पूर्वांचल विकास बोर्ड की अयोध्या में हुई बैठक
अयोध्या। प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए गठित पूर्वांचल विकास बोर्ड की बैठक आज उपाध्यक्ष पूर्वांचल विकास बोर्ड नरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आयुक्त सभागार में आयोजित की गयी। बैठक में मण्डलायुक्त गौरव दयाल ने उपाध्यक्ष का बुके देकर स्वागत किया गया तथा सदस्यों का स्वागत मण्डल के सभी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों द्वारा बुके देकर स्वागत किया गया। बैठक की शुरूआत उपाध्यक्ष ने सभी सदस्यों व अधिकारियों के परिचय के साथ किया।
बैठक का संचालन करते हुये निदेशक क्षेत्रीय नियोजन प्रभाग/सचिवालय-पू0वि0बोर्ड वी0के0 अग्रवाल ने बोर्ड के गठन के मुख्य उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुये बताया कि पूर्वांचल के 8 मण्डलों एवं 28 जिलों के चौमुखी विकास के लिए बोर्ड का गठन किया गया है। तत्पश्चात बोर्ड के सदस्यों ने विकास को दृष्टिगत रखते हुये यथा-पर्यटन विकास, पशुपालन, शिक्षा, सड़क निर्माण, मत्स्य, आवास आवंटन, आपदा प्रबन्धन, नलकूप, कृषि, चिकित्सा, जल संरक्षण, महिला समूह आदि महत्वपूर्ण पहलुओं पर सुझाव उपाध्यक्ष एवं प्रशासन के समक्ष रखे गये। उपाध्यक्ष पूर्वांचल विकास बोर्ड नरेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या धाम का समग्र विकास किया जा रहा है इसके साथ साथ अयोध्या के ग्रामीणांचल का भी विकास किया जाना है।
इसके लिए बेहतर योजना बनाकर अयोध्या के ग्रामीण अंचलों का भी विकास किया जाय। उन्होंने बैठक के दौरान सदस्यों द्वारा दिये गये सुझावों को शासन स्तर पर प्रेषित करने के निर्देश दिये तथा मण्डल के जिन-जिन क्षेत्रों में समस्याओं के बारे में बताया गया उन पर जिला प्रशासन को प्राथमिकता पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने पूर्वांचल क्षेत्र के विकास के लिए अयोध्या गोंडा मार्ग को, गोंडा से बहराइच मार्ग को तथा सिद्धार्थनगर से बहराइच मार्ग को फोरलेन करने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। उपाध्यक्ष ने अयोध्या की महत्वाकांक्षी योजना रिंग रोड का कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने तथा पूर्वांचल के सभी जिलों की सड़को के कार्य पर, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, पर्यटन, वन विभाग व छुट्टा जानवरो की समस्याओं का भी निस्तारण करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में मण्डलायुक्त गौरव दयाल ने उपाध्यक्ष एवं सभी सदस्यों को अयोध्या मण्डल के सम्बंध में संक्षिप्त जानकारी देते हुये कहा कि अयोध्या नगरी को धार्मिक नगरी के रूप में विकसित करने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न परियोजनाएं संचालित है, जिनको निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के लिए जिला प्रशासन प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के सदस्य जमीनी हकीकत जानकर अपने-अपने जिलों के विकास की रूपरेखा का प्रस्ताव बैठक में रखते हैं, बैठक के बाद प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा, सदस्यों के सुझाव व रिकमेंडेशन के आधार पर शासन को प्रस्ताव सबमिट किया जाता है, बहुत सी योजनाएं शासन से स्वीकृत भी होती है, इन सभी मुद्दों पर चर्चा हुई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार की मंशा के अनुरूप विभागीय अधिकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करेंगे तथा अयोध्या जनपद के साथ साथ इससे जुड़े आसपास के जनपदों में भी विकास के कार्य प्राथमिकता पर किये जा रहे है।
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बैठक में संयुक्त विकास आयुक्त, मुख्य विकास अधिकारीगण, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उपनिदेशक अर्थ एवं संख्या अधिकारी, उपनिदेशक पर्यटन, उपनिदेशक मत्स्य, अपर निदेशक शिक्षा, अपर निदेशक स्वास्थ्य, उपनिदेशक पंचायत, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला सूचना अधिकारी सहित मण्डल व जनपद के सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
Nov 29 2024, 18:49