उन्नाव रेप केस: पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को मिली अंतरिम जमानत, दो सप्ताह के लिए जेल से बाहर, जानें वजह


डेस्क: उन्नाव रेप केस मामले में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक और नेता कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को मेडिकल आधार पर दो हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि सेंगर को एम्स नई दिल्ली में भर्ती कराया जाएगा, चिकित्सा अधीक्षक अदालत को सुझाव देंगे कि क्या उनका इलाज एम्स  में संभव है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं और उन्हें दी गई 10 साल की जेल की सजा को चिकित्सा आधार पर निलंबित कर दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कुलदीप की याचिका को लेकर मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा था।

उच्च न्यायालय ने जेल अधिकारियों से सेंगर की चिकित्सा स्थिति पर एक रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा और याचिका को अगले साल 13 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने कहा, ‘‘नोटिस केवल चिकित्सा आधार तक ही सीमित है।’’ सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय ने इस वर्ष जून में सेंगर की दोषसिद्धि के खिलाफ अपील लंबित रहने तक उनकी सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया था।

सेंगर के वकील ने कहा कि वह चिकित्सा आधार पर सजा को निलंबित करने का अनुरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और यह चिकित्सा के लिहाज से एक गंभीर स्थिति है। उन्होंने कहा कि निचली अदालत के दोषसिद्धि और सजा के आदेश को चुनौती देने वाली सेंगर की अपील पर लंबे समय से सुनवाई नहीं हुई है और वह पिछले आठ वर्ष से जेल में है, जबकि इस मामले में सेंगर को अधिकतम 10 साल की सजा दी गई थी।

सेंगर को पहले ही पीड़ित की नाबालिग बेटी से बलात्कार का दोषी ठहराया जा चुका है और उस मामले में उसे जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाई गई है। मुख्य उन्नाव बलात्कार मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली सेंगर की अपील पहले से ही उच्च न्यायालय में लंबित है। उन्होंने 16 दिसंबर, 2019 को निचली अदालत के उस फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया है, जिसमें उन्हें बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था। सेंगर ने 20 दिसंबर, 2019 को उन्हें जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाए जाने के आदेश को भी रद्द करने का अनुरोध किया है।

सेंगर ने 2017 में पीड़ित का अपहरण कर उससे बलात्कार किया था। घटना के वक्त वह नाबालिग थी। 13 मार्च, 2020 को निचली अदालत ने सेंगर को बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। निचली अदालत ने कहा था कि परिवार के ‘‘एकमात्र कमाने वाले’’ की हत्या के लिए ‘‘कोई नरमी’’ नहीं बरती जा सकती।

अदालत ने बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या में भूमिका के लिए सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर और पांच अन्य लोगों को भी 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। लड़की के पिता को सेंगर के इशारे पर शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और पुलिस के उत्पीड़न के कारण नौ अप्रैल, 2018 को हिरासत में उनकी मौत हो गई थी।
पप्पू यादव के करीबी ने ही दी थी जान से मारने की 'धमकी', हुआ बड़ा खुलासा, सुरक्षा बढ़ाने के लिए रची गई थी साजिश

डेस्क: सांसद पप्पू यादव को हाल ही में एक शख्स ने जान से मारने की धमकी दी थी। आरोपी ने वीडियो बनाकर धमकी दी थी। वहीं अब पुलिस ने सांसद पप्पू यादव को धमकी दिए जाने के मामले का खुलासा कर दिया है। एसपी कार्तिकेय शर्मा ने इस मामले में बड़ी जानकारी दी है। इस मामले में पुलिस ने भोजपुर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार किए गए व्यक्ति ने कुबूल किया है कि सांसद के कुछ करीबी लोगों ने उन्हें सुरक्षा प्रदान करवाने के लिए वीडियो बनाकर उन्हें धमकी देने के लिए कहा था। इस काम के लिए सांसद के लोगों ने रुपये भी दिए थे। साथ ही पार्टी में पद देने का भी प्रलोभन दिया था। पूर्णिया एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार किया गया आरोपी पहले सांसद पप्पू यादव का करीबी रह चुका है और यह उनकी पार्टी का सदस्य भी रह चुका है। उन्होंने बताया कि इस व्यक्ति का लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से कोई संबंध नहीं है। पूरा मामला सांसद की सुरक्षा बढ़ाने के लिए किए गए षड़यंत्र का हिस्सा है। गिरफ्तार व्यक्ति का नाम राम बाबू है।

पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि आरोपी द्वारा दो वीडियो बनाए गए थे, जिसमें एक वीडियो रिलीज किया गया था जबकि दूसरा वीडियो उसके पास था। दूसरे वीडियो को भी जल्द ही रिलीज किया जाना था। उन्होंने बताया कि आरोपी राम बाबू के संबंध पूर्णिया सांसद पप्पू यादव के पूर्व में बनी जाप पार्टी से रहे हैं। वहीं लगातार धमकी दिलवाने के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति का नाम पुलिस अधीक्षक ने नहीं बताया। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि सांसद के करीबी के द्वारा उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह कृत्य किया गया था। इसके अलावा पुलिस इस मामले के अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है।
महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण समारोह की भव्य तैयारी, देशभर से शामिल होंगे 400 साधु-संत, कई VVIP के भी नाम


डेस्क: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद अब सरकार बनाने की तैयारी चल रही है। इस बीच यहां महायुति की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने के सारे प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि महायुति की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के आजाद पार्क में 5 दिसंबर को होने जा रहा है। नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में कुल 70 से ज्यादा वीवीआईपी नेता शामिल होंगे। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सहित कैबिनेट के कई सहयोगियों को निमंत्रण दिया गया है।

इसके अलावा बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों को भी महाराष्ट्र की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्योता भेजा गया गया है। इस शपथ ग्रहण समारोह की खास बात ये है कि इसमें देशभर के 400 साधु-संतो को भी निमंत्रण भेजा गया है। इसके अलावा अलग-अलग समाज के प्रतिनिधियों को भी निमंत्रण भेजा गया है। महाराष्ट्र के सभी कंस्यूलेट को भी निमंत्रण भेजा गया है।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए जिन संतों को निमंत्रण दिया गया है उनमें, जगतगुरु नरेन्द्रचार्य महाराज, गोविन्ददेव गिरी जी महाराज, बागेश्वर बाबा, महामंडलेशर स्वामी विश्वशवरानंद जी महाराज, जैन संत लोकेश मुनि जी, बंजारा संत, सिख संत, बौद्ध भिक्षु रहेंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र के सभी प्रमुख मंदिरों के मुख्य पुजारियों सहित काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी और महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी को भी निमंत्रण दिया गया है।

इसके अलावा जनजाति समाज के संत, एस्कॉन मंदिर के संतों, सभा समाज के संत, लबाना समाज के संत, स्वामी नारायण मंदिर के संत और सभी हिन्दू जाति समाज के संतों को निमंत्रण दिया गया है। इस बार के शपथ ग्रहण समारोह में कुल 400 से अधिक साधु-संतों को निमंत्रण भेजा गया है। इसके अलावा सिख संत बाबा हरनाम सिंह को भी निमंत्रण भेजा गया है।
ताजमहल को बम से उड़ाने की मिली धमकी, मच गया हड़कंप

डेस्क: यूपी के आगरा से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। आगरा के ताज महल को आज ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली है। एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद का कहना है कि पर्यटन विभाग को ईमेल मिला है। उसके आधार पर ताजगंज थाने में मामला दर्ज किया जा रहा है। आगे की जांच की जा रही है।
पहले बच्चों को मारा फिर लगाई फांसी, राजस्थान के झालावाड़ में एक ही परिवार के 4 लोगों की उठी अर्थी

डेस्क: राजस्थान के झालावाड़ में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। गंगधार क्षेत्र के जैताखेड़ी गांव में एक दंपत्ति ने अपने दो बच्चों को पहले मार डाला इसके बाद फांसी लगाकर जान दे दी। एक ही परिवार में चार लोगों की मौत से गांव में मातम पसर गया है। परिवार ने सुसाइड क्यों किया इसका खुलासा नहीं लग पाया है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया।

जानकारी के अनुसार, फांसी के फंदे पर तीन शव मिले और सात साल के बच्चे का शव बिस्तर पर पड़ा मिला। जानकारी के अनुसार, दंपत्ति ने पहले बच्चों को मारा उसके बाद खुद फांसी के फंदे पर झूल गए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
प्रकाश सिंह बादल से वापस लिया गया 'फख्र-ए-कौम' सम्मान, सुखबीर को भी सजा, राम रहीम से जुड़ा है मामला

डेस्क: पंजाब की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। श्री अकाल तख्त साहिब में तन्खैइया घोषित हो चुके सुखबीर बादल और उनकी तत्कालीन कैबिनेट में रहे मंत्रियों को धार्मिक सजा सुनाते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों ने बड़ा ऐलान किया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत नेता प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्र-ए-कौम सम्मान वापस लेने का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही सुखबीर बादल को भी धार्मिक सजा सुनाई गई है। दरअसल, ये मामला गुरमीत राम रहीम से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में।

दरअसल, जिस वक्त पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबियों के मामले हुए उस दौरान पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल थे। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- "सुखबीर सिंह बादल ने अपराध कबूल कर लिया है कि उन्होंने जत्थेदार साहिबों को अपने आवास पर बुलाया और गुरमीत राम रहीम को माफी के लिए उन पर दबाव डाला। इस काम में दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे। लिहाजा, प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्र-ए-कौम वापिस लिया जाता है।"

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों द्वारा सुखबीर बादल को तन्खैइया घोषित किए जाने के बाद धार्मिक सजा सुनाई गई। सुखबीर सिंह बादल सहित कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 में कैबिनेट मेंबर रहे नेता 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे। इसके बाद वो नहाकर लंगर घर में सेवा करेंगे। बाद में श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। सुखबीर सिंह बादल श्री दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठेंगे। उन्हें गले में तन्खैइया घोषित किए जाने की तख्ती पहननी होगी।

श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सुनाई गई सजा में कहा गया है कि सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफ़ा मंज़ूर किया जाए। इसके साथ ही डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफ़ी दिए जाने के बाद जो इश्तहार जारी किये गये, उन इश्तहारों के पैसे सुखबीर सिंह बादल, बलविंदर सिंह भून्दड , दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबाडिया ब्याज सहित देंगे।
प्रकाश सिंह बादल से वापस लिया गया 'फख्र-ए-कौम' सम्मान, सुखबीर को भी सजा, राम रहीम से जुड़ा है मामला

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दरअसल, जिस वक्त पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबियों के मामले हुए उस दौरान पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल थे। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- "सुखबीर सिंह बादल ने अपराध कबूल कर लिया है कि उन्होंने जत्थेदार साहिबों को अपने आवास पर बुलाया और गुरमीत राम रहीम को माफी के लिए उन पर दबाव डाला। इस काम में दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे। लिहाजा, प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्र-ए-कौम वापिस लिया जाता है।"

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों द्वारा सुखबीर बादल को तन्खैइया घोषित किए जाने के बाद धार्मिक सजा सुनाई गई। सुखबीर सिंह बादल सहित कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 में कैबिनेट मेंबर रहे नेता 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे। इसके बाद वो नहाकर लंगर घर में सेवा करेंगे। बाद में श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। सुखबीर सिंह बादल श्री दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठेंगे। उन्हें गले में तन्खैइया घोषित किए जाने की तख्ती पहननी होगी।

श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सुनाई गई सजा में कहा गया है कि सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफ़ा मंज़ूर किया जाए। इसके साथ ही डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफ़ी दिए जाने के बाद जो इश्तहार जारी किये गये, उन इश्तहारों के पैसे सुखबीर सिंह बादल, बलविंदर सिंह भून्दड , दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबाडिया ब्याज सहित देंगे।
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दरअसल, जिस वक्त पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबियों के मामले हुए उस दौरान पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल थे। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- "सुखबीर सिंह बादल ने अपराध कबूल कर लिया है कि उन्होंने जत्थेदार साहिबों को अपने आवास पर बुलाया और गुरमीत राम रहीम को माफी के लिए उन पर दबाव डाला। इस काम में दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे। लिहाजा, प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्र-ए-कौम वापिस लिया जाता है।"

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों द्वारा सुखबीर बादल को तन्खैइया घोषित किए जाने के बाद धार्मिक सजा सुनाई गई। सुखबीर सिंह बादल सहित कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 में कैबिनेट मेंबर रहे नेता 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे। इसके बाद वो नहाकर लंगर घर में सेवा करेंगे। बाद में श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। सुखबीर सिंह बादल श्री दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठेंगे। उन्हें गले में तन्खैइया घोषित किए जाने की तख्ती पहननी होगी।

श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सुनाई गई सजा में कहा गया है कि सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफ़ा मंज़ूर किया जाए। इसके साथ ही डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफ़ी दिए जाने के बाद जो इश्तहार जारी किये गये, उन इश्तहारों के पैसे सुखबीर सिंह बादल, बलविंदर सिंह भून्दड , दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबाडिया ब्याज सहित देंगे।
कराची से लेकर लाहौर तक, पाकिस्तान में बेहद स्लो हुआ इंटरनेट, जानिए इसकी वजह



डेस्क: पाकिस्तान में इंटरनेट यूजर्स को विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म का उपयोग करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट से इस बारे में जानकारी मिली है। व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म या तो निलंबित कर दिए गए हैं या धीमी गति से काम कर रहे हैं। यूजर्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक सीमित पहुंच से बेहद निराश हैं। लगभग 52 प्रतिशत यूजर्स ने संदेश भेजने में हो रही परेशानियो के बारे में बताया है। ‘डॉन’ अखबार के अनुसार, कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, पेशावर और देश के अन्य हिस्सों में भी इंटरनेट से जुड़ी परेशानियां देखने को मिल रही हैं।

पाकिस्तान में लोगों को इंटरनेट की स्लो स्पीड का सामना करना पड़ रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने सोशल मीडिया ऐप पर राष्ट्र विरोधी सामग्री की निगरानी के लिए कथित तौर पर सुरक्षात्मक उपाय के तहत ‘फायरवॉल’ स्थापित किए हैं। सरकार ने लोगों की शिकायतों को तवज्जो नहीं दी। सरकार ने ‘फायरवॉल’ की स्थिति के बारे में चिंताओं को ‘‘बेहद बढ़ा-चढ़ाकर बताई गईं’’ कहकर खारिज कर दिया।

सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार राज्य मंत्री शाजा फातिमा ख्वाजा ने रविवार को ‘जियो न्यूज’ से कहा कि ‘फायरवॉल’ की स्थिति को ‘‘बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है और देश में 10 वर्षों से एक वेब प्रबंधन प्रणाली जारी है।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘किसी देश के अपनी साइबर सुरक्षा पर काम करने में कोई विवाद नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया अलग-अलग साइबर सुरक्षा तंत्रों का इस्तेमाल करती है। फातिमा ने कहा कि चूंकि पाकिस्तान को हर दिन ‘‘लाखों साइबर हमलों’’ का सामना करना पड़ता है, इसलिए देश में आतंकवादी गतिविधियों का पता लगाना कठिन होता जा रहा है।
जिस लड़की से लव मैरिज की, उसे चापड़ से काट डाला, फिर शव के पास बैठ निहारते रहा उसका चेहरा


डेस्क: यूपी के कानपुर से दिल दहला देने वाली डबल मर्डर की घटना सामने आई है। जोसेफ पीटर नाम के शख्स ने पहले अपनी पत्नी की चापड़ से काट कर हत्या कर दी, फिर बेटी को बचाने आई सास को भी मार डाला। पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

पत्नी का किसी दूसरे पुरुष से अवैध संबंध होने के शक में एक पीटर ने रविवार की रात चकेरी स्थित अपने घर में पत्नी की चापड़ से गला रेतकर और सास की लोहे की छड़ से उसके सिर पर वार कर हत्या कर दी। इस घटना की सूचना मिलते ही चकेरी पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और आरोपी जोसफ पीटर उर्फ बादल (41) को मौके से गिरफ्तार कर लिया। बुलंदशहर के रहने वाले पीटर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है और उसे सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

मृतक की पहचान 39 वर्षीय कामिनी सिंह और उसकी मां पुष्पा (62) के रूप में हुई है। आरोपी पीटर जोसेफ ने 2017 में मृतका कामिनी से लव मैरिज की थी जिसके बाद से सास पुष्पा भी चकेरी में फ्रेंड्स कॉलोनी में उनके साथ ही रहती थीं। नगर के अपर पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) राजेश श्रीवास्तव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि एक निजी कैंटीन में काम करने वाले जोसफ पीटर को शक था कि दिल्ली के एक युवक से उसकी पत्नी का अवैध संबंध था।

उन्होंने बताया कि रविवार को अपनी पत्नी को बाहर घुमाने के लिए जोसफ ने एक ऑटो किराए पर मंगवाया था, लेकिन पत्नी ने जाने से इनकार कर दिया जिससे दोनों के बीच बहस हुई। गुस्से में पीटर ने चापड़ से कामिनी का गला रेत दिया जिससे मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई। उसने अपनी सास के सिर पर लोहे की छड़ से प्रहार कर उसे भी मार डाला।

पीटर ने सबसे पहली पत्नी की हत्या की और जब पुष्पा ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो उसे भी मार डाला। उसके घर से चीख पुकार सुनने पर पड़ोसी संजीव गुप्ता ने 112 नंबर पर फोन कर पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंचने पर पुलिस ने कामिनी और पुष्पा के खून से लथपथ शव पाये।  

पुलिस की माने तो आरोपी पीटर घटना के बाद मौके से भागा नहीं बल्कि घर का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और करीब आधे घंटे तक लाश के पास बैठकर उन्हें देखता रहा। पड़ोसियों की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद दरवाजा खुलवाया।

एडीसीपी राजेश सिंह ने बताया कि पूछताछ में आरोपी पीटर ने बताया कि उसे अपनी पत्नी के किसी और से अवैध संबंध होने का शक था जिसके चलते उसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। पुलिस ने इन शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जोसफ और कामिनी के कॉल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।