Sex सीडी कांड : 7 साल बाद आज रायपुर कोर्ट में होगी सुनवाई, सभी आरोपी होंगे पेश

रायपुर- अश्लील सीडी टेंपरिंग कर उसमें पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री का चेहरा लगाने के मामले की 7 साल बाद आज रायपुर कोर्ट में फिर से सुनवाई शुरू होगी। कोर्ट ने सीडी कांड के सभी 6 आरोपियों को पेशी के लिए समंस जारी किया है।

इस मामले में सीबीआई ने 25 सितंबर 2018 को चार्जशीट पेश की थी, लेकिन उसके बाद से किसी पर भी आरोप तय नहीं हुआ है इसलिए कोर्ट में पहले आरोप पत्र पर बहस होगी। उसके बाद सुनवाई शुरू होगी।

पिछले करीब 7 साल से सीडी कांड की सुनवाई रुकी थी। सीबीआई ने राज्य में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद केस दिल्ली ट्रांसफर के लिए अर्जी लगाई थी, क्योंकि उसमें तत्कालीन सरकार के प्रभावशाली लोगों के नाम भी थे। सीबीआई की अर्जी दिल्ली की कोर्ट में विचाराधीन रही। इस वजह से फैसला ही नहीं हुआ कि केस की सुनवाई कहां होगी। पिछले माह दिल्ली की कोर्ट ने फैसला किया है कि केस ट्रांसफर नहीं होगा। यानी अब रायपुर की सीबीआई स्पेशल कोर्ट केस की सुनवाई होगी। उसके बाद केस डायरी दिल्ली से रायपुर कोर्ट भेजी गई है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 4 फरवरी का समंस जारी किया है।

निकाय चुनाव 2025 : पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भाजपा घोषणा पत्र को बताया झूठ का पुलिंदा, डिप्टी सीएम साव ने कहा-

रायपुर- नगरीय निकाय चुनाव में अब घोषणा पत्र को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी शुरू हो चुकी है. एक तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा के घोषणा पत्र को झूठ का पुलिंदा करार दिया है, वहीं दूसरी ओर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस घोषणा पत्र के जारी होने से पहले ही तंज कस दिया कि यह धूल झोंकने वाला होगा. 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा के घोषणा पत्र ढकोसला और झूठ का पुलिंदा करार देते हुए कहा कि भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव में जनता को ठगने की रणनीति निकाली है. अटल जी जब तक थे, तब उनमें विश्वास नहीं किए. इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि मोदी गारंटी का क्या हुआ. क्या मोदी गारंटी पर भरोसा नहीं है. मोदी जी को भाजपा ने मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया है. विधानसभा का घोषणा पत्र पूरा नहीं हुआ, लेकिन आम जनता को ठग रहे हैं.

वहीं कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र की कल्पना और समझ सबको है. कांग्रेस घोषणा पत्र धूल झोंकने के लिए लेकर आती है. पांच साल में अपने किए छत्तीस वादों में एक भी वादा पूरा नहीं किया. कांग्रेस का घोषणा पत्र केवल छलावा और झूठ का पुलिंदा होने वाला है.

इसके साथ ही अरुण साव ने घोषणा पत्र को लेकर कांग्रेस पर नकल करने का आरोप लगाया. कांग्रेस का कभी विकास का विजन नहीं रहा है. कांग्रेस का विकास, तरक्की, जनहित से कोई नाता नहीं रहा है. कांग्रेस नकल करके कुछ उसी में से निकाल कर जनता की आंख में धूल झोंकने की तैयारी करेंगे.

भाजपा महापौर प्रत्याशी की बढ़ सकती है मुसीबत : जाति प्रमाण पत्र को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती, बसपा उम्मीदवार ने लगाई याचिका

बिलासपुर-  न्यायधानी में बीजेपी मेयर प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ने लगी है. नगर निगम बिलासपुर से भाजपा महापौर प्रत्याशी एल पदमजा ऊर्फ पूजा विधानी की ओबीसी जाति प्रमाण पत्र का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. बहुजन समाज पार्टी के महापौर प्रत्याशी अकाश मौर्य ने हाईकोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए आवेदन किया है. हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने आवेदन को पंजीकृत कर लिया है.

इस मामले को लेकर अधिवक्ता लवकुश साहू के माध्यम से पेश याचिका में कहा गया है कि भाजपा महापौर एल पदमजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र के दस्तावेज आरओ द्बारा नहीं दिए जाने के खिलाफ बसपा प्रत्याशी आकाश मौर्य ने याचिका लगाई है. अर्जेंट हियरिग का केस फाइल करते हुए दस्तावेजों की मांग की गई है. अर्जेंट हियरिग में लगने के कारण मामले की सुनवाई आज हो सकती है.

बता दें कि पूजा विधानी को भाजपा उम्मीदवार घोषित किए जाने एवं नामांकन दाखिल होने के बाद से जाति प्रमाण पत्र पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है. कांग्रेस ने इस मामले में उनके जाति प्रमाण पत्र को आंध्रप्रदेश का बताते हुए छत्तीसगढ़ में मान्य नहीं होने की बात कही थी. इस संबंध में निर्वाचन आयोग के समक्ष आपत्ति की गई थी. निर्वाचन आयोग ने आपत्ति को निरस्त कर दिया है. वहीं भाजपा की महापौर प्रत्याशी ने अपने ओबीसी के जाति प्रमाण पत्र को 1995 में नियम से बनाना बताया है. ऐसे में चुनाव के बाद भी उनका जाति प्रमाण पत्र के मुद्दा के समाप्त होने की संभावना कम है.

जागरूकता, समय पर जांच और सही उपचार ही कैंसर से बचाव का मंत्र - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक रहने और समय पर जांच व उपचार कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें कैंसर की रोकथाम, शीघ्र पहचान और प्रभावी इलाज के प्रति जनमानस को जागरूक करने का अवसर प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। शासकीय अस्पतालों में कैंसर की जांच और उपचार की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे मरीजों को सुलभ और किफायती इलाज मिल सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जागरूकता, नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर कैंसर से बचा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अस्वस्थ जीवनशैली और खानपान से दूर रहकर स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की अपील की और कहा कि स्वस्थ जीवनशैली ही दीर्घायु और निरोगी जीवन का आधार है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नर्मदा जयंती की दी शुभकामनाएं

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 4 फरवरी को नर्मदा जयंती के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर उन्होंने मां नर्मदा के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि मां नर्मदा का आशीर्वाद समस्त जीवों के कल्याण के लिए है। नर्मदा नदी केवल जलधारा नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और समृद्धि की प्रतीक है। मां नर्मदा की निर्मल धारा जीवनदायिनी है और हमें जल संरक्षण का संदेश देती है। इस पावन पर्व पर हम सभी संकल्प लें कि जल संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा के लिए सतत प्रयास करेंगे।

बीजेपी में बागियों पर शुरू किया एक्शन, 27 नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए किया निष्कासित

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के साथ बागी नेता भी चुनावी मैदान में है. भाजपा अपने बागी नेताओं को मनाने में नाकाम रही और अब निष्कासन की कार्रवाई शुरू दी है. इस बीच आज भाजपा ने 27 नेताओं के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की है.

भाजपा ने अधिकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध चुनाव लड़ने के आरोप और अनुशासन भंग करने के मामले में नेताओं पर निष्कासन की कार्रवाई की है. जिसमें नगर पालिका परिषद रतनपुर, नगर पंचायत मल्हार, नगर पालिका निगम बिलासपुर, नगर पालिका बोदरी, नगर पंचायत बिल्हा के कुल 27 नेता शामिल हैं.

समीक्षा बैठक : स्कूलों और शिक्षकों की बिगड़ती छवि पर मुख्यमंत्री नाराज, सख्ती के निर्देश, कहा- ट्रांसफर के लिए भी बनाई जाए नीति

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री ने विभाग के कार्यों में सुधार के लिए कई कड़े निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने ट्रांसफर नीति बनाकर ट्रांसफर के निर्देश दिए. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव मुकेश बंसल, स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, डीपीआई दिव्या मिश्रा समेत शिक्षा विभाग के सीनियर अफसर मौजूद थे.

मुख्यमंत्री साय ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि शराब सेवन कर स्कूलों में पहुंचने वाले और अनुशासनहीनता बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, साथ ही उन्हें अनिवार्य रिटायरमेंट किया जाए. साथ ही स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए.

बैठक में दिये गए महत्वपूर्ण निर्देश :

1. आदिवासी जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के द्वारा संचालित 85 एकलव्य स्कूलों को भी अन्य स्कूलों की तरह स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन करने की कार्रवाई किये जाने के लिए निर्देशित किया गया. इसके लिए भारत सरकार से पत्राचार किया जाए.

2. लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निर्मित एच.आर.एम.आई.एस. पोर्टल में शिक्षकों की समस्त प्रकार की जानकारियों को अद्यतन किया जाए. इसी पोर्टल में शिक्षकों के स्थानांतरण का प्रावधान करने के लिए निर्देशित किया गया.

3. सभी शासकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं तथा जिला एवं विकासखण्ड स्तर के लिए कार्ययोजना बनाई जाए. यदि शासकीय स्कूलों का परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम आता है, तो संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों / विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों / संस्था प्रमुखों / शिक्षकों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए. विशिष्ट परीक्षा परिणाम देने वाले संस्था प्रमुखों / शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाए.

4. स्कूलों में मद्यपान करके आने वाले शिक्षकों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए. इसके लिए संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी / विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया जाए. मद्यपान करके आने वाले शिक्षकों, लंबी अनुपस्थिति वाले शिक्षकों और जिन शासकीय सेवकों का कार्य संतोषप्रद नहीं है, उन्हें शासन के नियमानुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही की जाए.

5. शिक्षा के क्षेत्र में अन्य राज्यों में कुछ अच्छा काम हो रहा है, तो उसका अध्ययन कर राज्य में भी परिस्थिति के अनुरूप लागू करने की कार्रवाई की जाए.

6. शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाए.

7. डीएवी स्कूलों के संबंध में राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की जाए.

8. अपार आईडी में पालकों का मोबाइल नंबर अपडेट कराया जाए.

9. बोर्ड परीक्षा के पश्चात् युक्तिकरण के संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए. उक्त युक्तिकरण में परिसर में संचालित ऐतिहासिक पुराने स्कूल को रखते हुए नए स्कूल को मर्ज करने के निर्देश दिए गए. सभी विद्यालयों को बालक एवं बालिका के लिए समान रूप से संचालित किया जाए. पृथक से बालिका विद्यालय प्रारंभ करने की अनुमति न दी जाए.

10. स्कूल शिक्षा विभाग के लिए स्थानांतरण नीति बनाई जाए, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में सेवा करने के पश्चात् ही शहरी क्षेत्र में स्थानांतरण किए जाने का समावेश हो.

11. स्कूलों में दिए जाने रहे गणवेश के कलर चेंज करने एवं गुणवत्ता सुधारने की ओर ध्यान दिया जाए. स्कूल खुलने के पहले गणवेश वितरित कराया जाना सुनिश्चित करें. जिनका कार्य अच्छा है, उन्हें गणवेश का कार्य दिया जाए.

12. अनुसूचित क्षेत्रों में 20 बोलियों की किताबें बना रहे हैं, उन्हें पढ़ाने के लिए कोई रास्ता निकालते हुए, स्थानीय युवाओं को शिक्षादूत के रूप में रखने के निर्देश दिए गए.

13. यदि कोई दानदाता अतिरिक्त कक्ष निर्माण आदि के लिए दान देना चाहता है, तो उस कक्ष में उनकी नाम पट्टिका लगाकर उनका नाम अंकित किया जाए. सभी शासकीय विद्यालयों में एलुमिनी आयोजित कर पूर्व छात्रों की सहायता से विद्यालय के शैक्षिक एवं भौतिक प्रयास किए जाएं.

14. अच्छे विद्यार्थियों के लिए कैरियर काउंसलिंग और कोचिंग के प्रयास किए जाएं.

15. कन्या छात्रावास एवं अन्य छात्रावासों की अधिकारियों द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग की जाए, साथ ही छात्राओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए.

16. स्कूलों का समय-समय पर राज्य, जिला और विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कराया जाना सुनिश्चित करें. निरीक्षण में शैक्षिक गुणवत्ता तथा विद्यालय की भौतिक संसाधनों को चिन्हांकित किया जाए.

17. शिक्षकों को आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण दिया जाए.

18. प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शाला में विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना की जाए. 2023 में किए गए संशोधन को विलोपित किया जाए.

19. आगामी चार वर्ष में विभाग की अकादमिक उन्नति के लिए रोडमैप तैयार किया जाए एवं इसका अनुमोदन लिया जाए.

20. सीएसआर के तहत शिक्षा विभाग में क्या-क्या हो सकते हैं, उन क्षेत्रों की पहचान की जाए.

21. शिक्षकों के प्रशिक्षण की नीति बनाई जाए. विद्यार्थियों के लिए अच्छे शैक्षिक वीडियो तैयार किए जाएं.

शिवनाथ नदी में शराब फैक्ट्री के वेस्ट पर हाईकोर्ट सख्त, पर्यवारण संरक्षण मंडल से मांगा नया हलफनामा

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट शराब फैक्ट्री के अपशिष्ट से शिवनाथ नदी के प्रदूषित होने को लेकर स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर लगातार सुनवाई कर रही है. इस मामले में आज चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान नदी के पानी की स्वच्छता रिपोर्ट के साथ छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से एक नया हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 2 अप्रैल को होगी.

पिछली सुनवाई में हाइकोर्ट ने क्षेत्रीय कार्यालय, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने इसके साथ-साथ अन्य उद्योगों पर कड़ी और नियमित निगरानी रखने, ताकि इस तरह की घटना दोबारा नहीं होने का जवाब पेश करने कहा था. जिसका जवाब पेश किया गया है. वहीं कोर्ट में रिपोर्ट के माध्यम से जानकारी दी गई कि नदी का पानी साफ है और प्रदूषित नहीं है. इस मामले में शासन का पक्ष उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने रखा है. 

दरअसल, 20 जुलाई 2024 में खबरें सामने आई कि मुंगेली जिले के ग्राम मोहभट्टा-धूमा में स्थित मेसर्स भाटिया वाइन मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेड से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ पर्यावरण और आस-पास के क्षेत्र के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं. वाइन फैक्ट्री औद्योगिक गतिविधियों से लगभग 20 हजार लोगों की पूरी आबादी प्रभावित हो रही है. जिसके बाद मामले पर न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस जनहित याचिका को पंजीकृत करने का निर्देश दिया था.  

बता दें, मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि विभिन्न पर्यावरण अधिनियमों के तहत घटिया गुणवत्ता वाले उत्पादों को निस्तारित करने का प्रावधान है, लेकिन केवल उसके (अपशिष्ट पदार्थ के) उपचार के बाद ही. वाइन फैक्ट्री इस नियम का उल्लंघन कर रही है. इतना ही नहीं, जहरीले अपशिष्टों के कारण 350 एकड़ से अधिक धान की फसल प्रभावित हुई है. इन अपशिष्टों की दुर्गंध ने आसपास के लोगों का जीवन दूभर कर दिया है, जिससे सांस लेने में दिक्कत, खुजली, आंखों में जलन, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो रही है. इस खबर से स्थानीय प्रशासन हरकत में आई और पुलिस ने मौके से पानी का सैंपल भी लिया था.

इस जनहित याचिका की 23/10/2024 को सुनवाई के बाद पक्षों को न्यायालय ने निर्देशित किया और लम्बी जांच प्रक्रिया की गई. जिसमें महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत के साथ-साथ राज्य/प्रतिवादियों के लिए उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड के वकील अमृतो दास, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड के वकील अभिषेक ने अपना पक्ष रखा.

16 दिसंबर की सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा:

न्यायालय की निगरानी में लगातार इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें 16 दिसंबर 2024 को कोर्ट में दिए हलफनामा में कहा गया था कि “इसके अवलोकन से यह स्पष्ट है कि फैक्ट्री से दूषित पानी कहां से बह रहा है, इसका पता नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन सुधारात्मक उपाय किए जाने और फैक्ट्रियों पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है.

क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर के अधिकारियों द्वारा जांच में खजरी नाला, शिवनाथ नदी में नाला संगम बिंदु, शिवनाथ नदी और आर.ओ. दिनांक 21/11/2024 और 04/12/2024 को मेसर्स भाटिया वाइन मर्चेंट के आउटलेट पानी में क्रमशः 1.5 मिलीग्राम/लीटर पानी पाया गया. दोनों ही सैंपलिंग तिथियों के दौरान, खजीरी नाले में पानी बह नहीं रहा था, बल्कि स्थिर था. 

मामले की सुनवाई में क्षेत्रीय कार्यालय और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने हाइकोर्ट के समक्ष ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए नियमित निगरानी रखे जाने का जवाब प्रस्तुत किया था.

कोर्ट को सौंप गए रिपोर्ट में बताया गया है कि नदी का पानी साफ है और प्रदूषित नहीं है. इसे देखते हुए मामले को 3 फरवरी, 2025 को आगे की निगरानी के आदेश और नदी के संबंध में पानी की रिपोर्ट के साथ छत्तीसगढ़, पर्यावरण संरक्षण मंडल के सचिव को एक नया हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. जिसे 3 फरवरी 2025 को सोमवार को पेश किया गया है. वहीं अगली सुनवाई 2 अप्रैल 2025 को तय की गई है.

राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेस (एआई) पर एक दिवसीय कार्यशाला हुआ सम्पन्न

रायपुर-  इलैक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के द्वारा राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आज आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, बसवा राजु, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव कमल प्रीत सिंह, तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव एस.भारतीदासन, उर्जा विभाग के विशेष सचिव अंकित आनंद, एन.आर. डी.ए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौरभ कुमार, आई. जी. राम गोपाल गर्ग सहित 100 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका सिंह बारिक ने कहा कि तीव्र गति से परिवर्तित टेक्नालॉजी के इस दौर में राज्य के अंतिम व्यक्ति तक सुशासन की पहुँच बनाने के लिए इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की जानकारी इस कार्यशाला में दी जायेगी ।

निहारिका सिंह बारिक ने कहा कि ए.आई. तकनीक हमारी सोच से अधिक गति से परिवर्तन ला रहा है। ए.आई. से हमारी अनेक समस्याओं का त्वरित समाधान प्राप्त किया जा सकता है और शासकीय सेवा वितरण एवं नीति निर्माण में भी इसका प्रभावी उपयोग किया जा सकता है। इन्हीं कारणों से आज की इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

कार्यशाला के प्रथम सत्र के समापन पर उपस्थित समस्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को धन्यवाद प्रेषित करते हुए चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मालिक ने कहा कि एआई तकनीक का उपयोग शासन और प्रशासन में दक्षता बढाने एवं त्वरित निर्णय लेने में किया जा सकता है। इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य शासकीय कार्यों में प्रौद्योगिकी के समुचित उपयोग को प्रोत्साहित करना है ।

नई दिल्ली से आये एआई के विशेषज्ञ डॉ. शिवा कक्कर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि विश्व में सर्वप्रथम टेक्नॉलाजी का उपयोग टेक्सटाईल उद्योग में किया गया। वर्ष 2022 के पश्चात सम्पूर्ण विश्व में एआई तकनीक का तीव्र गति से विस्तार हुआ । डॉ. शिवा ने बताया कि पहले यह माना जाता रहा है कि तकनीक के प्रयोग से रोजगार के अवसर कम होते हैं , परंतु वास्तविकता यह है कि नवीन तकनीक के माध्यम से नवीन कौशल को ज्यादा रोजगार प्राप्त होता है । कार्यशाला में एआई तकनीक के श्रेष्ठ उपयोग की जानकारी देते हुए डॉ. शिवा कक्कर ने चैट जीपीटी, मैटा, गूगल नोट बुक एल.एम्. जैसे अन्य प्रासंगिक एवं उपयोगी टूल्स की विस्तृत जानकारी प्रदान की ।

कार्यशाला के समापन पर धन्यवाद प्रस्तावित करते हुए चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मलिक ने बताया कि चिप्स द्वारा इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के विभिन्न विषयों पर प्रतिमाह कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा। राज्य के विभाग अपने कार्यक्षेत्र से सम्बंधित विशेष विषयों का चयन कर चिप्स को सूचित करें तो उस विषय पर भी चिप्स द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा । इस अवसर पर चिप्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार बिश्वरंजन, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पाण्डेय और संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुपम आशीष टोप्पो भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

केंद्र से छत्तीसगढ़ को रेलवे विकास के लिए 6925 करोड़ की सौगात, मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय रेलमंत्री का जताया आभार

रायपुर- छत्तीसगढ़ में 41 हजार करोड़ रूपए की लागत से रेलवे सुविधाओं के विस्तार का काम तेजी से चल रहा है, जिसमें रेल्वे ट्रैक का विस्तार, रेलवे लाईन का दोहरीकरण, रेलवे फ्लाई ओवर और ब्रिज आदि का निर्माण शामिल है. केंद्र सरकार ने बजट 2025 में छत्तीसगढ़ राज्य में रेल्वे सुविधा के विकास के लिए 6925 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है. इससे राज्य में रेल परियोजनाओं के कामों को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी.

केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में रेलवे के उन्नयन और विकास के लिए 41,000 करोड़ रुपए के निवेश से नई रेल लाइनों, रेलवे फ्लाईओवर और अन्य बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ राज्य में रेलवे का शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो गया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव को छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को अभूतपूर्व रेल परियोजनाओं की सौगात मिली है. ये परियोजनाएं राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी और जनता को बेहतर रेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय के कारण छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क विस्तार की ऐतिहासिक पहल हो रही है. इससे यात्री सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ औद्योगिक, खनिज और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क विस्तार से न केवल यात्री परिवहन बल्कि खनिज संपदा और औद्योगिक उत्पादों के निर्यात में तेजी आएगी. इससे राज्य में व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

छत्तीसगढ़ में रेलवे के दीर्घकालिक विकास के लिए रावघाट-जगदलपुर, धरमजयगढ़-लोहरदगा और खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा जैसी कई नई रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को ऐतिहासिक रेलवे बजट प्राप्त हुआ है. यह राज्य की अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास और यात्री सुविधाओं को नया आयाम मिलेगा. उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार इस विकास यात्रा को और आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

गौरतलब है कि रावघाट रेलवे लाइन के अन्तर्गत दल्लीराजहरा-अंतागढ़ (77 किमी) सेक्शन चालू, यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है. रावघाट तक विस्तार कार्य प्रगति पर, जिससे भिलाई इस्पात संयंत्र को लौह अयस्क की आपूर्ति होगी और ग्रामीणों को किफायती यातायात सुविधा मिलेगी. इसी तरह के.के. रेल लाइन दोहरीकरण के अन्तर्गत 170 किमी में से 148 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका है. इससे बस्तर और दंतेवाड़ा जिले की कनेक्टिविटी बेहतर होगी. आवागमन आसान और माल परिवहन सुविधाजनक हो सकेगा. 4021 करोड़ रूपए की लागत वाली डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना की लंबाई 295 किमी है. इसके निर्माण से खनिज परिवहन, यात्री सुविधाएं और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. कोरबा-अंबिकापुर नई रेल लाइन से सरगुजा क्षेत्र को नए विकास की दिशा मिलेगी. गढ़चिरौली-बीजापुर-बचेली 490 किमी लंबी परियोजना के सर्वेक्षण के लिए 12.25 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं. सरडेगा-भालुमुडा डबल लाइन से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच रेल कनेक्टिविटी बेहतर होगी.