'मैं अपने दोस्त ट्रंप से मिलने के लिए उत्सुक'; फ्रांस-अमेरिका की यात्रा से पहले बोले पीएम मोदी
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प्रधानमंत्री मोदी अपने विदेश दौरे के लिए रवाना हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी AI एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करने के लिए फ्रांस रवाना हुए। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस में पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करने और अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर परियोजना का दौरा करने के लिए मार्सिले भी जाएंगे। फ्रांस से पीएम मोदी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के न्योते पर अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। अपने दौरे से पहले पीएम मोदी ने कहा है कि मैं अपने दोस्त ट्रंप से मिलने के लिए उत्सुक हूं।

पीएम मोदी ने आज देश से बाहर जाने से पहले एक बयान में कहा, अगले कुछ दिनों में मैं विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस और अमेरिका में रहूंगा। फ्रांस यात्रा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर फ्रांस का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हैं। इसमें वे समावेशी, सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से नवाचार और व्यापक सार्वजनिक भलाई के लिए एआई प्रौद्योगिकी के सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए 2047 के रोडमैप पर प्रगति की समीक्षा करने का अवसर भी होगी।

पीएम मोदी ने अमेरिका यात्रा को लेकर कहा कि वह हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनकी अमेरिकी यात्रा भारत-अमेरिका के रिश्तों को और मजबूत करेगी। हम दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए मिलकर काम करेंगे और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य को आकार देंगे। मेरे पास भारत और अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के निर्माण में उनके पहले कार्यकाल में एक साथ काम करने की बहुत अच्छी यादें हैं।
ट्रंप अब स्टील और एल्युमिनियम पर भी लगाएंगे टैरिफ, भारत पर क्या होगा असर?
#donald_trump_to_impose_25_percent_tariff_on_steel_and_aluminium
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद से ही नए-नए एलान कर रहे हैं, जिनका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। अब डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया एलान किया है, उन्होंने कहा है कि वे स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। इस संबंध में ट्रंप जल्द ही आधिकारिक एलान करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एयर फोर्स वन पर मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा था कि अमेरिका आने वाले सभी देशों के मेटल पर टैरिफ लगाया जाएगा। इसके साथ ही ट्रंप ने ये भी कहा था कि जो देश अमेरिकी सामानों के इंपोर्ट पर टैक्स लगाते हैं, उन देशों के लिए भी इस हफ्ते के आखिर में टैरिफ की घोषणा की जाएगी।

डोनाल्ड ट्रंप के स्टील और एल्यूमिनियम पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का सबसे ज्यादा कनाडा और मेक्सिको पर होगा। आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका अपना स्टील सबसे ज्यादा कनाडा, ब्राजील और मेक्सिको से ही मंगवाता है। इनके अलावा अमेरिका दक्षिण कोरिया, वियतनाम से भी स्टील मंगवाता है तो ट्रंप के टैरिफ लगाने के फैसले से ये देश सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। खासकर कनाडा, क्योंकि अमेरिका ने साल 2024 के पहले 11 महीनों में कनाडा से अपनी जरूरत का करीब 79 फीसदी स्टील मंगवाया था। वहीं अमेरिका अपना सबसे ज्यादा एल्युमीनियम मेक्सिको से मंगवाता है। 

बताते चलें कि ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको पर बीते दिनों 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। हालांकि बाद में ट्रंप ने दोनों देशों पर टैरिफ लगाने के अपने फैसले को 30 दिनों के लिए टाल दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप फार्मास्यूटिकल, तेल और सेमीकंडक्टर जैसी चीजों पर भी टैरिफ लगा सकते हैं और फिलहाल इस पर विचार हो रहा है। ट्रंप, अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बेहतर करने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए ये कदम उठा रहे हैं, लेकिन इन कदमों से पूरी दुनिया पर आर्थिक असर हो रहा है।

ट्रंप जब पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे, तब उन्होंने स्टील पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी। हालांकि, उस समय उन्होंने अपने कई पार्टनर्स को राहत दी थी और उनमें कनाडा, मेक्सिको और ब्राजील भी शामिल थे।
ट्रंप अब स्टील और एल्युमिनियम पर भी लगाएंगे टैरिफ, भारत पर क्या होगा असर?
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद से ही नए-नए एलान कर रहे हैं, जिनका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। अब डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया एलान किया है, उन्होंने कहा है कि वे स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। इस संबंध में ट्रंप जल्द ही आधिकारिक एलान करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एयर फोर्स वन पर मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा था कि अमेरिका आने वाले सभी देशों के मेटल पर टैरिफ लगाया जाएगा। इसके साथ ही ट्रंप ने ये भी कहा था कि जो देश अमेरिकी सामानों के इंपोर्ट पर टैक्स लगाते हैं, उन देशों के लिए भी इस हफ्ते के आखिर में टैरिफ की घोषणा की जाएगी।

डोनाल्ड ट्रंप के स्टील और एल्यूमिनियम पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का सबसे ज्यादा कनाडा और मेक्सिको पर होगा। आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका अपना स्टील सबसे ज्यादा कनाडा, ब्राजील और मेक्सिको से ही मंगवाता है। इनके अलावा अमेरिका दक्षिण कोरिया, वियतनाम से भी स्टील मंगवाता है तो ट्रंप के टैरिफ लगाने के फैसले से ये देश सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। खासकर कनाडा, क्योंकि अमेरिका ने साल 2024 के पहले 11 महीनों में कनाडा से अपनी जरूरत का करीब 79 फीसदी स्टील मंगवाया था। वहीं अमेरिका अपना सबसे ज्यादा एल्युमीनियम मेक्सिको से मंगवाता है। 

बताते चलें कि ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको पर बीते दिनों 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। हालांकि बाद में ट्रंप ने दोनों देशों पर टैरिफ लगाने के अपने फैसले को 30 दिनों के लिए टाल दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप फार्मास्यूटिकल, तेल और सेमीकंडक्टर जैसी चीजों पर भी टैरिफ लगा सकते हैं और फिलहाल इस पर विचार हो रहा है। ट्रंप, अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बेहतर करने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए ये कदम उठा रहे हैं, लेकिन इन कदमों से पूरी दुनिया पर आर्थिक असर हो रहा है।

ट्रंप जब पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे, तब उन्होंने स्टील पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी। हालांकि, उस समय उन्होंने अपने कई पार्टनर्स को राहत दी थी और उनमें कनाडा, मेक्सिको और ब्राजील भी शामिल थे।
राजनीति का वो चमकता सितारा, तेजी से बढ़ा जिसका ग्राफ, उतनी ही तेज गिरा, क्या रही वजहें?
#kejriwals_political_journey_graph_fell_as_fast_as_it_grew

राजधानी दिल्‍ली में आम आदमी की पार्टी की सरकार 10 साल की सत्‍ता के बाद ढह गई। राष्‍ट्रीय राजनीति में तेजी से उभर रहे अरविंद केजरीवाल की साख को भी इस हार ने बट्टा लगा दिया। लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों से तुलना करें तो इस बार आप को 65 सीटों पर वोट शेयर का नुकसान हुआ। वहीं पार्टी को सिर्फ़ पांच सीटों पर वोट शेयर में बढ़ोतरी हासिल हो सकी। आप के वोट शेयर में सबसे ज़्यादा गिरावट ओखला, संगम विहार और मुस्तफ़ाबाद सीटों पर दिखाई दी। पार्टी ने इन सभी तीन सीटों पर साल 2020 में 50 फ़ीसदी से अधिक वोट हासिल किए थे। जिन सीटों पर इसका वोट शेयर बढ़ा उनमें बदरपुर, गांधीनगर और सीलमपुर शामिल हैं। आप को साल 2020 में 48 सीटों पर 50 फीसदी से अधिक वोट मिला था। इस चुनाव में उसे सिर्फ 12 सीटों पर ही 50 फ़ीसदी से अधिक वोट मिल सके हैं। ये आंकड़े गवाही हैं कि जिस तेजी से केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी का ग्राफ उपर गया, उतनी ही तेजी से ढलता दिखाई दिया।

देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ 13 साल पहले खड़े हुए आंदोलन से निकल कर अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में कदम रखा। केजरीवाल ने अपने पहले ही सियासी मैच में शानदार प्रदर्शन कर सभी को चौंका दिया था। इसके बाद दिल्ली में तीन बार सरकार बनाई, जिसमें एक बार गठबंधन और दो बार प्रचंड बहुमत के साथ। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाई।

*जब ब्रैंड मोदी भी बेबस नजर आया*
केजरीवाल के करिश्मे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब ब्रैंड मोदी को पूरे देश में कामयाबी मिल रही थी तो दो बार ब्रैंड केजरीवाल ने उन्हें तगड़ी टक्कर दी और ब्रैंड मोदी पर भारी पड़े। 2015 और 2020 में जब पूरे देश पर ब्रैंड मोदी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा था और उन्हें हर राज्य में कामयाबी मिल रही थी, उस वक्त दिल्ली आकर ब्रैंड केजरीवाल के सामने ब्रैंड मोदी भी बेबस नजर आया। एक बार नहीं दो बार।

*राजनीति में बना ब्रांड केजरीवाल*
राजनीति के एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि ब्रैंड केजरीवाल इसलिए मजबूत हुआ, क्योंकि लोगों को लगा कि वे दूसरे दलों से अलग हटकर काम करेंगे। दिल्ली की सत्ता में आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त-बिजली, पानी, शिक्षा का एक मॉडल तैयार किया था। उस वक्त लोगों ने इसे इसलिए स्वीकारा, क्योंकि उन्हें लगा कि मुफ्त योजनाएं भी मिलेंगी और करप्शन भी खत्म होगा। यही केजरीवाल की राजनीतिक ताकत बना। ब्रांड केजरीवाल के आगे बीजेपी दस साल तक दिल्ली में पस्त नजर आई। हालांकि, जल्द ही दूसरी पार्टियों ने भी फ्रीबीज का ऐलान कर दिया तो केजरीवाल ब्रैंड में कुछ नया नहीं रहा।

*दावों पर पूरी तरह खरे नहीं उतरे*
दूसरी तरफ, केजरीवाल जब राजनीति में आए थे तो भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और वीआईपी कल्चर से दूर रहने की बात कही थी। इसके अलावा वीआईपी कल्चर के बजाय आम आदमी पार्टी की तरह साधारण तरीके रहन-सहन रखने की बातें की थी। इस तरह केजरीवाल ने अपना खुद की छवि गढ़ी थी। लेकिन सत्ता मिलने के बाद उस पर पूरी तरह खरे नहीं उतर सके।

*जितना बोला, उतना किया नहीं*
केजरीवाल ने रामलीला मैदान के मंच से कहा था कि हम तो आम आदमी हैं, हम तो दो कमरे के घर में रह लेंगे, बड़ी गाड़ियों और सुरक्षा के तामझाम की हमें जरूरत नहीं, भ्रष्टाचारियों को पहले दिन से ही जेल में डालेंगे। केजरीवाल अधिक बोले। कभी कहा, यमुना साफ कर दूंगा। कभी कहा, कूड़े के पहाड़ हटा दूंगा। इस तरह के अनगिनत दावे और वादे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली और देश की जनता से किया था, लेकिन सत्ता की मलाई उन्हें इतनी मीठी लगी कि वो जैसे भूल ही गए कि उन्होंने कहा क्या था और कर क्या रहे हैं। केजरीवाल ने सीएम रहते हुए अपने सरकारी घर में करोड़ों रुपये खर्च कर दिया, जिसे बीजेपी ने शीश महल का नाम दिया।
दिल्ली मे मिली हार के बाद जेल से केजरीवाल को किसने लिखी चिट्ठी? राजनीति छोड़ने की दी नसीहत
#sukesh_chandrashekhar_letter_from_tihar_jail_to_arvind_kejriwal
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी के झाड़ू का तिनका-तिनका बिखर गया है। जिसे आप समेटने का काम कर रही है। यानी, आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनावों में मिली इस हार की समीक्षा कर रही है। इस बीच दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राजनीति छोड़ देने की नसीहत मिली है। केजरीवाल को ये सलाह दी है तिहाड़ की मंडोली जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर ने। दरअसल, सुकेश चंद्रशेखर ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। इस पत्र में सुकेश ने केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को चुनाव में हार के लिए तंज कसते हुए बधाई दी है।

दिल्ली चुनाव के नतीजे सामने आने के तुरंत बाद ही सुकेश ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी है। ठग सुकेश ने लिखा है, सबसे पहले मैं आपको, मनीष जी और सत्येंद्र जी को अपनी सीटें हारने के लिए बधाई देता हूं, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपकी कट्टर भ्रष्ट पार्टी आप चुनाव हार गई। केजरीवाल जी अगर आपके पास मेरे पिछले पत्र सुरक्षित हैं तो कृपया वे पत्र देखें जो मैंने 3, 6, 8 महीने पहले लिखे थे। मैंने आपको चुनौती दी थी कि आप अपनी सीट हार जाएंगे और आप सत्ता से बाहर हो जाएगी।

*आपका सारा अहंकार आपके साथ ही शौचालय में बह गया-सुकेश*
केजरीवाल जी आज बिल्कुल वैसा ही हुआ है। आपको बाहर निकाल दिया गया है, आपका सारा अहंकार आपके साथ ही शौचालय में बह गया है। आपके सारे जुमले बेनकाब हो चुके हैं और सही साबित हो चुके हैं, दिल्ली की जनता ने आपको और आपकी दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी को सचमुच लात मार दी है। अब केजरीवाल जी, आप और आपके साथियों को थोड़ी शर्म आनी चाहिए और राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए, राजनीतिक संन्यास ले लेना चाहिए क्योंकि अगली बार पंजाब से भी आपका सफाया हो जाएगा। अहंकार के लिए अब कोई जगह नहीं है, क्योंकि अब हम राम राज के समय में रह रहे हैं।

*केजरीवाल को बताया ‘सत्ता के लिए स्वार्थी’*
सुकेश चंद्रशेखर ने लेटर में आगे लिखा है कि केजरीवाल जी, शर्म करो और राजनीति छोड़ दो. वैसे भी तुम्हारा सारा भ्रष्टाचार एक-एक करके उजागर होने वाला है और अब अदालत में मुकदमे के दौरान साबित होने वाला है और आने वाले दिनों में तुम्हारे सारे कपड़े वाले तुम्हें छोड़ देंगे, इसलिए तुम्हें अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए। केजरीवाल जी, अगर तुम्हें याद हो तो मैंने भी तुम्हें चुनौती दी थी कि मैं इस चुनाव में तुम्हारे खिलाफ चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया क्योंकि मैं जेल से चुनाव नहीं लड़ना चाहता था और मतदाताओं के साथ अन्याय नहीं करना चाहता था, क्योंकि मैं जेल से उनके लिए काम नहीं कर पाऊंगा। इसलिए मैं तुम्हारी तरह नहीं बनना चाहता था, यानी ‘सत्ता के लिए स्वार्थी’

*दिल्ली ने सही पार्टी को चुना है-सुकेश*
यह बहुत आश्चर्यजनक है कि दिल्ली के लोगों ने सत्ता के लिए सही पार्टी को चुना है, क्योंकि यह केवल भाजपा और हमारे सबसे बेहतरीन नेता नरेंद्र भाई मोदी हैं जो लोगों से किए गए सभी वादों को पूरा करके उन्हें पूरा करेंगे, अब विकास के साथ, असंभव संभव होने जा रहा है, इस डबल इंजन सरकार के तहत. केजरीवाल जी, अब खुद ही देख लीजिए, यमुना असली यमुना होगी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दिल्ली देश का सबसे अद्भुत शहर होगा, जो हमारी राजधानी होने के नाते खुद को परिभाषित करेगा। केजरीवाल जी, मेरे लिए चौंकाने वाली बात यह है कि चल रही सभी जांच के बीच में, आप और सत्येंद्र जी ने खुद ही मुझे फिर से धमकाया और चुनाव के दौरान मुझसे 100 करोड़ रुपये ऐंठने की कोशिश की, अविश्वसनीय।
‘परीक्षा पे चर्चा’ में पीएम मोदी ने दिए टिप्स, छात्रों का बताया कैसे दूर भगाएं डिप्रेशन
#pariksha_pe_charcha_2025

आज यानी 10 फरवरी 2025 को परीक्षा पे चर्चा 2025 का आयोजन किया गया। परीक्षा पे चर्चा का ये आंठवां संस्करण था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्र-छात्राओं से बातचीत की और कई अहम टिप्स भी दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से परीक्षा के तनाव को कम करने के उपायों पर चर्चा की। यह कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित किया गया।

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने बच्चों को खाने-पीने के बारे में अहम टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि बच्चों को अपने भोजन को अच्छी तरह से चबाकर खाना चाहिए, कम से कम 32 बार। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों को कौन से खाद्य पदार्थ खाना चाहिए और किनसे बचना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि कब और क्या खाना उचित है।

*पीएम ने बताया तनाव-डिप्रेशन से बचने के उपाय*
परीक्षा से पहले स्ट्रेस के सवाल पर पीएम मोदी ने पूछा कि यह मुसीबत शुरू कहां से होती है। तनाव और डिप्रेशन होने के लक्षण नजर आने लगते हैं। अपने मन की दुविधाओं को लोगों के साथ बांटना सीखें। इससे मन शांत रहता है, साथ ही घर के किसी भी सदस्य से बात करें। पहले हम सारी बातें अपने भाई बहनों को, मम्मी को बता देते थे। धीरे-धीरे बड़े होते हुए हम बताना बंद करते चले जाते हैं। अपने मन में सारी बातें रख लेते हैं। अपने आप को कट करते जाते हैं। धीरे-धीरे वो डिप्रेशन बन जाता है। आपको कोशिश करनी चाहिए, आपके मन के अंदर जो दुविधाएं हैं खुलकर किसी से कह सकें। नहीं बोलोगे तो एक समय पर विस्फोट हो जाएगा। जैसे कुकर की सीटी बजती है। प्रेशर निकलता रहता है समय समय पर। नहीं निकलेगा तो कुकर फट जाएगा।

*जीवन की विफलताओं को अपना टीचर बना लों-पीएम मोदी*
पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूल में 30-40% बच्चे फेल होते हैं, उनका क्या होता है। देखिए फेल होने से जिंदगी रुक नहीं जाती है। आपको तय करना होगा कि जीवन में सफल होना है कि किताबों से। जीवन में सफल होने का एक उपाय ये होता है कि आप अपने जीवन की जितनी विफलताएं हैं, उसे अपना टीचर बना लें। अपनी विफलताओं को टीचर बना लें। जीवन सिर्फ परीक्षाएं नहीं हैं। इसे समग्रता में देखना चाहिए। हमारे अंदर परमात्मा ने कुछ कमियां भी रखी हैं कुछ विशेषताएं भी दी हैं। विशेषताओं पर ध्यान दीजिए। फिर कोई नहीं पूछेगा कि 10वीं-12वीं में कितने मार्क्स आए थे। जीवन बोलना चाहिए, मार्क्स नहीं।'

*24 घंटे सबके पास हैं-पीएम मोदी*
समय और टाइम मैनेजमेंट का महत्व समझाते हुए पीएम ने कहा, सबके पास 24 घंटे हैं। कोई इधर उधर की बातों में इसे गंवा देता है, कोई अपने लक्ष्य पर फोकस करके उसके लिए मेहनत करके। इस समय का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करना चाहिए। एक लिस्ट बनाइए कि कल मुझे ये-ये काम करने हैं। फिर अगले दिन उसे चेक करें कि उसमें से क्या किया क्या नहीं। हम अपने प्रिय विषय में सबसे ज्यादा समय लगा देते हैं। बाकी सब्जेक्ट्स को भी टाइम दें। उससे डरने की जरूरत नहीं है। अपने 24 घंटे को हम सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव कैसे बना सकते हैं, इसपर ध्यान दें।

*खुद को मोटिवेट कैसे करें?*
एक छात्र ने पीएम मोदी से पूछा कि उसे पेपर छूटने का डर रहता है। इस पर पीएम मोदी ने सलाह दी कि वह पिछले सालों के पेपर सॉल्व करें, इससे उसका डर खत्म हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को केवल उन सवालों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो महत्वपूर्ण हैं। खुद को मोटिवेट करने के लिए गोल्स बनाइए। उन्हें हासिल कर लेने के बाद खुद को रिवॉर्ड दें।

*लिखने की आदत*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखने की आदत पर जोर डालते हुए कहा, ज्यादातर टीचर पढ़ाते हैं, लेकिन जब एग्जाम का समय आता है तो कहते हैं क्वेश्चन-आंसर लिखो। मेरा हमेशा मत रहा है कि जीवन की कोई भी उम्र क्यों न हो, लिखने की आदत डालनी चाहिए। ये जो कविताएं लिखते हैं, उसका मतलब वो अपने विचारों को बांधते हैं।

*टेक्नोलॉजी का सही उपयोग कैसे करें?*
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को टेक्नोलॉजी के सही उपयोग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी कोई खतरनाक तूफान नहीं है जो आपको गिरा देगा। इनोवेशन आपकी भलाई के लिए हैं। टेक्नोलॉजी का सही तरीके से इस्तेमाल करें और अपने समय को बर्बाद करने वाली गतिविधियों से बचें।

*शिक्षकों के लिए पीएम मोदी की सलाह*
एक कहानी सुनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे याद है मैं अहमदाबाद में एक बच्चे से मिला था। उसके माता-पिता ने मुझे चिट्ठी लिखी थी कि मेरे बच्चे को स्कूल से निकाल रहे हैं। कहते हैं कि वो क्लास में ध्यान नहीं देता। मजा ये हुआ कि उस स्कूल में बाद में अटल टिंकरिंग लैब शुरू हुआ। नतीजा ये कि वो बच्चा ज्यादा समय टिंकरिंग लैब में टाइम बिताता। रोबोट की कंपटिशन हुई और वो स्कूल वाले उसमें नंबर 1 आ गए। क्यों? उसी बच्चे ने बनाया। यानी उसके पास कोई विशेष ताकत है। टीचर का काम है कि उसकी उस ताकत को पहचानें।
मणिपुर हिंसा के करीब डेढ़ साल बाद एन बीरेन सिंह ने दिया सीएम पद से इस्तीफा, क्या है वजह
#manipur_cm_n_biren_singh_resign_reason
* मणिपुर 3 मई 2023 से शुरू हुआ जातीय हिंसा का दौर थमता नहीं दिख रहा है। मणिपुर हिंसा को रोकने में नाकामयाब रहे सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की विपक्ष लगातार मांग कर रहा था। इस बीच मणिपुर में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश यूनिट में जारी खींचतान के बीच, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल ने सिंह के साथ-साथ उनकी मंत्रिपरिषद का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही उनसे अनुरोध किया कि वैकल्पिक व्यवस्था होने तक वह पद पर बने रहें। एन बीरेन सिंह पहली बार 2017 में मणिपुर के मुख्यमंत्री बने थे। उनके नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का राज्य में यह लगातार दूसरा कार्यकाल है। लेकिन बीते महीनों प्रदेश में हुई व्यापक हिंसा ने उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया था। मैतेई समुदाय और कुकी जनजाति के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से बीरेन सिंह की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। विपक्ष ने बार-बार उन पर हिंसा पर नियंत्रण करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। साथ ही उनके इस्तीफे की भी मांग की। हिंसा शुरू होने के कुछ दिनों बाद ऐसा लगा कि बीरेन सिंह इस्तीफा देंगे, लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। एन बीरेन सिंह के नाम से एक कथित त्याग पत्र की तस्वीर भी इस दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस तस्वीर में इस्तीफी फटा हुआ नजर आ रहा है। इसके कुछ वक्त बाद उन्होंने ट्विटर पर कहा, इस नाजुक मोड़ पर मैं ये स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने नहीं जा रहा हूं। बता दें, बीरेन सिंह ने राज्य में हिंसा भड़कने के लगभग दो साल बाद रविवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा है। एन. बीरेन सिंह को राज्य में जातीय संघर्ष से निपटने के तरीके को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहे हैं। लगातार हो रही आलोचनाओं के बीच बीरेन सिंह का इस्तीफा आया है। कांग्रेस विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा कर रही है। जानकारी के मुताबिक बीरेन सिंह कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव से बचना चाहते थे, क्योंकि उन्हें अपनी पार्टी के विधायकों के समर्थन का भरोसा नहीं था। इसलिए उन्होंने इस्तीफा देना बेहतर समझा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर के कई बीजेपी विधायक, जो बीरेन सिंह के नेतृत्व और मणिपुर संकट के पार्टी नेतृत्व से नाराज थे, इसलिए उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। मणिपुर बीजेपी के एक दूसरे नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, अगर सीएम ने इस्तीफा नहीं दिया होता, तो सोमवार को पार्टी के लिए यह शर्मनाक होता। मणिपुर के कांग्रेस नेताओं ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे अविश्वास प्रस्ताव की मांग करेंगे। करीब पांच से 10 भाजपा विधायकों ने विपक्ष में बैठने और उनका समर्थन न करने की बात कही है। इन विधायकों में मंत्री भी शामिल हैं। असल में सीएम को यह बात पता थी और केंद्रीय नेतृत्व को इस बारे में नियमित रूप से बताया जा रहा था, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस बीच इस सप्ताह की शुरुआत में, एक नया विवाद तब खड़ा हो गया था जब सुप्रीम कोर्ट ने जातीय हिंसा में सिंह की भूमिका का आरोप लगाने वाली लीक हुई ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता को लेकर एक सीलबंद फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी थी। इस्तीफा देने से पहले बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
पीएम मोदी की अमेरिका दौरे कितना अहम? ट्रंप से मुलाकात के दौरान इन मुद्दों पर होगी बात*
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प्रधानमंत्री नरेंद मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात भी होगी। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह उनकी पहली मुलाकात होगी। ऐसे में इन दोनों बड़े नेताओं के बीच होने वाली ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद मोदी अमेरिका का दौरा करने वाले चौथे वैश्विक नेता होंगे। पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात के दौरान एजेंडे में भारत-अमेरिका वैश्विक व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाना और सभी क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी और भरोसेमंद संबंधों के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा तय करना शामिल है। दोनों देशों के बीच ट्रेड, न्यूक्लियर एनर्जी, डिफेंस, महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी, आतंकवाद-रोधी और हिंद-प्रशांत में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।इसके अलावा एजेंडे में व्यापार या ट्रंप द्वारा निष्पक्ष व्यापार, अवैध प्रवास और वीजा देरी की आवश्यकता को लेकर मतभेद भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यूएस दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब ट्रंप ने हाई टैरिफ की धमकी दी है।ट्रंप ने भले ही हाई टैरिफ की धमकी दी है, लेकिन एक व्यापार समझौते की उम्मीद हो सकती है। मोदी सरकार एक छोटे, अगर व्यापक नहीं, व्यापार सौदे के लिए चर्चा फिर से शुरू करने की उम्मीद करेगी जो 2019 में रद्द किए गए जीएसपी के तहत भारत के लाभों को बहाल कर सके, जबकि अमेरिका को अधिक बाजार पहुंच की अनुमति दे सके। इससे पहले जब ट्रंप राष्ट्रपति थे तब पीएम मोदी 2017 में अमेरिका गए थे। फरवरी 2020 में ट्रंप ने भारत की यात्रा की थी। नवंबर 2024 से दो बार पीएम मोदी और ट्रंप के बीच बातचीत हो चुकी है। ट्रंप प्रशासन के साथ भारत शुरू से ही जुड़ा है। डोनाल्ड ट्रंप के शपथ में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पहुंचे थे। *भारत अमेरिका द्विपक्षीय संबंध* भारत और अमेरिका ने 2005 में एक ‘रणनीतिक साझेदारी’ शुरू की थी।फरवरी 2020 में ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों को व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया गया। पहले ट्रंप प्रशासन के दौरान, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र ने अमेरिकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्र के रूप में महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया। जापान के साथ मिलकर; ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और भारत ने क्वाड डायलॉग को फिर से जीवंत किया। ट्रंप प्रशासन ने क्वाड को वरिष्ठ-अधिकारी स्तर की वार्ता से मंत्री-स्तरीय वार्ता में आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया। बाइडेन प्रशासन के तहत, क्वाड को नेताओं के शिखर सम्मेलन में बदल दिया गया। *व्यापार और निवेश* अमेरिका भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, जिसका 2023 में वस्तुओं और सेवाओं में कुल द्विपक्षीय व्यापार 190 बिलियन डॉलर होगा। भारत का व्यापार अधिशेष 36 बिलियन डॉलर से अधिक है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, अमेरिका लगभग 5 बिलियन डॉलर के फ्लो के साथ भारत में FDI का तीसरा सबसे बड़ा सोर्स था। *एनर्जी पार्टनरशिप* अमेरिका भारत का छठा सबसे बड़ा एनर्जी ट्रेड पार्टनर है। वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका के साथ भारत का हाइड्रोकार्बन व्यापार 13.6 बिलियन डॉलर था। *एजुकेशनल और कल्चरल* हायर एजुकेशन के लिए भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। भारत और अमेरिका ने 2024 में प्राचीन वस्तुओं की अवैध तस्करी को रोकने और उस पर अंकुश लगाने के लिए पहली बार ‘सांस्कृतिक संपत्ति समझौते’ पर हस्ताक्षर किए। अमेरिका ने 2016 से अब तक भारत को 578 प्राचीन वस्तुएं लौटाई हैं। *डिफेंस पार्टनशिप* भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग ‘भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग के लिए नए ढांचे’ पर आधारित है, जिसे 2015 में 10 साल के लिए रिन्यू किया गया था। 2016 में, रक्षा संबंधों को एक प्रमुख रक्षा साझेदारी के रूप में नामित किया गया था। भारत ने 2008 से 20 बिलियन डॉलर से अधिक के अमेरिकी मूल के रक्षा सामानों के लिए अनुबंध किया है, जिसमें C-130J, C-17 और अपाचे शामिल हैं। *साइंस एंड टेक्नोलॉजी, स्पेस सहयोग* साइंस एंड टेक्नोलॉजी सहयोग समझौते को सितंबर 2019 में 10 वर्षों के लिए रिन्यू किया गया था। इसरो और नासा पृथ्वी अवलोकन के लिए एक माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग उपग्रह विकसित कर रहे हैं: नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार। जनवरी 2024 में, नासा और इसरो ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त प्रयास शुरू करने के लिए एक संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए। इसरो ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक्सिओम-4 मिशन पर दो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को नामित किया है, जिन्हें वर्तमान में अमेरिका में प्रशिक्षित किया जा रहा है। भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी में मजबूत सहयोग है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगम में लगाई डुबकी, सीएम योगी भी रहे मौजूद*
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प्रयागराज की पावन धरा पर सोमवार को देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची और यहां उन्होंने पवित्र स्नान किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने संगम नोज में त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। बता दें कि वह आठ घंटे से अधिक समय तक प्रयागराज में रहेंगी और इस दौरान संगम स्नान के साथ ही यहां अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में पूजा करेंगी। राष्ट्रपति के साथ सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को संगम में 3 डुबकी लगाई। भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। स्नान से पहले मां गंगा को पुष्प अर्पित किए। इसके बाद गंगा की पूजा और आरती की। राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर सोमवार सुबह साढ़े 9 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। यहां राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी ने स्वागत किया। भारत की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का तीर्थराज कुंभ नगरी प्रयाग में आगमन पर प्रयागराज के प्रथम नागरिक महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने प्रयागराज महानगर की चाबी भेंट कर उनका स्वागत किया । महाकुंभ का आज 29वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 43.57 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। आज सुबह 10 बजे तक 63 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी परिवार के साथ संगम में डुबकी लगाई। भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। प्रयागराज शहर में जबरदस्त भीड़ है। इसे देखते हुए अरैल घाट से संगम तक बोट बंद की गई है। इसके अलावा, संगम स्टेशन को 14 फरवरी तक बंद कर दिया गया है।
आज लोकसभा में पेश हो सकता है नया इनकम टैक्स बिल, अमेरिका से भेजे गए भारतीयों के मुद्दे पर हंगामे के आसार
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* आज संसद में बजट सत्र के सातवें दिन की कार्यवाही होगी। लोकसभा में आज नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जा सकता है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इस बिल को मंजूरी दे दी। यह बिल टैक्सेशन सिस्टम में सुधार के लिए एक बड़ा सुधार ला सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद आज संसद कार्यवाही का पहला दिन है। ऐसे में सदन की कार्वाही में दिल्ली चुनाव के नतीजों का असर देखने को मिल सकता है। बीजेपी के सदस्य जहां नए जोश से लबरेज नजर आएंगे, वहीं विपक्ष के नेता थोड़े मायूस होंगे। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों की ओर से हंगामा जारी रहने के आसार हैं। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आज लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीयों के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई है। वहीं कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है, जिसमें श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई है।