यातायात नियम अपनाए, आइए सुरक्षित झारखंड बनाए" थीम पर राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सेमिनार का आयोजन

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राज्य परिवहन विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के तहत 1 जनवरी से राज्य के अलग-अलग जगह संस्थान एवं स्कूलों में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाई गई। आज इसका समापन समारोह में राज्य परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ, विभागीय सचिव सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम आयोजित किया गया।

मौके पर परिवहन विभाग के सचिव कृपानंद झा ने झारखंड में होनेवाले सड़क दुघर्टना में कमी होने की बात पर जोर दी। वही उन्होंने कहा पिछले कई सालों में झारखंड के साथ देश के सड़कों की हालत में भी सुधार आया है। 

इस सेमिनार में ड्राइविंग लाइसेंस पर भी जोड़ देते हुए ड्राइविंग लाइसेंस लेने वालों को जागरूक करने और जानकारी देने की बात कही गई। अभी ज्यादातर देखा गया है कि सड़क पर पैदल चलने वाले और दो पहिया वाहन का सड़क दुर्घटना जाता होता जिसे लेकर सुझाव दिया गया कि ग्रामीण और पंचायत स्तर पर जागरूक करने की आवश्यकता है।झारखंड में प्रतिदिन एक्सीडेंट 12 होते हैं। वही इस सेमिनार में एक परवाह पर जोर दिया गया जहां ज्यादातर देखा गया है कि सड़क दुर्घटना में मृत्यु दर की संख्या से ज्यादा अपेक्षा घायल व्यक्ति की जान बचाने की है।

परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन करने संबंधित बातों को बच्चों के सिलेबस में शामिल किया जाएगा। साथ ही एमवीआई जल्दबाजी में किसी को लाइसेंस न दें। इस बात का ख्याल रखा जाए। क्योंकि ऐसा होने पर सड़क दुर्घटना में बढ़ोतरी होती है।

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना: झारखंड के सबसे बड़े फर्जीवाड़े के तार कैसे जुड़े बंगाल से

धनबाद : बोकारो डीसी ने जब जांच शुरू कराई, तो झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में एक बहुत बड़े फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है. जांच मुकाम तक पहुंचते-पहुंचते कई सरकारी कर्मचारी भी लपेटे में आ सकते है. झारखंड का अबतक का यह सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा बताया जाता है. साथ ही बोकारो के इस फर्जीवाड़े के तार बंगाल से जुड़ गए है. एक ही बैंक खाता का नंबर दर्ज कर अलग-अलग नाम से अलग-अलग प्रखंडों से कुल 95 बार आवेदन किए गए है. 

बात इतनी ही नहीं है, सत्यापन के क्रम में बोकारो जिले में कुल 11,200 डुप्लीकेट आवेदन प्राप्त हुए है. जिनकी जांच चल रही है. इस योजना के लिए एक तरफ अंचल और प्रखंड कार्यालयों में महिलाओं की भीड़ जुट रही है, तो दूसरी ओर जांच जब तेज हो रही है, तो एक से एक खुलासे सामने आ रहे है. हो सकता है कि बोकारो में पकड़े गए इस फर्जीवाडे के बाद पूरे झारखंड में नए ढंग से जांच की प्रक्रिया शुरू की जाए और तरह-तरह के फर्जीवाड़े सामने आये.

बोकारो में पकड़ाया है चौंकानेवाला मामला 

बता दें कि राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (जेएमएमएसवाई) के भौतिक सत्यापन में बोकारो में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा योजना के लाभुकों का भौतिक सत्यापन के क्रम में एक ही बैंक खाता का नंबर दर्ज कर अलग–अलग नाम से अलग– अलग प्रखंडों से कुल 95 बार आवेदन किये गए है. जिसमें चास प्रखंड–चास नगर निगम क्षेत्र से कुल 67 बार एवं गोमिया प्रखंड से 28 बार आवेदन किये गए है. जांच क्रम में यह पता चला है कि इंडसइंड बैंक में ही ऐसे ज्यादतर बैंक खाते खुले है. यह सभी आवेदन पलामू जिले के डालटेनगंज के मेदनीनगर स्थित सीएससी वीएलई सुमीत कुमार के आइडी सं. 542316220013 से किये गए है. 

बैंक खाता संख्या

 100253387047 का 95 बार हुआ है उपयोग 

 

सत्यापन क्रम में यह स्पष्ट हुआ है कि बैंक खाता संख्या 100253387047, जिसके खाता धारक का नाम यूसुफ है, पता-पतागोड़ा, बड़ाखांती, उत्तरदिनाजपुर, राज्य- पश्चिम बंगाल है. इस खाता का इस्तेमाल कुल 95 बार अलग–अलग नाम से योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किये गए है. इस दौरान दर्ज राशन कार्ड का संख्या भी फर्जी अंकित है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने जांच के क्रम में इसकी पुष्टि की है. वहीं, सभी नामों के उप नाम में किस्कू, हांसदा और मुर्मू शब्द जोड़ा गया है. 21 नवंबर 2024 को एक ही साथ कई बार आवेदन किये गए है. उपायुक्त ने खाता धारक के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. स्वीकृति के क्रम में कई आवेदनों को बीडीओ/सीओ स्तर से स्वीकृत भी किया गया है. लेकिन, उपायुक्त के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा द्वारा एक से ज्यादा बार इंट्री एक ही खाता का संविक्षा के बाद राशि हस्तांतरित करने की स्वीकृति पर रोक लगाएं जाने के कारण राशि का हस्तांतरण खातों में नहीं किया गया है. उधर, झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (जेएमएमएसवाई) सत्यापन क्रम में जिले में ऐसे कुल 11,200 डुप्लीकेट आवेदन प्राप्त हुए है. जिसका पुनः एक बार आंगनबाड़ी कर्मियों से भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है. जिसके बाद संबंधितों को चिन्हित कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

अगस्त 2024 से शुरू हुई इस योजना में लाभुकों की संख्या में लगातार बढ़ रही

 

बता दें कि अगस्त 2024 से शुरू हुई इस योजना में  लाभुकों की संख्या में लगातार बढ़ रही है. 6 जनवरी को मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों 56, 61,791 थी. जो अब बढ़कर 58, 0 9,799 हो गई है. जनवरी के अंत तक लाभुकों की संख्या 59 लाख से अधिक होने का अनुमान है. सूत्रों के अनुसार सम्मान योजना के लिए अब तक 67, 84, 154 आवेदन जमा हुए है. यह अलग बात है कि मंईयां सम्मान योजना के आवेदन के सत्यापन के क्रम में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही है.राज्य सरकार ने 5225 करोड रुपए झारखंड के 24 जिलों के बीच आवंटित किया था. सूत्रों के अनुसार 5225 करोड रुपए चालू वित्तीय वर्ष के चार माह की अवधि के लिए आवंटित हुई है. जानकारी के अनुसार लाभुकों की संख्या को देखते हुए सबसे अधिक राशि गिरिडीह जिले को आवंटित हुई थी. रांची दूसरे स्थान पर थी. सबसे कम राशि सिमडेगा जिले को आवंटित हुई थी. धनबाद को 353.76 करोड़ की राशि का आवंटन हुआ था. सबसे अधिक राशि गिरिडीह को 423.61 करोड़, रांची को 419.93 करोड़, सिमडेगा को 83.58 करोड़ का आवंटन हुआ था. चुनाव के पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि दिसंबर महीने से सम्मान योजना की राशि 1000 से बढ़ाकर ढाई हजार कर दी जाएगी. उसके बाद यह राशि बढ़ाकर 2500 कर दी गई है.

महाकुंभ के हादसे में धनबाद के आधा दर्जन लोगों की बची जान…

धनबाद: प्रयागराज में लगे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन बुधवार को धनबाद के आधा दर्जन लोगों ने भगदड़ में किसी तरह से अपनी जान बचायी और बिना स्नान किये ही संगम से दूर चले गये. घटना से सभी लोग घबरा गये और अब प्रयागराज से सकुशल वापस अपने घर धनबाद लौटने की तैयारी कर रहे हैं. घटना के बाद उन्होंने अपनी पूरी पीड़ा बतायी.

बैरिकेडिंग के कारण मची भगदड़ :

धनबाद के रहने वाले संजय कुमार मंडल ने बताया कि वह अपनी पत्नी प्रियंका मंडल, रिश्तेदार दिलीप मंडल और अजीत मंडल व दोनों की पत्नियों के साथ मौनी अमावस्या के मौके पर संगम महाकुंभ में स्नान करने गये हुए थे. सभी लोग बुधवार की सुबह स्नान करने पहुंचे और उस दौरान स्नान के लिए ठीक-ठाक स्थिति थी, लेकिन उसके बाद बैरिकेडिंग कर दी गयी और देखते ही देखते भीड़ इकट्ठा हो गयी और उसके बाद वहां भगदड़ मच गयी. इसमें उनके और उनकी पत्नी के ऊपर कई लोग गिर पड़े. उनकी आंखों के सामने कुछ लोगों की मौत हो गयी. वह अपनी पत्नी व अन्य परिजनों के साथ किसी तरह से उठे और चप्पल व अपना पूरा सामान वहीं छोड़ कर भाग खड़े हुए. संजय ने भावुक होते हुए कहा कि भगवान ने आज मुझे और मेरी पत्नी के अलावा सभी रिश्तेदारों की जान बचा ली. मैं संगम में बिना डुबकी लगाये ही भीड़ से किसी तरह बाहर निकला. उसके बाद अपने साथ गये लोगों की तलाश की और सभी लोगों को सुरक्षित पाकर राहत की सांस ली.

भगवान ने मेरे इकलौते पुत्र को बचा लिया : शोभा

घटना के बाद संजय ने अपनी मां शोभा देवी और बहन दीपाली मंडल को फोन पर पूरी घटना की जानकारी दी. उनकी मां शोभा देवी ने बताया कि भगवान से आज मेरे इकलौते पुत्र को बचा लिया. जबकि दीपाली ने बताया कि सोमवार को भाई अपने अन्य रिश्तेदार के साथ ट्रेन से प्रयागराज गये थे. मंगलवार को दोपहर वहां पहुंच गये और उसके बाद उन लोगों ने सोचा की मौनी अमावस्या को संगम में स्नान करेंगे, लेकिन उसके साथ घटना हो गयी और किसी तरह से जान बची है. अब भाई अपने सभी सगे संबंधियों के साथ प्रयागराज के एक होटल में ठहरे हुए हैं और गुरुवार को वहां से वापस धनबाद के लिए रवाना होंगे…

27 साल बाद लापता पति कुंभ मेले में मिले, परंतु पहचान से किया इनकार


धनबाद:- यह एक दिलचस्प और भावनात्मक कहानी है जिसमें एक पत्नी ने अपने 27 साल से लापता पति को कुंभ मेले में 'अघोरी साधु' के रूप में पाया। झारखंड के एक परिवार ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले में उनका खोया हुआ परिजन मिल गया है। परिवार का कहना है कि 27 वर्षों बाद अब उनकी तलाश समाप्त हो गई है, क्योंकि गंगासागर यादव, जो 1998 में अचानक लापता हो गए थे, अब ‘अघोरी साधु’ बनकर बाबा राजकुमार के नाम से प्रसिद्ध हो गए हैं।

1998 में पटना यात्रा के बाद गंगासागर हुए थे लापता

गंगासागर यादव 1998 में पटना की यात्रा पर गए थे, उसके बाद से उनका कोई सुराग नहीं मिला। उनके परिवार ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन वे किसी भी तरह से गंगासागर का पता नहीं लगा पाए। इस दौरान, गंगासागर की पत्नी धनवा देवी ने अपने दो बेटों, कमलेश और विमलेश, को अकेले ही पाल पोसकर बड़ा किया। परिवार इस बात से पूरी तरह निराश हो चुका था कि कभी गंगासागर वापस लौटेंगे।

कुंभ मेले में रिश्तेदार ने लिया तस्वीर, पहचान हुई

कुंभ मेले में गए परिवार के एक रिश्तेदार ने वहां एक अघोरी साधु से मुलाकात की, जो गंगासागर यादव से बेहद मिलता-जुलता दिख रहा था। उसने उस साधु की तस्वीर ली और परिवार को भेजी। इस तस्वीर को देखने के बाद, मुरली यादव, गंगासागर के छोटे भाई, और अन्य परिवार के सदस्य अपने परिवार के साथ कुंभ मेला पहुंचे।

बाबा राजकुमार से हुआ सामना, परंतु उन्होंने पूर्व पहचान से इनकार किया

जब परिवार कुंभ मेले में पहुंचे, तो उनका सामना बाबा राजकुमार से हुआ, जिन्होंने गंगासागर यादव के रूप में अपनी पूर्व पहचान स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बाबा राजकुमार ने दावा किया कि वह वाराणसी के एक साधु हैं और उन्होंने अपनी पूर्व पहचान या किसी भी रिश्ते से इंकार किया।

हालांकि, परिवार का कहना है कि बाबा राजकुमार गंगासागर यादव से पूरी तरह मेल खाते हैं, और उनके माथे और घुटने पर वही चोट के निशान थे जो गंगासागर यादव के थे।

डीएनए परीक्षण की मांग

परिवार अपने दावे पर अड़ा हुआ है और उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वह डीएनए परीक्षण करवा सकते हैं। मुरली यादव ने कहा, “हम कुंभ मेले के अंत तक इंतजार करेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो डीएनए परीक्षण पर जोर देंगे। यदि परीक्षण में परिणाम मेल नहीं खाते, तो हम बाबा राजकुमार से माफी मांगेंगे।”

परिवार की इस भावनात्मक खोज में एक नई उम्मीद जगी है, लेकिन यह भी देखना होगा कि जांच के परिणाम क्या होंगे और क्या यह सच्चाई साबित होती है या नहीं।

एसएनएमएमसीएच के सुदृढ़ीकरण में तेजी लाने का उपायुक्त ने दिया निर्देश

उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा ने आज बैठक कर शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के सुदृढ़ीकरण में तेजी लाने का निर्देश दिया।

उन्होंने चिकित्सक, रेडियोलोजिस्ट सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने, अस्पताल के अंदर वार्ड, शौचालय सहित अन्य के जीर्णोद्धार तथा प्लास्टिक पेंट के लिए प्राक्कलन तैयार करने, पुराने पलंग व बेड शीट बदलने का निर्देश दिया।

बैठक के दौरान उपायुक्त ने अस्पताल के संसाधनों की समीक्षा की। उन्होंने खराब एक्स-रे मशीन को ठीक कराने और वैकल्पिक मशीन भी उपलब्ध रखने का निर्देश दिया। 

उपायुक्त ने कहा कि अस्पताल में एक्स-रे एवं अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू हो जाने से आम जनों को बड़ी राहत मिलेगी। लोगों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने के लिए अतिरिक्त मानव बल रखने का भी निर्देश दिया।

बैठक में उपायुक्त ने एसएनएमएमसीएच के छात्रावास में एक सप्ताह के अंदर विद्युत कनेक्शन जोड़ने और उसकी सुरक्षा के लिए होमगार्ड रखने का निर्देश दिया।

बैठक के दौरान उपायुक्त ने सरकारी एवं निजी अस्पतालों में प्रतिदिन कितनी मात्रा में बायोमेडिकल वेस्ट जमा होता है, उसका डाटा उपलब्ध कराने का भी निर्देश सिविल सर्जन को दिया।

बैठक में उपायुक्त सुश्री माधवी मिश्रा, नगर आयुक्त श्री रवि राज शर्मा, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर श्री पीयूष सिन्हा, अनुमंडल पदाधिकारी श्री राजेश कुमार, सीओ धनबाद श्री शशिकांत सिंकर, सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन, भवन प्रमंडल, जेबीवीएनएल, एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

उपायुक्त ने दिया मटकुरिया, चिरागोड़ा सहित सात नई पानी टंकी का प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश

 

धनबाद: जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पानी की समस्या दूर करने के लिए उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा ने नगर निगम की विभिन्न जलापूर्ति योजना की समीक्षा के दौरान मटकुरिया, चिरागोड़ा, पांडरपाला, पुलिस लाइन, भेलाटांड़, कुसुम विहार एवं विनोद नगर में नई पानी की टंकी बनाने के लिए एक सप्ताह के अंदर प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश दिया।

उपायुक्त ने संबंधित विभाग को सातों पानी टंकी के निर्माण के लिए स्थल का निरीक्षण करने और दी गई समय अवधि के अंदर प्राक्कलन समर्पित करने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने कहा कि इन स्थानों पर पानी की नई टंकी का निर्माण हो जाने से जिले की बड़ी आबादी को पानी की समस्या से राहत मिलेगी। 

उन्होंने धनबाद फेस 1, धनबाद फेस 2, भेलाटांड, जामाडोबा, सिंदरी व कतरास क्षेत्र में चल रही योजनाओं की समीक्षा की। 

समीक्षा के क्रम में जब उपायुक्त को जानकारी मिली कि एल एंड टी एवं श्री राम कंपनी द्वारा समय पर कार्य पूरा नहीं किया जा रहा है और कुछ स्थानों पर कार्य अधूरा छोड़ गया है, तब उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई तथा दोनों कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया। 

कुछ स्थानों पर पाइपलाइन क्षतिग्रस्त की जानकारी मिलने पर उन्होंने मार्च महीने से पूर्व खराबी को दुरुस्त करने और पानी की समस्या दूर करने का निर्देश दिया। 

वहीं कतरास में सुचारू जलापूर्ति के लिए डेडीकेटेड फीडर लगाने के लिए तत्काल प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश विद्युत विभाग को दिया। 

बैठक में उपायुक्त ने डीवीसी, एनएचएआई, आरसीडी, रेलवे, बीसीसीएल, एफसीआईएल, एनएच, जेबीवीएनएल सहित अन्य विभागों से पाइपलाइन बिछाने के लिए दिए जाने वाले अनापत्ति प्रमाण पत्र की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर शीघ्र अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने का निर्देश दिया।

बैठक में उपायुक्त सुश्री माधवी मिश्रा, नगर आयुक्त श्री रवि राज शर्मा, अपर समाहर्ता श्री विनोद कुमार, जेबीवीएनएल के ईलेक्ट्रिकल सुप्रिटेंडिंग इंजीनियर श्री एस कश्यप, आरसीडी के कार्यपालक अभियंता श्री मिथिलेश प्रसाद, सहायक नगर आयुक्त श्री प्रसून कौशिक के अलावा अन्य पदाधिकारी तथा जुडको, एल एंड टी, श्री रम कंपनी के प्रतिनिधि व अन्य संबंधित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।

झारखंड-बिहार बॉर्डर पर जाम ही जाम, क्यों…


 झारखंड-बिहार बॉर्डर चौपारण के चोरदाहा चेक पोस्ट के पास घंटों रोड जाम रहा। महाकुंभ मेला को लेकर बाई रोड आने-जाने वाली गाड़ियों को लेकर यह हाल हुआ है। मौके पर पहुंचे बाराचट्टी के थानेदार ने न्यूज़ टुडे धनबाद को बताया कि महाकुंभ मेला में जाने-आने को लेकर कुछ ज्यादा ही आवाजाही शुरू हो गई है, जिसके चलते झारखंड-बिहार के बॉर्डर चोरदाहा चेक पोस्ट से लेकर बाराचट्टी थाना क्षेत्र तक यानी 15 किलोमीटर तक रोड जाम हो गया है। धीरे-धीरे जाम हटाया जा रहा है। घंटों जाम में फंसे लोग हलकान रहे।

पश्चिमी सिंहभूम पुलिस ने मुठभेड़ में दो नक्सलियों को मार गिराया

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम पुलिस ने मुठभेड़ में दो नक्सलियों को मार गिराया है. पुलिस ने यह कार्रवाई जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान की. बताया जा रहा है कि सुरक्षा बलों को गुप्त सूचना मिली थी कि 15 लाख रुपये का इनामी नक्सली अमित मुंडा अपने दस्ते के साथ हिंसक विध्वंसक नक्सली गतिविधियों के लिए सोनुआ इलाके में सक्रिय है.

इस सूचना पर सुरक्षा बल सोनुआ थाना क्षेत्र के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र लोंजो नचलदा में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे. इसी दौरान भाकपा (माओवादी) उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षा बलों ने भी आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की.

सुरक्षाबलों को भारी पड़ता देख उग्रवादी दस्ते के सदस्य पहाड़ों और घने जंगल का फायदा उठाकर भाग निकले. मुठभेड़ के बाद आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसके दौरान एक पुरुष और एक महिला नक्सली के शव और हथियार, कारतूस और अन्य सामान बरामद किए गए. दोनों शव की पहचान प्रतिबंधित माओवादी नक्सली संगठन के जेडसीएम विनय गंझू उर्फ संजय गंझू उर्फ बरिया उर्फ भुखन उर्फ संजय और एसीएम हेमंती मंझियाईन के रूप में की गई है

घटना के बाद पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा जिला पुलिस बल द्वारा सोनुवा थाना अंतर्गत जंगल में हुई मुठभेड़ में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई में शामिल ऑपरेशन टीमों को अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय चक्रधरपुर स्थित सीआरपीएफ 60 बटालियन मुख्यालय में अनुराग गुप्ता, महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखंड रांची एवं पुलिस मुख्यालय झारखंड रांची के अन्य वरीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया.

झारखंड डीजीपी अनुराग गुप्ता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ये नक्सली नहीं बल्कि गुंडे हैं, इनका बहुत जल्द सफाया हो जाएगा. इनके पास एक राइफल है, हमारे पास हजारों हैं, ये कब तक बचेंगे.
झारखंड के एक परिवार का दावा,प्रयागराज में कुंभ मेले में उनका खोया हुआ परिजन मिल गया,27साल पहले हो गए थे लापता

झारखंड के एक परिवार ने बुधवार को दावा किया कि प्रयागराज में कुंभ मेले में उन्हें उनका खोया हुआ एक परिजन मिल गया है और इसके साथ ही 27 साल से जारी परिजन की तलाश अब समाप्त हो गई है. खोए हुए परिजन गंगासागर यादव अब 65 वर्ष के हैं और वह ‘अघोरी साधु’ बन गए हैं तथा अब उनका नाम बाबा राजकुमार है.

उनके परिवार ने बताया कि वे झारखंड में रहते थे.1998 में पटना की यात्रा के बाद गंगासागर लापता हो गए थे. उनकी पत्नी धनवा देवी ने अपने दो बेटों कमलेश और विमलेश की अकेले परवरिश की.

गंगासागर के छोटे भाई मुरली यादव ने कहा, ‘हम उन्हें दोबारा देखने की उम्मीद खो चुके थे लेकिन कुंभ मेले में गए हमारे एक रिश्तेदार ने गंगासागर जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति की तस्वीर ली और हमें भेजी. इसके बाद मैं, धनवा देवी और उनके दो बेटों के साथ कुंभ मेला पहुंचा. मेले में पहुंचने पर परिवार का सामना बाबा राजकुमार से हुआ, लेकिन उन्होंने गंगासागर यादव के रूप में अपनी पूर्व पहचान स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

बाबा राजकुमार ने वाराणसी का साधु होने का दावा किया और उन्होंने तथा उनकी साध्वी साथी ने पूर्व के किसी भी संबंध से इनकार किया. हालांकि, परिवार अपने दावे पर अड़ा रहा क्योंकि बाबा राजकुमार पूरी तरह से गंगासागर यादव से मिलते जुलते हैं, यहां तक कि उनके माथे और घुटने पर चोट के हूबहू वैसे ही निशान मिले जो गंगासागर यादव के थे.

मुरली यादव ने कहा, ‘हम कुंभ मेले के अंत तक इंतजार करेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो डीएनए परीक्षण पर जोर देंगे. यदि परीक्षण में परिणाम मेल नहीं खाते तो हम बाबा राजकुमार से माफी मांगेंगे. इस बीच, परिवार के कुछ सदस्य घर लौट आए हैं जबकि अन्य अभी मेले में ही हैं और बाबा राजकुमार तथा साध्वी पर कड़ी नजर रख रहे हैं.
धनबार में हुई दोहरे हत्याकांड का उद्भेदन करने में पुलिस अब तक रही विफ़ल, पीड़ित परिवार आज भी लगा रहा गुहार,मिल रहा सिर्फ आश्वासन

गिरिडीह : गिरिडीह के धनवार थाना क्षेत्र के चर्चित दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में तीन साल के बाद भी पुलिस असफल है. अंत में अनसुलझे मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

इस दौरान मृतक के परिजन न्याय की आस में स्थानीय थाना से लेकर अनुमंडल तथा पुलिस मुख्यालय तक का चक्कर ही काटते रह गये. हत्या की वजह तक पुलिस नहीं पता लगा सकी है. घटना के बाद परिजनों को केवल आश्वासन पर आश्वासन ही मिल पाया.

तीन साल पूर्व हुई थी घटना

बता दें कि घोड़थंभा ओपी क्षेत्र के नवादा की 14 वर्षीय नाजिया और उसकी 40 वर्षीय चाची जगीरा की हत्या हुए तीन साल से ज्यादा बीत चुके हैं. 26 जनवरी, 2022 को पंचायत महेशमरवा अंतर्गत नवादा के हरदिया जंगल में हत्यारों ने निर्मम घटना को अंजाम दिया गया था. लेकिन इसे विडंबना कहें या गिरिडीह पुलिस की नाकामी कि हत्यारे को किसी भी कीमत पर नहीं बक्शने का दावा करने वाला सिस्टम द्वारा अब तक मामले की तफ्तीश तक नहीं कर पायी है. आवाज बुलंद करने वाले राजनीतिक दल के लोगों ने भी अब चुप्पी साध ली है.

गणतंत्र दिवस के दिन खून से लथपथ  मिली थी लाशें

गौरतलब है कि 2022 में जब पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था ठीक उसी समय खून से लथपथ चाची-भतीजी का शव घोड़थंभा ओपी क्षेत्र के झलकडीहा और महेशमरवा गांव के बीच पहाड़ी व झाड़ियों से घिरे हरदिया नदी में पाया गया था. जबकि घटना स्थल से एक धारदार टांगी, किशोरी के पानी में भीगा मोबाइल भी पुलिस को मिला था. मौके से पुलिस ने जमीन पर गिरे खून को भी इकट्ठा किया था. कार्रवाई के लिए अज्ञात के खिलाफ पीड़ित परिवार ने घोड़थंभा ओपी में आवेदन भी दिया था, इसके बाद संदेह के आधार पर पुलिस ने करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. इन सबके बावजूद दोहरी हत्याकांड का यह मामला अबतक अबूझ पहेली बनी हुई है. आश्चर्य है कि हत्यारों तक पहुंचने के लिए पुलिस के पास कई संसाधन हैं. बावजूद मामले का उद्भेदन नहीं हो पाना समझ से परे है.

आज भी मिल रहा है न्याय का आश्वासन

खोरीमहुआ एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही स्टडी कर लिया गया है और उनके स्तर से जिला पुलिस को रिपोर्ट भेज दिया गया है. कहा कि अग्रेत्तर आदेश के आलोक में कार्रवाई की जायेगी.

*आरोपी पर  राजनीतिक सरक्षण का आरोप*

भाजपा नेता धनवार बाजार के भाजपा नेता सह समाजसेवी अरविंद साव समेत बड़ी संख्या में लोगों ने सिस्टम पर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि मामले में पुलिस के हाथ हत्यारों के गिरेबान तक पहुंच चुके हैं लेकिन जानबूझकर मामले का उद्भेदन नहीं किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि राजनितिक दबाव के चलते पुलिस मामले को दबा रही है.

तत्कानीन विधायक विनोद सिंह ने विधानसभा में उठाया था मामला, राजनीतिक दबाव में पुलिस दबा रही केस : कयूम

माले धनवार प्रखंड कमिटी सचिव कयूम अंसारी ने बताया कि चाची-भतीजी की निर्मम हत्याकांड के खुलासे, अपराधियों की गिरफ्तारी समेत हत्याकांड के खुलासे को लेकर माले कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन देकर कार्रवाई की मांग की. तत्कालीन माले विधायक विनोद सिंह ने विधानसभा में भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया. लेकिन राजनैतिक कारणों के चलते पुलिस-प्रशासन इस अतिगंभीर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दी. माले इस मामले में आंदोलन का मूड बना रही है. इस हत्याकांड को लेकर पार्टी स्तर से आंदोलन किया जायेगा.

न्याय व्यवस्था से उठ रहा है भरोसा : मृतका के परिजन

अब न्याय व्यवस्था और पुलिस-प्रशासन से हमारा भरोसा उठने लगा है. राज्य के सभी बड़े प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों के दरवाजे पर हम न्याय की भीख मांग चुके हैं. लेकिन ना ही न्याय मिला और ना ही अबतक कोई कारवाई होती दिख रही है. तीन साल के बाद मामले को हमेशा के लिए दबाया जा रहा है.

मृतका, नाजिया के पिता आबिद अंसारी

यह मामला क्षेत्र में सबसे दर्दनाक मामला था. घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया था. लेकिन खुलासा नहीं होने से पुलिसिया कार्यप्रणाली पर संदेह हो रहा है. इससे पुलिस प्रशासन की नाकामी और लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है. सिस्टम और न्याय व्यवस्था से लोगों की उम्मीदें टूट रही हैं.

विवेक विकास, भाजपा नेता
दोहरी निर्मम हत्याकांड से हम सभी सिहर गए थे. लेकिन राजनैतिक साजिश के तहत मामले को ठंडे बस्ते में डाल देना और पुलिस का चुप हो जाना अत्यंत गंभीर मामला है. पुलिस-प्रशासन का यह रवैया घोर अलोकतांत्रिक है. इसके साथ ही पुलिस-प्रशासन की इस तरह की नाकामी अपराधियों का मनोबल बठा रही है.