मीरापुर उपचुनाव में गुस्साई भीड़ ने की पत्थरबाजी, पुलिस ने संभाला मोर्चा, बरसाई लाठी

डेस्क: देश में एक तरफ जहां महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। वहीं दूसरी उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर विधानसभा के लिए उपचुनाव के लिए वोटिंग कराई जा रही है। फिलहाल यूपी के अधिकांश सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान चल रहा है। लेकिन मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल की तस्वीरें सामने आई हैं। मीरापुर के ककरौली इलाके में गुस्साई भीड़ ने पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा। पुलिस के मुताबिक यहां पर दो पक्षों के बीच झड़प हुई थी। दरअसल मीरापुर उपचुनाव-मतदान के दौरान हंगामा देखने को मिला। इस दौरान ककरौली में भीड़ ने पथराव किया। इसके बाद पुलिस को हालात को ठंडा करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान मौके पर पुलिस अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। फिलहाल हालात सामान्य हैं।

मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया, "मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान थाना ककरौली क्षेत्र के अंतर्गत गांव ककरौली के पास दो पक्षों में छोटी सी झड़प हुई है। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर बल प्रयोग कर सभी को वहां से हटा दिया है। मौके पर शांति व्यवस्था कायम है और मतदान स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से चल रहा है।" बता दें कि बटेंगे तो कटेंगे नारा जो महाराष्ट्र की विधानसभा चुनाव में गूज रहा है, उसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश में हुई थी। इसका प्रयोग हरियाणा, झारखंड और फिर महाराष्ट्र में किया जा रहा है। दरअसल अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले के खिलाफ ये बयान दिया गया था। यूपी के 9 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में 90 प्रत्याशी मैदान में हैं। यहां भाजपा, एसपी और बीएसपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

अगर इन 9 विधानसभा सीटों पर 2022 के चुनाव की बात करें तो 4 समाजवादी पार्टी के पास है, एनडीए के पास 5 सीटें हैं। इसमें से भाजपा के पास तीन और सहयोगी दलों के पास 2 सीटें हैं। टिकटों के बंटवारे में जहां अखिलेश ने मुस्लिम कार्ड खेला है। वहीं भाजपा ने ओबीसी पर दांव लगाया है। भाजपा ने सबसे ज्यादा 5 उम्मीदवार ओबीसी उतारे हैं। जबकि एक दलित और 3 अगड़ी जाति के हैं। मुस्लिम को भाजपा ने कोई टिकट नहीं दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने सबसे ज्यादा 4 उम्मीदवार मुस्लिम उतारे हैं। इसके अलावा ओबीसी 2, दलित 2 उम्मीदवार हैं अगड़ी जाति को एक भी टिकट नहीं दिया गया है।
थाइलैंड में 80 घंटे से फंसे एयर इंडिया के यात्री, दिल्ली आने वाली फ्लाइट की फुकेत में इमरजेंसी लैंडिंग

डेस्क : थाइलैंड के फुकेट में एयर इंडिया के यात्री करीब 80 घंटे से फंसे हैं। फ्लाइट में तकनीकी खराबी आने के कारण उड़ान को रद्द कर दिया है। एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI377 को फुकेट से दिल्ली आना था। 16 नवंबर की रात दिल्ली फ्लाइट आनी थी लेकिन अभी तक नहीं आ पाई है। सूत्रों के अनुसार, 35-40 यात्री हैं अभी फुकेट में हैं, उन्हें आज शाम की फ्लाइट से रवाना किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, तकनीकी खराबी के चलते विमान को 6 घंटे देरी से उड़ने की घोषणा की गई। फिर बोर्डिंग शुरू हुई तो एक घंटे बाद यात्रियों को उतार दिया गया और फ्लाइट को रद्द करने की जानकारी दी गई। एयर इंडिया से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 16 नवंवर को फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन की वजह से विमान को उड़ाया नहीं गया था। 17 नवंबर को जब विमान को उड़ाया गया तो उसमें टेक्निकल इश्यू आ गया, जिसके कारण इमरजेंसी लैंडिंग हुई। विमान ठीक नहीं हो पाया जिसके कारण दिक्कत हुई।

सभी यात्री को स्टे का इंतज़ाम किया गया और सभी के किराये वापस किए जाएंगे। सूत्रों ने कहा की कई यात्रियों को भेज दिया गया है। 35-40 यात्री फुकेट में हैं। उन्हें आज शाम की फ्लाइट से रवाना किया जाएगा।

सोशल मीडिया पर यात्रियों द्वारा डाले गए कई पोस्ट के अनुसार, एयर इंडिया की नई दिल्ली जाने वाली उड़ान के 100 से अधिक यात्री तकनीकी खराबी के कारण कई देरी के बाद 80 घंटे से अधिक समय से थाईलैंड के फुकेत में फंसे हुए हैं।  यात्रियों के मुताबिक, फ्लाइट 16 नवंबर की रात को दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली थी, लेकिन एयरलाइन के प्रतिनिधियों ने यात्रियों को तकनीकी खराबी के कारण छह घंटे की देरी की सूचना दी। यात्रियों का आरोप है कि हवाईअड्डे पर घंटों इंतजार कराने के बाद उन्हें विमान में चढ़ने के लिए कहा गया, लेकिन एक घंटे बाद उन्हें विमान से उतार दिया गया। उड़ान रद्द कर दी गई।  यात्रियों में बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे।

इसके बाद विमान को उड़ान के लिए तैयार किया गया। यात्रियों का कहना है कि उन्हें बताया गया कि यह वही विमान है, लेकिन खराबी ठीक कर दी गई थी। विमान ने उड़ान भरी और उड़ान भरने के करीब ढाई घंटे बाद वापस फुकेत में उतरा और यात्रियों को फिर बताया गया कि तकनीकी खराबी आ गई है। तब से यात्री फुकेत में फंसे हुए हैं।
अजमेर की लेडी डॉन ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की फोटो लगाकर बनाई रील, इंस्टा पर लगाई ऐसी स्टोरी, पुलिस ने घर से दबोचा


डेस्क: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की फोटो लगाकर इंस्टाग्राम पर रील बनाना युवती को भारी पड़ गया। इंस्टाग्राम स्टोरी पर कारतूस व हथियारों की फोटो पोस्ट करने वाली 19 साल की युवती शिवानी को हिरासत में लिया गया है। उसने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर खुद को लेडी डॉन लिखा हुआ है।

अजमेर की सिविल लाइन थाना पुलिस ने उसके घर पर दबिश देकर पकड़ा और थाने लेकर आ गई। युवती ने 16 घंटे पहले इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर की थी। युवती ने स्टोरी में हथियारों और कारतूस से 'S' लिखी फोटो को पोस्ट कर रखी है।

अपने एक अन्य सोशल मीडिया प्रोफाइल पर खुद को लेडी डॉन लिखा हुआ है। इसके अलावा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की कवर फोटो लगाकर रील बनाकर अपलोड किया है।

इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी हिमांशु जांगिड़ ने बताया कि सिविल लाइन थाना पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस टीम मंगलवार सुबह युवती शिवानी के घर पहुंची। उसे डिटेन कर थाने लेकर आई।

10 महीने पहले भी क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस ने युवती को गिरफ्तार किया था। युवती ने फेमस होने के लिए पिस्टल के साथ अजमेर की आनासागर चौपाटी पर रील बनाकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट की थी। वीडियो पर गैंगस्टर लिखा था। इससे पहले भी अजमेर पुलिस ने दो युवकों को लॉरेंस विश्नोई को फॉलो करने के आरोप में हिरासत में लिया था।
महाराष्ट्र में ‘कैश फॉर वोट’ या कहानी कुछ और? विनोद तावड़े ने पैसे बांटने का आरोप किया खारिज

डेस्क : महाराष्ट्र में वोटिंग से ठीक एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े पर वोटर्स को कैश बांटने का आरोप लगा है। तावड़े पर यह आरोप बहुजन विकास अघाड़ी ने लगाया है। BVA का आरोप है कि बीजेपी नेता तावड़े ने ठाणे में वोटर्स को पैसे बांटे हैं। वहीं, बीजेपी नेता ने इन आरोपों को खारिज किया है। बहुजन विकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और तावड़े पर 5 करोड़ रुपये कैश बांटने का आरोप लगाया। हंगामे के बीच पुलिस अधिकारी भी होटल पहुंच गए और मामले को संभालने की कोशिश की।

बहुजन विकास अघाड़ी के नेताओं ने तावड़े की गाड़ी की जांच करने की मांग की है। MVA नेता और विधायक क्षितिज ठाकुर ने दावा किया कि तावड़े की डायरी से लेन-देन की पुष्टि होती है। तावड़े के पिता हितेंद्र ठाकुर ने दावा किया कि बीजेपी नेता ने उन्हें कई बार फोन किया और माफी मांगी है। वहीं, बीजेपी नेता तावड़े ने सभी आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, 'मैं पैसे नहीं बांट रहा था। मैं आचार संहिता का नियम समझाने गया था। चुनाव आयोग चाहे तो जांच करवा ले। पुलिस चाहे तो सीसीटीवी फुटेज की जांच करवा ले।'

शिवसेना यूबीटी के चीफ उद्धव ठाकरे ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैं जब मां तुलजाभवानी के दर्शन के लिए आ रहा था तब चुनाव आयोग के अधिकारियों ने मेरा बैग चेक किया। ठाकरे ने कहा, 'हालांकि उन्हें कुछ नहीं मिला। अब पता चला है कि विनोद तावड़े के बैग से पैसे मिले हैं। कल भी अनिल देशमुख पर जो हमला हुआ, पत्थर कहां से आए इसकी जांच करनी चाहिए थी। मैं मां तुलजाभवानी से प्रार्थना करता हूं कि इस भ्रष्ट और दहशत फैलाने वाली सरकार को राज्य से उखाड़ फेंका जाए।' इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा कि जो काम चुनाव आयोग को करना चाहिए वह ठाकुर कर रहे हैं।
एक साथ आए एलन मस्क और इसरो, SpaceX ने अंतरिक्ष में पहुंचाया भारत का सैटेलाइट

डेस्क: दुनिया में दो अंतरिक्ष एजेंसियां बीते कुछ समय से चर्चा के केंद्र में हैं। पहली अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की स्पेस-एक्स और दूसरी भारत की इसरो। दोनों एजेंसियों ने ही बीते कुछ समय से सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। वहीं, अब इसरो और स्पेस-एक्स एक मिशन के लिए साथ आए हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने सबसे एडवांस संचार सैटेलाइट को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च किया है। आइए जानते हैं इस लॉन्च के बारे में खास बातें।

स्पेसएक्स ने भारत के जिस सैटेलाइट को लॉन्च किया है उसे GSAT N-2 या फिर GSAT 20 के नाम से भी जाना जाता है। इस कमर्शियल सैटेलाइट का वजन 4,700 किलोग्राम है और इसे दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाएं, साथ ही यात्री विमानों के लिए उड़ान के दौरान इंटरनेट प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस सैटेलाइट को अमेरिका में फ्लोरिडा के केप कैनावेरल में स्थित लॉन्च कॉम्प्लेक्स से अंतरिक्ष में भेजा गया। केप कैनावेरल को स्पेसएक्स ने यूएस स्पेस फोर्स ले लीज पर लिया है।

SpaceX द्वारा किया गया लॉन्च न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के माध्यम से इसरो और स्पेसएक्स के बीच पहला ऐसा कदम है। साथ ही ये इसरो की ओर से बनाया गया पहला ऐसा सैटेलाइट है जो कि एडवांस KA बैंड फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करता है। इसकी रेडियो फ्रीक्वेंसी की रेंज 27 और 40 गीगाहर्ट्ज़ (गीगाहर्ट्ज) के बीच है जो कि हाई बैंडविड्थ देती है। GSAT-N2 भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाओं की दक्षता और कवरेज को बढ़ाएगा।

रिपोर्ट्स की मानें तो वर्तमान में, इसरो के पास 4,700 किलोग्राम तक के पेलोड को लॉन्च करने में सक्षम रॉकेटों की कमी है। भारत के लॉन्चिंग यान एलवीएम-3 की क्षमता 4,000 किलोग्राम तक है। लेकिन इस लॉन्च की आवश्यकताएं इसरो की क्षमताओं से अधिक थीं। इसी कारण इस मिशन के लिए स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट को चुना गया है।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में एक और आरोपी गिरफ्तार, आकाशदीप गिल को पंजाब से पकड़ा, अब तक 24 आरोपी पकड़े गए



डेस्क: एनसीपी (अजित गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में मुंबई पुलिस को एक और सफलता मिली है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने पंजाब पुलिस के साथ मिलकर इस मामले के एक और आरोपी को पंजाब के फाजिल्का से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की नाम आकाशदीप करजसिंह गिल है।

आरोपी को गिरफ्तार कर मुंबई पुलिस सरकारी अस्पताल ले गई जहां उसका मेडिकल कराया गया और फिर स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत में महाराष्ट्र पुलिस को आरोपी की ट्रांजिट रिमांड दे दी। बता दें कि बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में अब तक कुल 24 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। हर आरोपी से पूछताछ में कुछ न कुछ चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम सामने आ रहा है।

इससे पहले बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में गिरफ्तार संदिग्ध मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम एवं चार अन्य आरोपियों को मुंबई की एक अदालत ने 19 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। त्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और मुंबई अपराध शाखा ने रविवार को शूटर शिवकुमार (20) तथा उसके चार साथियों को उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के नानपारा से गिरफ्तार किया था।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सिद्दीकी (66) की 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा ईस्ट में विधायक और उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सिद्दीकी के सीने पर दो गोलियां लगीं और उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी।

उप्र एसटीएफ के अनुसार गिरफ्तार आरोपी शिव कुमार ने पूछताछ के दौरान बताया कि बताया कि वह पुणे में एक कबाड़ की दुकान में काम करता था। शिवकुमार ने पुलिस को बताया कि उसकी और शुभम लोनकर की दुकान एक-दूसरे के बगल में थी। एसटीएफ के अनुसार, शिवकुमार ने उन्हें बताया कि शुभम लोनकर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता है और उसने (लोनकर ने) स्नैप चैट के जरिए कई बार उसकी (शिवकुमार की) लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से बात कराई थी। एसटीएफ के मुताबिक, शिवकुमार ने बताया कि सिद्दीकी की हत्या के बाद उसे 10 लाख रुपये और साथ ही हर महीने कुछ न कुछ मिलने वाला था।
मणिपुर: 2 मंत्रियों और 3 विधायकों के घर में घुसी भीड़, अगले आदेश तक कर्फ्यू लागू




डेस्क: मणिपुर में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इंफाल में शनिवार को प्रदर्शनकारी दो मंत्रियों तथा तीन विधायकों के आवास में घुस गये। ये लोग जिरिबाम जिले में तीन लोगों की मौत के सिलसिले में न्याय की मांग कर रहे थे। विधायकों के घरों पर भीड़ के घुस जाने के बाद इंफाल पश्चिम (जिला) प्रशासन को जिले में अनिश्चित काल के लिए निषेधाज्ञा लगानी पड़ी। इंफाल पश्चिम के जिलाधिकारी टी किरण कुमार ने आदेश जारी कर शनिवार को शाम साढ़े चार बजे कर्फ्यू लगा दिया। इस बीच गृह मंत्रालय में मणिपुर में तैनात सुरक्षा बलों को साफ निर्देश दिए हैं कि उपद्रवियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया जाए।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लामफेल सनाकेथेल इलाके में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सपाम रंजन के आवास में भीड़ घुस गयी। लामफेल सनाकीथेल विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि डेविड ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सपाम ने हमें आश्वासन दिया कि तीन लोगों की मौत से संबंधित मुद्दों पर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की जाएगी और अगर सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान करने में विफल रहती है तो मंत्री अपना इस्तीफा दे देंगे।’’

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसिंद्रो सिंह के घर में भी घुस गये। इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद इलाके में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विधायक आर के इमो के आवास के सामने एकत्र होकर नारेबाजी की। इमो मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद भी हैं। प्रदर्शनकारियों ने तीन लोगों की मौत पर सरकार से उचित कार्रवाई की मांग की और अधिकारियों से ‘24 घंटे के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार करने’ की अपील की।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टिडिम रोड पर प्रदर्शनकारी केशामथोंग के निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह से मिलने उनके निवास पहुंचे लेकिन जब उन्हें बताया गया कि विधायक राज्य में नहीं है तब उन्होंने उनके स्वामित्व वाले एक स्थानीय समाचार पत्र के कार्यालय भवन को निशाना बनाया।

उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात मणिपुर-असम सीमा पर जिरि और बराक नदियों के संगम के करीब तीन शव बरामद किये गये। संदेह है कि ये तीनों शव उन छह लोगों में तीन के शव हैं जो जिरिबाम जिले से लापता हो गये। जिरिबाम जिले के बोरोबेकरा से करीब 16 किलोमीटर दूर एक महिला एवं दो बच्चों के शव मिले थे। बोरोबेकरा के समीप एक स्थान से छह लोग सोमवार को लापता हो गये थे।
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में बड़ा खुलासा, शाम 5 बजे ही मिल गया था बड़े हादसे का संकेत

डेस्क: झांसी के महरानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक शिशु वार्ड में शुक्रवार की शाम 5 बजे के आसपास भी शॉर्ट सर्किट हुआ था। सूत्रों ने बताया कि पहली बार हुए शॉर्ट सर्किट को अनदेखा किया गया था। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने लापरवाही बरतते हुए शॉर्ट सर्किट को नज़रअंदाज़ किया था। इसकी वजह से ये भीषण अग्निकांड जैसी घटना हुई।

सूत्रों के मुताबिक, शिशु वार्ड में दूसरी बार 10:45 पर शॉर्ट सर्किट हुआ। इसके बाद अस्पताल के NICU वार्ड में भीषण आग लग गई। अब सवाल उठता है कि जब शॉर्ट सर्किट शाम को हुआ था तो अस्पताल प्रशासन क्यों सचेत नहीं हुआ। अगर शाम को ही बच्चों को वहां से हटा लिया जाता तो शायद बच्चों की मौत नहीं।

बता दें कि झांसी में राजकीय महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज की एनआईसीयू में आग लगने से 10 नवजात बच्चे जिंदा जल गए। आग शुक्रवार रात करीब 10.20 बजे लगी थी। नवजात शिशुओं को एनआईसीयू से निकालने के लिए खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए गए। 39 शिशुओं को बचाया गया। शिशुओं की हालत स्थिर बताई गई है।

झांसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मीडिया को बताया कि सरकार इस त्रासदी की गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने घोषणा की कि मजिस्ट्रेट जांच के अलावा तीन स्तरों पर जांच की जाएगी - स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक  ने कहा कि घटना कैसे हुआ। क्यों हुई पता लगाएंगे , जिम्मेदारी तय करेंगे , किसी को छोड़ेगे नहीं। उन्होंने कहा कि फायर सेफ्टी आडिट हुआ था। मॉक ड्रिल भी किया गया था। अभी 17 बच्चे अस्पताल में हैं। 10 बच्चों की दुखद मौत हुई है। इसमें 7 बच्चों की पहचान हो गई है।  3 बच्चों की शिनाख्त नहीं हो पा रही है। परिजनों से संपर्क किया जा रहा है।
राहुल गांधी और शरद पवार के हेलीकॉप्टर की ली गई तलाशी, संजय राउत का बैग भी किया गया चेक


डेस्क: भारतीय चुनाव आयोग के अधिकारियों ने शनिवार को अमरावती में कांग्रेस नेता और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की जांच की। वहीं, रायगढ़ में एनसीपी (शरद) के प्रमुख शरद पवार के हेलीकॉप्टर की भी जांच की गई। इस बीच नासिक में शिवसेना (उद्धव ठाकुरे) गुट के नेता संजय राउत का बैग भी चेक किया गया।

जानकारी के अनुसार,  जैसे ही राहुल गांधी अमरावती के धामनगांव रेलवे के हेलीपैड पर पहुंचे वहां पर मौजूद चुनाव आयोग के अधिकारी उनके हेलीकॉप्टर की तलाशी लेने लगे। राहुल गांधी के बैग की जांच की गई। इस दौरान थोड़ी देर तक राहुल गांधी हेलीकॉप्टर के पास रहे।

इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी रैली से पहले हिंगोली में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने उनके बैग की भी जांच की थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने बाद में कहा कि चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने वाले नेताओं के बैग की जांच कर रहा है। भाजपा निष्पक्ष चुनाव और स्वस्थ चुनाव प्रणाली में विश्वास करती है और माननीय चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए सभी नियमों का पालन करती है।

वहीं, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने आज ठाणे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बैग की जांच की। मुख्यमंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं के निर्वाचन क्षेत्रों में बैठक के लिए रेमंड हेलीपैड से कोंकण जा रहे थे।
रूस बंद करेगा यूक्रेन के रास्ते ऑस्ट्रिया समेत अन्य देशों को गैस सप्लाई, पूरे यूरोप में मचेगा हाहाकार


डेस्क: रूस ने शुक्रवार को ऑस्ट्रिया से कहा कि वह शनिवार को यूक्रेन के माध्यम से गैस वितरण को निलंबित कर देगा। इसके बाद यूरोप के तमाम देशों में हड़कंप मच गया है। यह एक ऐसा घटनाक्रम है जो यूरोप में मॉस्को के अंतिम गैस प्रवाह के तेजी से समाप्त होने का संकेत दे रहा है। बता दें कि यूरोप के लिए यह रूस का सबसे पुराना गैस-निर्यात मार्ग है। जो कि यूक्रेन के माध्यम से सोवियत काल से चला रहा है। मगर यूक्रेन के रास्ते यूरोप तक जाने वाली गैस की यह पाइपलाइन भी इस साल के अंत में बंद होने वाली है। इससे पूरे यूरोप को गैस आपूर्ति के संकटों का सामना करना पड़ सकता है।

यूक्रेन ने कहा है कि वह रूसी राज्य के स्वामित्व वाली गज़प्रॉम (GAZP.MM) के साथ पारगमन समझौते का विस्तार नहीं करेगा। रूसी गैस उत्पादक यूक्रेन के माध्यम से ओएमवी तक प्राकृतिक गैस की डिलीवरी रोक देगा। रूस-यूक्रेन के बीच पांच साल का मौजूदा करार समाप्त होने के बाद यूक्रेन के रास्ते यूरोप को रूसी गैस की आपूर्ति 1 जनवरी 2025 से पूरी तरह से बंद हो सकती है। क्योंकि कीव ने युद्ध के दौरान मास्को के साथ पारगमन की नई शर्तों पर बातचीत करने से इनकार कर दिया है। यदि यूक्रेन के माध्यम से रूसी गैस पारगमन पूरी तरह से बंद हो जाता है तो आइये जानते हैं कि कौन सबसे अधिक प्रभावित होगा?

यूक्रेन के रास्ते यूरोप को रूसी गैस की आपूर्ति अपेक्षाकृत कम है। रूस ने 2023 में यूक्रेन के माध्यम से लगभग 15 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) गैस भेजी जो कि यूरोप को 2018-2019 में विभिन्न मार्गों के माध्यम से प्रवाहित कुल रूसी गैस से केवल 8% कम है। रूस ने अपनी यूरोपीय गैस बाज़ार में हिस्सेदारी बनाने में आधी सदी लगा दी है। जो कभी अपने चरम पर 35% तक थी। मगर 2022 में यूक्रेन पर  आक्रमण के बाद से मॉस्को ने नॉर्वे, संयुक्त राज्य अमेरिका और कतर जैसे प्रतिद्वंद्वियों से अपना हिस्सा खो दिया, जिससे यूरोपीय संघ को रूसी गैस पर अपनी निर्भरता में कटौती करने के लिए प्रेरित किया गया।

रूसी गैस आपूर्ति में कमी के बाद 2022 में यूरोपीय संघ की गैस की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। सोवियत काल की उरेंगॉय-पोमरी-उज़गोरोड पाइपलाइन साइबेरिया से रूस के कुर्स्क क्षेत्र के सुद्ज़ा शहर के माध्यम से गैस लाती है - जो अब यूक्रेनी सैन्य बलों के नियंत्रण में है। फिर यह यूक्रेन से होते हुए स्लोवाकिया तक बहती है। स्लोवाकिया में, गैस पाइपलाइन चेक गणराज्य और ऑस्ट्रिया तक जाने वाली शाखाओं में विभाजित हो जाती है। ऑस्ट्रिया अभी भी अपनी अधिकांश गैस यूक्रेन के माध्यम से प्राप्त करता है, जबकि रूस हंगरी के गैस आयात का लगभग दो-तिहाई हिस्सा लेता है।

स्लोवाकिया ऊर्जा दिग्गज गज़प्रॉम (GAZP.MM) से लगभग 3 बीसीएम लेता है, प्रति वर्ष नया टैब खोलता है, जो उसकी जरूरतों का लगभग दो-तिहाई है।

चेक गणराज्य ने पिछले साल पूर्व से गैस आयात लगभग पूरी तरह से बंद कर दिया था, लेकिन 2024 में रूस से गैस लेना शुरू कर दिया है। यूरोप के लिए अधिकांश अन्य रूसी गैस मार्ग बंद हैं, जिनमें बेलारूस के माध्यम से यमल-यूरोप और बाल्टिक के तहत नॉर्ड स्ट्रीम शामिल हैं। यूरोप के लिए एकमात्र अन्य परिचालन रूसी गैस पाइपलाइन मार्ग काला सागर के नीचे तुर्की तक ब्लू स्ट्रीम और तुर्कस्ट्रीम है। तुर्की कुछ रूसी गैस की मात्रा हंगरी सहित यूरोप भेजता है।

कई यूरोपीय देश अभी भी चाहते हैं रूस से गैस
गैस सप्लाई का यूक्रेनी मार्ग अभी भी काम करता है? जबकि शेष रूसी गैस लाइनें सीमित हैं। यह मुद्दा यूरोपीय संघ के लिए एक दुविधा बना हुआ है। फ्रांस और जर्मनी जैसे कई यूरोपीय संघ के सदस्यों ने कहा है कि वे अब रूसी गैस नहीं खरीदेंगे, लेकिन मास्को से घनिष्ठ संबंध रखने वाले स्लोवाकिया, हंगरी और ऑस्ट्रिया का रुख यूरोपीय संघ के सामान्य दृष्टिकोण को चुनौती देता है।

अभी भी रूसी गैस प्राप्त करने वाले देश इसके सबसे किफायती ईंधन होने का तर्क देते हैं और वैकल्पिक आपूर्ति के लिए उच्च पारगमन शुल्क लगाने के लिए पड़ोसी यूरोपीय संघ के देशों को भी दोषी मानते हैं। रॉयटर्स की गणना के अनुसार, प्रति 1,000 क्यूबिक मीटर 200 डॉलर की औसत गैस कीमत के आधार पर रूस यूक्रेन के माध्यम से बिक्री पर 3 अरब डॉलर से अधिक कमाता है।