लाखों की लागत से लगा अपशिष्ट प्लास्टिक संयंत्र
लालगंज जहां लाखों के खर्च के बाद भी सारा प्रखंड कचरे के ढेर पर बैठा नजर आता है। लालगंज प्रखंड में लोहिया स्वच्छता अभियान सफेद हाथी बन कर रह गया है। इस अभियान के तहत प्रखंड में लाखों की राशि खर्च कर कचरा संस्करण इकाई का निर्माण कराया गया।
लालगंज प्रखंड के सभी पंचायतों के लाखों की राशि खर्च कर कचरा ढोने के लिए ठेला रिक्शा की खरीद की गई। सभी वार्डों में मानदेय पर एक स्वच्छता कर्मी व प्रत्येक पंचायत में एक स्वच्छता पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई। इसके बाद भी कहीं भी कचरे का उठाव नहीं किया जा रहा है।
इधर कचरे के प्रोसेसिंग के लिए प्रखंड परिसर में ही लाखों की लागत से लगा संयंत्र जब से बना तभी से नकारा बना हुआ है।
स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को हुई थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह अभियान पूरी तरह से विफल हैं। कुछ पंचायत में डस्टबिन और ठेला रिक्शा मुखिया के दरवाजे की शोभा बढ़ा रहा है।
सरपंच राकेश कुमार, अनिल कुमार राय ने कहा कि डस्टबिन, ठेला, रिक्शा की खरीद बस खानापूर्ति की गई। आमलोगों को कोई फायदा नहीं हुआ।
प्रखंड के जलालपुर, शीतल भकुरहर, अनवरपुर, सिरसा बीरन, एतवारपुर सिसला, बसंता जहानाबाद घटारो मध्य, भगवान भटौली, घटारो दक्षणी, पुरैनिया, पुरणताण्ड, पुरैनिया, युसुफपुर, सररिया, कर्ताहां आदि पंचायतों के लोगों ने बताया कि कागज पर तो सब कुछ स्वच्छ दिख रहा है। लेकिन धरातल पर जहां तहां कचरा जमा है।
प्रखंड विकास पदाधिकारी नीलम कुमारी ने बताया कि 21 पंचायतों में से 17 पंचायत में कचरा संग्रह केंद्र बन गया है। कुछ पंचायत में स्वच्छता ग्राही की नियुक्ति भी हुई है।
Jan 07 2025, 15:43