मणिपुर हिंसा के करीब डेढ़ साल बाद एन बीरेन सिंह ने दिया सीएम पद से इस्तीफा, क्या है वजह
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* मणिपुर 3 मई 2023 से शुरू हुआ जातीय हिंसा का दौर थमता नहीं दिख रहा है। मणिपुर हिंसा को रोकने में नाकामयाब रहे सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की विपक्ष लगातार मांग कर रहा था। इस बीच मणिपुर में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश यूनिट में जारी खींचतान के बीच, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल ने सिंह के साथ-साथ उनकी मंत्रिपरिषद का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही उनसे अनुरोध किया कि वैकल्पिक व्यवस्था होने तक वह पद पर बने रहें। एन बीरेन सिंह पहली बार 2017 में मणिपुर के मुख्यमंत्री बने थे। उनके नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का राज्य में यह लगातार दूसरा कार्यकाल है। लेकिन बीते महीनों प्रदेश में हुई व्यापक हिंसा ने उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया था। मैतेई समुदाय और कुकी जनजाति के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से बीरेन सिंह की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। विपक्ष ने बार-बार उन पर हिंसा पर नियंत्रण करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। साथ ही उनके इस्तीफे की भी मांग की। हिंसा शुरू होने के कुछ दिनों बाद ऐसा लगा कि बीरेन सिंह इस्तीफा देंगे, लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। एन बीरेन सिंह के नाम से एक कथित त्याग पत्र की तस्वीर भी इस दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस तस्वीर में इस्तीफी फटा हुआ नजर आ रहा है। इसके कुछ वक्त बाद उन्होंने ट्विटर पर कहा, इस नाजुक मोड़ पर मैं ये स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने नहीं जा रहा हूं। बता दें, बीरेन सिंह ने राज्य में हिंसा भड़कने के लगभग दो साल बाद रविवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा है। एन. बीरेन सिंह को राज्य में जातीय संघर्ष से निपटने के तरीके को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहे हैं। लगातार हो रही आलोचनाओं के बीच बीरेन सिंह का इस्तीफा आया है। कांग्रेस विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा कर रही है। जानकारी के मुताबिक बीरेन सिंह कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव से बचना चाहते थे, क्योंकि उन्हें अपनी पार्टी के विधायकों के समर्थन का भरोसा नहीं था। इसलिए उन्होंने इस्तीफा देना बेहतर समझा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर के कई बीजेपी विधायक, जो बीरेन सिंह के नेतृत्व और मणिपुर संकट के पार्टी नेतृत्व से नाराज थे, इसलिए उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। मणिपुर बीजेपी के एक दूसरे नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, अगर सीएम ने इस्तीफा नहीं दिया होता, तो सोमवार को पार्टी के लिए यह शर्मनाक होता। मणिपुर के कांग्रेस नेताओं ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे अविश्वास प्रस्ताव की मांग करेंगे। करीब पांच से 10 भाजपा विधायकों ने विपक्ष में बैठने और उनका समर्थन न करने की बात कही है। इन विधायकों में मंत्री भी शामिल हैं। असल में सीएम को यह बात पता थी और केंद्रीय नेतृत्व को इस बारे में नियमित रूप से बताया जा रहा था, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस बीच इस सप्ताह की शुरुआत में, एक नया विवाद तब खड़ा हो गया था जब सुप्रीम कोर्ट ने जातीय हिंसा में सिंह की भूमिका का आरोप लगाने वाली लीक हुई ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता को लेकर एक सीलबंद फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी थी। इस्तीफा देने से पहले बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
Feb 10 2025, 14:33