*भदोही में फर्म को 5 करोड़ का टेंडर: जिले के 123 परिषदीय स्कूलों में डेक्स- बेंच आपूर्ति करने वाली फर्म कंपनी का मामला*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। सरकार की पारदर्शी व्यवस्था में भी आपूर्ति करने वाली फर्में सेंध लगा दे रही हैं। सबकुछ आनलाइन होने के बाद भी अफसर गच्चा खा जा रहे हैं। ताजा मामला बेसिक शिक्षा विभाग में डेस्क-बेंच आपूर्ति से जुड़ा है। मिर्जापुर में अनुभव और टर्नओवर का मानक पूर्ण न करने पर निविदा से हटाई गई फर्म को भदोही में डेस्क-बेंच आपूर्ति के लिए पांच करोड़ का टेंडर मिल गया। अब मामला सामने आने पर विभाग में हलचल बढ़ गई है।जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित है। इसमें एक लाख 67 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। आपरेशन कायाकल्प सहित अन्य योजनाओं से विद्यालयों को चमकाया जा रहा है, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं जहां बच्चों को जमीन पर ही बैठना पड़ता है। करीब छह से सात महीने पूर्व शासन ने 123 स्कूलों में तीन सीटर बेंच लगाने के लिए पांच करोड़ 10 लाख 68 हजार स्वीकृत किया। एक बेंच पर 8500 रुपये खर्च करने का प्राविधान किया गया। जून-जुलाई में इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से निविदा आमंत्रित की गई। जिसमें करीब सात फर्माें ने आवेदन किया। इसमें एटा जिले के एक फर्म का चयन हो गया। संबंधित फर्म ने 123 स्कूलों में डेस्क-बेंच की आपूर्ति भी कर दी। उसी फर्म ने करीब तीन महीने पूर्व मिर्जापुर में डेस्क-बेंच आपूर्ति के लिए निविदा डाली। जिसमें अनुभव और टर्नओवर समेत अन्य सभी मानकों से जुड़े अभिलेख को भी प्रस्तुत किया। मिर्जापुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नवोदय विद्यालय से जुड़े अभिलेख संदिग्ध प्रतीत होने पर नवोदय विद्यालय समिति शिक्षा मंत्रालय पत्र भेजकर टर्नओवर एवं अनुभव के बारे में जानकारी मांगी। जिसमें दो बीड में करीब दो करोड़ की आपूर्ति का दावा किया गया। नवोदय समिति की ओर से जांच रिपोर्ट भेजा। जिसमें बताया गया कि उक्त फर्म की तरफ से कोई आपूर्ति नहीं की गई। जिसके आधार पर फर्म का आवेदन निरस्त करते हुए जैम पोर्टल के नोडल को खिलाफ कार्रवाई का पत्र लिखा। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि जिस फर्म का आवेदन मिर्जापुर में निरस्त हो गया उसका भदोही में कैसे चयन हो गया। यही नहीं उक्त फर्म ने स्कूलों में आपूर्ति भी कर दी।
जिले मे सभी नियम एवं शर्तों के आधार पर फर्म को टेंडर दिया गया। चयन समिति ने सभी अभिलेखों की जांच के बाद ही निविदा को फाइनल किया। अगर कहीं कमी होगी तो उसे देखा जाएगा। आपूर्ति का फिलहाल सत्यापन कराया जा रहा है। - भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए।
Dec 10 2024, 17:28