छत्तीसगढ़ में रोजगार के लिए अनुबंध, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा- हजारों छात्रों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर होंगे उत्पन्न

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में नई संभावनाएं प्रदान करने के उद्देश्य से आज शहीद स्मारक ऑडिटोरियम, रायपुर में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन एवं कौशल विकास मंत्री केदार कश्यप के मुख्य आतिथ्य में कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग के सचिव एस भारतीदासन ने सीएसआरबॉक्स फाउंडेशन, सीआईआई यंग इंडियंस और अपनाटेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर संचालक तकनीकी शिक्षा और रोजगार ऋतुराज रघुवंशी, अपनाटेक प्राइवेट लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट डॉ प्रीतसिंह, सीएसआरबॉक्स फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट मनो विराज सिंह, वाईस प्रेजिडेंट और सीआईआई यंग इंडियंस के चेयर पर्सन गौरव अग्रवाल के अलावा अन्य अधिकारी कर्मचारी और विभिन्न संस्थान के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

अनुबंध निष्पादन समारोह के अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं के कौशल विकास और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज का यह अनुबंध छत्तीसगढ़ के युवाओं के भविष्य को संवारने में मील का पत्थर साबित होगा। हमारा उद्देश्य केवल युवाओं को नौकरी देना नहीं है, बल्कि उन्हें ऐसा कौशल प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल कर सकें। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर छात्र चाहे वह आईटीआई से हो इंजीनियरिंग कॉलेज से हो या पॉलीटेक्निक से उसके पास रोजगार का उचित अवसर हो। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि रोजगार के लिए पंजीकृत छात्रों का डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और यह केवल राज्य के हित में उपयोग किया जाएगा। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि अनुबंध के तहत जो भी सेवाएं प्रदान की जाएंगी, वे पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित की जाएंगी।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने युवाओं से सीजी रोजगार पोर्टल पर पंजीकरण करने की अपील करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर युवा को उसकी क्षमता और योग्यता के अनुरूप एक सही दिशा मिले। युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए यह सरकार हर संभव प्रयास करेगी। अपनाटेक प्राइवेट लिमिटेड, सीएसआरबॉक्स और सीआईआई यंग इंडियंस जैसे साझेदारों के साथ मिलकर राज्य में रोजगार और कौशल विकास का एक नया युग शुरू हो रहा है। आईबीएम द्वारा फ्री ऑफ कॉस्ट सर्टिफिकेशन कोर्स करवाया जाएगा जो राज्य के आईटीआई, इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजों में उपलब्ध होगा। इस कोर्स से छात्रों को वैश्विक मानकों के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा और कम से कम 10% छात्रों को रोजगार सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि युवा अगर चाहे तो बड़े से बड़ा बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि नवाचार केवल एक विचार से शुरू होता है। हमें अपने युवाओं को प्रेरित करना होगा कि वे केवल वही न बनाएं जो पहले से बाजार में है, बल्कि ऐसे नए उत्पाद और समाधान तैयार करें, जो समाज के लिए उपयोगी हों। एक छोटी सोच को बड़ा लक्ष्य बनाकर ही सफलता पाई जा सकती है। इस अनुबंध के साथ सरकार ने कौशल विकास और रोजगार के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की है, जो राज्य के युवाओं को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाएगी।

वन एवं कौशल विकास मंत्री केदार कश्यप ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं में अपार क्षमता है, लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसरों की आवश्यकता है। यह अनुबंध सुनिश्चित करेगा कि ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों के युवा भी मुख्यधारा में शामिल हो सकें और अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को सशक्त बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहती है।

नई पुनर्वास नीति का असर: 10 लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने किया सरेण्डर

कवर्धा-   छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘नई नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति’’ और जिले में चलाये जा रहे नक्सल अभियान के कारण नक्सलियों के हिंसक और शोषणकारी विचारधारा से तंग आकर कई माओवादी विकासशील समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय ले रहे हैं. बस्तर क्षेत्र के साथ साथ कबीरधाम जिले में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. आज इसी पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 10 लाख ईनामी नक्सली दंपत्ति रमेश और रोशनी ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है, जो कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा के गांव पूवर्ती निवासी हैं. दोनों पर 5-5 लाख रुपए का ईनाम रखा गया था.

जानकारी के मुताबिक, रमेश उर्फ मेस्सा बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 का डिप्टी कमांडर था. वहीं उसकी पत्नी रोशनी उर्फ हिड़में भी बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 की सदस्य थी. दोनों ने आज कबीरधाम पुलिस के पास जाकर सरेण्डर किया है. इन दोनों पर थाना तरेगांव में दर्ज 2-2 नक्सल अपराध दर्ज हैं.

’रमेश उर्फ मेस्सा’ ने नक्सली संगठन में डिप्टी कमांडर के रूप में काम करते हुए कई हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया था एवं पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल रहा वह संगठन में रहने के दौरान एस एल आर राइफल धारी रहा है. वहीं, ’रोशनी उर्फ हिड़में’ संगठन की प्रशिक्षित सदस्य थी, जो नक्सली हिंसा में सक्रिय भूमिका निभाती रही तथा संगठन में इन्सास राइफल धारी थी. दोनों ने संगठन में व्याप्त आंतरिक संघर्ष, अमानवीय व्यवहार, स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचार, और जंगलों में जीवन की कठिनाईयों से परेशान होकर आत्मसमर्पण का निर्णय लिया.  

कबीरधाम पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह छवई ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली दंपत्ति को छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘पुनर्वास नीति’’ के तहत दोनों को पृथक-पृथक 25,000-25,000 रुपये (कुल 50,000 रुपये) की प्रोत्साहन राशि तत्काल नगद प्रदान की गई. इसके साथ ही भविष्य में 3 वर्ष तक 10,000 रुपये मासिक स्टाइपेंड राशि, निःशुल्क आवास एवं भोजन, स्किल डेवलपमेंट हेतु प्रशिक्षण, कृषि भूमि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.  आपको बताते चले कि अब तक जिले में 8 ईनामी नक्सलियों सहित कुल 9  नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं.

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का तबादला, वासु जैन बनाए गए CEO सक्ती, रेना जमील बनाई गई उद्योग विभाग की उपसचिव

रायपुर-  राज्य सरकार ने आईएएस के अधिकारियों का तबादला आदेश जारी किया है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, बलरामपुर सीईओ रेना जमील को वाणिज्य एवं उद्योग विभाग में उपसचिव बनाया गया है. वहीं अनुविभागीय अधिकारी नारायणपुर वासु जैन को सीईओ सक्ती बनाया गया है.

देखें आदेश की कॉपी-

11KV तार से टकराया ट्रेलर, बुरी तरह झुलसे दो लोग, एक की मौत

बिलासपुर-    जिले से गतौरा स्थित एलेन कोल वाशरी में एक ट्रेलर चालाक की हाईटेंशन तार की चपेट में आने से मौत हो गई. हादसे में एक अन्य चालाक बुरी तरह से झुलस गया है, जिसका इलाज जारी है. घटना ने प्रबंधन की बड़ी लापरवाही उजागर की है. 

जानकारी के मुताबिक, मस्तूरी थाना क्षेत्र के एलेन कोल वाशरी में 11KV तार से हाइड्रोलिक ट्रेलर टकरा गया. इस दौरान ट्रेलर में सवार दो ट्रेलर चालक बुरी तरह से झुलस गए. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां एक व्यक्ति की मौत हो गई. मस्तूरी पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. 

महाकुंभ : छत्तीसगढ़ मंडप में लगी अपर कलेक्टर अरुण मरकाम की ड्यूटी, इंद्रजीत बर्मन का लेंगे स्थान

रायपुर-  प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में महाकुंभ मेला परिसर स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन (मण्डप) में अपर कलेक्टर इंद्रजीत बर्मन की जगह कोरिया अपर कलेक्टर अरुण कुमार मरकाम की ड्यूटी लगाई गई है. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है. 

सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश में अरुण कुमार मरकाम की ड्यूटी 18 जनवरी से 27 जनवरी तक रहेगी. इनकी यह नियुक्ति राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी इंद्रजीत बर्मन को सारंगढ़-बिलाईगढ़ सीईओ बनाए जाने के बाद की गई है.

बता दें कि प्रयागराज (उत्तरप्रदेश) में 144 साल बाद महाकुंभ का आगाज हो चुका है. महाकुंभ के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों को मार्गदर्शन देने और आपदा की स्थिति निर्मित होने पर सहायता के लिए छत्तीसगढ़ के 4 अपर कलेक्टरों की भी ड्यूटी लगाई गई है.

इनमें रायपुर अपर कलेक्टर नवीन कुमार ठाकुर के साथ बलरामपुर-रामानुजगंज के अपर कलेक्टर इन्द्रजीत बर्मन, जशपुर अपर कलेक्टर रामशीला लाल और सरगुजा अपर कलेक्टर रामसिंह ठाकुर शामिल हैं.

राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के तबादले का संशोधित आदेश जारी, देखें लिस्ट

रायपुर- नगरीय निकाय चुनाव के पहले बड़े पैमाने पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है. GAD की ओर से पहले जारी ट्रांसफर लिस्ट में 60 अफसरों का नाम शामिल है. अब विभाग ने संशोधित आदेश जारी है. जिसमें 6 अफसरों का नाम शामिल है. संशोधित आदेश में अफसरों के वर्तमान और नविन पदस्थापना के स्थानों में परिवर्तन किया गया है.

संशोधित आदेश में 2014 बैच के राप्रसे के अधिकारी घासीराम मरकाम को गरियाबंद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद से नहीं हटाया गया है. गिरीश कुमार रामटेके को प्रबंधक, भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार मंडल, नवा रायपुर अटल नगर से सचिव, भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार मंडल, नवा रायपुर अटल नगर में पदस्थापना दी गई है. वहीं शशिकांत कुर्रे को कोरबा का डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है. 

देखें संशोधित आदेश :-

 

युवती की हत्या पर कांग्रेस का विरोध-प्रदर्शन, लगा रहे हैं इंसाफ की गुहार…

रायपुर-  कमल विहार में चार दिन पहले मिली युवती की अर्द्धनग्न लाश के मामले में अब तक पुलिस के आरोपियों तक नहीं पहुंच पाने पर कांग्रेस विरोध-प्रदर्शन कर रही है. पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के गेट के सामने युवती की फोटो हाथों में लिए इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं. 

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने इस दौरान कहा कि अगर उस बेटी को न्याय नहीं मिला तो आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में शहर जिला कांग्रेस पार्टी कमेटी के नेतृत्व में गृह मंत्री के घर का घेराव करेगी. और जब तक उसे न्याय नहीं मिलेगा, तब तक हम यह लड़ाई लड़ेंगे.

बता दें कि टिकरापारा थाना क्षेत्र के कमल विहार सेक्टर-1 इलाके में चार दिन पहले एक युवती की अर्द्धनग्न लाश मिली थी. स्थिति को देखते हुए दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जताई गई थी. यही नहीं प्रथम दृष्टया पुलिस ने माना था कि युवती की हत्या कहीं और कर गुमराह करने की नियत से उसे कमल विहार में फेंका गया है.

छत्तीसगढ़ में बढ़ेगी ठंड
रायपुर-  छत्तीसगढ़ में सर्द हवाओं का दौर जारी है. कुछ इलाकों में कड़ाके की ठंडी से लोग परेशान हैं तो कहीं शीतलहर कहर बरपा रही है. छत्तीसगढ़ में ठंड बढ़ने वाली है. प्रदेश में आज मौसम साफ रहने की संभावना है. साथ ही तापमान में 2 डिग्री तक गिरावट हो सकती है. मौसम विभाग ने आज कोहरा छाए रहने की संभावना जताई है. अगले 3 दिनों में 2-3 डिग्री की गिरावट हो सकती है. शुक्रवार को सबसे अधिकतम तापमान 30 डिग्री दुर्ग में दर्ज किया गया. वहीं सबसे ठंडा नारायणपुर रहा, यहां 9.6 डिग्री दर्ज किया गया.
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा के अनुसार, छत्तीसगढ़ में आज मौसम साफ रहेगा. न्यूनतम तापमान में गिरावट होगी. बस्तर संभाग में 19 जनवरी तक पारा गिरेगा, जिसके बाद यह बढ़ने के क्रम में आ जाएगा. सुबह के वक्त कोहरा छाया रह सकता है.
राजधानी रायपुर में आज मौसम साफ रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने आज धुंध रहने की संभावना जताई है. अधिकतम तापमान 29 डिग्री और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री रहने की संभावना जताई है.
एक पंचायत ऐसा भी, जिसे पांच साल में मिले पांच सरपंच, त्रस्त ग्रामीणों ने चुनाव को लेकर लिया बड़ा फैसला…

गरियाबंद- गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लॉक में एक ऐसा ग्राम पंचायत मौजूद है, जहां पांच साल में पांच सरपंच बने, लेकिन ग्राम पंचायत की तस्वीर नहीं बदली. अबकी बार ग्रामीण सोच-समझकर पंच-सरपंच का चुनाव करने की बात कह रहे हैं. 

ग्राम पंचायत मुंगिया की गलियों में पक्की सड़क का अभाव है, नाली नहीं है, इसलिए सड़कों में पानी बहते रहता है. देख-रेख के अभाव में शौचालय, हैंडपंप व कूड़ा दान स्वच्छता अभियान के किसी स्मारक की तरह नजर आते हैं. स्कूल हो या आंगनबाड़ी, निगरानी करने वाला कोई नहीं है. रहा सवाल हितग्राही मूलक योजनाओं का तो इसका लाभ भी ग्रामीणों को नहीं के बराबर मिल रहा है.

दरअसल, यहां निर्वाचित सरपंच गजेन्द्र मांझी ने अपने साल भर के कार्यकाल में ही अनियमितताओं का ऐसा गदर मचाया कि हटाना पड़ा. उनकी जगह जिस पंच को प्रभार दिया गया, वह भी वे भी अलग-अलग आरोपों में पद से हटाए जाते रहे. सरपंच की कुर्सी दौड़ में पांच साल तक लगातार जारी रही. लिहाजा गांव का विकास अधर में लटक गया. पांच साल तक भुगतने के बाद अब ग्रामीण आने वाले चुनाव में सोच-समझ कर मतदान करने की बात कह रहे हैं.

सरकार की सख्ती : बगैर सूचना छुट्टी पर गए कलेक्टर को लगी फटकार, तत्काल वापस बुलाए गए

रायपुर- प्रशासनिक कामकाज में सख्ती लाने में जुटी साय सरकार ने बगैर सूचना छुट्टी पर गए एक कलेक्टर की खिंचाई की है. मालूम चला है कि कलेक्टर को पहले जमकर फटकार लगाई गई और इसके बाद अल्टीमेटम दे दिया गया कि दोबारा ऐसी लापरवाही बरतने पर उन्हें कलेक्टरी से विदाई दे दी जाएगी. इसी तरह शुक्रवार को देरी से दफ्तर पहुंचने वाले कलेक्टरों को भी अनुशासन की घुट्टी पिलाई गई है. सीएम सचिवालय ने यह मालूम किया कि जिलों में कलेक्टर वक्त पर दफ्तर पहुंचे या नहीं? इस पूछताछ में यह जानकारी सामने आई थी कि तीन जिलों के कलेक्टर दफ्तर में नहीं है. सचिवालय को यह भी खबर मिली कि कलेक्टर अपने घर पर हैं. सीएम सचिवालय के एक आला अफसर ने उन कलेक्टरों को फोन कर सुशासन का पाठ पढ़ाया है.

गौरतलब है कि सीएम सचिवालय इन दिनों मंत्रालय से लेकर जिलों तक अफसरों के कामकाज की कड़ी निगरानी कर रहा है. कौन अफसर कब दफ्तर पहुंचा? कौन फिल्ड पर दौरे कर रहा है? किस अफसर के खिलाफ किस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं? इन सबका हिसाब रखा जा रहा है. साय सरकार प्रशासनिक कसावट लाने के इरादे से काम करती दिख रही है. प्रशासनिक कसावट लाने का यह जिम्मा सीएम सचिवालय के अफसरों सौंपा गया है.

इसकी शुरुआत पहले मंत्रालय से की गई. सचिवों के मंत्रालय पहुंचने का वक्त निर्धारित किया गया. बाकायदा हाजिरी रजिस्टर में यह दर्ज किया जाने लगा कि कौन से अफसर कितने बजे मंत्रालय पहुंचे. शुरुआती एक-दो दिन ढिलाई बरतने वाले अफसरों को इशारों-इशारों में वक्त पर मंत्रालय पहुंचने की नसीहत भी दी गई. मंत्रालय में सख्ती बरतने के बाद जिलों में कलेक्टरों पर समय की पाबंदी का फरमान जारी हुआ. कई कलेक्टरों ने इसे गंभीरता लिया और कई कलेक्टर दो-चार दिन की सख्ती समझ लापरवाही पर उतर आए. अब लापरवाही बरतने वाले यही कलेक्टर सीएम सचिवालय के रडार पर हैं. परफार्मेंस दुरुस्त नहीं हुआ, तो यह तय है कि अगली तबादला सूची में उन कलेक्टरों का विकेट जरूर उखड़ जाएगा.

फरफार्मेंस होगा आधार

सीएम सचिवालय की नई व्यवस्था में अफसरों के कामकाज पर जिस तरह से नजर रखी जा रही है, उससे साफ है कि परफार्मेंस ही अच्छी पोस्टिंग का आधार बनेगा. पूर्ववर्ती सरकार में प्रशासनिक कामकाज में आई गिरावट के बाद साय सरकार इस विषय पर गंभीर है. जिलों में कलेक्टर हो या एसपी. टीम लीड करने वाले ऐसे चेहरे विशेष तौर पर कड़ी निगरानी में रखे गए हैं. कलेक्टर-एसपी ही जिले में सरकार का चेहरा होते हैं, ऐसे में सरकार नान परफार्मर चेहरों को जिलों में बिठाकर रखने के मूड में नजर नहीं आ रही.