मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय उच्चायोग के साथ निवेश और विकास के संकल्पों पर चर्चा की


मुख्यमंत्री का यूके दौरा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने यूके दौरे के पहले दिन भारतीय उच्चायोग, लंदन के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने औद्योगिक विकास, तकनीकी सहयोग और वैश्विक निवेश को लेकर प्रदेश की योजनाओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा ब्रिटेन से शुरू करने पर खुशी व्यक्त करते हुए भारतीय उच्चायोग के सहयोग की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह मेरे लिए गौरव का क्षण है कि मैं अपनी इस महत्वपूर्ण यात्रा की शुरुआत यूके से कर रहा हूं। इस यात्रा की तैयारी में उच्चायोग टीम द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन और सहयोग के लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

औद्योगिक विकास को प्राथमिकता

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि औद्योगिक विकास प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने बताया कि उज्जैन, रीवा, ग्वालियर, जबलपुर और सागर जैसे शहरों में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से प्रदेश में निवेश को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम अब राष्ट्रीय स्तर से आगे बढ़कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों को प्रदेश के विकास से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत लंदन से हो रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कृषि, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स और आईटी जैसे क्षेत्रों में मध्यप्रदेश की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने विशेष रूप से ब्रिटेन के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कौशल विकास और अनुसंधान के क्षेत्र में साझेदारी की बात कही।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फरवरी 2025 में भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए भारतीय उच्चायोग से विशेष सहयोग का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मेरा विशेष आग्रह है कि उच्चायोग की टीम मध्यप्रदेश को ब्रिटिश निवेशकों के लिए आदर्श स्थल के रूप में स्थापित करने में हमारा सहयोग करें।

बैठक में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम के दोराईस्वामी, उप उच्चायुक्त सुजीत घोष, मंत्री (आर्थिक) निधि मणि त्रिपाठी और प्रथम सचिव (व्यापार) जसप्रीत सिंह सुक्खीजा उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और भारतीय उच्चायोग, लंदन के बीच हुई यह चर्चा प्रदेश और यूके के बीच औद्योगिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने में एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है।

राज्यमंत्री गौर ने सुनी मन की बात


पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंखयक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने रविवार को गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के बूथ क्रमांक 159 और 160 के मतदाताओं, कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "मन की बात" कार्यक्रम में सहभागिता कर श्रवण किया।

देश के दुग्ध उत्पादन का 20 प्रतिशत मध्यप्रदेश से करने का लक्ष्य : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है। इसे 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए समन्वित प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में संगठित क्षेत्र में दुग्ध संकलन बढ़ाने और सहकारी दुग्ध संघ और महासंघ के सुदृढ़ीकरण के संबंध में उच्च स्तरीय बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल, विधायक हेमंत खंडेलवाल, मुख्य सचिव अनुराग जैन और नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एडीडीबी) के चेयरमेन डॉ. मीनेश शाह सहित विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सहकारी क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी। प्रदेश के जिन ग्रामों में सहकारी समितियां कार्य कर रही हैं, वहाँ दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में अच्छी सफलता मिलेगी। साथ ही शेष ग्रामों के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। राजगढ़ जैसे जिलों में किसान उत्पादक संगठन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से उत्साहपूर्ण पहल कर चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए सहकारिता से जुड़े नियमों और अधिनियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन की कार्यवाही भी की जाएगी।

बैठक में जानकारी दी गई कि नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ हुए अनुबंध के फलस्वरूप प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रयास बढ़ाए गए हैं। प्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एनडीडीबी के चेयरमेन मीनेश शाह का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।

नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पीपीपी मोड पर खुलेंगे मेडिकल कॉलेज - मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने और चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था का विस्तार करने की दृष्टि से नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए जा रहे हैं। प्रदेश में वर्ष- 2003 तक सिर्फ 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज थे। गत 20 वर्ष में 12 नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ हुए और अब एक साथ 12 अन्य मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर प्रारंभ करने की ओर हम बढ़ चुके हैं। शीघ्र ही प्रदेश में 50 मेडिकल कॉलेज होंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में अधोसंरचना सशक्त होती जा रही है। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले के लिए मेडिकल कॉलेज की संकल्प की पूर्ति के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समत्व भवन ( मुख्यमंत्री निवास) में शनिवार को एक बैठक में प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज प्रारम्भ करने के लिए उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की। उप मुख्यमंत्री शुक्ल बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के नर्मदापुरम, देवास सहित अनेक अंचल नए मेडिकल कॉलेज की सुविधा से लाभान्वित होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने मंदसौर, नीमच और सिवनी में गत माह तीन मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया। प्रदेश के नागरिकों को आने वाले समय में नए-नए मेडिकल कॉलेज मिलेंगे। बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संदीप यादव ने प्रजेंटेशन द्वारा पीपीपी मॉडल में स्थापित होने वाले कॉलेजों से संबंधित रूपरेखा प्रस्तुत की। पीपीपी मोड में शासन द्वारा नियमानुसार भूमि आवंटन, अस्पतालों की वर्तमान क्षमता के विस्तार और रोगियों के उपचार पर होने वाले व्यय से संबंधित बिन्दुओं पर आज विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में शीघ्र ही मंत्रि-परिषद द्वारा आवश्यक निर्णय लिया जाएगा। विधायक बैतूल हेमंत खंडेलवाल, मुख्य सचिव अनुराग जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

शहीद पुलिसकर्मियों ने "देशभक्ति-जन सेवा के संदेश" ध्येय वाक्य को सचमुच जिया - मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कोरोना काल में जब इस बीमारी से अनजान बड़े-बड़े डॉक्टर्स ने अपने क्लीनिक बंद कर दिए थे, तब उन परिस्थितियों में भी पुलिस ने अपनी जान की परवाह न करते हुए मोर्चा संभाला। कोरोना काल में ड्यूटी करते हुए 155 पुलिसकर्मी शहीद हुए। उन्होंने सच्चे मायने में "देशभक्ति-जन सेवा" के संदेश को जिया और कर्त्तव्य की बलिवेदी पर प्राण न्यौछावर कर दिये। मैं सैल्यूट करता हूँ, ऐसे जांबाज योद्धाओं को। पुलिस जितनी सजगता और कर्तव्य परायणता के साथ काम करती है, उससे, उनके प्रति सम्मान और आदर में ओर अधिक वृद्धि हो जाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को भोपाल में अत्याधुनिक सर्व-सुविधायुक्त पुलिस चिकित्सालय 'स्वस्ति' के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मैदानी पुलिसकर्मियों को अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण करने की दृष्टि से निर्मित डिजिटल एप ई-रक्षक और दिशा लर्निंग ऐप को भी लोकार्पित किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लगभग साढ़े बारह करोड़ की लागत से बने इस अत्याधुनिक अस्पताल 'स्वस्ति' में सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। पुलिस विभाग के वित्तीय प्रबंधन और अनुशासन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल को देखकर लगता है कि इसकी लागत और अधिक होनी चाहिए थी। कार्यक्रम के प्रारंभ में पुलिसकर्मियों की बेटियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का तिलक लगाकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को पुलिस बैंड के साथ हर्ष फायर कर सलामी दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अस्पताल का निरीक्षण कर विजिटर बुक में अपने विचार अंकित किए।

40 हजार पुलिसकर्मियों को कर्मवीर योद्धा पदक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने म.प्र. पुलिस के 40 हजार पुलिसकर्मियों को कोरोना काल में अदम्य साहस और सराहनीय कार्य के लिए कर्मवीर योद्धा पदक से सम्मानित करते हुए प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सांकेतिक रूप से 5 पुलिसकर्मियों को पदक एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए। कार्यवाहक निरीक्षक मुनेंद्र गौतम, उप निरीक्षक सुश्री प्रियम्वदा सिंह, गुलजार सिंह मार्को, आरक्षक अजय पाल सिंह और आरक्षक निशांत छारी को पदक एवं प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना की सराहना करते हुए कहा कि विभाग का मुखिया ऐसा ही होना चाहिए है, जिस प्रकार से उन्होंने पुलिसकर्मियों के हित में स्वयं आगे होकर काम किए हैं।

 डेटा से काम करेगी पुलिस, डंडे से नहीं

पुलिस महानिदेशक ने "ई-रक्षक ऐप" के संबंध में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कॉन्फ्रेंस में अपने संबोधन में कहा था कि "इस इलेक्ट्रानिक युग में पुलिस को डंडे के बजाय डेटा से काम करने की आवश्यकता है।" उनकी मंशा अनुरूप एमपी ई-रक्षक ऐप के द्वारा पुलिसकर्मियों को आदतन अपराधियों की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएगी। पुलिसकर्मी अपने ड्यूटी क्षेत्र में रहने वाले आदतन अपराधियों की जानकारी एक साथ देख सकेंगे। गश्त के दौरान संदिग्ध व्यक्ति के नाम को अपराधी के डेटाबेस में सर्च किया जा सकेगा। इसके साथ ही फेस रिकग्नाइजेशन मॉड्यूल के अंतर्गत आरोपी का फोटो अपलोड कर उसे संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके साथ ही व्हीकल सर्च विंडो में जाकर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, ईंजन या चेसिस नंबर के द्वारा वाहन से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। चोरी एवं जप्ती हुए वाहन की जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी। अन्य सुविधाओं से युक्त इस ऐप का भोपाल, इंदौर तथा अन्य जिलों में चरणबद्ध तरीके से ट्रॉयल रन प्रारंभ किया गया है।

दिशा लर्निंग ऐप

पुलिस महानिदेशक सक्सेना ने कहा कि पुलिसकर्मी अपने कार्य के स्वरूप के कारण अपने व्यस्तताओं और मुख्यालय से बाहर ड्यूटी पर रहने के कारण बच्चों की शिक्षा पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इस दृष्टि से पुलिसकर्मियों के बच्चों को अत्याधुनिक शिक्षा की दृष्टि से शैक्षणिक माहौल प्रदान करने के लिए दिशा लर्निंग ऐप सेंटर स्थापित किए गए हैं। ये सेंटर जिलों एवं बटालियन में प्रारंभ किए गए हैं। इन सेंटर्स में पुलिसकर्मियों के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ऐप से विद्यार्थियों को व्यापक सूचनाएं एवं मार्गदर्शन प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही उन्हें कॅरियर गाइडेंस भी प्रदान किया जाएगा। यह ऐप 8वीं और उसके बाद की कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए बनाया गया है। यह ऐप विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई और रोजगार से संबंधित दिशा निर्धारित करने में सहायक होगा।

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, महापौर मालती राय, भोपाल सांसद आलोक शर्मा, विधायक भगवानदास सबनानी, अपर मुख्य सचिव गृह एस.एन. मिश्रा, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, अपर पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, अपर पुलिस महानिदेशक उपेन्द्र जैन एवं अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

क्रिसमस से पहले तैयारियों का दौर, IHM ने सजाया "स्पाइस एंड स्वीट हार्मनी"

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अमित सेन 

भोपाल। त्यौहार के मायने ही आनंद हैं। इनकी रंगतरंग में डूबे लोग इससे पहले तैयारियों में खुद को आनंदित करते हैं और इसके दौरान खुशियों से प्रफुल्लित होते हैं। इसी कड़ी में अब अगले महीने मनाए जाने वाले क्रिसमस पर्व की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। सांता क्लॉस से मनचाहे गिफ्ट की कल्पना मन में संजोए लोग उनके स्वागत के लिए दिल ओ जान से कुछ खास करने में जुटे हैं।

राजधानी भोपाल के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम) ने "स्पाइस एंड स्वीट हार्मनी" नामक केक मैसेरेशन समारोह का आयोजन किया। इस दौरान केक संरक्षण और सजावट की कला का प्रदर्शन किया गया। भिगोए गए ड्राईफ्रूट्स को पारंपरिक क्रिसमस केक बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा।

आयोजन के दौरान स्टूडेंट्स ने 

अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करके जिंजरब्रेड, क्रोकेम्बोचे और रॉयल आइसिंग के साथ दर्शकों को प्रभावित किया।आईएचएम भोपाल के प्रिंसिपल, डॉ रोहित सरीन ने बताया कि समारोह में शहर के विभिन्न पेशेवर क्षेत्रों से प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। उन्होंने आईएचएम भोपाल के पारंपरिक पाक कला परंपराओं को बढ़ावा देने के प्रयासों की प्रशंसा की। डॉ रोहित सरीन ने कहा कि आईएचएम भोपाल का केक मैसेरेशन समारोह समुदाय के साथ त्योहार मनाने की एक उत्कृष्ट पहल है। जिसमें स्टूडेंट्स किसी के लिए "सीक्रेट सांता" बनकर योगदान देते हैं, जिससे समुदाय के प्रति कृतज्ञता की भावना पैदा होती है।

जल प्रदाय और सीवरेज परियोजना के संचालन में जन-प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण


प्रदेश के नगरों में संचालित जल प्रदाय और सीवरेज परियोजना के सफल संचालन में स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसके लिये जनप्रतिनिधियों का जागरूक होना बहुत जरूरी है। यह जानकारी आज भोपाल में मध्यप्रदेश अर्बन डेव्हलपमेंट कम्पनी (एमपीयूडीसी) की कार्यशाला में दी गई। कार्यशाला में बताया गया कि जल प्रदाय और सीवरेज परियोजना वर्ल्ड बैंक और एशियन डेव्हलपमेंट बैंक के सहयोग से तैयार की गई है।

कार्यशाला में मुख्य वक्ता के तौर पर अपर आयुक्त और कम्पनी के अतिरिक्त प्रबंध संचालक के.एल. मीणा ने कहा कि परियोजना के संचालन और संधारण में जो भी दिक्कते आएंगी। कम्पनी जन-प्रतिनिधियों से निरंतर संवाद कर उसे दूर करने का प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि एमपीयूडीसी द्वारा जिन जल प्रदाय और सीवरेज परियोजना का निर्माण किया गया है, वह विश्वस्तरीय है। इनके संचालन की प्रति सप्ताह उच्च स्तर पर समीक्षा की जा रही है। कार्यशाला में सागर की महापौर संगीता सुशील तिवारी ने विचार रखे। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के सफल संचालन के लिये शिकायत निवारण कक्ष एवं उपभोक्ता सेवा केन्द्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस व्यवस्था को मजबूत रखना जरूरी है।

कार्यशाला में प्रमुख अभियंता आनंद सिंह ने परियोजना के तकनीकी पक्ष के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि परियोजना के संचालन के दौरान स्वच्छता के बिन्दु पर विशेष ध्यान दिया जाना होगा। कार्यशाला में समन्वयक राघवेन्द्र सिंह ने प्रेजेन्टेशन दिया। कार्यशाला में उपस्थित स्थानीय निकाय के जन-प्रतिनिधियों को बुधनी मल-जल शोधन संयंत्र का दौरा भी कराया गया।

सुविधाओं की बेहतरी के साथ जनसमस्याओं का त्वरित समाधान सरकार की प्राथमिकता : तोमर

जन सुविधाओं की बेहतरी के साथ जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। इसी भाव के साथ पिछड़ी बस्तियों में सरकार द्वारा बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। यह बात ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मेवाती मोहल्ले में सीसी रोड का भूमि-पूजन करते हुए कही। उपनगर ग्वालियर में वार्ड-4 के अंतर्गत मेवाती मोहल्ले में 12 लाख 12 हजार रूपये से अधिक लागत से इस सीसी रोड़ का निर्माण होने जा रहा है।

ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि उपनगर ग्वालियर के प्रत्येक वार्ड में तेजी से विकास कार्य मूर्तरूप ले रहे हैं। स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे कार्यों के अलावा उपनगर ग्वालियर में एलिवेटेड रोड व अंतर्राज्यीय बस अड्डा जैसे बड़े-बड़े कार्य धरातल पर आ रहे हैं। वार्डों की जरूरत के हिसाब से प्राथमिकता के साथ विकास कार्य कराए जा रहे हैं। ऊर्जा मंत्री तोमर ने भूमि-पूजन के पश्चात क्षेत्र का भ्रमण किया। क्षेत्र में खराब सीवर लाइन के सुधार के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

भारतीय रसोई, भारतीय समाज के कुशल एवं श्रेष्ठ प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण : उच्च शिक्षा मंत्री परमार

भारत की गृहणियों की रसोई में कोई तराजू नहीं होता है, गृहिणियों को भोजन निर्माण के लिए किसी संस्थान में अध्ययन करने की आवश्यकता नहीं होती है। भारतीय गृहिणियों में रसोई प्रबंधन का उत्कृष्ट कौशल, नैसर्गिक एवं पारम्परिक रूप से विद्यमान है। भारत की रसोई, विश्वमंच पर प्रबंधन का उत्कृष्ट आदर्श एवं श्रेष्ठ उदाहरण है। भारतीय समाज में ऐसे असंख्य संदर्भ, परम्परा के रूप में प्रचलन में हैं। हमारे समाज में विद्यमान ज्ञान पर, गर्व के भाव के साथ अध्ययन, शोध एवं अनुसंधान करने की आवश्यकता है। यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने शुक्रवार को भोपाल स्थित मप्र भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के सभागृह में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में आयोजित "भारत के लिए भारत का सामाजिक विज्ञान" विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर कही।

उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक विषय पर चर्चा करने का अवसर प्राप्त होना, मेरे लिए सौभाग्य है। परमार ने कहा कि भारत, सृष्टि के सृजन से ही पृथ्वी पर विद्यमान है। अंग्रेजों की पराधीनता के दौरान, अंग्रेजी सत्ता ने हमारी शिक्षा पद्धति को नष्ट कर, हमारे ज्ञान को हीन दिखाने का कुत्सित प्रयास किया। अंग्रेजी पराधीनता के पूर्व के कालखंडों में भी विदेशी आक्रांताओं ने भारतीय चिंतन और दर्शन को नष्ट कर, भ्रांतियों को स्थापित करने का कुत्सित प्रायोजन किया। परमार ने कहा कि विदेशी यह नहीं जानते हैं कि विज्ञान, परम्परा के रूप में भारतीय समाज में सर्वत्र विद्यमान है। यही हमारे भारत के समाज का विज्ञान है। मंत्री परमार ने कहा कि कृतज्ञता का भाव, भारत की सभ्यता एवं विरासत है। किसी के कार्यों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करना, कृतज्ञता भाव रूपी भारतीय दर्शन का उत्कृष्ट उदाहरण है। परमार ने पेड़ों, नदियों, जलाशयों, सूर्य आदि प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों के पूजन एवं उपासना की पद्धति भारतीय समाज में परंपरागत रूप से विद्यमान है। यह परंपरा प्रकृति सहित समस्त ऊर्जा स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए, उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का भाव है। परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में क्रियान्वयन के लिए, शिक्षा को भारतीय ज्ञान परम्परा से समृद्ध करने की आवश्यकता है। भारतीय शिक्षा में समाज शास्त्र को, भारतीय दृष्टिकोण के साथ सही परिप्रेक्ष्य में समझने एवं प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। इसके लिए तपस्वी के रूप में हम सभी को सहभागिता और परिश्रम करने की आवश्यकता है।

दो दिवसीय यह राष्ट्रीय कार्यशाला राष्ट्रीय समाज विज्ञान परिषद नई दिल्ली के सहयोग से, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में समाजशास्त्र के पाठ्यक्रम के विशेष संदर्भ को लेकर आयोजित है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय समाज विज्ञान परिषद नई दिल्ली के संरक्षक प्रो. पी वी कृष्ण भट्ट , परिषद के उपाध्यक्ष प्रो. विघ्नेश भट्ट , अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर (छग) के कुलपति प्रो. ए. डी. एन. वाजपेयी एवं भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ संजय तिवारी, कार्यक्रम समन्वयक डॉ एल पी झारिया एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सुशील मंडेरिया सहित देश भर से पधारे विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के कुलगुरू एवं प्राध्यापकगण, भोज विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण, विविध विषयविद्, शिक्षाविद् एवं अन्य विद्वतजन उपस्थित थे।

एक और एक ग्यारह बनकर काम करेंगे मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कृषि आधारित उद्योगों को घर-घर पहुंचाने के लिए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र मिलकर काम करेंगे। एक और एक दो नहीं, एक और एक ग्यारह बनकर काम करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को नागपुर में आयोजित एग्रोविजन राष्ट्रीय कृषि मेले के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह मात्र मेला नहीं बल्कि यह भविष्य के सुशासन की समृद्धशाली भारत और प्रदेश के बनने की इसने नींव डाली है।

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी सामाजिक व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने वाले सिद्धहस्त डॉक्टर हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण कृषि आधारित कामों के आधार पर प्रदेश की पहचान होती है। मैं तारीफ करता हूँ कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार घर-घर में कृषि आधारित मत्स्य पालन, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन जैसे घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्पादन, उत्पादकता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उत्पादों के लिए पर्याप्त बाजार उपलब्ध कराने पर भी फोकस किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के मंत्री एवं अधिकारियों का एक दल मेले के अवलोकन एवं अध्ययन के लिए भेजा जाएगा।

गौ-पालन से बढ़ेगी आमदनी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने गौ-पालकों की आय बढ़ाने अनेक योजनाएं क्रियान्वित की हैं। उन्होंने कहा कि हम श्रीकृष्ण को मानने वाले हैं, जिनके घर गायें है वे गोपाल हैं और जिनके घर में गाय का कुल है वह घर गोकुल है। मराठी में बछड़े-बछिया को गौरा और गौरी कहते हैं। हमने गौ-पालकों को गाय के स्थान पर गौरी देने की योजना बनाई है। गौ-पालक 5 गौरी ले जाएं और अपने घर पर उनको बड़ा करें, गौ-पालक 2 गाय अपने घर में ही रख लें और 3 गायें हम खरीदेंगे। गौ-पालक दूध का विक्रय करेंगे उससे उनकी आय में वृद्धि होगी।

कांजी हाउस की कैद से मिलेगी मुक्ति

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम निराश्रित और ऐसी गायों को जिनकी दूध देने की क्षमता न्यून या शून्य हो गई है और गौ-पालकों ने उन्हें निराश्रित छोड़ दिया है, को आश्रय देने की दृष्टि से नगरीय क्षेत्रों में गौ-शालाओं का निर्माण करने जा रहे हैं। इस अनुक्रम में भोपाल में 10 हजार गायों की क्षमता वाली गौ-शाला का भूमि-पूजन होने जा रहा है। इससे सड़कों पर निराश्रित गौ-वंशों से होने वाली दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने मध्यप्रदेश में कांजी हाउस, खेड़ा जैसे कैद खानों को भी बंद करने का निर्णय लिया है। मूक पशुओं को जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है।

महाराष्ट्र मेरा पुश्तैनी घर

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महाराष्ट्र मे आकर ऐसा लगा जैसे मैं अपने घर आ गया हूँ। माता अहिल्या और महादजी सिंधियां की पृष्ठ भूमि महाराष्ट्र राज्य से जुड़ी हुई है। माता अहिल्या को मैं प्रणाम करता हूँ, जिन्होंने उस समय खेती के लिए सिंचाई व्यवस्था के रूप में कुओं का निर्माण करवाया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उपस्थित कुलगुरू शरद घटक, कुलगुरू नितिन पाटिल, अब्दुल्ला एवं पेसा एक्ट के प्रेसिडेंट टी.आर. केशव, दीपक शाह, विक्रम भाग एवं जी. पाटिल का अभिवादन भी किया।