*गणतंत्र दिवस के अवसर पर जामिया इस्लामिया में गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया*
 
 
   सुल्तानपुर,मौलाना मुहम्मद उस्मान क़ासमी की ओर से 77 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर योमे जम्हूरियत पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसकी सदारत मौलाना मुहम्मद उस्मान क़ासमी नाज़िम ए आला जामिया इस्लामिया सुल्तानपुर,पेश इमाम मरकज मस्जिद ने किया। कर्नाटक हुगली मदरसे के जिम्मेदार मौलाना अजमद सिराज कासमी मुख्य वक्ता रहे।
सुल्तानपुर,मौलाना मुहम्मद उस्मान क़ासमी की ओर से 77 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर योमे जम्हूरियत पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसकी सदारत मौलाना मुहम्मद उस्मान क़ासमी नाज़िम ए आला जामिया इस्लामिया सुल्तानपुर,पेश इमाम मरकज मस्जिद ने किया। कर्नाटक हुगली मदरसे के जिम्मेदार मौलाना अजमद सिराज कासमी मुख्य वक्ता रहे।
   मौलाना अहमद सिराज कासमी ने कहा कि भारत की आजादी का आंदोलन सबसे पहले मुसलमानों ने शुरू किया था क्योंकि सत्ता उनके हाथ में थी और वे अंग्रेजों के निशाने पर थे। विशेष वक्ता मौलाना अहमद सिराज कासमी फैजाबादी ने अपने संबोधन में कहा कि अंग्रेज 1601 में कलकत्ता आए थे और उन्हें दिल्ली पर कब्जा करने में 255 साल लग गए थे। उनके रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा मुसलमान थे क्योंकि उनके हाथ में देश की सत्ता थी।
मौलाना अहमद सिराज कासमी ने कहा कि भारत की आजादी का आंदोलन सबसे पहले मुसलमानों ने शुरू किया था क्योंकि सत्ता उनके हाथ में थी और वे अंग्रेजों के निशाने पर थे। विशेष वक्ता मौलाना अहमद सिराज कासमी फैजाबादी ने अपने संबोधन में कहा कि अंग्रेज 1601 में कलकत्ता आए थे और उन्हें दिल्ली पर कब्जा करने में 255 साल लग गए थे। उनके रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा मुसलमान थे क्योंकि उनके हाथ में देश की सत्ता थी। 
   मौलाना ने कहा कि 1857 से पहले अंग्रेजों के खिलाफ जिहाद का फतवा मौलाना फजल हक खैराबादी और शाह मुहद्दिस देहलवी ने दिया था। उन्होंने कहा कि जब भारत का संविधान बना तो उस पर हस्ताक्षर करते हुए मौलाना हसरत मोहानी ने कहा था कि यह संविधान अभी अधूरा है क्योंकि हमने सजा के सारे प्रावधान अंग्रेजों से ले लिए हैं।
मौलाना ने कहा कि 1857 से पहले अंग्रेजों के खिलाफ जिहाद का फतवा मौलाना फजल हक खैराबादी और शाह मुहद्दिस देहलवी ने दिया था। उन्होंने कहा कि जब भारत का संविधान बना तो उस पर हस्ताक्षर करते हुए मौलाना हसरत मोहानी ने कहा था कि यह संविधान अभी अधूरा है क्योंकि हमने सजा के सारे प्रावधान अंग्रेजों से ले लिए हैं।
   इस मौके एडवोकेट करीम,रिज़वान अहमद,अमर बहादुर सिंह, अलीमुद्दीन बचन्नू,डॉक्टर नैय्यर रज़ा ज़ैदी,अलक़मा नोमन ,मौलाना मकबूल ,नोमान ख़ान ,हाफ़िज़ इरफ़ान मुफ़्ती तौफीक,मौलाना अफ़ज़ाल अहमद,हाफ़िज़ अरशद, शाहिद क़िदवई,आज़ाद अहमद (मिल्क पोर्ट) आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे।
इस मौके एडवोकेट करीम,रिज़वान अहमद,अमर बहादुर सिंह, अलीमुद्दीन बचन्नू,डॉक्टर नैय्यर रज़ा ज़ैदी,अलक़मा नोमन ,मौलाना मकबूल ,नोमान ख़ान ,हाफ़िज़ इरफ़ान मुफ़्ती तौफीक,मौलाना अफ़ज़ाल अहमद,हाफ़िज़ अरशद, शाहिद क़िदवई,आज़ाद अहमद (मिल्क पोर्ट) आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे।
 
Jan 28 2025, 17:02
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