चुनाव प्रचार में एआई का मनमाने ढंग से उपयोग नहीं कर सकेंगीं पार्टियां, आयोग ने जारी की एडवाइजरी
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आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस यानी एआई का इस्तेमाल आज लगभग हर क्षेत्र में किया जा रहा है। एक तरफ जहां एआई ने लोगों का काम आसान किया है। वहीं, इसका दुरुपयोग भी खूब किया जा रहा है। चुनाव में एआई के इस्तेमाल को लेकर कोई परेशानी न खड़ी हो, इसीलिए चुनाव आयोग सख्त है। इलेक्शन कमीशन ने चुनाव में एआई के इस्तेमाल को लेकर एडवाइजरी जारी की है। आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दल और उम्मीदवार एआई से जारी होने वाली सामग्री का उचित रूप से खुलासा जरूर करें।
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को जारी की गई एडवाइजरी में कहा है कि अगर कोई राजनीतिक दल या उम्मीदवार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के जरिये किसी फोटो, वीडियो या अन्य सामग्री का उपयोग करे तो उसके स्रोत की जानकारी का खुलासा जरूर किया जाए। आयोग ने कहा कि राजनीतिक दल विज्ञापन और प्रचार सामग्री पर अगर सिथेंटिक कंटेट का उपयोग करेंगे तो उनको इसका अस्वीकरण देना होगा।
पारदर्शिता बने रहने के लिए ये जरूरी
चुनाव आयोग ने यह दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जिस तरह से बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा तैयार किया जा रहे हैं कंटेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह मुमकिन है कि मतदाताओं को प्रभावित करें। लिहाजा जरूरत इस बात की है कि पूरी पारदर्शिता बनी रहे और मतदाता को पता हो कि कौन सा कंटेंट ओरिजिनल है और कौन सा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक द्वारा इस्तेमाल कर बनाया गया।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रशासन को गलत सूचना फैलाने के किसी भी प्रयास के प्रति सतर्क रहने और तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।उन्होंने राजनीतिक दलों से चुनाव प्रचार में गरिमा और शिष्टाचार बनाए रखने का भी आग्रह किया है।
पहले ही किया था सतर्क
चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने हाल में गलत जानकारी फैलाने में एआई और ‘डीप फेक’ के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी थी। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि ‘डीप फेक’ और गलत सूचनाओं से चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास खत्म हो सकता है। पिछले साल लोकसभा चुनावों के दौरान आयोग ने सोशल मीडिया मंचों के जिम्मेदारीपूर्ण और नैतिक तरीके से इस्तेमाल के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे।
लगातार सामने आ रहे डीपफेक के मामले
दिल्ली विधानसभा चुनाव में डीपफेक और भ्रामक संदेश फैलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में पुलिस ने आप के खिलाफ प्रधानमंत्री व गृहमंत्री की एआई-जनरेटेड तस्वीरें और वीडियो पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करने के आरोप में पांच एफआईआर दर्ज की हैं। शिकायतें 10 जनवरी और 13 जनवरी को पोस्ट किए गए वीडियो से जुड़ी थीं, जिनमें से एक में 90 के दशक की बॉलीवुड फिल्म के दृश्य में भाजपा नेताओं को चित्रित करने के लिए एआई-डीपफेक तकनीक का उपयोग किया गया था। इसके साथ ही सोशल मीडिया और एआई के दुरुपयोग को रोकने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। आयोग का मानना है कि डीपफेक वीडियो चुनाव कानूनों और निर्देशों का उल्लंघन करके चुनावी प्रक्रिया को बाधित करते हैं।
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