दिल्ली में कौन करेगा राज, 2% कम मतदान के क्या हैं मायने?

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी वोटों के लिहाज से पिछला रिकॉर्ड दोहरा पाएगी या फिर बीजेपी या कांग्रेस में से कोई और उससे आगे निकल जाएगी? इस सवाल का जवाब 8 फरवरी को मिलेगा, जब मतगणना के नतीजे आएंगे। इससे पहले एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल ने भाजपा की सरकार बनवा दी। आम आदमी पार्टी हैट्रिक जीत से चूकती नजर आ रही है। अब फाइनल नतीजों का इंतजार है।

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर इस बार 60.44% मतदान हुआ है। सबसे ज्यादा 66.25% वोटिंग नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में और सबसे कम 56.31% वोटिंग साउथ-ईस्ट दिल्ली में हुई। दिल्ली विधानसभा के पिछले 3 चुनावों के मुकाबले इस बार कम वोटिंग हुई है। साल 2013 में 65.63% वोटिंग हुई थी। 2015 में 67.12% और 2020 में 62.59% वोटिंग हुई थी। तीनों बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। इस बार 60.44% वोटिंग हुई है

इसका मतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 से करीब 2.15 फीसदी कम। अब सवाल है कि कम वोटिंग के सियासी मायने क्या हैं, इससे किसकी सीटों पर असर पड़ेगा?

क्या है सियासी ट्रेंड?

दिल्ली में 2003, 2008, 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों में वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई थी। 2003 में 4.43 प्रतिशत, 2008 में 4.1 प्रतिशत, 2013 में 8 प्रतिशत और 2015 में करीब 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

2013 छोड़ दिया जाए तो वोट बढ़ने की वजह से कभी सरकार का उलटफेर नहीं हुआ। हालांकि, सीटों की संख्या में जरूर कमी और बढ़ोतरी देखी गई। 2003 में 4.4 प्रतिशत वोट बढ़े तो सत्ताधारी कांग्रेस की सीटें 5 कम हो गई. 2008 में 4.1 प्रतिशत वोट बढ़े तो कांग्रेस की सीटों में 4 की कमी आई।

2013 में कांग्रेस 8 सीटों पर सिमट गई। वोट बढ़ने का सीधा फायदा बीजेपी और नई-नवेली आम आदमी पार्टी को हुआ। 2015 में 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई तो आम आदमी पार्टी की सीटें बढ़ कर 67 पर पहुंच गई।

कम वोटिंग के मायने

इन आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली के चुनावों में जब-जब वोटिंग कम हुई है, आम आदमी पार्टी को घाटा हुआ है। इस बार भी वोटिंग कम ही है। ऐसे में यह तय है कि आम आदमी पार्टी की सीटें घटेंगी। ज्यादातर एग्जिट पोल भी यही अनुमान लगा रहे हैं। मगर आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं ही बनेगी, यह कहना भी अभी अतिश्योक्ति ही होगी। इसकी सबसे बड़ी वजह है देर शाम तक हुई वोटिंग। एग्जिट पोल के नतीजे 6.30 के बाद जारी हो गए। इसका मतलब है कि सैंपल फाइनल वोटिंग आंकड़ा से नहीं लिया गया होगा। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि एग्जिट पोल के नतीजे क्या 8 फरवरी को सही साबित होते हैं?

दुनिया भर में आर्थिक मदद पहुँचाने वाली अमेरिकी एजेंसी यूएसएड बंद, जानें भारत के लिए क्यों अहम

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सरकार की प्रमुख विदेशी सहायता एजेंसी यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) को बंद करके उसे विदेश मंत्रालय में शामिल करने एलान किया है। ट्रंप प्रशासन ने पहले विश्व भर में यूएसएड एजेंसी के प्रत्यक्ष कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया उसके बाद उसपर “ताला जड़” दिया।

मंगलवार कोऑआनलाइन पोस्ट किए गए एक नोटिस में कर्मचारियों को घर लौटने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। वाशिंगटन में भी यूएसएड के सैकड़ों कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया और उनसे कहा गया है कि शहर में एजेंसी के कार्यालय सप्ताह के शेष दिनों के लिए बंद रहेंगे।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को पदभार संभालने के बाद अरबपति एलन मस्क को तकरीबन सभी अमेरिकी विदेशी सहायता की समीक्षा करने का निर्देश दिया था। ट्रंप की ओर से विदेशी सहायता पर रोक लगाए जाने के बाद हजारों यूएसएड कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया और दुनियाभर में इसके कार्यक्रम बंद कर दिए गए।

ट्रंप ने कहा- एजेंसी को 'कट्टर वामपंथी सनकी' चला रहे

राष्ट्रपति ट्रंप और उनके सबसे शीर्ष के सलाहकार, अरबपति एलन मस्क यूएसएड के कड़े आलोचक रहे हैं। बीते सोमवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने आरोप लगाया कि इस एजेंसी को 'कट्टर वामपंथी सनकी' चला रहे हैं। वे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर रहे हैं और नाम और अन्य जानकारियां साझा नहीं कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन में सरकारी खर्च कटौती के लिए बने विभाग के अनौपचारिक प्रमुख एलन मस्क ने भी यूएसएड को बंद करने की बात कही थी। बीते एक सप्ताह में यूएसएड के दो शीर्ष अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया और एजेंसी की वेबसाइट डाउन हो गई। यूएसएड पर भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता के आरोपों के अलावा मस्क ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

मस्क ने बताया आपराधिक संगठन

अपने मालिकाना हक वाले सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर मस्क ने यूएसएड को 'बुराई', 'एक आपराधिक संगठन' और 'कट्टर वामपंथी राजनीतिक मनोवैज्ञानिक अभियान' (आम तौर पर षड्यंत्रकारी या बुरे कारनामों को ढंकने के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द) कहा। सोमवार को एक्स पर एक लाइव स्ट्रीम के दौरान उन्होंने कहा, इस पूरे मामले से निजात पाने की जरूरत है। यह लाइलाज है... हम इसे बंद करने जा रहे हैं।

भारत-विरोधी गतिविधियों में शामिल संगठनों को भी मिली मदद

बता दें कि यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) अमेरिकी सरकार की एक वैधानिक निकाय है। यूएसएड पूरी दुनिया में गैर सरकारी संगठनों, सहायता ग्रुपों और ग़ैर लाभकारी संस्थाओं को अरबों डॉलर की मदद देती है। हालांकि, ये बात कम ही लोगों को पता है कि इस एजेंसी से मिलने वाला पैसा भारत-विरोधी गतिविधियों में शामिल संगठनों को जाता था। फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF), जो कि हाफिज सईद के लश्कर-ए-तैयबा (LET) का मुखौटा संगठन है। इस समूह को यूएसएड के माध्यम से फंडिंग मिलती थी। यह फाउंडेशन पाकिस्तान से संचालित होता है और आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है।

भारत को कितनी मदद मिलती है?

यूएसएड के जरिए भारत को भी मदद मिलती है। भारत को स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, स्वच्छ ऊर्जा, पानी और स्वच्छता जैसे क्षेत्रों में सहायता मिली है। खुद यूएसएड की वेबसाइट पर भारत को दी गई मदद के बारे में जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार, इसने पोषण, टीकाकरण, स्वच्छता, पर्यावरण, क्लीन एनर्जी, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई।

यूएसएड की मदद से भारत में 8 कृषि विश्वविद्यालय, 14 इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, देश का पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी खड़गपुर भी यूएसएड की मदद से स्थापित किया गया था।

पिछले चार सालों में भारत को 65 करोड़ डॉलर की मदद मिली

लेकिन साल 2004 में सूनामी के दौरान भारत की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने सशर्त विदेशी मदद लेने की नीति में बदलाव किया, जिसके बाद यूएसएड से भारत को मिलने वाली मदद में अपेक्षाकृत कमी आई। हालांकि कोविड महामारी के बाद से भारत को मिलने वाली यूएसएड मदद में बढ़ोतरी देखी गई। अमेरिकी सरकार के फॉरेन असिस्टेंस पोर्टल के मुताबिक़, पिछले चार सालों में भारत को 65 करोड़ डॉलर की मदद मिली। जबकि 2001 से लेकर अबतक भारत को 2.86 अरब डॉलर की मदद मिल चुकी है। पोर्टल के अनुसार, यूएसएड की ओर से भारत को 2022 में सबसे अधिक 22.82 करोड़ डॉलर की मदद मिली, 2023 में 17.57 करोड़ डॉलर और 2024 में 15.19 करोड़ डॉलर की मदद मिली। यूएसएड से मदद पाने के मामले में भारत तीसरे स्थान पर रहा है।

बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा, जिस मुजीबुर्रहमान ने दिलाई थी आजादी उन्ही के घर पर तोड़फोड़-आगजनी

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बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। कुछ दिनों की शांति के बाद फिर पड़ोसी देश में अशांति फैली है। उपद्रवी इस दौरान अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं समेत निर्दोष हिंदुओं को हिंसा में निशाना बना रहे हैं। इस बीच खबर आ रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक ऑनलाइन भाषण के बाद ढाका में उपद्रवियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के आवास पर जमकर तोड़-फोड़ की। हालांकि, प्रशासन की तरफ से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

बुधवार रात करीब 8 बजे दंगाइयों की भीड़ ढाका के धानमंडी एरिया में बने मकान नंबर-32 में घुस गए और वहां खूब तोड़फोड़ मचाई। मकान नंबर 32 के प्रवेश द्वार पर लगे शेख मुजीबुर रहमान के भित्ति चित्र को तोड़ दिया गया है। इस दौरान उन्होंने शेख हसीना के खिलाफ भड़काऊ नारे भी लगाए।

इस हिंसात्मक अभियान की अगुवाई 'स्टूडेंट मूवमेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' नाम के संगठन से जुड़े वही नेता कर रहे थे, जिन्होंने शेख हसीना को देश से बाहर भागने को मजबूर किया था। वे शेख हसीना की उस घोषणा से भड़के हुए थे कि वे अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को वर्चुअल तरीके से संबोधित करेंगी। उन्होंने धमकी दी थी कि यदि शेख हसीना ने कोई बयान दिया, तो धानमंडी के मकान नंबर 32 को बुलडोजर से उड़ा दिया जाएगा। यह मकान शेख हसीना की पारिवारिक संपत्ति है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक आगजनी और तोड़फोड़ को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने रात करीब आठ बजे हमला किया और नारेबाजी के दौरान शेख हसीना को फांसी देने की मांग भी की।

शेख हसीना की आवामी लीग ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर की गई तोड़फोड़ और आगजनी के खिलाफ आवामी लीग ने ढाका बंद बुलाया है। शेख हसीना की पार्टी ने कहा है कि जिस तरह से शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर हमला हुआ है वो कहीं से भी सही नहीं है। आवामी लीग ने कहा है कि इसके परिणाम गंभीर होंगे।

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ उगला जहर! जानिए कश्मीर एकजुटता दिवस पर क्या कहा

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पाकिस्तान को एक बार फिर भारत से दूरी खलने लगी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत से सार्थक और निर्णायक बातचीत का भी आह्वान किया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ कश्मीर सहित सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करना चाहता है। उन्होंने कहा कि उनका देश कश्मीरी लोगों को अपना 'अटूट' समर्थन देता रहेगा।

शरीफ ने 'कश्मीर एकजुटता दिवस' के मौके पर मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की विधानसभा में एक सत्र को संबोधित यह टिप्पणी की। शरीफ ने कहा कि हम कश्मीर सहित सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'भारत को पांच अगस्त 2019 की मानसिकता से बाहर आना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र से किए गए वादों को पूरा करना चाहिए और संवाद शुरू करना चाहिए।' उनका इशारा जम्मू-कश्मीर को विशेष स्थिति को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशो में बांटने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने की ओर था।

शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के 24 करोड़ लोगों की ओर से कश्मीरियों के प्रति एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों और अलगाववादियों को श्रद्धांजलि दी और इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान कश्मीरियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटने वाला है। इतना ही नहीं, शहबाज ने कश्मीर में भारतीय सेना की मौजूदगी की निंदा की और कश्मीरियों के कथित उत्पीड़न का पुराना राग अलापा।

कश्मीर को लेकर उगला जहर

शहबाज ने कहा, "हम इस संघर्ष में अपने कश्मीरी भाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और तब तक ऐसा करते रहेंगे जब तक कि वे आत्मनिर्णय के अपने अधिकार को सुरक्षित नहीं कर लेते।" उन्होंने यहां तक कह दिया कि "5 फरवरी भारत को याद दिलाता है कि कश्मीर कभी भी उसका हिस्सा नहीं हो सकता।"

भारत पर लगाया हथियार जमा करने का आरोप

शरीफ ने भारत पर हथियार जमा करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हथियार जमा करने से शांति नहीं आएगी या इस क्षेत्र के लोगों की किस्मत नहीं बदलेगी। उन्होंने कहा कि प्रगति का रास्ता शांति है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आगे कहा, पाकिस्तान कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्मणय के फैसले तक कूटनीतिक और राजनीतिक समर्थन प्रदान करता रहेगा। उन्होंने कहा, यह (कश्मीर मुद्दा) केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव के तहत कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार से संभव हो सकता है।

दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद बीजेपी की वापसी, एग्जिट पोल्स में भाजपा सरकार का अनुमान

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दिल्ली में वोटिंग खत्म हो चुकी है। आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस बार के चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिली है। वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल्स में सत्तारूढ़ आप पार्टी के लिए मायूसी वाली खबर है। दिल्ली चुनाव को लेकर अधिकांश एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान हैं। वहीं, सिर्फ एक एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी करती दिख रही है। वहीं अगर एग्जिट पोल्स का अनुमान सच साबित हुए तो 27 साल बाद बीजेपी दिल्ली में सत्ता में वापसी करती दिख रही है।

वीप्रीसाइड एग्जिट पोल में AAP की वापसी, बीजेपी को कितनी सीट

दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक ऐसा एग्जिट पोल है जिसमें आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी करती दिख रही है। WeePreside एग्जिट पोल के अनुसार आम आदमी पार्टी की सत्ता में वापसी दिख रही है। इस एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 46 से 52 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, बीजेपी को 18 से 23 सीट मिलने की बात कही गई है। कांग्रेस को 1 सीट मिलने का अनुमान है।

चाणक्या एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार

दिल्ली विधानसभा में चाणक्या एग्जिट पोल में भी बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान है। चाणक्या एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 39-44 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, आप को 25 से 28 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस को 2 से 3 सीट मिल सकती है।

पी-मार्क में बीजेपी को 39-49 सीट

पी-मार्क के एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान है। इस एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी को बड़ा बहुमत मिलने का अनुमान है। इस एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 39 से 49 सीट मिल सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी को 21 से 31 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस के खाते में सिर्फ 1 सीट मिलने की बात कही गई है।

पीपल्स पल्स में बीजेपी की बल्ले-बल्ले

पीपल्स पल्स के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी महज 10 से 19 सीटों पर सिमटती दिख रही है। वहीं, भाजपा 51-60 सीटों का बंपर आंकड़ा छू सकती है। इस सर्वे में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलता दिख रहा।

जेवीसी एग्जिट पोल में बीजेपी सरकार

जेवीसी एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी की सरकार बनने की बात कही गई है। एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को इस बार 39 से 45 सीट मिल सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी को 22 से 31 सीट आने का अनुमान है। एग्जिट पोल में कांग्रेस को 0-2 सीट देखने को मिल रही है। वहीं, एक सीट अन्य के खाते में जा सकती है।

2020 एग्जिट पोल

इससे पहले दिल्ली में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा को आठ और कांग्रेस एक बार फिर कोई सीट हासिल नहीं कर पाई। यानी नतीजों में एग्जिट पोल्स की छाप एक बार फिर देखने को मिली। आठ सर्वे एजेंसियों ने एग्जिट पोल्स जारी किए। सभी एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी को बहुमत दिखाया गया और वही हुआ।

2025 एग्जिट पोल

2015 के विधानसभा चुनावों में छह सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को सीधा बहुमत मिलता दिखाया गया। हालांकि, किसी भी एग्जिट पोल में आप की प्रचंड जीत की संभावना नहीं दर्शाई गई थी। केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को तब पोल ऑफ पोल्स में 45 सीटें मिलती दिख रही थीं। वहीं भाजपा को 24 और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट का अनुमान लगाया गया था। आप को तब सबसे ज्यादा 53 सीटें मिलने का अनुमान एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में लगाया गया था। वहीं, सबसे कम 35 सीटें मिलने का अनुमान इंडिया टीवी-सी वोटर के सर्वे में लगा था। हालांकि, नतीजों ने चुनावी विश्लेषकों को चौंका दिया। आप ने इस चुनाव में 67 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया।

दिल्ली में वोटिंग खत्म, शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान, 8 फरवरी को आएंगे नतीजे

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दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर सुबह 7 बजे से जारी वोटिंग शाम 6 बजे संपन्न हो गई। हालांकि, लाइन में लगे लोगों को 6 बजे के बाद भी वोटिंग का अधिकार दिया गया। इसके साथ ही उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

दिल्ली में शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान हुआ है। मुस्तफाबाद में बंपर वोटिंग हुई है। यहां 66.68 फीसदी वोट पड़े। वहीं, सीलमपुर में 66.41 और गोकलपुर में 65.05 प्रतिशत मतदान हुआ है।2020 के विधानसभा चुनाव में 62.55 फीसद मतदान हुआ था।

दिल्ली में इस बार किसका राज होगा। इस बार खिलेगा कमल या फिर कांग्रेस करेगी वापसी, या फिर आप की झाड़ू कर देगी सबका सूपड़ा साफ। सबके मन में एक ही सवाल बाकी रह गया है कि राजधानी में अबकी बार किसकी सरकार? आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला है। इस कड़े मुकाबले के बीच अब सबकी नजर आज आने वाले एग्जिट पोल पर है।

चुनाव आयोग ने 5 फरवरी को शाम 6:30 बजे तक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी अन्य तरीके से प्रसार के माध्यम से एग्जिट पोल के किसी भी प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा रखा है। यानी, थोड़ी देर में एग्जिट पोल सामने आएंगे। तमाम सर्वे एजेंसियां इस बात का अनुमान जातएंगी की दिल्ली में किस पार्टी की सरकार बन सकती है? किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं?

भारत सरकार का सरकारी कर्मचारियों के लिए फरमान, ChatGPT, DeepSeek जैसे AI टूल्स के इस्तेमाल पर रोक

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अमेरिकी सरकार ने 4 फरवरी को चीन के एआई DeepSeek पर बैन लगाया दिया। जिसकी शुरुआत टेक्सास स्टेट से की गई है। अब भारत के वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों से चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे एआई टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से बचने के लिए कहा है। बता दें कि मंत्रालय ने इसके लिए सरकारी दस्तावेजों और डेटा की प्राइवेसी को सुरक्षा का हवाला दिया है।

सरकार ने क्यों लगाया AI टूल्स पर बैन?

29 जनवरी 2025 को जारी किए गए इस सर्कुलर का उद्देश्य संवेदनशील सरकारी डेटा को संभावित साइबर खतरों से बचाना है। यह आदेश संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षरित है और इसमें कहा गया है कि AI-आधारित एप्लिकेशन सरकारी सिस्टम में सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकते हैं। इसके मद्देनजर, मंत्रालय ने सभी कर्मचारियों को आधिकारिक उपकरणों पर ऐसे टूल्स का उपयोग करने से बचने की सलाह दी है। यह निर्देश वित्त सचिव की मंजूरी के बाद राजस्व, आर्थिक मामलों, व्यय, सार्वजनिक उद्यम, DIPAM और वित्तीय सेवाओं जैसे प्रमुख सरकारी विभागों को भेजा गया है।

डेटा सेफ्टी को लेकर देश चौकन्ना

किसी भी देश के लिए उसका डेटा मौजूदा समय में फ्यूल और गोल्ड से भी महंगा है। उसकी सेफ्टी के लिए तमाम देश कदम उठा रहे हैं। भारत ने भी कई पहल किए हैं। जिसकी वजह से उसके डेटा को कोई चुरा ना सके। अब जब दुनिया एआई में एंट्री ले चकी है। ऐसे में डेटा सेफ्टी को लेकर दुनियाभर के तमाम देश और भी चौकन्ना हो गए हैं। हाल ही में चीन का डीपसीक लॉन्च हुआ। चैटजीपीटी और जैमिनी जैसे चैटबॉट पहले ही आ चुके हैं। अब देश के वित्त मंत्रालय अब इन एआई टूल से डेटा सेफ्टी के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है।

भारत के वित्त मंत्रालय, चैटजीपीटी-पैरेंट ओपनएआई और डीपसीक के प्रतिनिधियों की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। वित्त मंत्रालय के तीन अधिकारियों ने कहा कि नोट असली है और यह नोट इस सप्ताह आंतरिक रूप से जारी किया गया था। अभी तक दूसरे मंत्रालयों की ओर से इस तरह निर्देश सामने आए हैं या नहीं इसकी पुष्टी नहीं हो सकी है।

बता दें कि ये रिपोर्ट सोशल मीडिया पर तब सामने आई, जब OpenAI के हेड सैम ऑल्टमैन भारत की यात्रा पर है।आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बातचीत के दौरान ऑल्टमैन ने कहा कि देश में पिछले साल ओपनएआई के यूजर्स की संख्या तीन गुना बढ़ी है। उन्होंने स्टैक, चिप्स, मॉडल और अविश्वसनीय अनुप्रयोगों के सभी स्तरों पर एआई के निर्माण में भारत के प्रयासों की जोरदार सराहना की।

ड्रैगन ने एंटी हाइपरसोनिक विशालकाय रडार दिखाकर दुनिया को “डराया”, चीन की सेना ने जारी किया वीडियो

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हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपनी स्थिति लगातार बढ़ा रहा है। खुद को ताकतवर बनाने की होड़ में ड्रैगन अत्याधुनिक और पहले से भी ज्यादा विनाशक हथियारों का निर्माण कर रहा है। हाल ही में चीन के दो नए फाइटर जेट को देखा गया था, जिसके बारे में दावा किया गया कि वह छठी पीढ़ी के फाइटर जेट हैं। वहीं, अब ड्रैगन ने दुनिया को एक ऐसा रडार सिस्टम दिखाया है, जो उसे अभेद्य बनाता है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीनी नववर्ष पर देश की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को संबोधित किया। इस दौरान जिनपिंग ने अपनी लंबी दूरी की रडार सिस्टम को दुनिया को दिखाया है।चीन ने पिछले महीने के अंत में एक एडवांस लंबी दूरी के रडार का दुर्लभ फुटेज जारी किया है, जिसके बारे में कहा जा रहा है, कि वो हजारों मील दूर एडवांस मिसाइलों से लेकर हाइपरसोनिक मिसाइलों को ट्रैक करने और मार गिराने की ताकत रखता है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन का यह रडार एक एडवांस अलार्मिक सिस्टम है, जो चीन की सीमा से हजारों मील दूर से आ रहे खतरों का भांप सकता है और उन्हें खत्म करने की ताकत भी रखता है। पीएलए ने राष्ट्रपति को इस रडार सिस्टम का वीडिया भेजा। इसमें जमीन पर एक रडार स्टेशन को दिखाया गया।वीडियो में चीन के तीनों सेनाओं के अधिकारियों के साथ एयरस्पेस फोर्स के अधिकारी दिखाई दिए। हालांकि, यह रडार कैसा है और इसकी ताकत कितनी है, इसके बार में फिलहाल कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।

जो वीडियो पीएलए ने जारी किया है, उसमें रडार सिस्टम के सामने खड़ा चीनी एयरस्पोस फोर्स का एक अधिकारी को ये कहते देखा जा रहा है, कि हम युद्ध के मैदान की सख्ती से निगरानी करते हैं, ताकि अगर कोई खतरा उत्पन्न होता है, तो हम फौरन प्रतिक्रिया दे सकें।

बता दें कि दुनिया में अभी किसी भी देश के पास ऐसा रडार नहीं है, जो हाइपरसोनिक मिसाइलों को मार गिरा सके। हालांकि, रूस अपने एस-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम से हाइपरसोनिक मिसाइलों को मारने की क्षमता का दावा जरूर करता है, लेकिन अभी तक उसका टेस्ट नहीं हुआ है।

अमेरिका से डिपोर्ट 104 भारतीयों की वतन वापसी, यूएम मिलिट्री विमान की अमृतसर में लैंडिंग

#us_military_aircraft_carrying_first_batch_of_illegal_indian_immigrants_arrives_in_amritsar

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा मिलिट्री प्‍लेन में भारत भेज जा रहे अवैध प्रवासियों का जहाज अमृतसर पहुंच गया है। कुल 205 भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट करने की कार्रवाई जारी है, जिसमें से पहला ग्रुप 104 भारतीयों का है। यह पलेन अमृतसर के श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचा है। पुलिस और एजेंसियां इनके बैकग्राउंड की जांच कर रही हैं।

इन निर्वासित किए गए लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से हैं। हालांकि अभी निर्वासित लोगों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यह अवैध भारतीय अप्रवासियों का पहला जत्था है जिसे अमेरिकी सरकार ने निर्वासित किया है।

जिस समय विमान एयरपोर्ट पर लैंड किया उस समय अमृतसर के पुलिस कमिश्नर, डीसी और अन्य तमाम सीनियर प्रशासनिक अधिकारी एयरपोर्ट पर मौजूद रहे। एयरपोर्ट स्थित एविएशन क्लब में सभी डिपोर्ट किए गए भारतीयों के बैकग्राउंड चेक किए गए हैं। वहीं, अमृतसर एयरपोर्ट के डायरेक्टर, डिप्टी कमिश्नर, पुलिस कश्मिनर और सीआईएफ डायरेक्टर ने एक बैठक की थी। इस दौरान सुरक्षा उपाय के तहत एयरपोर्ट के कार्गो गेट और एक अन्य प्रवेश द्वार पर बैरिकेडिंग कर दी थी।

बता दें कि बीते दो हफ्ते की अवधि में भारत के अलावा भी कई देशों के अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित किया जा चुका है। सी-17 सैन्य विमान से भारत लौटाए जा रहे प्रवासियों के बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई पर आई रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों पर अमल करते हुए अमेरिका आव्रजन कानूनों को कड़ा कर रहा है।

दिल्ली में मतदान के बीच बवाल, सीलमपुर में बु्र्के में वोटिंग का आरोप, तो जंगपुरा में पैसे बांटने को लेकर हंगामा

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। सभी 70 सीटों पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच कुछ जगहों पर हंगामे की खबर है। सीलमपुर में बुर्के में मतदान को लेकर विवाद हो गया। वहीं जंगपुरा आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है।

बुर्के को लेकर विवाद

दिल्ली के सीलमपुर इलाके में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। बुर्के को लेकर यह विवाद शुरू हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि यहां आप कार्यकर्ता बुर्के में फर्जी वोटिंग करवा रहे हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आप कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आए।

सीलमपुर हंगामा मामले पर क्या बोले चुनाव अधिकारी?

सीलमपुर हंगामा मामले पर उत्तर पूर्वी जिला चुनाव अधिकारी ने कहा है कि पर्दा-नशीन महिला मतदाताओं के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। इन मतदान केंद्रों पर 'पर्दानशीन' मतदाताओं का सत्यापन करने के लिए महिला मतदान अधिकारी मौजूद हैं और प्रत्येक मतदाता का सत्यापन किया जा रहा है, उसके बाद ही उन्हें मतदान करने की अनुमति दी जा रही है। कथित शिकायत की जांच के लिए चुनाव अधिकारियों को आर्यन पब्लिक स्कूल में भेजा गया और यह पाया गया कि आर्यन पब्लिक स्कूल में मतदान तय नियमों के अनुसार ही हो रहा है। विद्यालय के बाहर कुछ व्यक्तियों की ओर से शोर मचाया गया, जिसे समय रहते पुलिस फोर्स की ओर से नियंत्रित कर लिया गया।

आप ने भाजपा पर लगाया पैसे बांटने का आरोप

वहीं, आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, भाजपा जंगपुरा में मतदाताओं को सरेआम बिल्डिंग में ले जाकर पैसे बांट रही है। यह सब दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग की निगरानी में किया जा रहा है। आप ने चुनाव आयोग से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं, मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी पैसे बांट रहा है।