*राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ द्वारा तीर्थयात्रियों को कराया गया निःशुल्क भोजन*
*महाकुंभ से लौट रहे श्रद्धालुओं के मदद में सामाजिक संस्थाओं को आगे आना - निजाम खान*
सुलतानपुर,जिले की अग्रणी सामाजिक संस्था राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ द्वारा संचालित निःशुल्क रसोई के अंतर्गत हर बृहस्पतिवार को जरूरतमंदों को भोजन वितरण किया जाता है। यह सेवा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय और रेलवे स्टेशन परिसर में मरीजों, तीमारदारों, यात्रियों और अन्य जरूरतमंदों के लिए जारी है।गुरुवार की देर रात रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ से लौटे सैकड़ों तीर्थयात्रियों को संघ के सदस्यों ने स्नेहपूर्वक भोजन कराया। दूर-दराज से लौट रहे यात्रियों को जब संस्था द्वारा निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया गया, तो उनके चेहरे पर राहत और कृतज्ञता के भाव नजर आए। संघ के सदस्यों ने बताया कि यह सेवा जरूरतमंदों तक भोजन पहुँचाने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि यह अभियान सामाजिक सेवा और मानवता को समर्पित है और भविष्य में भी इसी तरह जरूरतमंदों की सहायता की जाएगी। स्थानीय लोगों ने इस पहल की सराहना की और संस्था को धन्यवाद दिया।
राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ का यह प्रयास समाज में सेवा और समर्पण की मिसाल बनता जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश गौतम और डॉ. सौरभ यादव ने मेडिकल कॉलेज में जरूरतमंदों को भोजन की थाली प्रदान कर किया। वहीं, रेलवे स्टेशन परिसर में संघ के अध्यक्ष मेराज अहमद खान ने श्रद्धालुओं को भोजन वितरित किया। भोजन पाकर श्रद्धालुओं के चेहरे खुशी से खिल उठे। संस्था के मार्गदर्शक *निजाम खान* ने बताया कि इस बार अरहर की दाल, सब्जी, रोटी और चावल को भोजन मेन्यू में शामिल किया गया था। महाकुंभ से लौट रहे तीर्थयात्रियों की संख्या को देखते हुए भोजन की मात्रा भी बढ़ाई गई। इस अभियान के तहत मेडिकल कॉलेज में 245 और रेलवे स्टेशन पर 310, कुल 555 जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया गया। निजाम खान ने जनपदवासियों से अपील की कि वे महाकुंभ में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की सेवा के लिए आगे आएं। उन्होंने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ स्थानों पर पानी की बोतल 100 रुपये में बेची गई, जोकि बेहद निंदनीय और शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसरों पर मदद करनी चाहिए, न कि व्यापार का अवसर तलाशना चाहिए। सुल्तानपुर का नाम श्रद्धालुओं की सेवा और सद्व्यवहार के लिए जाना जाना चाहिए, न कि अवसरवादिता के लिए। इस पुनीत कार्य में प्रदीप श्रीवास्तव, हाजी मुजतबा अंसारी, सत्य प्रकाश वर्मा, राशिद वर्दी टेलर, अमानत खान, अबरार अहमद, आसिफ, माता प्रसाद जायसवाल, बैजनाथ प्रजापति भोलू, आदित्य सिंह सहित कई लोगों का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। संस्था ने आगे भी इस तरह की सेवा जारी रखने का संकल्प लिया है।
Jan 31 2025, 12:25