ऑपरेशन आहट और नन्हे फरिस्ते के जरिए लौटा रहे मुस्कान
मानव तस्करी की रोकथाम के लिए रेलवे की भूमिका
पूर्व मध्य रेल क्षेत्र से होकर गुजरने वाली ट्रेनों के जरिए मानव तस्करी रोकने में रेलवे सुरक्षा बल (रेसुब) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मादक पदार्थों की तस्करी के कार्यों के लिए मानव तस्करी कर इन्हें उपयोग में लाया जाता है। मानव तस्कर खासकर उन गरीब लोगों को निशाना बनाते हैं, जो बेहद दयनीय स्थिति में अपना जीवन-यापन करते हैं। आरपीएफ को मानव तस्करी के मामलों की जांच करने का अधिकार भले नहीं है, फिर भी रेलवे सुरक्षा बल इसमें राजकीय रेल पुलिस/स्थानीय पुलिस के प्रयासों में सहायता करती है। रेलवे का नेटवर्क सम्पूर्ण भारत में होने के कारण रेलवे सुरक्षा बल की भूमिका इस तरह के अपराधों की रोकथाम में काफी महत्वपूर्ण है।
यह कहना है पूमरे के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त अमरेश कुमार का।
ऑपरेशन आहट
पूर्व मध्य रेलवे में मानव तस्करी के विरुद्ध कार्यवाही की बात करें तो ऑपरेशन आहट नाम से अभियान चलाया गया। यह अभियान मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों को तस्करों के चंगुल से बचाने पर केंद्रित था। इसके तहत संदिग्धों की पहचान करने और उनहें पकड़ने के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों और मार्गो पर विशेष टीमें तैनात की जाती हैं।
पूर्व मध्य रेल में आरपीएफ ने वर्ष 2024 में 444 बच्चों (425 लड़के और 19 लड़कियों) को बचाने के साथ-साथ 134 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया। 2023 में 89 मानव तस्कर गिरफ्तार किये गये थे तथा उनके चंगुल से 314 बच्चों (292 लड़के और 22 लड़कियों) को मुक्त कराया गया था।
ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते
इसी तरह ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते के जरिए अकेले या संदिग्ध व्यक्तियों के साथ यात्रा करने वाले नाबालिगों को गलत हाथों में पड़ने से बचाता है। पूर्व मध्य रेल में आरपीएफ वर्ष 2024 के दौरान 2310 बच्चों (1794 लड़के और 516 लड़कियों) त्तथा वर्ष 2023 में 1140 बच्चों (749 लड़के और 391 लड़कियों) को बचाया गया। मानव तस्करी के खिलाफ कार्यवाही हेतु टीमों (एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट) की स्थापना की गई।
अब तक 53 रेलवे सुरक्षा बल की मानव तस्करी के खिलाफ कार्यवाही हेतु टीमों का गठन किया गया है।
जागरूकता अभियान
सार्वजनिक जागरुकता रेलवे सुरक्षा बल सक्रिय रूप से रेलवे स्टेशनों पर, रेल उपयोगकर्ताओं, रेलवे ट्रैक के आस-पास रहने वाले लोगों, यात्रियों व स्थानीय लोगों के बीच जागरुकता अभियान चलाकर मानव तस्करी से संबंधित संकेतों के बारे में शिक्षित व संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट कानून को प्रर्वतन करने वाले एजेंसियों को करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
कौन-कौन सी हैं धाराएं:
मानव तस्करी के विरुद्ध कानुनी कार्यवाही निम्न के अनुसार की जाती है।
1. भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 98, 99, 143, 144, 145 व 146 तथा अन्य संबंधित धाराएं।
2. अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम 1956 के प्रावधानो के अनुरुप । बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उनमूलन) अधिनियम 1976 के प्रावधानो के अनुरुप ।
3. किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप।
मानव तस्करी के खिलाफ अभियान में रेलवे सुरक्षा बल ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन चुनौतियां अब भी बरकरार
यह जानकारी मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने दी। उन्होंने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल मानव तस्करी से संबंधित खुफिया जानकारी साझा करने, बचाव प्रयासों में समन्वय और तस्करी विरोधी उपायों को मजबूत करने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों और अंतराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करता है। रेलवे सुरक्षा बल ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, चुनौतियां अभी भी है।
रेलवे सुरक्षा बल का लक्ष्य भविष्य की चुनौतियों को दूर करने के लिए अपनी क्षमताओं को ब बढ़ाना है। रेलवे सुरक्षा बल मानव तस्करी के लिए आशा की किरण और निर्दोष पीड़ितों का शोषण करने वालों के खिलाफ एक मजबूत ताकत बनी रह सकती है। रेलवे सुरक्षा बल लोगों से नन्हें चेहरों पर मुस्कान बनाए रखने के लिए सक्रिय भागीदार बनने का आग्रह करता है।
Jan 18 2025, 17:35