पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ उगला जहर! जानिए कश्मीर एकजुटता दिवस पर क्या कहा
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पाकिस्तान को एक बार फिर भारत से दूरी खलने लगी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत से सार्थक और निर्णायक बातचीत का भी आह्वान किया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ कश्मीर सहित सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करना चाहता है। उन्होंने कहा कि उनका देश कश्मीरी लोगों को अपना 'अटूट' समर्थन देता रहेगा।
शरीफ ने 'कश्मीर एकजुटता दिवस' के मौके पर मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की विधानसभा में एक सत्र को संबोधित यह टिप्पणी की। शरीफ ने कहा कि हम कश्मीर सहित सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'भारत को पांच अगस्त 2019 की मानसिकता से बाहर आना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र से किए गए वादों को पूरा करना चाहिए और संवाद शुरू करना चाहिए।' उनका इशारा जम्मू-कश्मीर को विशेष स्थिति को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशो में बांटने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने की ओर था।
शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के 24 करोड़ लोगों की ओर से कश्मीरियों के प्रति एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों और अलगाववादियों को श्रद्धांजलि दी और इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान कश्मीरियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटने वाला है। इतना ही नहीं, शहबाज ने कश्मीर में भारतीय सेना की मौजूदगी की निंदा की और कश्मीरियों के कथित उत्पीड़न का पुराना राग अलापा।
कश्मीर को लेकर उगला जहर
शहबाज ने कहा, "हम इस संघर्ष में अपने कश्मीरी भाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और तब तक ऐसा करते रहेंगे जब तक कि वे आत्मनिर्णय के अपने अधिकार को सुरक्षित नहीं कर लेते।" उन्होंने यहां तक कह दिया कि "5 फरवरी भारत को याद दिलाता है कि कश्मीर कभी भी उसका हिस्सा नहीं हो सकता।"
भारत पर लगाया हथियार जमा करने का आरोप
शरीफ ने भारत पर हथियार जमा करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हथियार जमा करने से शांति नहीं आएगी या इस क्षेत्र के लोगों की किस्मत नहीं बदलेगी। उन्होंने कहा कि प्रगति का रास्ता शांति है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आगे कहा, पाकिस्तान कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्मणय के फैसले तक कूटनीतिक और राजनीतिक समर्थन प्रदान करता रहेगा। उन्होंने कहा, यह (कश्मीर मुद्दा) केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव के तहत कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार से संभव हो सकता है।
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