केंद्र सरकार ने की छत्तीसगढ़ के आईटी आधारित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली की सराहना, 250 करोड़ की दी प्रोत्साहन राशि
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साथ के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए आईटी आधारित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को लागू कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार ने इस डिजिटल सुधार की सराहना करते हुए राज्य को 250 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के रूप में प्रदान की है।
छत्तीसगढ़ राज्य ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के वित्तीय प्रबंधन के लिए "जस्ट इन टाइम" (जेआईटी) मॉडल और एसएनए स्पर्श प्रणाली को अपनाया है। यह प्रणाली वित्तीय प्रवाह को कुशल बनाते हुए निधियों के वितरण, ट्रैकिंग और भुगतान को आसान बनाती है। इसके तहत राज्य सरकार ने केंद्र की निधि को आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क और राज्य की निधि को वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली (एफएमआईएस) के माध्यम से समेकित किया है। इस पहल से निधि के सही समय पर उपयोग और वास्तविक समय में व्यय की रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित हुई है।
इस सुधार के तहत स्मार्ट भुगतान एल्गोरिथम का उपयोग किया गया है, जिससे भुगतान ट्रिगर नियमों के आधार पर वास्तविक समय में किया जाता है। इससे सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के परिणाम बेहतर हुए हैं। साथ ही, राज्य में डिजिटल प्लेटफॉर्म और पोर्टल्स का निर्माण कर आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से और पारदर्शी तरीके से पहुंचाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने डिजिटल इंडिया और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को बढ़ावा देने के लिए अपने तकनीक आधारित सुधारों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक बनाया है। राज्य की अधोसंरचना परियोजनाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को इस प्रोत्साहन राशि से और अधिक मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि तकनीक आधारित सुधार और सुशासन ही छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास का मूलमंत्र है। यह उपलब्धि न केवल प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है, बल्कि जनता के प्रति हमारी सरकार के सुशासन के संकल्प का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने आईटी के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है, इसी के तहत् केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए राशि जारी करने, वितरित करने एवं निधियों की ट्रैकिंग करने तथा बेहतर नकद प्रबंधन के लिए राज्य शासन द्वारा एसएनए स्पर्श के अंतर्गत जेआईटी (जस्ट इन टाईम) मॉडल को अपनाया गया है। इसके माध्यम से केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए नवीन सिस्टम के माध्यम से कार्य किया जा रहा है जिसका उद्देश्य केन्द्र और राज्य की समेकित निधि से राशि को उचित समय पर प्राप्त कर कुशल भुगतान प्रसंस्करण पर ध्यान केन्द्रित करते हुए निधि के उपयोग को अनुकूलित करना एवं व्यय की वास्तविक समय रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करना है। इसमें केन्द्र प्रवर्तित योजना के राज्य की हिस्से की राशि एफएमआईएस (वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली) तथा केन्द्र के हिस्से की राशि आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क के माध्यम से जारी की जाती है, जिससे रियल टाईम फण्ड यूटिलाईजेशन किया जा रहा है।
केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए कुशल निधि प्रवाह प्रणाली के साथ भुगतान सह लेखा नेटवर्क की स्थापना कर सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली की सुविधा प्रदान करने के लिए जस्ट इन टाईम के माध्यम से "सही समय पर" राशि हस्तांतरण की प्रक्रिया अपनायी गई है। इसमें स्मार्ट भुगतान के तहत एल्गोरिदम के माध्यम से ट्रिगर नियमों पर आधारित वास्तविक समय में कुशल भुगतान किया जा रहा है जिससे सार्वजनिक क्षेत्र में वित्तीय प्रबंधन परिणामों को बेहतर बनाने में मदद मिली है।
छत्तीसगढ़ शासन केन्द्र सरकार के डिजिटल इण्डिया पहल को मजबूत करने हेतु प्रतिबद्ध है। बेहतर नकद प्रबंधन एवं सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के लिए जस्ट इन टाईम मॉडल डिजिटल इण्डिया एवं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को सहयोग प्रदान करता है। "तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन तीव्र आर्थिक विकास" वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट वक्तव्य में शामिल स्ट्रैटेजिक स्तंभों में से एक है। केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन प्रणाली अपनाने हेतु किये गये इस रिफॉर्म के लिए भारत सरकार द्वारा भी पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। इस रिफॉर्म के लिए राज्य को भारत सरकार से 250 करोड़ प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लिए प्रदान की है। इसके अतिरिक्त 250 करोड़ प्रोत्साहन राशि प्राप्त होना संभावित है। इस राशि का उपयोग राज्य के अधोसंरचना निर्माण परियोजनाओं में इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने हेतु किया जा रहा है।

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साथ के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए आईटी आधारित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को लागू कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार ने इस डिजिटल सुधार की सराहना करते हुए राज्य को 250 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के रूप में प्रदान की है।
रायपुर- छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल (CGBSE), रायपुर ने डीएलएड (द्विवर्षीय पाठ्यक्रम) प्रथम एवं द्वितीय वर्ष अवसर परीक्षा 2024 के परिणाम जारी कर दिए हैं. छात्र-छात्राएं अपने परीक्षा परिणाम मण्डल की आधिकारिक वेबसाइट www.cgbse.nic.in पर देख सकते हैं.
रायपुर- वन पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है। इस पहल के द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के व्यापक मूल्य को मापकर छत्तीसगढ़ के सतत विकास में रेखांकित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य मे संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम ने स्थानीय समुदायों को और अधिक सशक्त बनाया है। गुरु घासीदास, कांगेर घाटी और इंद्रावती जैसे राष्ट्रीय उद्यानों के साथ, छत्तीसगढ़ में प्रकृति आधारित पर्यटन के लिए असीम संभावनाएं हैं। स्थानीय निवासियों को जंगल सफारी, नेचर ट्रेल्स और इको-कैंपिंग जैसी सुविधाओं के प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है, जिससे न केवल सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी सशक्त किया गया है। छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र से आच्छादित है। यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत आधार हैं और लाखों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये वन विभिन्न प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करते हैं। वनों से प्राप्त होने वाले अन्य महत्वपूर्ण अमूर्त लाभ अक्सर उपेक्षित रहते हैं और उनका उचित मूल्यांकन नहीं हो पाता। इनमें जलवायु संतुलन बनाए रखने के लिए कार्बन अवशोषण, कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण परागण, पोषक तत्वों का चक्रण, मृदा उर्वरता में सुधार और जैव विविधता संरक्षण जैसी सेवाएं शामिल हैं। वनों का बाढ़ और रोग नियंत्रण, जल प्रवाह का प्रबंधन और वेक्टर जनित रोगों के जोखिम को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
रायपुर- राज्य शासन ने नए साल से पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पदोन्नति का तोहफा दिया है। 2012 बैच के IAS अधिकारीयों को प्रमोट किया है। अब उन्हें संयुक्त सचिव से विशेष सचिव बनाया गया है। इसके साथ ही उन्हें नवीन पदस्थापना दी गई है।


रायपुर- राज्य में 14 नवम्बर से शुरू हुई धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। प्रदेश में अब तक लगभग 86.42 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में 17.50 लाख किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 19 हजार 415 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। धान खरीदी के साथ-साथ मिलर्स द्वारा धान का उठाव भी तेजी से हो रहा है। धान उठाव के लिए 58.35 लाख मीट्रिक टन धान के लिए डीओ और टीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध अब तक 32.57 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।
रायपुर- साल के आखिरी दिन डीईओ के तबादले का आदेश जारी हुआ है। राज्य सरकार ने कोंडगांव के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को हटा दिया है। वहीं भारती प्रधान को कोंडगांव का नया जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया है। अभी वो डीपीआई में पदस्थ थी। वहीं कोंडगांव के डीईओ आदित्य चांडक को डीपीआई का सहायक संचालक बनाया गया है।

रायपुर- उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में सभी नगरीय निकायों को अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रियाएं 10 जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए प्रदेशभर के नगरीय निकायों में 353 नए पद मंजूर किए गए हैं।
बलौदाबाजार- पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में पिछले एक साल में हुई अपराधिक घटनाओं और पुलिस की प्रभावी कार्यवाहियों पर वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की। इस मौके पर उन्होंने पुलिस द्वारा अपराधों को रोकने के लिए आगे उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी भी साझा की।

बीजापुर- छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 14 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी अब किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। बफर लिमिट से अधिक खरीदी के बावजूद जिले के धान उपार्जन केंद्रों में धान का उठाव ना होने से खरीदी केंद्रों में धान जाम की स्थिति निर्मित हो गई है। आलम ये है कि कई केंद्रों में क्विंटल तो दूर किलो भर धान रखने की जगह नहीं हैं, इससे परेशान खरीदी केंद्र प्रभारियों ने सीधे कलेक्टर से धान उठाव हेतु गुहार लगाने के साथ मियाद भी दी है कि 5 जनवरी तक बंपर लिमिट के ऊपर धान का परिवहन संतोषजनक ना होने की स्थिति में 6 जनवरी से जिले के सभी धान उपार्जन केंद्रों में खरीदी बंद कर दी जाएगी।
Dec 31 2024, 22:48
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