छत्तीसगढ़ के पावर प्लांटों में नियमों का उल्लंघन, SC के आदेश के 11 साल बाद भी कोई सुधार नहीं, हाईकोर्ट ने जताई कड़ी नाराजगी…

बिलासपुर-  प्रदेश के कई पावर प्लांट में नियमों का उल्लंघन और मजदूरों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. इन पावर प्लांट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को एक दशक से ज्यादा समय तक अनदेखा किया. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने आज इस मामले में लगाई गई जनहित याचिका पर सुनवाई की. जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने हैं.

पिछली सुनवाई में अपर महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कहा था कि न्यायालय के 15 अक्टूबर 2024 के आदेश के अनुपालन में पहले ही निरीक्षण किया जा चुका है और रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है. इसके अलावा बिजली संयंत्रों की ओर से कुछ खामियां पाई गई हैं, जिसके लिए मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं उन्होंने उक्त रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था.

कोर्ट में आज शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पेश की गई रिपोर्ट में 68 पावर प्लांट में फैक्ट्री एक्ट का उल्लंघन किया जाना पाया गया. बताया गया कि इन पर 2024 में केस दर्ज किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 31 जनवरी 2014 के आदेश के बावजूद 11 साल में कोई सुधार नहीं किया गया और अब केस दर्ज किया गया है.

बता दें कि हाईकोर्ट ने कमिश्नर की नियुक्ति की थी. जिसमें प्रतीक शर्मा, अदिति सिंघवी और अन्य ने अपनी रिपोर्ट पेश की. जिसमें पावर प्लांट में काम करने वाले कुछ मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच प्राइवेट डायग्नोसिस सेंटर में कराई गई. जिनकी रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किए गए थे. कोर्ट ने इस पर भी नाराजगी जताई और कहा कि लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है…? हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत की मौजूदगी नहीं होने पर शासन का पक्ष रखने सोमवार का समय दिया है. वहीं अगली सुनवाई 13 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ऑल इंडिया स्टील कॉन्क्लेव 2.0 का किया आगाज, 17 राज्यों के 1500 से ज्यादा उद्योगपति हुए शामिल

रायपुर-    विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए हम फौलादी इच्छाशक्ति के साथ काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को पाने में छत्तीसगढ़ की सबसे अहम भूमिका होगी। इसके लिए प्रदेश के प्रत्येक उद्यमी को छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा का ब्रांड एंबेसडर बनना होगा। प्रदेश के स्टील उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए हरसम्भव सहयोग हमारी सरकार प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर के मेफेयर लेक रिसॉर्ट में आयोजित ऑल इंडिया स्टील कॉनक्लेव 2.0 को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा है। हम विकसित छत्तीसगढ़ की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं केंद्रीय राज्य मंत्री था तब स्टील इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से अक्सर मुलाकात होती रही है। श्री साय ने कहा कि 17 राज्यों से आए 1500 प्रतिनिधि यहां दो दिन स्टील उद्योग की चुनौतियों व नये अवसर पर मंथन करेंगे। मुझे विश्वास है कि यहां हुई चर्चा स्टील सेक्टर के साथ ही छत्तीसगढ़ और देश की तरक्की को नई दिशा देगी। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया स्टील कॉन्क्लेव 2.0 का आयोजन प्रदेश में स्टील उद्योग को तो प्रोत्साहित करेगा ही, एमएसएमई के लिए भी लाभकारी होगा। देशभर के उद्योग जगत के लोग छत्तीसगढ़ की इस विकास यात्रा में भागीदार होना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ में अवसर के कई द्वार अभी और खुलेंगे। जल्द ही हम लिथियम जैसी ऊर्जा खनिज के सबसे बड़े केंद्र बनेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्टील उद्योग के लिए काफी अवसर हैं। हमारे पास स्टील इंडस्ट्री के लिए जरुरी खनिज जैसे लोहा ओर और कोयला के साथ ही बिजली पर्याप्त मात्रा में है। हम स्टील उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर हैं। हमें गर्व है कि हमारा प्रदेश देश की इकोनॉमी का पावर हाउस है। छत्तीसगढ़ ने अब ग्रीन स्टील की ओर भी कदम बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि स्टील उद्योग में कई नवाचार हो रहे हैं। उत्पादन बढ़ाने के लिए आप लोग नई और एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं, इसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। आर्थिक विकास को गति देने के साथ हमें जलवायु परिवर्तन की चुनौती का भी समाधान करना होगा। ऐसे में अब पर्यावरण अनुकूल विकास के स्थायी उपाय करने होंगे। उन्होंने नई औद्योगिक नीति के जरिए 5 लाख नये रोजगार सृजन के लक्ष्य की बात दोहराई और कहा कि यह आप सभी के सहयोग से ही पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 और नई औद्योगिक नीति पर भी सरकार के विजन को साझा किया। सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 एक ऐसा नवाचारी प्लेटफॉर्म है जिसके जरिए राज्य में उद्योग, व्यवसाय और स्टार्टअप को एक पोर्टल पर तमाम सुविधाएं मिल रही हैं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार ने निवेश के लिए अनुकूल औद्योगिक नीति तैयार की है और इससे प्रदेश में निवेश आकर्षित हो रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ वनाच्छादित प्रदेश है और यहां खनिज सम्पदा के विपुल भंडार मौजूद है। प्रदेश के विकास को गति देने की सभी संभावनाएं यहां मौजूद है। श्री देवांगन ने स्टील उद्योग को बढ़ावा देने के लिए शासन द्वारा लिए गए निर्णयों की जानकारी भी दी। उन्होंने कॉनक्लेव में मौजूद सभी उद्योगपतियों से आग्रह करते हुए कहा कि हमारी इस औद्योगिक नीति को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं, जिससे लोग इसका लाभ लें और प्रदेश की तरक्की में साझेदार बने।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का सबसे तेजी से विकसित होता हुआ राज्य बन रहा है। प्रदेश में स्टील उद्योग के लिए अनुकूल अवस्थाएं मौजूद हैं। प्रदेश में पहले से ही अनेक उद्योग स्थापित हैं अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम विकास के साथ ही पर्यावरण का भी ध्यान रखें। सीएसआर की सहायता से लोगों के जीवन को भी बेहतर बनाने का प्रयास करें।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव राहुल भगत, उद्योग सचिव रजत कुमार, ऑल इंडिया स्टील कॉनक्लेव 2.0 के चेयरमैन रमेश अग्रवाल, छत्तीसगढ़ स्टील री रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी, भिलाई स्टील प्लांट के सीईओ अजॉय कुमार चक्रवर्ती सहित सीएसआरए के पदाधिकारीगण और स्टील उद्योग से जुड़े उद्योगपति उपस्थित थे।

ढाबे में छापा, मिले खरीदी केंद्र से संग्रहण केंद्र भेजे गए धान से भरे बोरे, 165 लीटर डीजल भी किया बरामद…

गरियाबंद- खरीदी केंद्र से संग्रहण केंद्र के लिए भेजे गए धान के बोरे कोयबा के एक ढाबे में मिले. यही नहीं 165 लीटर डीजल भी बरामद किया गया. खाद्य निरीक्षक की छापेमारी में खुली इस कलई के पीछे ट्रांसपोर्टरों की जिम्मेदार अधिकारियों से सेटिंग है, जिसमें धान परिवहन के दरमियान मात्रा में आई कमी की भरपाई खरीदी केंद्रों से कराने का रिवाज बन गया है.

दरअसल, खरीदी केंद्र से धान भर कर संग्रहण केंद्र के लिए निकले ट्रक अक्सर कोयबा में नेशनल हाइवे से लगे एक ढाबे में अक्सर रुका करते थे. जहां ढाबा संचालक के साथ मिल सरकारी धान व ट्रक के डीजल की हेरा-फेरी की जाती थी. सूचना के आधार पर सहायक खाद्य अधिकारी कुसुम लता ने ढाबे में छापेमारी की.

मौके पर मौजूद धान लोडेड ट्रक का चालक अफसर को देख कर गाड़ी लेकर भाग निकला. वहीं जब टीम ने ढाबे की तलाशी ली तो 15 बोरा धान के साथ 165 लीटर डीजल भी मिला. ढाबा संचालक जप्त समान के कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं दिखा पाया. अफसर ने पंचनामा कर अग्रिम कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन आला अफसरों को भेज दिया है.

जप्त किए गए धान अमलीपदर और गोहरापदर (मैनपुर) खरीदी केंद्र से लोड किया गया था. बारदाना में लगे मोहर के आधार पर पहचान के बाद अब परिवहन में जुटे ट्रक व चालक के नाम पर कार्रवाई की तैयारी है. मैनपुर एएफओ कुसुम लता ने कहा कि पंचनामा कर प्रतिवेदन जिला अधिकारी को भेजा जा रहा है. निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

दागी ट्रांसपोर्टर को मिल रहा पूरा समर्थन

परिवहन के लिए टेंडर किसी का भी लगे पर कुंडेल में नवापारा के स्थानीय एक ट्रांसपोर्टर को जिम्मा दिया जाता है. पहले धान भरे ट्रक के गायब करने के मामले में ट्रांसपोर्टर पर कार्रवाई भी हो चुकी है. लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते ट्रांसपोर्टर अब भी संग्रहण केंद्र में जमा हुआ है. छोटी-मोटी हेराफेरी की ताकत चालकों को वहीं से मिलती है. बता दे कि संग्रहण केंद्र से दुरस्त देवभोग अमलीपदर थाना क्षेत्र से अब तक 10 ट्रक धान गायब हो चुके हैं. कुछ में आरोपी पकड़े गए, लेकिन मामला अब भी नहीं सुलझ पाया है.

गलती किसी और की, सजा कोई और भुगते

एक ट्रक में 5 से 10 बोरा धान गायब करना एक तरह से रिवाज बन गया है. दरअसल, खरीदी केंद्र से जितना भी वजन भेजा जाए उसको संग्रहण केंद्र में दोबारा वजन कराया जाता है. मात्रा में अंतर की भरपाई संग्रहण केंद्र वाले खरीदी केंद्र से कराते है. रास्ते में गायब हो रहे बोरे इस बात का प्रमाण है कि गड़बड़ी वाहन व ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोग करते हैं, पर हर्जाना खरीदी केंद्र से किया जाता है. खरीदी केंद्र प्रभारियों ने खरीदी केंद्र से धरम काटा किए गए पर्ची को मान्य करने की जायज मांग कर चुके हैं पर इस मांग को क्यों नहीं माना जाता, समझ से परे है.

सुपोषण की ओर अग्रसर कोरिया, कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के नेतृत्व में बदलती तस्वीर…

दिसंबर 2023 में कोरिया जिले में गम्भीर बौनापन 8.49 प्रतिशत, मध्यम बौनापन 13.32 प्रतिशत था, जबकि राज्य में 12.49 प्रतिशत तथा 18.39 प्रतिशत दर्ज किया गया. दुर्बलता के मामलों में मध्यम दुर्बलता 8.64 प्रतिशत और गंभीर दुर्बलता 2.18 प्रतिशत थी, वहीं प्रदेश में गम्भीर दुर्बलता का प्रतिशत 2.18 था, मध्यम दुर्बलता 7.20 प्रतिशत रहा. अल्प वजन के मामले में मध्यम कुपोषण 11.13 प्रतिशत जबकि राज्य में मध्यम कुपोषण 12.63 प्रतिशत इसी तरह जिले में गंभीर कुपोषण 2.18 प्रतिशत था, इस दौरान राज्य में 2.87 प्रतिशत था.

कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने इस संबंध में महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका को लगातार दिशा-निर्देश देते रहे. जिला प्रशासन के समर्पित प्रयासों, विभिन्न योजनाओं एवं जनभागीदारी और समन्वित रणनीति के तहत किए गए कार्यों की वजह से कुपोषण दर में बेतहाशा सुधार देखने को मिला.

दिसंबर 2024 में जिले में मध्यम दुर्बलता 3.99 प्रतिशत थी, जबकि राज्य में 5.29 प्रतिशत और गंभीर दुर्बलता 0.79 प्रतिशत हो गई, जबकि राज्य में 1.61 प्रतिशत थीं. गम्भीर बौनापन जिले में 5.9 प्रतिशत, 12.15 प्रतिशत मध्यम बौनापन के दर दर्ज किया गया जबकि राज्य में 7.32 प्रतिशत थी. इसी तरह, अल्प वजन के मामले में मध्यम कुपोषण 9.19 प्रतिशत और गंभीर कुपोषण 1.67 प्रतिशत तक कम हो गया जबकि राज्य में मध्यम कुपोषण की दर 11.12 प्रतिशत और गम्भीर कुपोषण की दर 2.19 प्रतिशत रही.

उपलब्धि के पीछे की रणनीतियाँ

कोरिया जिले ने कुपोषण उन्मूलन के लिए विभिन्न योजनाओं और नवाचारों को अपनाया गया. मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण आहार, पोषण पुनर्वास केंद्रों की सुविधाएँ और सुपोषण चौपाल के माध्यम से जागरूकता प्रदान की गई. कुपोषण की चक्र में सर्वप्रथम किशोरी बालिकाओं को पौष्टिक आहार लेने हेतु लगातार शिविर आयोजित किए गए तथा गर्भवती महिलाओं को गर्म व पौष्टिक भोजन एएनसी जांच 100 प्रतिशत करने पर लगातार काम किया गया.

कुपोषित बच्चों को सप्ताह में छह उबले अंडे और गर्म भोजन उपलब्ध कराया गया. पोषण ट्रैकर के माध्यम से कुपोषण स्तर का सतत् मूल्यांकन और निगरानी की गई. आंगनबाड़ी केंद्रों और हितग्राहियों के घरों में पोषण वाटिका विकसित की गई. मुनगा (ड्रमस्टिक) के पौधे लगाने और उपयोग को प्रोत्साहित किया गया. अति गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान और उनके पोषण स्तर की साप्ताहिक समीक्षा की गई.

नियमित खानपान और भूख का आकलन कर दवाइयाँ, परामर्श और पोषण पुनर्वास केंद्रों में उपचार प्रदान किया गया. ग्राम सभाओं में पोषण को एक अनिवार्य एजेंडा के रूप में शामिल किया गया. कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने कहा कि कोरिया जिले की यह उपलब्धि दर्शाती है कि सही नीतियों, सामुदायिक सहभागिता और प्रशासनिक प्रयासों के माध्यम से कुपोषण जैसी जटिल समस्यायों का समाधान संभव है.

उन्होंने कहा कि कुपोषण वर्तमान ही नहीं बल्कि नई पीढ़ी के लिए भी खतरनाक है. इस जिले से कुपोषण को जड़ से खत्म करना है तब-तक इस दिशा पर लगातार कार्य किया जाएगा. इस सुदूर जिले को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा सबकी भागीदारी आवश्यक है ताकि जिले के हर बच्चा स्वस्थ और सुपोषित जीवन जी सके.

सुपोषण की दिशा में नवाचार

एक कदम आगे बढ़ते हुए हुए कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने जन्म के समय कम वजन की समस्या को गम्भीरता से लेते हुए जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती व शिशुवती महिलाओं के साथ-साथ बच्चों को रागी, मूंगफली, तिल, गुड़ से निर्मित लड्डू भी दिया जा रहा ताकि स्वस्थ रहें, वजन बढ़े और खून की कमी भी न हो.

राष्ट्रीय आहार विज्ञान दिवस : संचारी और गैर-संचारी रोगों से निपटने तकनीक और AI स्थायी समाधान – डॉ. जूली पांडेय

रायपुर-   भारत में हर साल 10 जनवरी को “आहार विज्ञान दिवस” मनाया जाता है, ताकि स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने में आहार विशेषज्ञों और पोषण विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका को सराहा जा सके. इस साल राष्ट्रीय आहार विज्ञान दिवस का विषय है, संचारी (तपेदिक और वायरल) और गैर-संचारी रोगों के लिए प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर के स्थायी समाधान”.

इस संदर्भ में आहार विशेषज्ञों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे व्यक्तिगत आहार योजनाएं विकसित करने में मदद कर सकते हैं. जो विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं और जीवनशैली को ध्यान में रखते हैं. आहार विशेषज्ञों की विशेषज्ञता के साथ लोगों को उनकी विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत आहार योजनाएं प्रदान की जा सकती हैं.

Dt. Juli Pandey
Consultant – Clinical Nutrition & Dietetics

निम्नलिखित क्षेत्रों में आहार विशेषज्ञों की भूमिका महत्वपूर्ण है:

– व्यक्तिगत आहार योजनाएं विकसित करना
– पोषण संबंधी सिफारिशें प्रदान करना
– स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना
– रोगप्रबंधन और रोकथाम में सहायता करना
– स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ सहयोग करना

इसके अलावा, प्रौद्योगिकी और AI रोग में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहे हैं निदान और भविष्यवाणी. मशीन लर्निंग एल्गोरिदम और कंप्यूटर विज़न जैसे AI-संचालित डायग्नोस्टिक टूल, पैटर्न की पहचान करने और बीमारियों का पता लगाने के लिए मेडिकल इमेज, प्रयोग शाला के नतीजों और मरीज के डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं.

तकनीक और AI, संचारी और गैर-संचारी रोगों से निपटने के लिए स्थायी समाधान प्रदान करते हैं. इस संदर्भ में आहार विशेषज्ञों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे व्यक्तिगत आहार योजनाएं विकसित करने में मदद कर सकते हैं. जो विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं और जीवनशैली को ध्यान में रखते हैं. इसलिए हमेशा अपने शरीर की जरूरतों और मौसम के अनुसार स्वास्थ्य जीवन शैली के लिए मौसमी खाद्य पदार्थों के साथ आहार का पालन करें.

कलेक्टर की अधिकारियों को दो टूक, समय पर कार्यालय में रहें उपस्थित, दो दिन करें आम जनता से भेंट-मुलाकात

बालोद-  कलेक्टर ने जिले की जनता और कार्यालयों के कामकाज में कसावट के लिए अधीनस्थ अधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है. इसमें समय पर कार्यालय में उपस्थित होने से लेकर सप्ताह में दो दिन आम जनता से भेंट-मुलाकात करने सहित 9 अलग-अलग बिंदु शामिल हैं. 

दरअसल, जिले में लगातार शिकायतें सामने आ रही थी कि अधिकारी समय पर कार्यालय में उपस्थित नहीं रहते जिसके कारण आमजनता को दर-दर भटकना पड़ता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने अधीनस्थों के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है.

कलेक्टर ने अधिकारियों से दो टूक कहा है कि कार्यालय में समय पर उपस्थित होने, सप्ताह में दो दिन आम जनता से भेंट-मुलाकात करने और तमाम शासकीय कार्यालयों के अधीनस्थ अधिकारियों को सप्ताह में अपने ही कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण करने निर्देशित किया है.

निकाय चुनाव ब्रेकिंग: EVM से होगा नगरीय निकाय चुनाव! चुनाव आयोग ने सभी जिलों को EVM की FLC के दिये निर्देश

रायपुर-  निकाय चुनाव से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। नगरीय निकाय चुनाव बैलेट पेपर के बजाय EVM से कराने की तैयारी है। चुनाव आयोग ने इसे लेकर सभी जिलों को निर्देश दे दिया है। NW न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य चुनाव आयोग की तरफ से अर्जेंट वीसी बुलायी गयी थी, जिसमें सभी डिप्टी डीईओ को निर्देश दिया गया कि वो अपने-अपने जिलों में EVM की FLC की तैयारी करें। 12 जनवरी को FLC (First Level Checking (FLC) of EVM) के निर्देश दिये गये हैं। आपको बता दें कि पिछले दिनों डिप्टी सीएम अरूण साव ने मीडिया को बयान में कहा था कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से कराये जायेंगे।

ईवीएम के एफएलसी के निर्देश

लेकिन आज अचानक से जिस तरह से निकाय चुनाव के लिए ईवीएम को चेक करने के निर्देश दिये गये हैं, उससे साफ है कि नगरीय निकाय चुनाव को आयोग ईवीएम के जरिये कराने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक कल दोपहर बाद 3 बजे सभी जिलों को इलेक्शन कमीशन से मैसेज भेजा गया कि 3 बजे सभी डिप्टी डीईओ वीसी में जुड़ेंगे। वीसी में ईवीएम के बारे में सभी जिलों से जानकारी ली गयी। जिलों से पूछा गया कि उनके पास कितने ईवीएम की उपलब्धता है, कितने अच्छी स्थिति में और कितने खराब है।

चुनाव आयोग ने जिलों से ली ईवीएम की जानकारी

जानकारी लेने के बाद आयोग ने सभी जिलों में ईवीएम के फर्स्ट लेवल चेकिंग के निर्देश दिये हैं, ताकि ईवीएम की स्थिति और संख्या की जानकारी मिल जाये। चुनाव आयोग ईवीएम से चुनाव को लेकर काफी गोपनीयता भी बरत रहा है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस ईवीएम से चुनाव का विरोध कर चुकी है, पिछले दिनों जब अरुण साव ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात कही थी, तो कांग्रेस ने उसका समर्थन किया था। लेकिन एक बार फिर जिस तरह से ईवीएम से चुनाव कराने की बातें सामने आने के बाद राजनीतिक तौर पर आरोप प्रत्यारोप देखने को मिल सकता है।

सीएम साय की चेतावनी, गौ माता की तस्करी करने वाले या तो सुधर जाएं, या छोड़ दें छत्तीसगढ़ …

रायपुर-   प्रदेश में गौमाता की तस्करी और गौमांस की बिक्री करने वालों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि गौमाता की तस्करी करने वाले या तो सुधार जाएं या छत्तीसगढ़ छोड़ दें. ऐसे अपराधियों के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि राजधानी रायपुर में गौमांस बिक्री के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह न केवल गंभीर अपराध है, बल्कि यह सनातन आस्था और सामाजिक सद्भाव को गहरा आघात पहुंचाने वाला कृत्य है. गौमाता की तस्करी करने वाले या तो सुधर जाएं या छत्तीसगढ़ छोड़ दें. ऐसे अपराधियों की प्रदेश में कोई जगह नहीं है.

बता दें कि रायपुर के मोमिनपारा इलाके में बीती देर रात गौकशी से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया था, जहां एक घर से बड़ी मात्रा में गौ मांस बरामद हुआ था. गौकशी का मामला तब उजागर हुआ जब पुलिस ने मोमिनपारा में छापा मारा. बताया जा रहा है गौ मांस बेचने के लिए दो गायों की गौकशी की गई थी. पुलिस ने मौके से 226.6 किलो मांस जब्त किया था. इस मामले में पुलिस ने कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया है.

स्कूली छात्राओं ने बनाया खुद से चार्ज होने वाली इलेक्ट्रिक कार का मॉडल, कलेक्टर ने की तारीफ, विज्ञान मेला के लिए हुआ चयन
पिथौरा-  महासमुंद जिले के पिथौरा स्थित राम दर्शन पब्लिक विद्यालय जंघोरा की दो छात्राओं ने ऐसी इलेक्ट्रिक कार बनाई, जो खुद से चार्ज हो जाती है. सिरपुर में जिला स्तर युवा उत्सव विज्ञान मेला प्रदर्शनी में इस टेक्नोलॉजी मॉडल को प्रदर्शित किया गया. कक्षा दसवीं की छात्रा रोशनी चौधरी और प्रीति पटेल ने इस नई टेक्नोलॉजी का नाम “मल्टीपरपज इलेक्ट्रिक कार” रखा है. इस टेक्नोलॉजी के जरिए कार की बैटरी के साथ ऐसा यंत्र उपयोग में लिया जाएगा, जो एक ‘डायनमो’ की तरह काम करेगी जो लगातार कार को चार्जिंग देती रहेगी.

जिला स्तर युवा उत्सव विज्ञान मेला प्रदर्शनी में छात्राओं का यह टेक्नोलॉजी मॉडल आर्कक्षण का केंद्र रहा. छात्रा रोशनी चौधरी और प्रीति पटेल ने बताया कि इस टेक्नोलॉजी को संस्कार शिक्षण संस्थान पिथौरा के संचालक युवा वैज्ञानिक गौरव चंद्राकर के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है. साथ ही राम दर्शन पब्लिक विद्यालय जंघोरा विद्यालय के डायरेक्टर कविता अग्रवाल, सेक्रेटरी शुभ अग्रवाल, प्राचार्य जोगिंदर मेहेर, विज्ञान शिक्षक रमाकांत ध्रुवंशी विशेष योगदान रहा है.

रायपुर के विज्ञान मेले के लिए चयन

जिला स्तर युवा उत्सव विज्ञान मेला प्रदर्शनी में इस टेक्नोलॉजी मॉडल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. रायपुर साइंस कॉलेज में 12  जनवरी से होने वाले विज्ञान मेला के लिए इलेक्ट्रिक कार के टेक्नोलॉजी मॉडल को चयन किया गया है. साथ ही इसी विद्यालय का ही एकल प्रोजेक्ट में फूड स्टेप रुद्राक्ष शुक्ला का मॉडल भी प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्य स्तर युवा उत्सव के चयन किया गया है.

अधिकारियों ने की प्रशंसा

कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने टेक्नोलॉजी की प्रशंसा करते हुए बाल वैज्ञानिकों को बधाई दी.  इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सांवत, सतीश नायर सहायक संचालक शिक्षा, अशोक चक्रधारी नेहरू युवा केंद्र, के के ठाकुर विकासखंड शिक्षा अधिकारी मनोज धृतलहरे, जिला खेल अधिकारी महासमुंद, सुधीर प्रधान खेल अधिकारी पिथौरा, सीमा गौरव चंद्राकर संचालिका संस्कार शिक्षण संस्थान पिथौरा ने भी बधाई दी हैं.

क्या है डायनमो?

डायनमो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने वाला एक विद्युत जनरेटर है. जो मुख्य रूप से एक घूर्णनशील चुंबक और कॉइल के संयोजन से काम करता है. दरअसल, कॉइल के पास चुंबक के घुमने से उसके पास से गुजरने वाले कॉइल में बिजली पैदा होती है. डायनमो का इस्तमाल छोटे उपकरणों जैसे साइकिल लाइट, बैटरी चार्ज करने वाले सिस्टम, और पुराने समय के जनरेटर में होता था. यह बिना बाहरी बिजली के काम करता है और जब तक मशीन चलती रहती है, यह लगातार बिजली बनाता रहता है.

नगरीय निकाय चुनाव 2025: कांग्रेस ने नियुक्त किए पर्यवेक्षक, तय करेंगे महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के टिकट, देखें लिस्ट …
रायपुर-  छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकायों में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. ऐसे में नगरीय निकाय चुनाव की तारीख का ऐलान कभी भी हो सकता है. राजनीतिक पार्टियां, खासतौर पर कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. इसी बीच कांग्रेस ने आज सभी नगर निगम और पालिका परिषदों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का ऐलान कर दिया है.