी है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि "गनतंत्र से गणतंत्र" बीजापुर जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में सुरक्षाबलों की नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में अब तक 31 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। सुरक्षाबल के जवान नक्सलियों की मांद में घुसकर उसका खात्मा कर रहे हैं। जवानों को मिली यह कामयाबी सराहनीय है, उनकी बहादुरी को नमन करता हूँ।

मुठभेड़ में 2 जवान शहीद एवं 2 जवान के घायल होने की भी दुःखद खबर प्राप्त हुई है। ईश्वर से शहीद जवानों की आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को संबल प्रदान करने व घायल जवानों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।

हमारी डबल इंजन की सरकार में प्रदेश में अब तक तेरह महीनों में 282 नक्सली मारे जा चुके हैं, 1033 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 925 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में मार्च 2026 तक हमारा प्रदेश नक्सलवाद मुक्त होकर रहेगा। इस दिशा में सुरक्षाबल के जवान निरंतर सफलता हासिल कर लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने कहा, "जिला बीजापुर के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के अंतर्गत एक मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए हैं। दो जवान घायल हुए हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है, दोनों खतरे से बाहर हैं। 2 जवान शहीद हो गए। सर्च ऑपरेशन जारी है।"

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बीजापुर मुठभेड़ पर कहा कि "बीजापुर के नेशनल पार्क इलाके में कई कैंपों से 650 से ज्यादा जवानों ने ऑपरेशन लॉन्च किया, कई दिनों तक ऑपरेशन चला, जिसके बाद आज 31 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। उनके पास से AK-47, INSAS, BGL लॉन्चर और बड़े हथियार बरामद हुए हैं, इस घटना में हमारे 2 जवान शहीद हो गए और 2 जवान घायल हुए हैं जिन्हें एयरलिफ्ट किया गया है..."

बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद फोर्स को मौके के लिए निकाला गया था। इसी बीच 9 फरवरी की सुबह नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। घंटों चली इस मुठभेड़ में अब तक 31 नक्सली मारे गए हैं। वहीं DIG कमलोचन कश्यप ने कहा कि, अभी जवानों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। बड़ा ऑपरेशन है। संख्या स्पष्ट नहीं बता सकते, लेकिन इतना है कि नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ है। नक्सलियों की मौत की संख्या बढ़ने की संभावना है।
भारत ने इंग्‍लैंड को दूसरे वनडे में हराकर 2-0 से सीरीज पर किया कब्‍जा ,  इस मुकाबले में 8 बड़े रिकॉर्ड हुए ध्वस्त

डेस्क:–भारत और इंग्‍लैंड के बीच तीन मैचों की वनडे इंटरनेशनल सीरीज जारी है। भारत ने दो मुकाबले जीतकर सीरीज में अजेय बढ़त बना ली है। कटक में खेला गए दूसरे वनडे में भारतीय टीम ने चार विकेट से शानदार जीत दर्ज की है। इंग्‍लैंड की टीम को 300+ स्‍कोर करने के बाद भी हार का सामना करना पड़ा है। ये इंग्‍लैंड की पिछले 20 सालों में भारत की सरजमीं पर वनडे क्रिकेट फॉर्मेट में लगातार सातवीं सीरीज हार है। कटक में खेले गए इस हाईस्‍कोरिंग मुकाबले कई बड़े रिकॉर्ड टूटे हैं। आइये इस मैच में बने 8 बड़े रिकॉर्ड पर एक नजर डालते हैं।

*300+ स्कोर करने के बाद वनडे में सबसे ज़्यादा हार*

28 इंग्लैंड (99 मैचों में)
27 भारत (136 में)
23 वेस्टइंडीज (62 में)
19 श्रीलंका (87 में)

*इंग्लैंड की सीरीज़ हार*

विश्व कप 2023 के बाद से वनडे में लगातार चौथी हार
पिछले 20 सालों में भारत में वनडे में लगातार सातवीं हार
पिछले 10 सालों में भारत के खिलाफ़ व्‍हाइट बॉल के फ़ॉर्मेट में 10 में से नौवीं हार

*कप्तान के तौर पर 50 वनडे के बाद सबसे ज़्यादा जीत*

39- सी लॉयड/आर पोंटिंग/वी कोहली
37- एच क्रोनिए
36- वी रिचर्ड्स/रोहित शर्मा
34- एस पोलक

*रोहित शर्मा के लिए सबसे तेज़ वनडे शतक (गेंदों के हिसाब से)*

63 बनाम अफ़ग़ानिस्तान दिल्ली 2023
76 बनाम इंग्लैंड कटक 2025 *
82 बनाम इंग्लैंड नॉटिंघम 2018
82 बनाम न्यूजीलैंड इंदौर 2023
84 बनाम वेस्टइंडीज गुवाहाटी 2018

*रोहित शर्मा के लिए सबसे तेज़ वनडे अर्धशतक (गेंदों के हिसाब से)*

27 बनाम बान मीरपुर 2022
29 बनाम श्रीलंका कोलंबो आरपीएस 2024
30 बनाम अफ़ग़ानिस्तान दिल्ली 2023
30 बनाम इंग्लैंड कटक 2025
31 बनाम ऑस्ट्रेलिया राजकोट 2023

*वनडे में सबसे ज़्यादा छक्के*

351 शाहिद अफ़रीदी
332 रोहित शर्मा *
331 क्रिस गेल
270 सनथ जयसूर्या
229 एमएस धोनी
220 इयोन मोर्गन

वनडे में इंग्लैंड के लिए सबसे ज़्यादा 50+ स्कोर

56 जो रूट
55 इयोन मोर्गन
39 इयान बेल
38 जोस बटलर
34 केविन पीटरसन

*भारत के लिए सबसे उम्रदराज वनडे डेब्यू करने वाले खिलाड़ी*

36 वर्ष 138 वर्ष फारूख इंजीनियर बनाम इंग्लैंड लीड्स 1974
33 वर्ष 164 वर्ष वरुण चक्रवर्ती बनाम इंग्लैंड कटक 2025 *
33 वर्ष 103 वर्ष अजीत वाडेकर बनाम इंग्लैंड लीड्स 1974
32 वर्ष 350 वर्ष दिलीप दोशी बनाम ऑस्ट्रेलिया मेलबर्न 1980
32 वर्ष 307 वर्ष सैयद आबिद अली बनाम इंग्लैंड लीड्स 1974

पीवी सिंधु ने चोट के कारण बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप 2025 से नाम लिया वापस

डेस्क:–चीन के किंगदाओ में 11 से 16 फरवरी तक आयोजित होने वाली बैडमिंटन एशिया मिक्सड टीम चैंपियनशिप 2025 में भारतीय बैडमिंटन टीम हिस्सा लेगी, लेकिन टूर्नामेंट के लिए रवाना होने से पहले भारतीय टीम को एक बड़ा झटका लगा है। स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधु ने इस टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया है।

पीवी सिंधु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर यह जानकारी साझा की कि वे बैडमिंटन एशिया मिक्सड टीम चैंपियनशिप 2025 के लिए भारतीय टीम के साथ यात्रा नहीं करेंगी। सिंधु ने बताया कि गुवाहाटी में 4 फरवरी को प्रशिक्षण के दौरान उनकी हैम्सट्रिंग में चोट लग गई थी, जिसके बाद उन्होंने अपनी चोट को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन MRI रिपोर्ट ने यह पुष्टि की कि उनकी रिकवरी में अपेक्षाकृत अधिक समय लगेगा।

उन्होंने लिखा, "भारी मन से मैं यह साझा कर रही हूं कि मैं बैडमिंटन एशिया मिक्सड टीम चैंपियनशिप 2025 के लिए टीम के साथ यात्रा नहीं करूंगी। गुवाहाटी में ट्रेनिंग के दौरान मुझे अपनी हैम्सट्रिंग में मरोड़ महसूस हुई। भारी टेपिंग के साथ आगे खेलने की मेरी कोशिशों के बावजूद, MRI से मुझे पता चला है कि मेरी रिकवरी में अपेक्षा अनुसार थोड़ा अधिक समय लगेगा। टीम को शुभकामनाएं। मैं टीम को यहीं से चीयर करूंगी।" सिंधु ने इससे पहले 2022 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान बाएं पैर में स्ट्रेस फ्रेक्चर के कारण कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों से बाहर होने का सामना किया था।

बैडमिंटन एशिया मिक्सड टीम चैंपियनशिप 2025 में भारतीय टीम को ग्रुप-जी में रखा गया है, जिसमें उनके मुकाबले 12 फरवरी को मकाऊ की टीम से होंगे, और 13 फरवरी को साउथ कोरिया से। भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट के लिए अपनी 14 सदस्यीय टीम का ऐलान पहले ही कर दिया था। भारत की बैडमिंटन टीम इस समय एशिया मिक्सड टीम चैंपियनशिप 2025 में शानदार प्रदर्शन के लिए तैयार है, और भारतीय टीम को इस बार भी पदक की उम्मीद है। भारतीय बैडमिंटन फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि टीम सिंधु की अनुपस्थिति के बावजूद उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगी।
चेहरे के मुंहासे हटाने के लिए आप मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए, जानते हैं इसे प्रयोग करने का तरीका

डेस्क:–हर व्यक्ति की चाहत होती है कि उसकी स्किन साफ और ग्लोइंग नजर आए। लेकिन प्रदूषण, धूल-मिट्टी, गलत खानपान, खराब जीवनशैली और तनाव के कारण अक्सर चेहरे पर मुंहासे हो जाते हैं। मुंहासे न केवल चेहरे की खूबसूरती को कम करते हैं, बल्कि त्वचा को भी खराब कर सकते हैं। मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए लोग तरह-तरह के ब्यूटी और स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इनमें हानिकारक केमिकल्स मौजूद होते हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में, आप चाहें तो चेहरे पर होने वाले मुंहासों को दूर करने लिए कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन्हीं घरेलू उपायों में मुल्तानी मिट्टी भी शामिल है। जी हां, मुल्तानी मिट्टी त्वचा से एक्स्ट्रा ऑयल और डेड स्किन को हटाने में मदद करती है। इससे चेहरे पर जमा गंदगी साफ होती है और मुहांसे की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। नियमित रूप से चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी लगाने से त्वचा की रंगत साफ होती है और निखार भी बढ़ता है।

*मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल*

चेहरे के मुहांसों को दूर करने के लिए आप मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप एक कटोरी में 1-2 चम्मच मुल्तानी मिट्टी लें। इसमें 2 चम्मच गुलाब जल डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें। करीब 10-15 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें। सप्ताह में 2-3 बार इसका इस्तेमाल करने से धीरे-धीरे मुंहासे दूर हो जाएंगे। साथ ही, त्वचा की रंगत में भी सुधार होगा।

*मुल्तानी मिट्टी और शहद*

अगर आपके चेहरे पर पिंपल्स हैं, तो आप मुल्तानी मिट्टी में शहद मिलाकर चेहरे पर लगा सकते हैं। इसके लिए आप एक कटोरी में 2 चम्मच मुल्तानी मिट्टी लें। इसमें एक चम्मच शहद डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इसे अपने चेहरे पर लगाएं और करीब 15 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें। बेहतर रिजल्ट के लिए हफ्ते में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल करें। इससे न सिर्फ मुंहासों से छुटकारा मिलेगा, बल्कि त्वचा मुलायम और चमकदार भी बनेगी।

*मुल्तानी मिट्टी और एलोवरा*

मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए आप मुल्तानी मिट्टी में एलोवेरा मिलाकर चेहरे पर अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए एक कटोरी में एक चम्मच मुल्तानी मिट्टी लें। इसमें एक चम्मच एलोवेरा जेल डालकर अच्छी तरह मिक्स कर कर लें। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें। करीब 20 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें। हफ्ते में 2 से 3 बार गुमुल्तानी मिट्टी और एलोवरा का मिश्रण लगाने से चेहरे पर मौजूद कील-मुंहासों और दाग-धब्बों से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही, चेहरे पर निखार भी आएगा।

कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन ने भाजपा की जीत को बनाया आसान,पंजाबी, जाट और ओबीसी मतदाताओं के भरोसे भाजपा ने लिखी सफलता की कहानी

डेस्क:– दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए 48 सीटों पर विजय हासिल की, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) केवल 22 सीटों तक सीमित रही। कांग्रेस एक बार फिर खाता खोलने में नाकाम रही। भाजपा की इस सफलता के पीछे उसकी सटीक रणनीति, व्यापक जनसंपर्क और विभिन्न मतदाता समूहों को साधने की नीति प्रमुख कारण मानी जा रही है। आइए, इस प्रदर्शन का विस्तृत विश्लेषण करते हैं : -

*1. अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पर फोकस*

भाजपा ने 12 अनुसूचित जाति (एससी) और 22 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा। इनमें से 4 एससी और 16 ओबीसी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।

ओबीसी प्रभाव वाले क्षेत्र: जहां ओबीसी समाज की आबादी 10% से अधिक थी, भाजपा ने 7 सीटों पर जीत हासिल की।

जातिगत समूहों में सफलता: सिख, पंजाबी, गुज्जर, जाट, वाल्मीकि और जाटव मतदाताओं वाले इलाकों में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया:

सिख मतदाता: 4 सीटों में से 3 पर जीत।

पंजाबी मतदाता: 28 सीटों में से 23 पर कब्जा।

गुज्जर मतदाता: 5 सीटों में से 2 पर जीत।

जाट मतदाता: 13 सीटों में से 11 पर विजय।

वाल्मीकि मतदाता: 9 सीटों में से 4 पर जीत।

जाटव मतदाता: 12 सीटों में से 6 पर कब्जा।

*2. क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और मतदाता समूहों पर ध्यान*

भाजपा ने पूर्वांचली, हरियाणवी और उत्तराखंडी समुदायों को भी बड़ी तवज्जो दी।

पूर्वांचली मतदाता: 6 उम्मीदवारों में से 4 ने जीत दर्ज की। 35 सीटों पर जहां 15% से अधिक पूर्वांचली मतदाता थे, भाजपा ने 25 सीटों पर विजय पाई।

हरियाणवी मतदाता: 14 उम्मीदवारों में से 12 ने जीत दर्ज की। 13 सीटों पर जहां 5% से अधिक हरियाणवी मतदाता थे, भाजपा ने 12 पर जीत हासिल की।

उत्तराखंडी मतदाता: 3 उम्मीदवारों में से 2 ने जीत दर्ज की।

3. सीमावर्ती और झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में प्रदर्शन

दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया

सीमावर्ती क्षेत्र: हरियाणा और यूपी से लगी 22 सीटों में से भाजपा ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की।

झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र: 7 में से 4 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की, जिनमें तिमारपुर, बादली, नई दिल्ली और आरके पुरम शामिल हैं।

4. कांग्रेस का प्रदर्शन और असर

कांग्रेस 3 सीटों (महरौली, ओखला, मुस्तफाबाद) में टॉप 3 में भी जगह नहीं बना सकी।

हालांकि, 14 सीटों पर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के वोटबैंक में सेंध लगाई, जिससे भाजपा को लाभ हुआ। इनमें तिमारपुर, बादली, नांगलोई जाट, मादीपुर, राजेंद्र नगर, नई दिल्ली, जंगपुरा, कस्तूरबा नगर, मालवीय नगर, महरौली, छतरपुर, संगम विहार, ग्रेटर कैलाश और त्रिलोकपुरी जैसी सीटें शामिल हैं।

भाजपा ने जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को बखूबी साधते हुए दिल्ली में अपना प्रभावी प्रदर्शन किया। मतदाता समूहों के आधार पर उनकी रणनीति ने आम आदमी पार्टी के वोटबैंक में सेंध लगाई और कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन ने भाजपा की जीत को और आसान बना दिया।