आज का इतिहास: 2000 में आज ही के दिन मिस वर्ल्ड बनी थीं प्रियंका चोपड़ा

नयी दिल्ली : 30 नवंबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 2000 में आज ही के दिन प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं थीं।

1872 में आज ही के दिन पहला ऑफिशियल अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मैच खेला गया था। 

2004 में 30 नवंबर के दिन ही बांग्लादेश की संसद में महिलाओं के लिए 45 प्रतिशत सीटों वाला विधेयक पारित हुआ था।

2008 में आज ही के दिन मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने संघीय जांच एजेंसी के गठन की घोषणा की थी। 

2004 में 30 नवंबर के दिन ही बांग्लादेश की संसद में महिलाओं के लिए 45 प्रतिशत सीटों वाला विधेयक पारित हुआ था।

2002 में आज ही के दिन आईसीसी ने जिम्बाव्वे में न खेलने वाले देशों के विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

2000 में 30 नवंबर के दिन ही प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं थीं।

2000 में आज ही के दिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव मामले में अल गोर ने पुनर्मतगणना की अपील की थी।

1965 में 30 नवंबर के दिन ही गुड़ियों का संग्रहालय दिल्ली की स्थापना मशहूर कार्टूनिस्‍ट ‘के. शंकर पिल्‍लई’ ने की थी।

1939 में आज ही के दिन तत्कालीन सोवियत रूस ने सीमा विवाद को लेकर फिनलैंड पर आक्रमण किया था।

1872 में 30 नवंबर को ही पहला ऑफिशियल अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मैच खेला गया था।

1759 में आज ही के दिन दिल्ली के सम्राट आलमगिर द्वितीय की उनके मंत्री ने हत्या की थी।

30 नवंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1858 में आज ही के दिन प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस का जन्म हुआ।

1874 में 30 नवंबर के दिन ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्‍टन चर्चिल का जन्‍म हुआ था।

1931 में आज ही के दिन भारतीय इतिहासकार रोमिला थापर का जन्‍म हुआ था।

1936 में 30 नवंबर के दिन ही हिंदी फिल्मों की प्रसिद्ध पार्श्व गायिका सुधा मल्होत्रा का जन्‍म हुआ था।

1944 में आज ही के दिन हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा का जन्‍म हुआ था।

30 नवंबर को हुए निधन

2012 में आज ही के दिन भारत के 12वें प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल का निधन हुआ था।

2001 में 30 नवंबर को ही विश्व प्रसिद्ध पॉप गायक जार्ज हैरीसन का निधन हुआ था।

1915 में आज ही के दिन प्रसिद्ध तेलुगु साहित्यकार गुरुजाडा अप्पाराव का निधन हुआ था।

1909 में 30 नवंबर के दिन ही अंग्रेज़ी और बंगला भाषा के प्रसिद्ध लेखक रमेश चन्द्र दत्त का निधन हुआ था।

सिद्धू की कैंसर 'दवा' पर बड़ा विवाद! 850 करोड़ का नोटिस जारी, जानें क्या है सच।


नयी दिल्ली : पूर्व क्रिकेटर और पंजाब कांग्रेस लीडर नवजोत सिंह सिद्धू व उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू एक नए विवाद में फंस गए है। दरअसल, नीम-हल्दी से पत्नी के कैंसर का इलाज करने के बयान को लेकर सुर्खियों में आए नवजोत सिंह सिद्धू को छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने लीगल नोटिस जारी किया है।

नोटिस में सिद्धू को 7 दिनों के अंदर पत्नी नवजोत कौर के कैंसर के इलाज के डॉक्यूमेंट पेश करने के लिए कहा है। ऐसा नहीं करने पर 850 करोड़ रुपए की मांग की गई है।

बता दें कि कुछ दिन पहले नवजोत सिद्धू ने कैंसर रोग संबंधी अमृतसर स्थित आपके आवास पर प्रेस कांफ्रेंस की थी जिसमें उन्होंने कैंसर को लेकर डाइट प्लान की बात कही थी।

सिविल सोसायटी ने भ्रमित जानकारी संबंधी किए दावों का स्पष्टीकरण भी मांगा है जिसमें उन्होंने कहा था कि पत्नी को कैंसर की स्टेज 4 में लाइफ स्टाइल व डाइट बदलने से बीमारी को मात दी है।

सिद्धू ने कहा कि 40 दिनों में डाइट में बदलाव करके इस कैंसर रोग को मात दी है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद लोग भ्रमित हो गए और एलोपेथी मेडिसन ने भी इसका विरोध जताया। वहीं सिविल सोसायटी ने नवजोत कौर सिद्धू से पत्र में स्पष्टीकरण मांगते हुए लिखा है कि आपके पति ने कैंसर को लेकर जो दावा किया है क्या आप भी उनका समर्थन करते हैं, आपने जो भी एलोपेथी मेडिसिन का इलाज करवाया है उससे आपको कोई लाभ नहीं हुआ। आपके कैंसर फ्री होने में आपकी डाइट, नीम पत्ता, नींबू पानी, तुलसी पत्ता, हल्दी का उपयोग किया है एलोपेथी मेडिसन का इस्तेमाल नहीं किया।

वहीं छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंगी ने कहा कि अगर आप पति के दावों का समर्थन करते हैं तो 7 दिनों के अंदर प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध करवाए जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके कि स्टेज 4 में आप कैंसर फ्री हुए हैं।

सिद्धू ने जारी किया था ये डाइट प्लानः-

डाइट प्लान

रोजाना कम से कम शुद्ध 7-8 गिलास पानी पीन का आदत डालें ताकि रिकवरी में मदद मिले।

सामान्य चाय के बजाय इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक, दालचीनी और काढ़े का सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12-17 घंटे का अंतर रखें।

रात खाना सूर्यस्त से पहले, अगले दिन नाश्ता सुबह 10 बजे के से शुरूआत करें।

सुबह गर्मा पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब का सिरका के सवेन से शुरूआत करें।

इसके अलावा कच्ची लहसून के 2 टुकड़ों को भी साथ में खाए। इसके बाद कच्ची हल्दी और 9 से 10 से 10 नीम के पत्ते का सेवन करें। हो सके तो इनका काढ़ा भी बना सकते हैं।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच सभी बीज (कद्दू के बीच, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीच व अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

3 टुकड़े अखरोट, 2 टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी को रात में भिगोना चाहिए का सेवन करें।

स्नैकिंग में मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ्य फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में सफेद पेठा का रसम या संतरे, हलदी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानस का जूस या घिया का जूस का सेवन करें।

दिन में एक बार हनुमान फल का हरसिंगार का काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के 1 प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें (उदाहरण के लिए 70 किलो के लिए 700 ग्राम) जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी 4-5, चुकंदर/शकरकंद को पकाया जाना चाहिए)।

पक्के हुए भोजन का सीमित सेवन-2 पक्की हुई सब्जियां या 1 पक्की हुई सब्जी और दालें या चन्ना या राजमा 1 से अधिकसर्विंग (कटोरी) नहीं, यदि सेवन किया जाता तो उन्हें रातभर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ 2 चम्मच इसपगोल का सेवन जरूरी है।

कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण

निष्कासन-रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड भोजन का सेवन न करें।

उपयोग किए जाने वाले तेल कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल/कोल्ड प्रेस्ड सरसो का तेल (कच्ची घानी)/कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल-कभी भी रिफाइंड तेल का सेवन नहीं।

चपाती/रोटी केवल क्विनोआ आटे/बादाम के आटे/सिंघारा आटा से तैयार की जानी चाहिए, उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है।

दूध उत्पादों को घर के बने बादाम के दूध/नारियल के दूध/नारियल दही से बदलें।

कभी-कभी करेले के रस का सेवन संतरे/चकोत्रा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। पालक/नीम/कड़ी पत्ते/लेट्यूस/धनिया/पुदीने के पत्ते/मूली के पत्ते/चुकंदर के पत्ते/किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक को सेंधा नमक में बदलें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, चलना/योग या कुछ भी करें क्योंकि यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन होगी।

सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें (यह कीटनाशकों को हटाने में मदद करेगा)।

मीठे के लिए खजूर कभी-कभी खाया जा सका है, लेकिन बिना किसी चीनी की कोटिंग के क्योंकि खजूर का ग्लाइसेमिकइंडेक्स कम होता है।

झारखंड के खूंटी से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला आया सामने बॉयफ्रेंड ने लिव-इन पार्टनर की हत्या कर शव के किए 50 टुकड़े, आरोपी गिरफ्तार


झारखंड के खूंटी से हैरान करने वाला मामला आया सामने जिसे सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। यह मामला दिल्ली के श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड जैसा मामला है. यहां एक युवक ने लिव-इन में रह चुकी गर्लफ्रेंड की पहले गला घोंटकर हत्या कर दी और फिर शव के 40-50 टुकड़े कर उन्हें जंगल में जानवरों के खाने के लिए फेंक दिए. आरोपी बॉयफ्रेंड नरेश भेंगरा को गिरफ्तार कर लिया गया है. 

ये मामला हत्या के करीब 15 दिन बाद 24 नवंबर को तब सामने आया, जब जरियागढ़ थाने के जोरदाग गांव के पास एक आवारा कुत्ता बॉडी के कुछ कटे हुए पार्ट के साथ दिखाई दिया. उसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच की और आरोपी बॉयफ्रेंड को पकड़ लिया. उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि अपनी पार्टनर की हत्या क्यों की थी. 

तमिलनाडु में लिव-इन में रहे थे दोनों 

नरेश भेंगरा पिछले कुछ साल से खूंटी जिले की रहने वाली 24 साल की लड़की के साथ तमिलनाडु में लिव-इन रिलेशनशिप में था. कुछ समय पहले आरोपी झारखंड लौट आया और अपनी पार्टनर को कुछ भी बताए बिना उसने दूसरी महिला से शादी कर ली. उसके बाद वो अपनी पत्नी को झारखंड में ही छोड़कर तमिलनाडु वापस आ गया और गर्लफ्रेंड के साथ रहने लगा. 

आठ नवंबर को कर दी थी गर्लफ्रेंड की हत्या

खूंटी के एसपी अमन कुमार ने  

बताया, "यह क्रूर घटना आठ नवंबर को हुई, जब वे खूंटी पहुंचे क्योंकि आरोपी ने दूसरी शादी कर ली थी, इसलिए वो अपनी गर्लफ्रेंड को घर नहीं ले जाना चाहता था. इसके बजाय वो उसे जरियागढ़ पुलिस थाना इलाके के जोरदाग गांव में अपने घर के पास एक जंगल में ले गया और उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी. उसके बाद शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए. आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है." 

आरोपी कसाई की दुकान में करता था काम

इस मामले की जांच करने वाले इंस्पेक्टर अशोक सिंह ने बताया कि वह आदमी तमिलनाडु में एक कसाई की दुकान में काम करता था और चिकन काटने में माहिर था. इंस्पेक्टर ने पीटीआई को बताया, “उसने स्वीकार किया कि उसने महिला के शरीर के हिस्सों को 40 से 50 टुकड़ों में काट दिया और फिर उन्हें जंगली जानवरों के खाने के लिए जंगल में छोड़ दिया. 24 नवंबर को इलाके में एक कुत्ते को हाथ के साथ देखे जाने के बाद पुलिस ने बॉडी के कई हिस्से बरामद किए.'  

मृतका की मां ने की बॉडी की पहचान

पुलिस अधिकारी ने कहा, "हालांकि मृतका ने अपनी मां को सूचित किया था कि वह ट्रेन में चढ़ गई है और अपने साथी के साथ रहेगी. बॉडी के पार्ट्स बरामद होने के बाद जंगल में एक बैग भी मिला, जिसमें हत्या की गई महिला के आधार कार्ड समेत उसका सामान था. महिला की मां को मौके पर बुलाया गया और उसने अपनी बेटी के सामान की पहचान की. उसकी मां को इस अपराध के पीछे उसके पार्टनर पर ही शक था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसने भी अपना अपराध कबूल कर लिया.

आज का इतिहास: 2008 में आज ही के दिन छठा वेतन आयोग देने वाला पहला राज्य बना था उत्तर प्रदेश

नयी दिल्ली : 27 नवंबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 2008 में आज ही के दिन छठा वेतन आयोग देने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना था।

1815 में 27 नवंबर को ही पोलैंड साम्राज्य ने संविधान अपनाया था।

1895 में आज ही के दिन अल्फ्रेड नोबेल ने नोबेल पुरस्कार की स्थापना की थी।

2008 में आज ही के दिन छठा वेतन आयोग देने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना था।

2008 में आज ही के दिन विश्वनाथ प्रताप सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री का निधन हुआ था।

2002 में 27 नवंबर को ही प्रसिद्ध प्रगतिशील कवि शिवमंगल सिंह सुमन का निधन हुआ था।

2004 में 27 नवंबर को ही अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अध्यक्ष जुआन सोमाविया भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे थे।

1995 में आज ही के दिन मिर वेनेजुएला जौकेलीन एग्वीलेरा मार्कानो ‘मिस वर्ल्ड’ चुनी गईं थीं।

1978 में आज ही के दिन भारत की प्रख्यात समाज सुधारक लक्ष्मीबाई केलकर का निधन हुआ था।

1966 में 27 नवंबर को ही उरुग्वे ने संविधान अपनाया था।

1947 में आज ही के दिन पेरिस में पुलिस ने कम्युनिस्ट समाचार-पत्र के कार्यालय पर कब्जा कर लिया था।

1912 में 27 नवंबर को ही अल्बानिया ने राष्ट्रीय ध्वज अपनाया था।

1895 में आज ही के दिन अल्फ्रेड नोबेल ने नोबेल पुरस्कार की स्थापना की थी।

1815 में 27 नवंबर को ही पोलैंड साम्राज्य ने संविधान अपनाया था।

1795 में आज ही के दिन पहले बांग्ला नाटक का मंचन हुआ था।

27 नवंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1986 में आज ही के दिन भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना का का जन्म हुआ था।

1952 में 27 नवंबर को ही हिंदी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का जन्म हुआ था।

1940 में आज ही के दिन मार्शल आर्ट के महानायक ब्रुस ली का जन्म हुआ था।

1907 में 27 नवंबर को ही प्रसिद्ध कवि और लेखक हरिवंश राय बच्चन का जन्म हुआ था।

1888 में आज ही के दिन प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर का जन्म हुआ था।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिर से बुलडोजर ऐक्शन इस इलाके में हटाया गया अवैध कब्जा,कल भी चला था अभियान


नयी दिल्ली : दिल्ली में बुलडोजर ऐक्शन; इस इलाके में हटाया गया अवैध कब्जा, कल भी चला था।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ एमसीडी ने एकबार फिर ऐक्शन शुरू कर दिया है। एमसीडी ने सोमवार को भी अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया था। अब मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी इलाके में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ उसकी कार्रवाई सामने आई है।

मंगलवार को डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क से नगर निगम ने अतिक्रमण हटा दिया। निगम के शाहदरा उत्तरी जोन में फुटपाथ पर लंबे समय से अवैध कब्जा था।

स्थानीय निवासियों ने इस संबंध में निगम प्रशासन को शिकायतें भी की थीं। इस कार्रवाई के दौरान बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया। कार्रवाई में जेसीबी मशीनों के जरिए अतिक्रमण को हटाते हुए सामान को जब्त किया गया। इस दौरान निगम के विभागों के अधिकारी, कर्मचारी के साथ दिल्ली पुलिस की टीम भी मौजूद रही।

इससे पहले दिल्ली नगर निगम ने सोमवार को शाहदरा उत्तरी और दक्षिण जोन में अवैध कब्जे के खिलाफ अभियान चलाया था। एमसीडी ने शाहदरा उत्तरी और दक्षिण जोन में सड़कों से अतिक्रमण को हटाया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एमसीडी ने सोमवार को वार्ड-218 सुंदरनगरी के कब्रिस्तान रोड से लगभग आधा किलोमीटर तक सड़क पर किए गए अस्थायी अतिक्रमण को हटाया।

इसके साथ ही एमसीडी के अधिकारियों ने न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास भी अवैध रूप से लगाई गई रेहड़ी एवं अस्थाई दुकानों को हटवाया। शाहदरा उत्तरी जोन के उपायुक्त कर्नल विनोद अत्री के निर्देश पर निगम की जनरल ब्रांच, आरपी सेल, जूनियर इंजीनियर रखरखाव व दिल्ली पुलिस की टीम ने मिलकर यह कार्रवाई की। इसके अतिरिक्त शाहदरा दक्षिण जोन के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर भी अवैध कब्जे को हटाया गया।

बेंगलुरु में बड़ी वारदात: 10 लाख रुपये से भरी एटीएम मशीन उखाड़ ले गए लुटेरे, फिर जो हुआ उसे चोरों ने भी सोचा नहीं था


बेंगलुरु : कर्नाटक के बेंगलुरु में चोरों का हौसला बुलंद है। बेंगलुरु के पास आनेकल से ATM मशीन चोरी की घटना सामने आई है। अत्तिबेले इलाके में केनरा बैंक के ATM को दो बदमाशों ने कल आधी रात के बाद चुरा लिया। 

दोनों बदमाश एटीएम मशीन को उखाड़कर उसे टेम्पो में भरकर बैंक से दूर ले गए। मंगलवार तड़के चोर जब सड़क के किनारे झड़ियों में मशीन को तोड़ने की कोशिश करने लगे तो आस-पास से गुजरते लोगों की नज़र पड़ गई।

डर के नाते चोर हुए फरार

राहगीरों को शक हुआ तो डर के मारे दोनों लुटरे वहां से भाग खड़े हुए। स्थानीय लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। अत्तिबेले पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एटीएम मशीन को जब्त कर लिया। इस मशीन में 10 लाख रुपये थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर एटीएम चोरों की तलाश शुरु कर दी है।

पहले भी सामने आए हैं इस तरह के मामले

इससे पहले कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमाओं के पार सक्रिय चोरों के एक गिरोह ने इसी साल जुलाई में सरजापुर मेन रोड पर एक एटीएम कियोस्क से 16 लाख रुपये उड़ा लिए। 

एटीएम की सुरक्षा एजेंसी द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, बेलंदूर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 305 (एक आवास घर, या परिवहन के साधन या पूजा स्थल में चोरी) और 331 (अतिक्रमण या घर में सेंध लगाना) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

आज का इतिहास:1885 में आज ही के दिन पहली बार ली गई थी उल्कापिंड की तस्वीर

नयी दिल्ली : 26 नवंबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 1885 में आज ही के दिन पहली बार उल्कापिंड की तस्वीर ली गई थी। 

1921 में 26 नवंबर को ही देश के श्‍वेत क्रांति के जनक माने-जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्‍म में हुआ था। 

1932 में आज ही के दिन महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे किए थे। 

2002 में आज ही के दिन बीबीसी के सर्वेक्षण में विंस्टन चर्चिल महानतम ब्रिटिश नागरिक चुने गए थे।

1997 में 26 नवंबर को ही पाक सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने मुख्य न्यायाधीश को निलंबित किया था।

1992 में आज ही के दिन ब्रिटेन की संसद ने एक ऐतिहासिक फ़ैसले में तय किया था कि ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ को अपनी आय पर कर देना होगा।

1990 में 26 नवंबर के दिन ही ब्रिटेन की प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ने ब्रिटेन की महारानी को अपना इस्तीफा सौंपा था।

1984 में आज ही के दिन इराक एवं अमेरिका ने कूटनीतिक संबंधों को दोबारा स्थापित किया था।

1960 में 26 नवंबर के दिन ही भारत में पहली बार कानपुर और लखनऊ के बीच एसटीडी सेवा शुरू हुई थी।

1949 में आज ही के दिन आजाद भारत के संविधान पर संविधान सभा के अध्यक्ष ने साइन किए थे। 

1949 में 26 नवंबर के दिन ही देश का सर्वोच्‍च कानून हमारा संविधान अंगीकार किया गया था।

1932 में आज ही के दिन महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे किए थे।

1921 में 26 नवंबर के दिन ही देश के श्‍वेत क्रांति के जनक माने-जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्‍म हुआ था।

1885 में आज ही के दिन पहली बार उल्कापिंड की तस्वीर ली गई थी।

26 नवंबर क को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1926 में आज ही के दिन भारत के मशहूर वैज्ञानिक और शिक्षाविद यशपाल (वैज्ञानिक) का जन्म हुआ था।

1923 में 26 नवंबर के दिन ही हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध सिनेमेटोग्राफ़र वी. के. मूर्ति का जन्म हुआ था।

1922 में आज ही के दिन अमेरिकी कार्टूनिस्ट चार्ल्स एम. शल्ज़ का जन्म हुआ था।

26 नवंबर को हुए निधन

2014 में आज ही के दिन प्रसिद्ध इतिहासकार तपन राय चौधरी का निधन हुआ था।

2008 में 26 नवंबर को ही मुंबई पुलिस में सेवारत एक वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालस्कर का निधन हुआ था।

1995 में आज ही के दिन भारत के राजनेता और हिंदी साहित्यकार शंकर दयाल सिंह का निधन हुआ था।

मध्य प्रदेश सरकार ने वन्य जीव के हमले से मौत पर मुआवजा राशि बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का लिया निर्णय


भोपाल : मध्य प्रदेश में वन्य जीव के हमले से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर आठ लाख रुपये के स्थान पर अब 25 लाख रुपये देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। वन विभाग मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की घोषणा के अनुसार जंगलों में वन्यप्राणी के हमले में मरने वाले व्यक्तियों को 25 लाख रुपये हर्जाना देने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसमें आर्थिक सहायता दो किस्त में दी जाएगा।

वन्यप्राणी के हमले पर व्यक्ति की मृत्यु पर उसके स्वजन को तुरंत 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। शेष 15 लाख रुपये की बैंक में एफडी की जाएगी। इसमें 10 लाख रुपये की एफडी पांच साल बाद और शेष पांच लाख रुपये की एफडी 10 साल बाद तोड़ी जाएगी। यह राशि मृतक के वारिसों को ब्याज सहित भुगतान की जाएगी।

एक साल में करीब 40 मामले

वर्तमान में वन विभाग के पास एक साल में जनहानि के करीब 40 मामले आते हैं, जिनमें मुआवजा देने के लिए करीब तीन करोड़ रुपयों का बजट रखा जाता है। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत करने की तैयारी है। महाराष्ट्र में इसी तरह वन्यजीव के हमले से मृत्यु पर स्वजन को राशि दी जाती है।

बता दें कि मप्र में वर्तमान में जनहानि पर मुआवजा राशि आठ लाख रुपये, उपचार पर हुआ व्यय तथा स्थाई अपंगता पर दो लाख रुपये दिए जाते हैं। वहीं महाराष्ट्र में वन्यप्राणी के हमले से जनहानि पर 25 लाख, छत्तीसगढ़ में छह लाख और उत्तर प्रदेश, राजस्थान व गुजरात में पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाता है।

पांच साल में 292 से अधिक लोगों की मौत

मध्य प्रदेश में बाघ-तेंदुआ सहित अन्य मांसाहारी वन्यप्राणियों के जंगल से बाहर निकलकर नजदीक की बस्ती में पहुंचने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे मानव-वन्यप्राणी द्वंद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले पांच साल में वन्यप्राणियों के हमले में 292 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं वर्ष 2023-24 से अक्टूबर माह तक वन्यप्राणी के हमले से जनहानि, व्यक्ति के घायल होने और पशु हानि के प्रकरणों में 15 करोड़ तीन लाख रुपये की राशि पीड़ित परिवारों को क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान की जा चुकी है।

मप्र से सटे राज्यों में अलग-अलग है मुआवजा राशि

छत्तीसगढ़ : जनहानि पर छह लाख रुपये व स्थाई अपंगता पर कोई राशि देय नहीं है।

उत्तर प्रदेश : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर चार लाख रुपये।

राजस्थान : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर तीन लाख रुपये।

गुजरात : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर दो लाख रुपये।

महाराष्ट्र : जनहानि पर 25 लाख रुपये एवं स्थाई अपंगता पर साढ़े सात लाख रुपये।

बुलंदशहर में भुने चने खाने से दादा-पोते की मौत, बहू और पोती की हालत गंभीर

बुलंदशहर : जिले के नरसैना थाना क्षेत्र के गांव बरवाला में एक परिवार के सभी सदस्यों की भुने हुए चने खाने के बाद अचानक ही तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद दादा-पौत्र (पोते) की मौत हो गई. जबकि की बहू और पोती का इलाज अस्पताल में चल रहा है.

परिवार के सदस्यों को इस दौरान खून की उल्टियां होने लगीं थीं.नरसैना थाना क्षेत्र के गांव बरवाला में कलवा (58) अपने परिवार के साथ रहते थे. कलवा रविवार की शाम दौलतपुर की एक दुकान से भुने हुए चने खरीद कर लाए थे. देर रात भुने हुए चनों को परिवार के सभी सदस्यों ने खाया. 

चने खाते ही परिवार के सभी सदस्यों की तबीयत बिगड़ने लगी. कलवा, उसकी पुत्रवधु, पौत्र व पोती शिवानी को खून की उल्टियां होने लगीं. चीख पुकार सुनकर मोहल्ले के लोग कलवा के घर पहुंचे और मदद में जुट गए. इससे पहले की लोग कुछ समझ पाते कलवा ने दम तोड़ दिया.

आनन-फानन में लोग परिवार के बाकी तीन सदस्यों को अस्पताल ले गए. रास्ते में कलवा के पौत्र गोलू (7) की भी मौत हो गई. कलवा की बहू जोगिन्द्री देवी और पोती शिवानी का कस्बे के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस घटना से गांव में दहशत का माहौल है।

जांच टीम का गठन : एसडीएम स्याना गजेंद्र सिंह ने बताया कि दादा-पोते की मौत हो गई है. परिवार के बाकी दो सदस्यों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. नायब तहसीलदार और डीओ फूड सेफ्टी की अगुवाई में जांच टीम का गठन कर दिया गया है. 

जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह का पता लग पाएगा. रिश्तेदारों के मुताबिक पीड़ित परिवार ने रात में भुने हुए चने का सेवन किया था.

फूड सेफ्टी विभाग ने की कार्रवाई :

स्थानीय लोगों का आरोप है कि 'फूड सेफ्टी विभाग के अफसर टार्गेटेड कार्रवाई करते हैं. जहां मिलावटी और मानक के उलट खाद्य सामग्री बिकती है, वहां विभाग के अफसर जांच करने तक नहीं आते हैं. यही वजह है कि जगह-जगह मिलावटी खाद्य सामग्री का सेवन खुलेआम किया जा रहा है.' डीओ फूड सेफ्टी विनीत कुमार का कहना है कि जांच के लिए टीम रवाना कर दी गई है. संयुक्त रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल जाएगा कि मौत कैसे हुई.

राजस्थान में जीका वायरस का पहला मामला, जयपुर में एक व्यक्ति की मौत

जयपुर: राजधानी जयपुर में वर्ष 2018 में जीका वायरस ने हाहाकार मचाया था. उस समय राजधानी जयपुर के शास्त्री नगर स्थित भट्टा बस्ती में बड़ी संख्या में इस वायरस से पीड़ित मरीज सामने आए थे. हालांकि, उस समय किसी भी व्यक्ति की मौत जीका वायरस के चलते नहीं हुई थी, लेकिन एक बार फिर इस वायरस ने चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा दिया है.

दरअसल, बीते दिन एक निजी अस्पताल में जयपुर के रहने वाले एक वृद्ध की मौत जीका वायरस से होने की आशंका जताई जा रही है. जयपुर के रहने वाले 66 वर्षीय राजेंद्र को करीब 5 दिन पहले जयपुर के इस अस्पताल में भर्ती किया गया था. प्राइवेट अस्पताल ने अपने स्तर पर जांच करवाई तो मरीज में जीका वायरस रिपोर्ट हुई और उसके बाद मरीज की मौत हो गई.

मामले को लेकर चिकित्सा विभाग जयपुर जोन के जॉइंट डायरेक्टर डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि करीब 6 साल पहले जीका वायरस आउटब्रेक एक क्षेत्र में हुआ था.

हालांकि, उस वायरस से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी, लेकिन जयपुर के एक व्यक्ति को कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था और उसकी मौत हो गई है. आशंका है कि राजस्थान में जीका वायरस से मौत का यह पहला मामला है.

पुणे भेजा सैंपल : डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि जिस मरीज की मौत हुई है उसे हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियां भी थीं और फिलहाल निजी अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार

जीका वायरस की पुष्टि हुई है. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से भी सैंपल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजे गए हैं, जिसकी रिपोर्ट के बाद ही जीका वायरस की पुष्टि हो सकेगी. 

डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि जीका वायरस के लक्षण भी आम बुखार की तरह होते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा होता है.

आसपास के क्षेत्र में सर्वे : मृतक मरीज जिस क्षेत्र का रहने वाला था, चिकित्सा विभाग की टीम ने उस क्षेत्र में स्क्रीनिंग का काम शुरू कर दिया है. एंटी लार्वा एक्टिविटी शुरू कर दी गई है और यदि किसी व्यक्ति में लक्षण दिखाई देते थे तो उसे चिकित्सकिय परामर्श दिया जाएगा. 

फिलहाल, पूरी स्थिति नियंत्रण में है और टीम लगातार काम कर रही है. चिकित्सकों का कहना है कि जीका वायरस के लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते हैं.

जयपुर में हुआ था आउटब्रेक : वर्ष 2018 में राजधानी जयपुर के शास्त्री नगर भट्टा बस्ती इलाके में जीका वायरस के मामले बड़ी संख्या में देखने को मिले थे. जिसके बाद चिकित्सा विभाग गया था. उस दौरान तकरीबन 150 से अधिक पॉजिटिव केस जीका वायरस के सामने आए थे।