रचनाओं की प्रस्तुति से कवियों ने दी साल को विदाई
हाजीपुर
समसामयिक रचनाओं से नगर के रचनाकरों, कवियों ने वर्ष 2024 को विदाई दी। ऐतिहासिक गांधी आश्रम स्थित गांधी स्मारक पुस्तकालय में रविवार की शाम पूस मास की कवि-संगोष्ठी आयोजित की गई।
डॉ. अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता एवं डॉ. संजय के संचालन में आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने कविताओं की रस वर्षा से श्रोताओं को सराबोर कर दिया। गोष्ठि का शुभारंभ करते हुए वरिष्ठ कवि मणिभूषण प्रसाद सिंह अकेला ने बज्जिका रचना- 'बेटी, बहिना कुहुक रहल हय... से की।
इसके बाद वरिष्ठ कवि हरिविलास राय ने 'आज धरती पर उतरल हय चांद... की प्रस्तुति दी। कवि डॉ नन्दू दास ने कविता 'तेरा दरद न जाने कोय..., डॉ. शिव बालक राय प्रभाकर ने जनतंत्र की धरती को बार-बार प्रणाम..,
वरिष्ठ कवि शंभु शरण मिश्र ने बज्जिका रचना 'ई जुग में जीयेला हओ त हाथ में ल तू तलवार... की भावपूर्ण प्रस्तुति कर मंत्रमुग्ध कर दिया।
युवा कवि व शिक्षक उमेश कुमार निराला ने सुनाया कि बीते हुए खेल को भुलाया नहीं जाएगा..., पूर्व नौसैनिक सोनू कुमार ने गाया 'हमने तो घरों से आंगन छिनते देखा है... एवं वरिष्ठ कवि सीताराम सिंह ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को ताली बजाने पर विवश कर दिया।
वरिन्द्र कुमार सिंह ने - हम बेटी नहीं गाय दे रहे हैं। वरिष्ठ गीतकार व रंगकर्मी मनोरंजन वर्मा ने रंगीन सितारों से कुछ बात कहें.. नन्हा बालक युग ने -हमारी पहचान है कि हम हिन्दुस्तानी हैं... सुनाकर माहौल को खुशनुमा बनाया।
प्रो. अनिल लोदीपुरी ने महाकवि सुमित्रा नंदन पंत की रचना-रश्मि का आना - की आवृत्ति पाठ किया। डॉ. संजय ने नये साल का होगा आगमन, सुस्वागतम, सुस्वागतम.. की प्रस्तुति दी।
अन्त में धन्यवाद ज्ञापन पूर्व सैनिक सुमन कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर पुस्तकालय के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ, शैलेन्द्र राकेश, विपिन सिंह, बाबू साहेब, देवोपमा, निरुपमा, हिमांशु राज, विक्रम कुमार, सुशांत शेखर, मन्नी, संजय चौधरी तथा रोहित उपस्थिति रहे।
Jan 02 2025, 13:14