बागी प्रत्याशियों पर गिरी गाज, कांग्रेस ने तीन नेताओं को पार्टी से किया निष्कासित

अंबिकापुर-  छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बागी प्रत्याशियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. सरगुजा जिले में निर्दलीय चुनाव लड़ रहे 3 कांग्रेसियों को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिया दिया है. जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने अशोक जायसवाल, अब्दुल रशीद और फिरोज को कांग्रेस से निष्काषित कर दिया है. ये तीनों कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी होने के बावजूद पार्षद का चुनाव लड़ रहे हैं.

स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 : देश के टॉप 10 शहरों में 8वें स्थान पर रायपुर

रायपुर-   केंद्रीय वन, पर्यावरण और जल वायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 के परिणाम घोषित किए हैं. इसमें छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को देश के टॉप 10 शहरों में 8वां स्थान मिला है. रायपुर को 177.5 स्कोर मिला है. वहीं सूरत देश में पहले स्थान पर है.

इस सर्वेक्षण में रायपुर ने टॉप 10 शहरों में अपनी जगह बनाते हुए 10 लाख से अधिक आबादी वाले 41 शहरों की स्पर्धा में आठवां स्थान अर्जित किया है. केंद्र सरकार द्वारा धूल मुक्त वातावरण, कचरे को जलाने की प्रवृति पर अंकुश, निर्माण व विध्वंस अवशेष के निपटान, वायु गुणवत्ता स्तर और जागरूकता गतिविधियों के प्रभावी संचालन जैसे कई मापदंडों के आधार पर यह सर्वेक्षण किया गया था.

इसलिए रायपुर को मिला 8वां स्थान

निगम कमिश्नर अबिनाश मिश्रा के अनुसार स्वच्छ वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने कलेक्टर एवं निगम प्रशासक डॉ. गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर अंतर विभागीय समन्वय के आधार पर बीरगांव और रायपुर नगर निगम, पर्यावरण सरक्षण मंडल, सी एस आई डी सी, परिवहन, यातायात और पुलिस विभाग मिलकर काम कर रहे हैं. धूल कम करने निरंतर जल छिड़काव, बीटी व सीसी सड़क निर्माण, एंड टू एंड पेविंग, सी एंड डी प्रोसेसिंग प्लांट से निर्माण व विध्वंस अवशेष को पुनः उपयोगी बनाने के साथ ही वृक्षारोपण, कई नवाचारों पर इस बार फ़ोकस किया जा रहा है.

टॉप टेन शहरों में ये शहर शामिल

इसके अलावा यांत्रिक विधि से रात्रिकालीन सड़क सफाई का दायरा 152 किमी तक बढ़ाया गया है. प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच शुरू की गई है. जागरूकता कार्यकर्मों के लिए रणनीति आधारित आईईसी गतिविधियां भी संचालित की जा रही है. निगम कमिश्नर ने कहा कि इन सभी प्रयासों का लाभ इस सर्वेक्षण में रायपुर को मिला है. इस रैंकिंग में टॉप-10 शहरों में सूरत, जबलपुर, आगरा, लखनऊ, कानपुर, वडोदरा, इंदौर, भोपाल, विजयवाड़ा, अहमदाबाद और दिल्ली के नाम भी शामिल हैं.

कंबोडिया के साइबर ठग को छत्तीसगढ़ पुलिस ने किया गिरफ्तार, अबतक कर चुका है 10 करोड़ की ठगी

रायपुर/डोंगरगढ़-   छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव पुलिस ने अंतराष्ट्रीय साइबर ठगी मामले में बड़ी सफलता हासिल की है. कंबोडिया के शातिर सायबर ठग को समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. अबतक आरोपी ने तकरीबन 10 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया है. जिसे हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश भेजा रहा था. इतना ही नहीं पैसे ट्रांसफर करने के लिए म्यूल बैंक अकाउंट का इस्तमाल हो रहा था.

गुजरात से पकड़ाया मुख्य आरोपी

जानकारी के मुताबिक, 23 जनवरी को रूपेश साहू ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है. जांच में पता चला कि उसके खाते में 90,000 रुपये जमा हुए थे, जो ठगी के पैसे थे. पुलिस को आशुतोष शर्मा नाम के शख्स पर शक हुआ, पूछताछ में इस इंटरनेशनल साइबर ठगी रैकेट को लेकर बड़ा राज उजागर हुआ. 

छत्तीसगढ़ पुलिस ने गुजरात के वल्साड में पहुंचकर श्रेणिक उर्फ अजय मेहेर को बैंक अकाउंट देने के बहाने रेलवे स्टेशन पर बुलाया. जैसे ही वह अकाउंट लेने पहुंचा, पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर लिया और धर दबोचा. अजय मेहेर बेहद शातिर बताया जाता है, जो पहचान छुपाने के लिए फर्जी नाम, नंबर और पहचान पत्रों का इस्तेमाल करता था. 

कंबोडिया में सीखा ठगी का तरीका

पुलिस की पूछताछ में आरोपी श्रेणिक ने बताया कि वह 2024 में कंबोडिया गया था और वहां के स्कैम कॉल सेंटर्स में ठगी करने का तरिका सीखा था. भारत लौटने के बाद उसने अपने साथियों की मदद से कई लोगों के बैंक अकाउंट इकट्ठे किए और कंबोडिया भेजे. जिसके बदले में उसे ठगी की रकम का 8-9% कमीशन मिलता था. 

ऐसे बनाया जाता था शिकार

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हाईटेक ठगी का मास्टरमाइंड श्रेणिक कुमार सांघवी नाम का युवक है, जिसे पुलिस ने गुजरात के वल्साड से गिरफ्तार किया है. जांच में सामने आया कि श्रेणिक कंबोडिया के स्कैम कॉल सेंटर्स से जुड़ा था, जहां से भारतीयों को ठगने का खेल चल रहा था. ठगी का पैसा भारत में मौजूद म्यूल बैंक अकाउंट्स में डलवाया जाता था, जिसे बाद में हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से कंबोडिया भेजा जाता था.

आरोपी शुभम तिवारी और दीपक नरेडी, जो राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ के रहने वाले हैं, म्यूल बैंक अकाउंट्स मुहैया कराने का काम करते थे. ये लोग भोले-भाले नागरिकों को लालच देकर उनके बैंक खातों की डिटेल लेते और ठगों को बेचते थे.

ठगी के लिए इन तरीका का इस्तमाल

1. फर्जी इनवेस्टमेंट और ट्रेडिंग ऐप

साइबर ठग फर्जी ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बनाकर लोगों को पैसे निवेश करने का झांसा देते थे.

2. शादी और सोशल मीडिया स्कैम

डेटिंग और मैट्रिमोनियल साइट्स पर नकली प्रोफाइल बनाकर लोगों को प्यार के जाल में फंसाते, फिर पैसों की मांग करते.

3. फर्जी जॉब और लॉटरी स्कीम

लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने या लॉटरी जीतने का झांसा देकर उनसे पैसे ऐठे जाते.

तकरीबन 10 करोड़ रुपये की ठगी

राजनांदगांव पुलिस अब इस ठगी रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है. जांच में पता चला है कि गिरोह ने अबतक तकरीबन 10 करोड़ रुपये की ठगी की है और इसके तार देशभर के कई राज्यों से जुड़े हो सकते हैं.

क्या होता है ‘म्यूल बैंक अकाउंट’?

मनी म्यूल यानी ऐसा बैंक अकाउंट जो साइबर ठगों द्वारा अवैध पैसों के लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. कई बार ये अकाउंट मालिक जानबूझकर या अनजाने में ठगों की मदद कर बैठते हैं और जब पुलिस जांच करती है, तो वे खुद अपराध में फंस जाते हैं.

राजनांदगांव पुलिस की अपील:

सावधान रहें, वरना आप भी फंस सकते हैं!
• किसी को भी अपना बैंक अकाउंट, एटीएम, चेकबुक या मोबाइल नंबर न दें.
• अगर कोई ज्यादा पैसे देने का वादा कर अकाउंट मांगता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें.
• अगर आपके अकाउंट में संदिग्ध रकम आती है, तो उसे तुरंत बैंक और पुलिस को बताएं.

याद रखें! म्यूल अकाउंट देना भी अपराध है, और आप भी ठगों के साथ जेल जा सकते हैं!

भिलाई नगर निगम के वार्ड 35 का उपचुनाव स्थगित, कल ही कांग्रेस प्रत्याशी ने थामा था BJP का दामन, भाजपाइयों ने निर्विरोध जीत की मनाई थी खुशी

दुर्ग- भिलाई नगर निगम के वार्ड 35 शारदा पारा में होने वाले उप चुनाव को राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया है. हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका पर कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव स्थगित करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद अब चुनाव रद्द कर दिया गया.

बता दें कि कल यानि शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी चंदन यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे मनोज सिन्हा ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था. विधायक रिकेश सेन और जिलाध्यक्ष पुरषोत्तम देवांगन ने इसे भाजपा प्रत्याशी चंदन यादव का निर्विरोध जीत बताकर पत्रकारवार्ता कर खुशी जताई थी, लेकिन 31 जनवरी को ही जिला निर्वाचन अधिकारी ने उपचुनाव को स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया.

डेविस कप की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए छत्तीसगढ़ टेनिस एसोसिएशन के महासचिव होरा

नई दिल्ली- छत्तीसगढ़ टेनिस एसोसिएशन के महासचिव व डेविस कप में भारतीय टीम के मैनेजर गुरुचरण सिंह होरा ने दिल्ली में आयोजित प्रतिष्ठित डेविस कप की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों की तैयारियों और आगामी मुकाबलों पर चर्चा की. गुरुचरण सिंह होरा ने बताया कि डेविस कप भारतीय टेनिस के लिए एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है और इसमें भारतीय टीम की तैयारियों को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ. हमारे खिलाड़ी शानदार फॉर्म में हैं और टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में खेल के तकनीकी पहलुओं, रणनीतियों और भारतीय टेनिस के भविष्य को लेकर भी चर्चा हुई. गुरुचरण होरा ने छत्तीसगढ़ में टेनिस के विकास को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी उभरेंगे. डेविस कप में भारत की संभावनाओं को लेकर खेलप्रेमियों में उत्साह बना हुआ है. इस प्रतिष्ठित आयोजन को लेकर सभी की निगाहें अब भारतीय टीम के प्रदर्शन पर टिकी हैं.

हाई-टेक टेनिस स्टेडियम से निकलेंगे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

होरा ने कहा, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में टेनिस के विकास को गति देने के लिए 14 पदों की भी स्वीकृति प्रदान की है. उन्होंने भरोसा जताया है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ से भी होनहार खिलाड़ी निकलेंगे और डेविस कप जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. सीएम साय ने छत्तीसगढ़ में आधुनिक तकनीकों से लैस हाई-टेक टेनिस स्टेडियम बनाया है, जो प्रदेश के युवा खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन मंच साबित होगा. इस पहल से राज्य में टेनिस को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा.

विक्रम सिसोदिया के कार्यकाल को किया गया याद

इस मौके पर विक्रम सीसोदिया, जो छत्तीसगढ़ टेनिस संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं, को भी याद किया गया. उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिससे टेनिस खिलाड़ियों को बेहतर अवसर और सुविधाएं मिलीं. उनके योगदान से छत्तीसगढ़ में टेनिस खेल को नई दिशा मिली और आज यह प्रदेश इस खेल में अपनी अलग पहचान बनाने की ओर अग्रसर है.

आयकर विभाग ने सीज किए 10 करोड़ कैश, 2.5 करोड़ की ज्वेलरी

रायपुर-   राइस मिलर्स, एक्सपोर्ट्स, कमीशन एजेंट्स और राइस ब्रोकर्स के ठिकानों पर मिले कैश में से अब तक 10 करोड़ रुपए सीज किए गए हैं. इसके साथ ही सभी आवासीय परिसरों में की गई जांच के दौरान मिली ज्वेलरी में से करीब 2.5 करोड़ मूल्य की ज्वेलरी सीज की गई है. आयकर अन्वेषण द्वारा प्रदेश में की गई आयकर छापे की कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी रही. सभी 25 ठिकानों से मिले कैश में से बुक्स के रिकार्ड्स का मिलान करने के बाद अब तक 10 करोड़ रुपए कैश सीज कर लिए गए हैं.

दोनों कारोबारी समूह के संचालकों के आवास के साथ ही कमीशन एजेंट्स व राइस ब्रोकर्स फर्म के संचालकों के आवासीय परिसर से मिली ज्वेलरी का मूल्यांकन कराने के बाद ढाई करोड़ की ज्वेलरी सीज की गई है. टीम हवाला के लेन-देन और बेनामी सम्पत्ति के एंगल से भी जांच कर रही है.

18 ठिकानों पर जांच जारी

शुक्रवार रात कुछ ठिकानों पर की जा रही जांच पूरी कर ली गई है, लेकिन अभी भी मुख्य दफ्तर और अन्य कार्यालय व आवास मिलाकर अभी भी 18 ठिकानों पर जांच की प्रक्रिया जारी रही. टीम जांच के दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर संचालकों का बयान दर्ज कर रही है. अब तक मिले 18 लॉकर्स में 12 लॉकर्स उनके संचालकों की उपस्थिति में आपरेट किए जा चुके हैं तथा शेष लॉकर्स की जांच भी जल्द ही की जाएगी. विशेषज्ञों की एक टीम डिजिटल रिकार्ड्स का बैकअप लेने में जुटी है. बता दें कि आयकर अन्वेषण छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश की टीम ने सत्यम बालाजी समूह, साईं हनुमंत इंडस्ट्रीज के साथ ही कमीशन एजेंट्स, राइस ब्रोकर्स के 25 ठिकानों पर दबिश दी थी.

कांट्रेक्टर फर्म पीआरए ग्रुप में आयकर जांच जारी

मुख्य आयकर आयुक्त कार्यालय की टीम द्वारा कांट्रेक्टर फर्म पीआरए ग्रुप में की गई सर्वे की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी रही. प्रारंभिक जांच में खर्चे ज्यादा दिखाकर लाभ कम दर्शाए जाने के दस्तावेज मिले हैं. बताया जा रहा है टीम ने कांट्रेक्टर के कुछ दस्तावेज, खर्चों के बिल और हार्डडिस्क को भी सीज किया है.

टीम को डिजिटल रिकार्ड में भी अनियमितताएं मिली हैं. संभावना बताई जा रही है कि संचालकों का बयान लेने के बाद देर रात तक सर्वे की कार्रवाई पूरी हो सकती है. गड़बड़ियों का खुलासा फाइनल रिपोर्ट तैयार होने पर ही हो पाएगा.

योगेश अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही पूरी कार्यकारिणी भंग करने की घोषणा भी की है. उन्होंने विधिवत इसकी सूचना एसोसिएशन को दी है. बता दें कि योगेश अग्रवाल वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद बृजमोहन अग्रवाल के छोटे भाई हैं.

योगेश अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में मैंने और पूरी टीम ने सबकी सेवा करने अपनी पूरी ऊर्जा से काम किया, परंतु अब मैं अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहता. मैं अपने अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देता हूं व पूरी कार्यकारिणी को भंग करने की घोषणा करता हूं. हमारी सरकार ने हम मिलर्स की सभी मांगों को मान भी लिया है. सरकार और अधिकारियों ने मुझे पूरा सहयोग दिया. इसके लिए सभी का आभार व्यक्त करता हूं.

अभी डेढ़ साल बचा था कार्यकाल

योगेश अग्रवाल लंबे समय से अध्यक्ष के दायित्व का निर्वहन कर रहे थे. राइस मिलर्स एसोसिएशन का चुनाव 3 सालों के लिए होता है. पिछली बार यह चुनाव अक्टूबर 2023 में हुआ था. अभी उनका कार्यकाल समाप्त होने में करीब 20 महीने का समय बचा था.

गुणवत्ताहीन शिक्षा पर सख्त कार्रवाई, 2 शिक्षक निलंबित, 2 को नोटिस जारी

रायपुर- शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने जिले के विभिन्न स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने गरियाबंद विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बारूका के निरीक्षण के दौरान पाया कि वहां अध्ययनरत बच्चों का शैक्षणिक स्तर अत्यंत ही कमजोर है एवं विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका एलबी दीपा साहू और शिक्षिका टी संवर्ग कविता साहू से अध्यापन संबंधी प्रश्न पूछे जाने पर उनके शैक्षणिक स्तर भी अत्यंत कमजोर परिलक्षित हुआ. साथ ही विद्यालय की नियमित साफ-सफाई नहीं पाए जाने और अव्यवस्था व गंदगी आदि होने के कारण जमकर फटकार लगाई.

इसके अलावा प्रधान पाठक द्वारा छात्र-छात्राओं के अधिगम स्तर के रूप शैक्षणिक व्यवस्था नहीं किया गया था. जिसके लिए शिक्षिका दीपा साहू एवं कविता साहू से स्पष्टीकरण मांगा गया है तथा जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिया गया है. इस दौरान संभागीय संयुक्त संचालक राकेश पांडेय, कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल, जिला शिक्षा अधिकारी ए.के. सारस्वत और डीएमसी के.सी. नायक भी मौजूद थे.

इसके अलावा शिक्षा सचिव परदेशी ने शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बारूका और मालगांव के निरीक्षण में कक्षा 8वीं के छात्र-छात्राओं के अधिगम स्तर में गुणवत्ताहीन शिक्षा एवं विषय के प्रति समझ स्तरहीन पाए गए छात्र-छात्राओं के अध्यापन में सुधार न होने के कारण संपूर्ण कक्षा के अधिगम स्तर में गिरावट होने पर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बारूका के प्रधानपाठक ललित कुमार साहू और शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मालगांव के संकुल समन्वयक भूपेंद्र सिंह ठाकुर को पूर्ण रूप से जिम्मेदार पाए गए. इस पर उन्हें कर्तव्य निर्वहन के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता व स्वेच्छाचारिता के कारण शिक्षा संभाग के संभागीय संयुक्त संचालक राकेश कुमार पांडेय ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है. निलंबन अवधि में ललित कुमार साहू को विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सरायपाली, जिला महासमुंद तथा भूपेंद्र सिंह ठाकुर को विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कसडोल, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा नियत किया गया है. निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा.

नगरीय निकाय चुनाव : उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंदन यादव की निर्विरोध जीत, कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन लिया वापस

दुर्ग-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में आज नामांकन वापसी का अंतिम दिन था. भिलाई में वार्ड नंबर 35 शारदा पारा के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंदन यादव की निर्विरोध जीत हुई. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज सिन्हा ने अपना नामांकन वापस ले लिया और भाजपा ज्वाइन कर ली. 

विधायक सेन और जिला अध्यक्ष देवांगन ने कराया पार्टी प्रवेश

वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन और भाजपा जिला अध्यक्ष पुरषोत्तम देवांगन ने मनोज सिन्हा को गमछा पहनकर पार्टी में प्रवेश कराया. मनोज सिन्हा ने बताया कि कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद से ही कांग्रेस का कोई नेता उनके समर्थन में प्रचार प्रसार करने नहीं पहुंचे. स्थानीय समर्थकों के साथ घर-घर कांग्रेस के लिए वोट मांगने गए तो एक ही जवाब मिला कि पिछले एक वर्ष में विधायक सेन ने बैकुंठ धाम सहित वर्षों से लंबित अनेक समस्याओं को दूर किया और विकास कार्य करवाया हैं. 

उन्होंने कहा कि हर तरफ भाजपा विधायक के कार्यों की प्रशंसा देख मैंने जब पार्टी के नेताओं से मार्गदर्शन मांगा तो कांग्रेस संगठन के सभी नेताओं ने कोई प्रत्यक्ष सहयोग नहीं दिया. इस चुनाव में करारी शिकस्त झेलने से बेहतर मैंने आज अपना नामांकन वापस ले लिया. भाजपा जिलाध्यक्ष पुरषोत्तम देवांगन और विधायक रिकेश सेन से फोन पर कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने का निवेदन किया. उन्होंने आज ही गमछा पहना कर भाजपा प्रवेश करवाया है. 

CGMSC घोटाला : ईओडब्ल्यू-एसीबी ने 2 आईएएस अफसरों के खिलाफ सरकार से मांगी जांच की अनुमति
रायपुर- मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू-एसीबी ने राज्य सरकार से दो आईएएस समेत सीजीएमएससी के छह अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है. 400 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लायर मोक्षित कारपोरेशन के ठिकानों पर हाल ही में छापा मारा था. इस छापे के बाद ईओडब्ल्यू-एसीबी ने मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा की गिरफ्तारी की थी. कहा जा रहा है कि छापे में ईओडब्ल्यू-एसीबी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. इन दस्तावेजों की पड़ताल और शशांक चोपड़ा से प्रारंभिक पूछताछ के बाद कथित तौर पर घोटाले में लिप्त अफसरों की संदिग्घ भूमिका की जांच जरूरी समझी जा रही है. यही वजह है कि ईओडब्ल्यू-एसीबी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाने के लिहाज से राज्य सरकार से अनुमति मांगी है.

मंत्रालय के उच्च पदस्थ अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन दो आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति ईओडब्ल्यू-एसीबी ने चाही हैं, उनमें भीम सिंह और चंद्रकांत वर्मा के नाम शामिल हैं. पूर्ववर्ती सरकार में भीम सिंह स्वास्थ्य संचालक और चंद्रकांत वर्मा सीजीएमएससी के एमडी के रुप में कार्यरत थे. तत्कालीन पदों पर रहते हुए उनकी भूमिकाओं को जांच के दायरे में लिया जा सकता है. इसके अलावा सीजीएमएससी के जीएम टेक्निकल बसंत कौशिक, जीएम फाइनेंस मीनाक्षी गौतम, स्टोर इंचार्ज डा. अनिल परसाई, जीएम टेक्निकल इक्विपमेंट कमलकांत पाटनवार, बायमोडिकल इंजीनियर क्षिरौंद्र रावटिया तथा टेंडर एंड परचेसिंग आफिसर अभिमन्यु सिंह के खिलाफ जांच की जा सकती है. माना जा रहा है कि अफसरों से पूछताछ जांच को नई दिशा देगी.

बीते सोमवार को ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लाय मोक्षित कारपोरेशन के रायपुर और दुर्ग के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी. इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में भी दबिश दी गई थी. मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट से ईओडब्ल्यू-एसीबी को सात दिनों की रिमांड मिली है. मोक्षित कारपोरेशन दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की एजेंसी है. सीजीएमएससी को यह एजेंसी दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की सप्लाई करती थी.

ईओडब्ल्यू-एसीबी की एफआईआर में बताया गया है कि शासन के संज्ञान में लाए बिना लगभग 411 करोड़ रुपए की खरीदी की गई. स्वास्थ्य विभाग और सीजीएमएससी के अफसरों की ओर से रीएजेंट सप्लाई करने वाली कंपनी को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए शासन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. सीजीएमएससी ने खरीदी के लिए केवल 26-27 दिन के अंतराल में ही आदेश जारी किया था. इन रीएजेंट की रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं होने के बावजूद बेधड़क खरीदी की गई. एफआईआर में लिखा गया है कि खरीदी के पहले वास्तविक आवश्यकता का आंकलन किए बगैर खरीदी के लिए मांग पत्र जारी किया गया था. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि पूर्व स्वास्थ्य संचालक ने रीएजेंट की खरीदी के लिए 10 जनवरी 2022 को इंडेंट दिया. इससे पहले न तो बजट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई और न ही किसी प्रकार का प्रशासनिक अनुमोदन प्राप्त किया गया. यानी बिना शासन के संज्ञान में लाए लगभग 411 करोड़ रुपए की लाइबिलिटी शासन के ऊपर निर्मित की गई.

मूल्य से कहीं अधिक कीमत पर की गई खरीदी

एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात सामने आई कि ब्लड सैंपल कलेक्शन करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली EDTA ट्यूब को मोक्षित कॉरपोरेशन से 2352 रुपये प्रति नग के भाव से खरीदा गया है, जबकि अन्य संस्थाओं ने इसी सामग्री को अधिकतम 8.50 रुपये (अक्षरी – आठ रुपये पचास पैसा) की दर से क्रय किया. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक अरबों रुपये की खरीदी मोक्षित कारपोरेशन और CB कॉरपोरेशन के साथ सांठगांठ करके की है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन ने 300 करोड़ रुपये के रिएजेंट सिर्फ इसीलिए खरीद लिए ताकि मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के पास उपलब्ध केमिकल्स की एक्सपायरी डेट नजदीक न आ जाए. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड से 300 करोड़ रुपये के रीएजेंट खरीदकर राज्य के 200 से भी अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिना मांग के ही भेज दिया. उन स्वास्थ्य केंद्रों में उक्त रिएजेंट को उपयोग करने वाली CBC मशीन ही नहीं थी. रीएजेंट की एक्सपायरी मात्र दो से तीन माह की बची हुई है और रीएजेंट खराब न हो, इसलिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन के द्वारा 600 फ्रिज खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू की. एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि सीजीएमएससी ने ईडीएल दवा और नॉन-ईडीएल/कंज्यूमेबल और टेस्ट किट आइटम/फूड बास्केट/प्रोप्राइटरी और नॉन-प्रोप्राइटरी कंज्यूमेबल आइटम/आयुष दवाइयां/उपकरण सामग्री की आपूर्ति करने और कालातीत औषधियों के निष्कासन के लिए प्रतिष्ठित फर्म से कोटेशन/खरीदी और दर अनुबंध के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए निविदा प्रक्रिया 26 अगस्त 2022 के लिए ई-निविदा जारी की गई. इस निविदा के लिए प्री-बिड मीटिंग के लिए 29 अगस्त 2022 निर्धारित किया गया था. इसके बाद 26 सितंबर तक निविदा दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए गए थे.

संचालनालय स्वास्थ्य एवं सेवाएं के उप संचालक ने इस जानकारी के बाद सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक को प्री-बिड के आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए यह बताया कि राज्य स्तरीय निरीक्षण और परीक्षण तकनीकी समिति के विषय-विशेषज्ञों के जिलों से प्राप्त स्पेसिफिकेशन का निर्धारण किया गया है, जिसमें कोई बदलाव न करते हुए टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया. इस निविदा के लिए मोक्षित कारपोरेशन, रिकार्ड्स एवं मेडिकेयर सिस्टम और श्री शारदा इंडस्ट्रीज के द्वारा निविदा प्रक्रिया में भाग लिया गया. जिसमें निविदा समिति ने उपकरणों, रिएजेंट, कंज्यूमेबल्स व मशीनों के सीएमसी के एल-1 दर को मान्य किए जाने की अनुशंसा करते हुए मोक्षित कारपोरेशन को 25 जनवरी 2023 को निविदा देने की अनुशंसा की, जो प्रबंध संचालक द्वारा स्वीकृत दी गई.

5 लाख की मशीन को 17 लाख में खरीदा

जांच में यह जानकारी सामने आई कि निर्माता कंपनियां खुले बाजार में जिस सीबीसी मशीन को मात्र 5 लाख रुपये में विक्रय करती हैं, उन्हीं मशीनों को मोक्षित कारपोरेशन ने निविदा के माध्यम से दर अनुबंध करते हुए सीजीएमएससी को 17 लाख रुपये में दिया. सीजीएमएससी द्वारा मशीन एवं उपकरण निर्माता कंपनियों के साथ ही दर अनुबंध किया जाता है, जबकि मोक्षित कारपोरेशन के पास अस्पताल में उपयोग होने वाले उपकरण बनाने की कोई फैक्ट्री (उत्पादन इकाई) नहीं है और न ही उपकरणों का निर्माण मोक्षित कारपोरेशन द्वारा किया जाता है. इसके बावजूद अपने रसूख और कमीशन के प्रलोभन के दम पर मोक्षित कारपोरेशन ने अधिकारियों से सैटिंग करके अधिकांश दर अनुबंध अपनी कंपनी के नाम पर करवा लिया. एफआईआर में यह लिखा गया है कि CB कारपोरेशन के नाम से संचालित शेल कंपनी भी मोक्षित कारपोरेशन ग्रुप की ही कंपनी है, जिसके नाम पर भी काफी सारे दर अनुबंध करवाए गए. मोक्षित कारपोरेशन ने रिएजेंट और केमिकल्स को अधिकतम खुदरा मूल्य से भी अधिक के दाम पर दर अनुबंध करवाया. इस प्रकार 750 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदी कर शासन के साथ धोखाधड़ी की गई.