दहेज प्रतिषेध दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संगोष्ठी कार्यक्रम का किया गया आयोजन
मीरजापुर । शासन के मंशानुरूप जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में संविधान दिवस सहित 26 नवम्बर दहेज प्रतिषेध दिवस उपलक्ष्य पर संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन सखी वन स्टाप सेंटर मीरजापुर के प्रांगण में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया इसके बाद संविधान दिवस पर संविधान प्रस्तावना को पढ़कर शपथ लिया गया।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे देवेन्द्र प्रताप सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मनीष तिवारी, सदस्य बाल कल्याण समिति सहित विभागीय अधिकारीगण सहित रीता वर्मा प्रिसपल, आर्य कन्या इंटर कालेज व जेसी इंटर कालेज, गीजापुर के अध्यापक व अध्यापिका संग 250 से अधिक छात्र-छात्राए, महिलाए व आशा कार्यकतार्ओं सहित विभागीय कार्मिको की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन कर रही जिला प्रोबेशन अधिकारी शक्ति त्रिपाठी द्वारा कार्यक्रम अध्यक्ष जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन0, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को माल्यार्पण कर बुके व मुमेटो देकर सम्मानित किया व कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया।
इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा सभी महिलाओ व बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि आज पूरा देश 26 नवम्बर को संविधान दिवस व दहेज प्रतिषेध दिवस हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। भारत की संविधान प्रस्तावना को भारत के संविधान की आत्मा कहा जाता है जिसे आज के सभी बालक बालिकाओं सहित आम जनता को याद रखना चाहिए। हमारे समाज में दहेज प्रथा एक अभिशाप है प्रारंभ में यह प्रथा बेटी के शादी में उसके नव जीवन के शुरूआत हेतु उपहार स्वरूप देखा जाता रहा लेकिन समय काल के अनुसार यह प्रथा वर पक्ष के तरफ से धन प्राप्ति माध्यम बन गया इस प्रथा से हर दिन हजारों महिलाएं शोषण व दहेज हत्या की शिकार हो जाती है जिसके रोकथाम में भारत सरकार के दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 लागू है ।
जिसका उद्देश्य समाज में दहेज उत्पीड़न पर रोकथाम सहित दोषियों को कड़ी सजा दिलाना है इस अधिनियम में दो सेक्शन 3 व 4 में दहेज लेना व देना दोनों को अपराध के श्रेणी में रखा गया है जिसमें 7 साल की कैद व दहेज हत्या पर आजीवन कारावास व 15 हजार जुमार्ना का प्रावधान है। हमारे जनपद- मीरजापुर को दहेज प्रथा से मुक्त जनपद बनाने के लिए महिला कल्याण विभाग मीरजापुर द्वारा विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन जिला स्तर व ब्लाक स्तर के कालेज, विधालयो में प्रतियोगिताओं, डिबेट, नुक्कड़ नाटक, द्वारा कराया जाता है सामुदायिक स्तर पर ब्लाक समन्वय से बैठकें कर दहेज प्रथा के दुष्कर परिणाम व कानून की जानकारी दी जाती है कहीं भी दहेज लेने या देने की सूचना किसी को मिले वह सीधे चाइल्ड लाइन 1098, 181, 112, 1098 पर सूचना देकर इस अपराध को रोकने में प्रशासन की मदद कर सकता है इस दौरान सूचनदाता के पहचान को गोपनीय रखा जायेगा।
आज बालिकाओं को हम शिक्षा के समान अवसर देकर आत्मनिर्भर बनाते हैं तो वह स्वयं ही दहेज कुप्रथा के खिलाफ लडने को तैयार हो जाता है हम न दहेज ले और न दहेज दे के सोच से ही समाज में परिवर्तन होगा इस लिए आम जनमानस से अपिल किया कि सोच बदलो, समाज बदलेगा। इस क्रम में अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे व मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया कि दहेज उत्पीड़न हमारे समाज में कलंक के समान है जिसे बेटी-बेटा को एक समान अवसर का अधिकार शिक्षा क्षेत्र में देने से होगा तभी पुर्ण समाज इस अभिशाप से मुक्त होगा। कार्यक्रम दौरान जेसी इंटर कालेज व आर्य कन्या इंटर कालेज के आये छात्र-छात्राओ ने पेंटिंग व डिबेट, कहानी के माध्यम से दहेज प्रथा उन्मूलन हेतु जागरुक किया बच्चों के इस अनुपम प्रयास कि सराहना करते हुए जिलाधिकारी द्वारा पेंटिंग प्रतियोगिता में 10 बच्चों ने भाग लिया जिसमें से 03 बच्चियां को प्रथम स्थान पर राज नंदनी, द्वितीय स्थान रिया कसेरा को प्रशस्ति पत्र व मुमेटो देते हुए सम्मानित किया वहीं आदित्य यादव, पारुल पाल व सागर श्रीवास्तव को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
दहेज प्रथा विषयक पर डिबेट कर रहे 25 छात्र-छात्राओ जयति पांडेय, पारुल, अनुष्ठा तिवारी, गरिमा अथर्व व प्रिस गुप्ता के अच्छे प्रदर्शन का सम्मान करते हुए प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो सहित बेटी बचाओ बेटी बचाओ का टी-शर्ट व काफी कप गिफ्ट दें कर उत्साह वर्धन करते हुए यह संदेश दिया गया कि एक बच्चे का प्रथम टीचर उसकी मां व दूसरा टीचर अध्यापक होता है जहां बच्चे का आदर्श सामाजिकरण होता है हम बच्चों को एक समान अवसर व स्वतंत्रता देगे।
इस दौरान कार्यक्रम का संचालन कर रही जिला प्रोबेशन अधिकारी शक्ति त्रिपाठी ने बताया कि उनका पद जिला प्रोबेशन अधिकारी के साथ जिला बाल संरक्षण अधिकारी, जिला महिला संरक्षण अधिकारी, जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के साथ जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी भी है कहीं पर भी दहेज लेने या देने की सूचना मिलने पर 24 घंटे के अन्दर त्वरित कार्यवाही कर समस्या का निस्तारण किया जाता है दहेज प्रथा रोकथाम हेतु जिला स्तर पर कमेटी का गठन है जिसकी भूमिका दहेज प्रथा सम्बन्धित प्रकरणों का संज्ञान में होते ही निस्तारण करना है जंनपद मीरजापुर में सभी ब्लाकों, सामुदायिक व प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों आदि स्थानों पर दहेज प्रथा रोकथाम जागरुकता हेतु होर्हिंग लगाए गए हैं जिसमें जिला प्रोबेशन अधिकारी का मोबाइल नंबर लिखा है।
कहीं भी किसी क्षेत्र में दहेज उत्पीड़न या लेन देन की सूचना मिलने पर कोई भी आम जनमानस या पीड़ित महिला अपनी शिकायत कर सकती है हमारे जनपद में महिला सुरक्षा व संरक्षण हेतु सखी वन स्टाप सेंटर कि स्थापना है जहां पर पांच संदर्भित सेवाओं के साथ महिला को हिंसा मुक्त वातावरण प्रदान किया जाता है वहीं जनपद में चाइल्ड लाइन हेल्पलाइन 1098 टीम का कुशल टीम रेलवे व जनपद पर दो भागों में संचालित है सरकारी विद्यालय में ताईक्वांडो का प्रशिक्षण चल रहा है जिससे की बालिकाएं स्वयं को कैसे सुरक्षित रखना सिखेगी। उन्होंने ने दहेज उत्पीड़न के बढ़ते मामलों का प्रमुख कारण पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एक महिला आज किसी की बेटी है तो कल किसी की बहु होगी इस बात को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया या फिल्मों के नाटकीय स्वरुप को वास्तविक जीवन में अपना कर अपने जीवन में भी ढालती है नव वधुएं व भावी सास धैर्य को धारण रखें, सास को मां के रुप में सम्मान करें करें, वहीं सास बहु को अपनी बेटी के रुप में जिस दिन से अपनानें लगेगी तो दहेज रुपी अभिशाप स्वत खत्म हो जायेगा। कार्यक्रम दौरान, वन स्टाप सेंटर, डी0सी0पी0यू, चाइल्ड लाइन के सभी कार्मिक उपस्थित रहे। केंद्र प्रबंधक पूजा मौर्या द्वारा सभी का सादर आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।
Nov 26 2024, 17:22