एचएमपीवी के लक्षण मिलने पर आरटीपीसीआर जांच जरूरी
स्वास्थ्य विभाग ने ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस से बचाव से संबंधित हेल्थ एडवायजरी जारी कर दी है। जिला जनसंपर्क विभाग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के सचिव के द्वारा बताया गया है कि यह एक रेसपेरिटी वायरस है, तो सबसे पहले निदरलैंड में वर्ष 2001 में पाया गया है। इसका लक्षण जैसे कफ, बुखार, नाक बंद होना, गले में खरास, सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया आदि हो सकते हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने से फैलता है। इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति को छूने एवं संक्रमित वस्तुओं के मुंह, आंख अथवा नाक के संपर्क होने से फैल सकता है। एचएमपीवी का असर 03 से 06 दिन तक. दिखता हैं तथा जाड़े में एवं ठंड का मौसम खत्म होने तक यह प्रभाव में रहता है। हमूमन मेटान्यमो वायरस के लक्षण पाए जाने पर आरटी- पीसीआर लैब से जांच कराया जा सकता है। जिले के अंतर्गत सभी स्वास्थ्य संस्थानों को विशेष एहतियात बरतने के लिए दिशा- निर्देश जारी किया गया है। हममन मेटान्यूमो वायरस कोविड-19 के समान है जिसमें-हाथों को साबुन एवं पानी से लगातार धोना, गंदे हाथों से आंख, नाक अथवा मुंह को नहीं छुना, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना, खांसते एवं छिंकते वक्त मुंह को रुमाल से ढंकना, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए वस्तुओं को लगातार साफ करना, संक्रमण अवधि में खुद को आइसोलेट करना, छोटे बच्चे एवं 60 वर्षों से अधिक उम्र वाले व्यक्ति तथा कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों के लिए विशेष एहतियात बरतने का सुझाव दिया है।
चिकित्सीय परामर्श के अनुसार दवा का सेवन करें जारी गाइड लाइन में हममन मेटान्यूमो वायरस से बचने के लिए कोई विशेष एंटी वायरस ट्रीटमेंट या वैक्सीन अब तक उपलब्ध नहीं है। इससे बचने के लिए खुब पानी पीना, आराम करना, दर्द अथवा रेसपेरिटी को कम करने के लिए चिकित्सक के सलाह पर दवा लेना एवं परिस्थिति होने पर ऑक्सीजन सपोर्ट देना है।
घबरायें नहीं, बचाव ही है इसका सर्वोत्तम उपाय राजापाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने एचएमपीवी यानी ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस के खतरे से बचाव के सारी व्यवस्था कर ली गई है। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति ने गाइड लाइन जारी कर दी है। सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रकाश उपाध्याय बताते हैं कि इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है। प्रखंड वासियों को परेशान नहीं होना चाहिए। हालांकि लोग पड़ोसी मुल्क चीन एवं देश के कुछ राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात का हवाला देते हैं। लेकिन इससे बचाव के तरीके अपनाए जाने की आवश्यकता है। डॉ उपाध्याय कहते हैं कि यह एक संक्रमित रोग है, इसलिए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आना चाहिए। इसलिए गंदे हाथों से मुंह, नाक, आंख नहीं छूना चाहिए।
Jan 09 2025, 17:23