अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को वापस भेजने पर बिफरे पीसीसी चीफ दीपक बैज, कहा- देश से माफी मांगे मोदी



रायपुर- अमेरिका ने अवैध तरीके से रह रहे 104 भारतीयों को वापस भारत भेज दिया है. अमेरिका को इस कदम को छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने देश के लिए शर्मनाक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगने को कहा है. 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मीडिया से चर्चा में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति प्रवासी भारतीयों को अमेरिका से बाहर भेज रहे हैं. विश्वगुरु कहने वाले पीएम कहां गए हैं. इतनी शर्मनाक घटना, इतना अपमान भारत क्यों सह रहा है. इस घटना के लिए देश से उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

बता दें कि डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद अवैध तरीके से रह रहे बाहरी लोगों को डिपोर्ट करने के आदेश दिए थे. इस कड़ी में 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार (5 फरवरी) को अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा.

भारत लाए गए 104 अप्रवासियों में सबसे ज्यादा हरियाणा और गुजरात के 33-33 लोग शामिल है. इसके अलावा पंजाब के 30, महाराष्ट्र के 3, उत्तर प्रदेश-चंडीगढ़ के 2 लोग शामिल हैं. इनमें 8–10 साल के बच्चों के साथ कुछ परिवार भी शामिल हैं.

छत्तीसगढ़ : चुनाव प्रचार के दौरान दो पक्षों में जमकर मारपीट, बवाल से छावनी में तब्दील हुआ इलाका

रायगढ़-  नगरीय निकाय चुनाव के माहौल के बीच छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला मुख्यालय में बुधवार शाम चुनाव प्रचार के दौरान दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हो गई. इस घटना ने इतना तूल पकड़ लिया कि इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया और जूटमिल थाना क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है.

मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार की शाम जूटमिल इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई, जिसके बाद माहौल इतना गर्मा गया कि थाने के सामने सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई. आचार संहिता के दौरान मारपीट के बाद इस हंगामे की जानकारी मिलते ही सिटी कोतवाली, चक्रधर नगर थाना प्रभारी के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे.

मारपीट के संबंध में बताया जा रहा है कि जूटमिल क्षेत्र में कोतरा रोड क्षेत्र से कुछ युवकों का दल जूटमिल क्षेत्र में पहुंचा था और उनके द्वारा भाजपा के महापौर प्रत्याशी को वोट नहीं देने की बात कही जा रही थी. इतना ही नहीं, उनकी बात नहीं मानने पर उन्हें धमकी भी दी जा रही थी. इसी दौरान मारपीट की यह घटना घटित हो गई. जिसके बाद से दोनों ही पक्ष जूटमिल थाने में पहुंचकर हंगामा कर रहे थे. समाचार लिखे जाने तक अंततः दोनों पक्षों में समझौता हो जाने की बात कही जा रही है.

पंचायत चुनाव का बहिष्कार : जावा को स्वतंत्र पंचायत नहीं बनाने से नाराज ग्रामीणों ने लिया फैसला, कई बार शासन-प्रशासन को लिख चुके हैं पत्र

आरंग- प्रदेश में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बीच आरंग ब्लॉक के ग्राम पंचायत सकरी के आश्रित ग्राम जावा के ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. दरअसल पिछले कई वर्षों से आश्रित ग्राम जावा के रहवासी प्रशासन और सरकार से मांग करते आ रहे हैं कि जावा को भी पूर्ण ग्राम बनाया जाए. यानी ग्राम पंचायत का दर्जा ग्राम जावा को भी दिया जाए. अब तक मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव में मतदान नहीं करने का फैसला लिया है.

ग्रामीण अपनी मांग को लेकर लंबे समय से प्रशासन और सरकार को पत्र के ऊपर पत्र लिखते आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन और सरकार की ओर से उनकी मांग पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया. ऐसे में इस बार पंचायत चुनाव के दौरान जावा गांव के मतदाताओं ने संकल्प ले लिया है कि इस बार किसी को भी वोट नहीं देंगे. इस संबंध में रायपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत करा चुके हैं.

गांव में विकास कार्य नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश

गांव के प्रमुख कन्हैया वर्मा का कहना है कि शासन प्रशासन ने ग्राम पंचायत सकरी में विकास कार्य किया है और आश्रित ग्राम जावा में विकास कार्य नहीं हो पा रहा है. विकास से ग्राम पंचायत सकरी का आश्रित ग्राम अछूता है इसलिए ग्रामीणों की बैठक कर निर्णय लिया गया है कि इस बार गांव के एक भी मतदाता मतदान नहीं करेंगे. भले उनका मतदान व्यर्थ चला जाए.

मंत्री, नेता और अफसरों से कर चुके हैं मांग

आश्रित ग्राम जावा के पंच रहे विक्रम वर्मा और बिसंबर वर्मा ने बताया कि कई सालों से ग्राम पंचायत सकरी के आश्रित ग्राम जावा को अलग कर पूर्ण ग्राम पंचायत का दर्जा देने की मांग कर रहे. इसके लिए लगातार मंत्री, नेता और अधिकारियों से मुलाकात की गई, फिर भी मांग पूरी नहीं हुई. आश्रित ग्राम जावा में लगभग 650 मतदाता हैं, जिन्होंने इस बार निर्णय लिया है कि पंचायत चुनाव में भाग नहीं लेंगे और चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे अफसर

आरंग के अधिकारियों के साथ जावा गांव के मतदाताओं की बैठक भी हो चुकी है, जिसमें ग्रामीणों ने अधिकारियों से भी स्पष्ट कह दिया है कि जब तक जावा को पूर्ण पंचायत का दर्जा नहीं मिल जाता तब तक यहां के मतदाता आगे किसी भी चुनाव में मतदान नहीं करेंगे. हालांकि अधिकारी अपने स्तर पर ग्रामीणों को समझने का प्रयास कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने की सौजन्य भेंट

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज उनके निवास कार्यालय में नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्री गौतम को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश में कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, नागरिक सुरक्षा और पुलिस प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। उन्होंने आधुनिक तकनीकों के समुचित उपयोग, जनसहभागिता और अनुशासित पुलिसिंग के माध्यम से प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने पर बल दिया।

रायपुर-धमतरी में आयकर विभाग का छापा: सराफा कारोबारियों ने 15 करोड़ रुपये किया सरेंडर, दस्तावेजों को सीज कर लौटी टीम

रायपुर- राजधानी रायपुर के सदर बाजार स्थित ए.एम ज्वेलर्स और धमतरी में इतवारी बाजार स्थित श्री सेठिया ज्वेलर्स के ठिकानों पर दो दिनों तक चली आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। बुधवार को इन सराफा कारोबारियों ने गड़बड़ी को स्वीकार करते हुए 15 करोड़ रुपये की राशि सरेंडर की है।

बता दें कि टैक्स चोरी करने की शिकायत पर आयकर विभाग की 30 सदस्यीय टीम ने मंगलवार को रायपुर और धमतरी में इन ज्वेलर्स के ठिकानों में दबिश दी थी। जांच के दौरान आईटी की टीम को लेनदेन में गड़बड़ी, आय से अधिक खर्च करने और स्टॉक में गड़बड़ी मिली थी, जिसके बाद टीम ने सराफा कारोबारियों से गड़बड़ी को लेकर पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया है।

सूत्रों के मुताबिक, आईटी की टीम ने शोरूम से बरामद दस्तावेजों और कंप्यूटर, लैपटॉप समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का बैकअप लिया है। इनकी जांच के बाद कारोबारियों पर लगने वाले टैक्स का निर्धारण किया जाएगा।

IPS जीपी सिंह के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी में दर्ज ECIR निरस्त, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

बिलासपुर-  हाईकोर्ट ने आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी की उस प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) को निरस्त करने का आदेश दिया है, जिसमें उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इसके साथ ही हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अगवाल की डिवीजन बेंच ने पहले जारी किए गए दोनों नोटिस को भी रद्द कर दिया है। बता दें कि नई दिल्ली की हेड इन्वेस्टिगेटिंग यूनिट ने जीपी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

आईपीएस जीपी सिंह पर राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया, तब उन पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने अपनी पत्नी मनप्रीत कौर के नाम पर संपत्ति बनाई है। इसी मामले में एसीबी के अलावा नई दिल्ली की हेड इन्वेस्टिगेटिंग यूनिट ने धनशोधन अधिनियम के तहत आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ ईसीआईआर दर्ज किया था, जिसके बाद उन्हें नोटिस जारी कर उनकी पत्नी मनप्रीत कौर के नाम पर अर्जित की गई संपत्ति का ब्यौरा मांगा था।

जीपी सिंह ने राज्य सरकार की तरफ से दर्ज आपराधिक प्रकरणों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया था। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने आय से अधिक संपत्ति सहित अन्य सभी मामलों को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली द्वारा दर्ज ईसीआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी।

छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती विवाद पर सुनवाई : डीएड कर चुके बीएड डिग्रीधारी भी काउंसिलिंग में होंगे शामिल, हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश

बिलासपुर-  प्रदेश में शिक्षक भर्ती विवाद के बीच हाईकोर्ट ने फिर एक नया आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए 10 फरवरी से होने वाली काउंसिलिंग में बीएड डिग्रीधारी उन अभ्यर्थियों को भी शामिल किया जाएगा, जिन्होंने अपनी डीएड डिप्लोमा का उल्लेख नहीं किया है. वहीं हाईकोर्ट ने मामले में राज्य शासन से 4 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश पर डीएड अभ्यर्थियों की भर्ती करने के लिए पूर्व में शासन ने 2855 अभ्यर्थियों की लिस्ट हाईकोर्ट में पेश की थी. हाईकोर्ट ने शासन को आदेश का पालन करने के लिए 15 दिन का समय दिया था. इसके बाद राज्य शासन ने बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की सेवा समाप्ति करने का आदेश जारी करने के साथ ही 10 फरवरी से डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए काउसिंलिंग करने का आदेश दिया है.

बीएड डिग्रीधारियों ने लगाई है नई याचिका

इधर, स्वाति देवांगन समेत कई बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में नए सिरे से याचिका लगाई है, जिसमें कहा है कि याचिकाकर्ता भी शिक्षा विभाग की उस काउंसिलिंग में शामिल होना चाहते हैं, जिसमें डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया होगी. याचिकाकर्ताओं ने बीएड से पहले डीएड डिप्लोमा भी किया है, लेकिन पहले अपने आवेदन में इसका उल्लेख नहीं कर पाए थे. इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एके प्रसाद ने कहा कि केस में मेरिट्स पर कोई निर्देश नहीं दिया जाएगा, लेकिन काउंसिलिंग में याचिकाकर्ता डीएड अभ्यर्थियों को भी शामिल करने की अनुमति दी जा सकती है. कोर्ट के आदेश के बाद अब बीएड डिग्रीधारी ऐसे अभ्यर्थी भी 10 फरवरी से होने वाली काउंसिलिंग में शामिल हो सकेंगे, जिन्होंने डीएड किया है.

सीजीएसटी में रिश्वतखोरी मामला : CBI ने CGST अधीक्षक और ड्राइवर को 10 फरवरी तक लिया रिमांड पर

रायपुर- सीबीआई ने 5 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार सीजीएसटी (सेंट्रल जीएसटी) के अधीक्षक भरत सिंह और ड्राइवर विनय राय को विशेष कोर्ट में पेश किया. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने मामले में सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को 10 फरवरी तक रिमांड पर भेज दिया है.

सीबीआई ने इस मामले में पूछताछ के लिए रिमांड की अपील करते हुए कोर्ट में बताया कि जांच के दौरान अहम जानकारी मिली है. इनमें कुछ और लोगों के शामिल होने और मध्यस्थ की भूमिका अदा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ गिरफ्तारी के इनपुट भी मिले हैं. सीबीआई ने आरोप लगाया कि रिश्वतखोरी के इस मामले में और भी लोग शामिल हैं, जिनके बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करनी है. इसे देखते हुए रिमांड का आवेदन पेश किया. जिसे विशेष न्यायाधीश ने स्वीकार किया है.

बता दें कि सीबीआई ने 31 जनवरी की करीब 4 बजे 5 लाख की रिश्वत लेते हुए सीजीएसटी के ड्राइवर विनय राय को रंगे हाथों पकड़ा था. उससे मिली जानकारी के आधार पर सीजीएसटी दफ्तर में दबिश देकर भरत सिंह को गिरफ्तार किया गया था. 1 जनवरी को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 5 दिन की रिमांड पर लिया गया था.

यह है मामला

सेंट्रल जीएसटी की टीम ने 28-29 जनवरी को दुर्ग के स्टेशन रोड स्थित मेसर्स वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी में छापेमारी की थी. तलाशी के दौरान गड़बड़ी पकड़े जाने पर संचालक लालचंद अठवानी से 34 लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई थी. इस दौरान एक व्यक्ति ने लेन-देन कर पूरा मामला रफादफा कराने में मध्यस्थता की थी. लेन-देन की सूचना मिलने पर सीबीआई की टीम ने जाल बिछाया और 31 जनवरी की शाम वीआईपी रोड स्थित करेंसी टावर के पास 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ड्राइवर विनय राय को गिरफ्तार किया. विनय राय के बाद टीम ने अधीक्षक भरत सिंह को गिरफ्तार किया था. इस दौरान मिली जानकारी के आधार पर सीबीआई की टीम ने सीजीएसटी के दफ्तर में दबिश दी. पूछताछ में मध्यस्थ और कुछ अन्य लोगों के नाम सामने आने पर दोनों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया.

बीजेपी उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा का भूपेश बघेल पर बड़ा हमला, कहा-

रायपुर- छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अशालीन बयानबाजी पर कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि लगातार हार और नगरीय निकाय चुनाव में भी पराजय की आशंका से कांग्रेस नेता भूपेश बघेल का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है. शिवरतन शर्मा ने कहा कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन के बारे में व्यक्त बघेल के विचार कतई स्वीकार नहीं किए जा सकते. राजनीतिक विमर्श में ऐसी भाषा की कोई जगह नहीं होना चाहिए.

उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी नबीन का पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता से संपर्क है. प्रदेश के हर कोने तक पहुंच कर उन्होंने संगठन को मज़बूत किया और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल लगातार हो रहे पराजय को पचा नहीं पा रहे हैं, इसलिए ऊल-जुलूल बयानबाजी कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री को उनके किए की सजा जनता ने दी है. उन्हें आत्मचिंतन करना चाहिए और बजाय बौखलाहट में आपा खोने के, अपनी भूलों को स्वीकार करते हुए सुधार करना चाहिये.

शिवरतन शर्मा ने कहा कि भूपेश बघेल न केवल जनता में अलोकप्रिय और अप्रासंगिक हो गये हैं बल्कि अब कांग्रेस के भीतर भी उन्हें कोई सहन करने के लिए तैयार नहीं है. हाल ही में नेता प्रतिपक्ष महंत ने उनके नेतृत्व को खुली चुनौती दी है. अब अपनी राजनीतिक जमीन बुरी तरह खो चुके बघेल को अब राजनीति छोड़ देनी चाहिये.

उन्होंने कहा कि अपार बहुमत से सत्ता में आने के बावजूद अपनी करनी, अपने भ्रष्टाचार, वादाखिलाफ़ी और अक्षमता के कारण पूर्व मुख्यमंत्री ने जनता का विश्वास खो दिया, उनकी बेजा बयानबाजी ने भी कांग्रेस की लुटिया डुबो दी. ऐसे बयानों से कांग्रेस का रहा-सहा आधार भी समाप्त हो जायेगा. शिवरतन शर्मा ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता अपने प्रभारी के बारे में अनर्गल और बेजा बयानबाज़ी सहन नहीं करेंगे. उन्होंने कांग्रेस में नेताओं से यह उम्मीद की है कि वे सभी पूर्व मुख्यमंत्री को समझाइश देंगे.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 11 फरवरी को रहेगा अवकाश

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने वर्ष 2025 के कैलेंडर में आंशिक संशोधन करते हुए 11 फरवरी, 2025 को नगर निगम के महापौर/अध्यक्ष और वार्ड सदस्य चुनाव के कारण उच्च न्यायालय और रजिस्ट्री के लिए अवकाश घोषित किया है। इसके बदले में 22 मार्च 2025 को उच्च न्यायालय के लिए कार्य दिवस घोषित किया गया है। यह विषेश सूचना उच्च न्यायालय के आदेशानुसार रजिस्ट्रार जनरल के. विनोद कुजूर ने जारी की है।

देखें आदेश –