उपचुनाव : नौ विधानसभा क्षेत्रों में बनाये गये हैं 3718 मतदान केंद्र,सुबह सात बजे से होगा मतदान
लखनऊ। प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर बुधवार को होने वाले उपचुनाव के लिए सोमवार शाम को सभाओं का दौर खत्म हो गया लेकिन पैदल प्रचार में तेजी आ गयी। उम्मीदवार और समर्थक घर-घर जाकर लोगों को समझाने के साथ ही अपने मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने की रणनीति बनाने में जुट गए। राजनीतिक दल अपने-अपने बूथ अध्यक्षों तक वोटर लिस्ट पहुंचा रहे हैं। दूसरी तरफ निर्वाचन आयोग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। सभी नौ क्षेत्रों में कुल 3718 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं।

बुधवार की सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो जाएगा। प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों मीरापुर, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी, मझवां में उपचुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग ने बताया कि मतदान बुधवार सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक चलेगा। चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 843 भारी वाहन, 762 हल्के वाहन और 16318 मतदान कर्मी लगाए गए हैं। मतदान के लिए 5151 ईवीएम की कंट्रोल यूनिट, 5171 बैलट यूनिट और 5524 वी०वी०पैट तैयार किए गए हैं। इस चुनाव में कुल 90 उम्मीदवार हैं। इस चुनाव को कराने के लिए आयोग ने नौ सामान्य प्रेक्षक, पांच पुलिस प्रेक्षक और नौ व्यय प्रेक्षक तैनात किए हैं। नौ विधानसभा क्षेत्रों में कुल 3718 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं।

इसमें 1917 मतदान केन्द्र ऐसे हैं, जिनकी मानिटरिंग लखनऊ से होती रहेगी। चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। 1994 मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है।उपचुनाव के लिए कुल 74 आदर्श मतदान केंद्र, 10 समस्त महिला प्रबंधित मतदान केंद्र, 7 समस्त युवा कर्मी मतदान केंद्र और 6 समस्त दिव्यांग प्रबंधित मतदान केंद्र बनाए गए हैं। निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता फोटो पहचान पत्र के अलावा 12 अन्य पहचान पत्र मतदान के लिए मान्य होंगे। मतदान प्रतिशत की जानकारी हर 2 घंटे पर मीडिया को भेजी जाएगी।
एनजीटी के सवाल के बहाने सपा प्रमुख अखिलेश ने सरकार को घेरा
लखनऊ /वाराणसी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने असि और वरुणा नदी की दुर्दशा पर वाराणसी के जिलाधिकारी को कड़ी फटकार लगाई है। इसको लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया के जरिए सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर कर लिखा कि जिन्होंने माँ गंगा से झूठ बोला, उनके वादों पर न जाएं।

नमामि गंगे व स्वच्छ गंगा के नाम पर भाजपा सरकार में पिछले 10 वर्षों में अरबों रुपयों के फंड निकाले तो गये पर वो फंड माँ गंगा के घाट तक नहीं पहुँचे। उन्होंने लिखा कि फाइलों में गंगा जी के स्वच्छ, अविरल, निर्मल होने के दावों का सच ये है कि वाराणसी में माँ गंगा इतनी दूषित हो चुकी हैं कि पीने योग्य तो छोड़िए, ये जल नहान-स्नान के लायक भी नहीं है। इसी संदर्भ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जिÞलाधिकारी से ये पूछकर सारा सच स्पष्ट कर दिया है कि क्या आप गंगाजल पी सकते हैं? साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल की ये सलाह भी डबल इंजन की सरकार के लिए चुल्लू भर पानी में डूबने के बराबर है कि उनके राज में तथाकथित क्योटो अर्थात काशी के डीएम साहब अपनी पॉवर का इस्तेमाल करते हुए गंगा किनारे एक चेतावनी भरा बोर्ड लगवा दें कि ये गंगा जल पीने-नहाने योग्य नहीं है।

गौरतलब हो कि बीते सोमवार को दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए एनजीटी की दो सदस्यीय पीठ ने वाराणसी के जिलाधिकारी से पूछा कि क्या आप गंगा का पानी पी सकते हैं? आप अपने आपको असहाय मत महसूस करिए। जिलाधिकारी हैं आप, अपनी शक्तियों का उपयोग करिए और एनजीटी के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करिए। नदी किनारे बोर्ड लगवा दीजिए कि गंगा जल नहाने और पीने योग्य नहीं है। जस्टिस अरुण कुमार त्यागी व विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल ने असि और वरुणा नदी मामले की सुनवाई करते हुए तल्ख टिप्पणी भी की। न्यायमूर्ति ने कहा कि क्यों नहीं बोर्ड लगा देते हैं कि गंगा का पानी नहाने व पीने योग्य नहीं है?।

आप लोग अपनी सुविधा के मुताबिक काम करते हैं। याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी के अनुसार एनजीटी ने मामले को महत्वपूर्ण करार देते हुए सुनवाई के लिए अगली तिथि 13 दिसंबर को तय की है। तीन महीने पहले सुनवाई में एनजीटी ने वाराणसी जिलाधिकारी पर 10 हजार रुपए का जुमार्ना भी लगाया था।
राष्ट्रीय एकता व सुशासन को समर्पित होगा वर्ष 2025 : योगी
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में भावी कार्यक्रमों पर चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आगामी वर्ष 2025 अत्यंत महत्वपूर्ण होने जा रहा है। यह
वर्ष धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जाना है, तो यह लौहपुरुष सरदार पटेल की 150 वीं जयंती का भी वर्ष है। एक ओर जहां हम संविधान अंगीकार करने का अमृत महोत्सव मनाएंगे, वहीं लोकतंत्र की हत्या 'आपातकाल' के 50 वर्ष पूरे होने पर लोगों को जागरूक भी किया जाना है।

लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती भी इसी वर्ष मनाई जाएगी। 2025 का यह वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री अटल की जन्मशताब्दी वर्ष है तो इसी वर्ष हमें जीरो पॉवर्टी का लक्ष्य भी पूरा करना है। यह पूरा वर्ष अंत्योदय से सर्वोदय, राष्ट्रीय एकता और सुशासन की परिकल्पना को समर्पित होगा। इनके दृष्टिगत पूरे वर्ष आयोजन किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर से प्रारंभ हो रहे 'संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष' की शुरूआत पर राजधानी लखनऊ में शासन स्तर के साथ-साथ सभी सरकारी संस्थानों, विभागों, कार्यालयों, विद्यालयों, विश्वविद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली जानी चाहिए। स्कूल, कॉलेजों में निबंध और डिबेट आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। संसदीय कार्य विभाग इसका नोडल विभाग होगा।

पूरे वर्ष होने वाले कार्यक्रमों की विस्तृत कार्ययोजना यथाशीघ्र जारी कर दी जाए। प्रयागराज महाकुम्भ में पूरी दुनिया से लोगों का आगमन होगा। यह दुनिया के लिए भारत को जानने, समझने का सुअवसर है। महाकुम्भ में भारतीय संविधान पराधारित 'संविधान गैलरी' तैयार कराई जाए। यहां संविधान सभा के गठन चर्चा-परिचर्चा, संविधान के बनने की पूरी प्रक्रिया को आॅडियो-विजुअल माध्यम से प्रदर्शित किया जाए। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार जनजातीय समाज की संस्कृति के संरक्षण और जनजातीय समाज के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। बलरामपुर के इमिलिया कोडर में जनजातीय संग्रहालय भी स्थापित किया गया है, जबकि दो और संग्रहालय भारत सरकार द्वारा स्थापित कराए जा रहे हैं।

महाकुम्भ में भगवान बिरसा मुंडा पर और प्रदेश की जनजातीय संस्कृति, सरकार के प्रयासों पर केंद्रित विशेष गैलरी बनाया जाए। अटल जी की जन्मशताब्दी के अवसर पर विश्वविद्यालयों में अटल शोध पीठ तथा सुशासन पीठ की स्थापना कराई जानी चाहिए। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इसमें आवश्यक कार्यवाही की जाए। इसी प्रकार, सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्ष में राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करते हुए पूरे वर्ष विविध कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाना चाहिए। गृह विभाग इसका नोडल विभाग होगा। उन्होंने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती को पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर मनाया जाना चाहिए। आक्रांताओं के कालखण्ड में किस प्रकार अहिल्याबाई जी ने भारतीय सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवन दिया।इससे नई पीढ़ी को परिचित कराया जाना चाहिए। अहिल्याबाई जी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर स्कूल कॉलेजों में निबन्ध, डिबेट और सेमिनार का आयोजन भी कराया जाए।

'लोकतंत्र की हत्या' आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोगों को अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से इसकी विभीषिका से नई पीढ़ी को परिचित कराया जाना चाहिए। इस दौरान लोकतंत्र रक्षक सेनानियों का सम्मेलन कराया जाना चाहिए। इस संबंध में सूचना विभाग द्वारा आवश्यक कार्ययोजना तैयार की जाए।
सपा सांसद लालजी वर्मा ने प्रशासन पर मतदाताओं को डराने का आरोप लगाया, अपनी सुरक्षा कर दी वापस

लखनऊ।यूपी के अंबेडकरनगर जिले में कटेहरी विधानसभा में उपचुनाव होना है। यहां से सपा सांसद लालजी वर्मा ने प्रशासन पर मतदाताओं को डराने का आरोप लगाया। सांसद ने अपनी सुरक्षा वापस कर दी है।

उन्होंने एसपी को लिखे पत्र में कहा कि लाल पर्ची देकर मुस्लिम, कुर्मी, यादव मतदाताओं को डराया जा रहा है। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक है।
पत्र में एसपी पर बीजेपी के पक्ष में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आपने मुझे अतिरिक्त गनर देने की पेशकश की थी, उसकी जरूरत नहीं।मै अपना मौजूदा गनर भी छोड़ रहा हूं।
झांसी अग्निकांड : चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक का बड़ा बयान, शॉर्ट सर्किट से लगी आग

लखनऊ /झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में शुक्रवार की देर रात लगी आग के मामले में घटना की विशेष जांच को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमेटी सोमवार को मेडिकल कॉलेज पहुंची। टीम ने पूरे दिन विभिन्न बिंदुओं पर जांच की। यही नहीं मृतकों के परिजनों, चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ तक के बयान दर्ज किए गए। इस बीच चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक किंजल सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट से ही लगी थी। आग लगने पर अलार्म भी बजा था। तभी इतने बच्चों की जान बचाई जा सकी।

आग लगने पर अलार्म भी बजा था

मेडिकल कॉलेज अग्निकांड की जांच करने के लिए लखनऊ से झांसी पहुंची स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीम की अध्यक्ष चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक किंजल सिंह और अग्नि शमन विभाग के अधिकारी, बिजली विभाग के अधिकारी व डीजी हेल्थ ने पूरे दिन जांच की। हर बिंदु पर जांच करते हुए मृत नवजातों के परिजनों, जूनियर डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ से वार्ता कर उनके बयान दर्ज किए। मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने बताया कि घटना का कारण शॉर्ट सर्किट ही पाया गया है। उन्होंने बताया कि आग लगने पर अलार्म भी बजा था। इसकी पुष्टि मृत नवजातों के परिजनों ने भी अपने बयानों में की है। जूनियर डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ ने भी यही बताया है। जिन खिड़कियों को तोड़कर सेवा भारती व अन्य चिकित्सकों ने बच्चों को निकाला उन्हें, आपातकालीन खिड़की बताया।

12 साल से केबिल न बदले जाने के प्रश्न पर साधी चुप्पी

एक ही निकास द्वार के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि एक नहीं दो निकास हैं। 12 वर्षों से केबिल न बदले जाने और लोड बढ़ाए जाने के सवाल के जबाब में उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग के अधिकारी जांच कर रहे हैं। शिशुओं की भर्ती क्षमता पर उन्होंने बताया कि 18 बैड हैं। लेकिन मेडिकल कॉलेज चाहता है कि अधिक से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सके। उन्होंने बताया कि अभी जांच पूरी होने तक टीम यहीं रहेगी। आज फिर से घटना स्थल का दौरा करते हुए मैप आदि बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 7 दिनों में टीम अपनी विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। हालांकि समयावधि बीतने वाले अग्निशमन यंत्र और तमाम अव्यवस्थाओं के प्रश्नों के जवाब अब भी अधूरे हैं।
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च तक
लखनऊ/प्रयागराज। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद् ने सोमवार को यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षाएं एक साथ 24 फरवरी से प्रारम्भ होकर 12 मार्च का समाप्त होगी। यह जानकारी सोमवार को यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने देते हुए बताया कि उक्त परीक्षाएं दो पालियों में होगी। प्रथम पाली में प्रातः 8.30 से 11.45 बजे तक तथा द्वितीय पाली सायं 2 से 5.15 बजे तक होगी।

24 फरवरी को पहली पाली में हाई स्कूल के हिंदी और इंटरमीडिएट के सैन्य विज्ञान की परीक्षा होगी। दूसरी पाली में हाईस्कूल के हेल्थ केयर और इंटरमीडिएट हिंदी की परीक्षा होगी। 28 फरवरी को हाईस्कूल के अरबी, फारसी, पाली और संगीत गायन की और इंटरमीडिएट के गृह विज्ञान विषय की परीक्षा होगी। इसके बाद एक मार्च को हाईस्कूल गणित, ऑटोमोबाइल और वाणिज्य की परीक्षा होगी। जबकि इंटरमीडिएट में फल एवं खाद्य संरक्षण समेत कई व्यावसायिक विषयों की परीक्षाएं होंगी। तीन मार्च से छह दिन लगातार यानी आठ मार्च तक परीक्षा होगी। इस दौरान हाईस्कूल के संस्कृत, विज्ञान व कृषि, मानव विज्ञान व एनसीसी, खुदरा व्यापार व मोबाइल रिपेयरिंग, अंग्रेजी व सुरक्षा और गृह विज्ञान विषय की परीक्षा होगी।

नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए किए गए हैं पुख्ता प्रबंध

वहीं, इंटरमीडिएट के जीव विज्ञान, गणित व चित्रकला, पाली, अरबी, फारसी, लेखाशास्त्र व अर्थशास्त्र, उर्दू, गुजराती, पंजाबी व इतिहास, संगीत गायन, वादन, नृत्य कला व भौतिक विज्ञान, कंप्यूटर व मानव विज्ञान और रसायन विज्ञान की परीक्षा होगी। 10, 11 और 12 मार्च को हाईस्कूल के क्रमशः चित्रकला, सामाजिक विज्ञान और क्षेत्रीय भाषाओं की परीक्षा होगी। इस दौरान इंटरमीडिएट के भूगोल, संस्कृत और आखिरी दिन अंग्रेजी की परीक्षा होगी। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।

पिछले वर्ष जैसा फिर रिकॉर्ड बनाने की तैयारी

पिछले वर्ष भी बोर्ड की परीक्षा 12 दिन में पूरी कर ली गई थी। यूपी बोर्ड की परीक्षा 22 फरवरी से 9 मार्च तक हुई थी उसके बाद 16 मार्च से मूल्यांकन का काम शुरू होकर 30 मार्च तक पूरा हो गया था। 20 अप्रैल को परिणाम जारी कर दिया गया था। इस बार परीक्षाएं 12 मार्च को खत्म हो जाएगी। उसके बाद मूल्यांकन और अन्य प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अन्य बोर्ड के सापेक्ष सबसे पहले परीक्षा पूरी करने का प्रयास किया गया है।

कुंभ के बाद कराने का भेजा गया था प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं इस बार महाकुंभ की वजह से महाशिवरात्रि के आखिरी स्नान पर्व के बाद कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था।यूपी बोर्ड प्रशासन के एक बड़े अफसर ने नाम न छापने के आग्रह पर इसकी पुष्टि थी।बोर्ड का मानना है कि विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम के रूप में होने वाले महाकुंभ में इस बार देश ही नहीं, दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालुओं की भीड़ संगम नगरी में उमड़ेगी। ऐसे में बोर्ड की परीक्षाएं आखिरी स्नान पर्व के बाद ही कराना उचित होगा। वर्ष 2024 में परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू हो गई थीं। पिछले पांच साल के दौरान सिर्फ वर्ष 2022 में बोर्ड परीक्षा मार्च में कराई गई थी।
विस उपचुनाव : प्रचार खत्म, अंतिम दिन बसपा को छोड़ सभी दलों ने झोंकी ताकत, आज पोलिंग पार्टियां होगी रवाना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार का प्रचार थम गया। सोमवार को अंतिम दिन जहां भाजपा व सपा ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। नौ सीटों पर 90 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मतदाता 20 नवम्बर को करेंगे। मंगलवार को पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी।

उत्तर प्रदेश में उपचुनाव जीतने के लिए सपा और भाजपा दोनों पार्टियों ने ताकत लगायी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सभी नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं की हैं। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा उपचुनाव में प्रचार करने निकले हैं। उपचुनाव में सपा व भाजपा के बीच सीधी लड़ाई देखी जा रही है। वहीं छोटे दल बड़े दलों का खेल बिगाड़ने और बनाने में लगे हुए हैं।

जिन सीटों पर चुनाव हो रहा है, उनमें पिछले चुनाव में कुंदरकी,करहल,कटेहरी और सीसामऊ सीट सपा के पास रही है। वहीं गाजियाबाद,खैर व फूलपुर की सीट भाजपा के पास रही है। वहीं रालोद की सीट मीरापुर व मंझवा निषाद पार्टी की सीट रही है। सीसामऊ को छोड़कर सभी सीटों के निर्वाचित विधायक सासंद बन जाने के कारण विधानसभा से इस्तिफा दिये हैं, जिसके कारण वहां उपचुनाव हो रहे हैं। कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा के विधायक रहे इरफान सोलंकी को गैंगस्टर मामले में सजा हो गई है। इसके चलते उनकी विधायकी चली गई और ये सीट खाली हो गई।

बसपा प्रमुख मायावती पूरे चुनाव के दौरान सिर्फ एक बार प्रेसवार्ता कर बसपा के साथ चलेंगे तो विकास करेंगे, का नारा दिया। इसके बाद विधानसभाओं में बसपा के प्रमुख नेता जाने से बचते दिखे। पूरा प्रचार का जिम्मा सेक्टर प्रमुख के जिम्मे रहा। वहीं भाजपा और सपा के दिग्गज नेताओं ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया।

भाजपा को हिन्दुत्व के साथ—साथ विकासपरक योजनाओं पर भरोसा है। वहीं सपा पीडीए की बदौलत उपचुनाव में जीत की आस लगाये है। भाजपा ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संगठन के बड़े नेताओं को मैदान में उतारा। सीएम योगी ने सभी सीटों पर जनसभाएं कीं और "विकास, गरीब कल्याण योजनाओं और एकता" का संदेश दिया। उन्होंने अपने मशहूर नारे "बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे" से मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की।

वहीं सपा ने इस बार उपचुनाव को लेकर विशेष रणनीति बनाई। अखिलेश यादव ने खुद सभी 9 सीटों पर प्रचार किया, जो उनके पहले के रुख से अलग है। मीरापुर में आज रोड शो करते हुए अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधा और पीडीए फार्मूले को फिर से दोहराया।

मतदान की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था: चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। अब नजरें 20 नवंबर की वोटिंग पर हैं, जो सत्ता और विपक्ष के बीच नई राजनीति की जमीन तैयार करेगी।

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कुल 149 नामांकन हुए थे, जिनकी जांच के बाद 95 उम्मीदवार योग्य पाए गए थे। 30 अक्टूबर, नाम वापसी की अंतिम तारीख थी, जिसमें पांच प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया था। अब इन सीटों पर 90 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा।


प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को जब मतदान हो रहा होगा तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में मौजूद रहेंगे। वे यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों में जुट गए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री के आगमन का अभी आधिकारिक कार्यक्रम नहीं आया है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक सीएम योगी रामजन्मभूमि में रामलला के दर्शन करने के साथ हनुमानगढ़ी में हनुमंत लला के दरबार में भी माथा टेकेंगे। सीएम अयोध्या के विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक भी करेंगे।
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति ने भूमि स्वामी को बंधक बनाकर पीटा


लखनऊ । समाजवादी पार्टी सरकार में खनन मंत्री रहने के दौरान गायत्री प्रजापति ने पार्टी के एक बड़े नेता के इशारे पर बेशकीमती भूमि को हथियाने के लिए भूमि स्वामी धनप्रकाश बुद्धराजा को बंधक बनाकर पीटा था। बाद में उन्हें फॉच्यूनर गाड़ी में बैठाकर सपा नेता के आवास पर पेश किया गया। इस दौरान एमआई बिल्डर्स का मालिक मोहम्मद कादिर अली भी मौजूद था। गायत्री और सपा नेता के बीच कुछ कानाफूसी हुई। इसके बाद धनप्रकाश को चुपचाप जमीन देने की धमकी देकर जाने दिया गया। यह सनसनीखेज खुलासा एमआई बिल्डर्स के खिलाफ धनप्रकाश की शिकायत पर शुरू हुई ईडी की जांच में हुआ है।

धनप्रकाश ने ईडी के समक्ष दर्ज कराए बयान में घटनाक्रम बताया है। उन्होंने इस संबंध में अदालत में याचिका भी दायर की है, जिसमें गायत्री प्रजापति द्वारा उसे तीन बार बंधक बनाकर मंत्री आवास पर बुलाने का भी जिक्र है। मंत्री आवास आने पर उससे कहा गया कि तुम्हारी जमीन बड़े नेता को पसंद आ गई है। इसका सौदा एमआई बिल्डर्स के कादिर अली और लवी अग्रवाल उर्फ लवी कबीर के नाम पर कर देना। दो बार धनप्रकाश के टालने पर तीसरी बार उसे बंधक बनाकर पीटा गया और सपा नेता के सामने पेश किया गया।

अब ईडी के अधिकारी बुद्धराजा के दावों की सत्यता का पता लगा रहे हैं।जब धनप्रकाश से एफआईआर के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि उस वक्त सपा की सरकार थी। शिकायत करने पर जान से हाथ धोना पड़ सकता था। इसकी वजह से एफआईआर नहीं करा सका। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जब उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की तो जिस भी पुलिस अधिकारी से मिले, उसने राजनेताओं का नाम हटाने को कहा। मजबूरी में उन्हें नाम हटाना पड़ा, जिसके बाद मुकदमा दर्ज हो सका। हालांकि अदालत में दायर याचिका में उन्होंने गायत्री और सपा के एक बड़े नेता का भी नाम दिया है।
गुंडई करे वाले आरोपियों को पुलिस ने ऐसा सिखाया सबक कि माफी मांगते पहुंच हवालात, वीडियो वायरल

लखनऊ। यूपी के बरेली के डीडीपुरम के रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ और मालिक को पीटने के चार आरोपी सोमवार को जेल भेज दिए गए। हवालात से माफी मांगते निकल रहे आरोपियों का वीडियो भी वायरल हो रहा है। सपा पार्षद को थाने में बैठाने के बाद दबाव बना तो ये कार्रवाई हो सकी। हालांकि, पार्षद का भाई नाबालिग निकला तो उसे जेल नहीं भेजा गया।

रविवार रात डीडीपुरम स्थित क्षितिज सक्सेना के रेस्टोरेंट में खाने के 200 रुपये के लेनदेन को लेकर कहासुनी हुई थी। थोड़ी देर में सपा पार्षद का छोटा भाई 25 हथियारबंद लोगों को साथ लेकर वहां आया। आरोपियों ने रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ की। क्षितिज व उनके कर्मचारियों को बाहर निकालकर पीटा। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया। सपा पार्षद के भाई व 25 अज्ञात लोगों पर रिपोर्ट हुई है। प्रेमनगर पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए रातभर दबिश दी, पर सभी फरार हो गए।

पुलिस ने जमकर ली खबर, लंगड़ाते हुए निकले

सोमवार को सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव ने गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों को दौड़ाया। साथ ही, आरोपी के भाई सपा पार्षद को बुला लिया। पार्षद को पुलिस ने थाने में बैठा लिया। इसके कुछ ही घंटों बाद पार्षद का भाई व चार अन्य आरोपी थाने पहुंच गए। जब आरोपी पकड़ लिए गए तो उनकी पुलिस ने जमकर खबर ली। चारों आरोपी जब शाम को कोर्ट भेजने के लिए हवालात से निकाले गए तो वह लंगड़ाते हुए हाथ जोड़कर चल रहे थे। अब गुंडागर्दी नहीं करने की बात कहते हुए वे माफी भी मांग रहे थे। पार्षद का भाई नाबालिग निकला। बाकी चारों का चालान किया गया।

हुक्का पीता है आरोपी, गाड़ियों पर करता है स्टंट

प्रेमनगर थाना क्षेत्र में ही पिछले दिनों पुलिस पर हमला किया गया था। तब भी पुलिस ने इसी अंदाज में उनकी खबर ली थी। उनमें से कुछ के सिर पर उस्तरा भी फेरा गया था। माफी मांगते हुए उन आरोपियों का वीडियो भी काफी वायरल हुआ था। घटना का मुख्य आरोपी भले ही नाबालिग है, लेकिन भाई के दम पर वह राजनीतिक रसूख दिखाता घूमता है। सोशल मीडिया पर वह काफी सक्रिय है। हुक्का बार में धुआं उड़ाते हुए, दोस्तों के साथ बाइक व कार पर स्टंट करते हुए उसके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ के आरोपी का भाई सपा पार्षद भी माहौल भड़काने में पीछे नहीं रहता है।

बीते दिनों नरसिंहानंद के बयान पर इसी पार्षद ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से अपना दर्द साझा करने के लिए लखनऊ कूच की बात कही थी। तब पुलिस ने पार्षद को घर में ही नजरबंद किया था। तब उसके इसी भाई ने पुलिस की कार्रवाई का वीडियो बनाकर वायरल किया और माहौल गर्म करने की कोशिश की थी। इस वीडियो में उसने पार्षद भाई को बड़े नेता के तौर पर दर्शाने की कोशिश की।प्रभारी एसएसपी मानुष पारीक ने बताया कि रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ और संचालक से मारपीट के मामले में पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। पार्षद के नाबालिग भाई के खिलाफ अलग से कार्रवाई की जा रही है। बाकी चारों को जेल भेजा गया है। वीडियो से चेहरे पहचानकर बाकी आरोपी भी गिरफ्तार किए जाएंगे।
विस उपचुनाव : सपा का सिरदर्द बने एआईएमआईएम और आसपा, सभी दल अपने-अपने तरीके से कर रहे जोर आजमाईश
लखनऊ। उप्र विधानसभा के उपचुनाव में सभी दल अपने-अपने तरीके से जोर-आजमाईश कर रहे हैं। भाजपा, सपा और बसपा के अलावा छोटे दलों की भी सक्रियता बढ़ गयी है। वहीं कौशांबी जिले की चायल सीट से सपा की विधायक पूजा पाल फूलपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार दीपक पटेल का प्रचार कर रही हैं। वहां कांग्रेस के बागी नेता ने पहले ही निर्दलीय के रूप में पर्चा दाखिल कर दिया है।

उपचुनाव में असदुद्दीन ओबैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। चंद्रशेखर आजाद भी मुस्लिम और दलित वोट में सेंधमारी कर सपा का सिरदर्द बढ़ा रहे हैं। उधर ओबैसी की पश्चिम उप्र के मुस्लिम समाज में अच्छी पकड़ मानी जाती है। मुरादाबाद के कुंदरकी से 2022 में एआईएमआईएम से चुनाव लड़ने वाले मो. वारिस को 14,251 मत मिले थे। वहीं कांग्रेस के दरक्शा बेगम सिर्फ 1716 मत ही पायी थीं। इस बार भी मो. वारिस चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं सपा से हाजी रिजवान चुनाव मैदान में हैं, जबकि भाजपा से रामवीर सिंह ताल ठोक रहे हैं।

मैनपुर की करहल सीट से सपा ने तेज प्रताप यादव, भाजपा ने अनुजेश यादव, बसपा ने अविनाश कुमार शाक्य को टिकट दिया है। वहीं चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आसपा से विश्व प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जो सपा के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं। दूसरी तरफ भाजपा के अनुजेश यादव तेज प्रताप के फूफा हैं। वहां मुख्य मुकाबला फूफा और भतीजे के बीच है।

गाजियाबाद में आसपा ने सत्यपाल चौधरी को टिकट दिया है, जबकि बसपा ने पीएन गर्ग को टिकट देकर भाजपा के लिए परेशानी खड़ी करने की कोशिश की है। अलीगढ़ की खैर सीट से भाजपा ने सुरेंद्र दिलेर, सपा ने डॉ. चारू कैन, बसपा ने डॉ. पहल सिंह और आसपा ने नितिन कुमार चौटेल को प्रत्याशी बनाया है। प्रयागराज की फूलपुर सीट से भाजपा ने दीपक पटेल, सपा ने मुस्तफा सिद्दीकी, बसपा ने जितेंद्र ठाकुर और आसपा ने शाहिद अख्तर खान को उम्मीदवार बनाया हैं। फूलपुर में कांग्रेस के बागी नेता के साथ ही सपा विधायक पूजा पाल ने भी सपा के लिए सिरदर्द बढ़ा दिया है। पूजा पाल भाजपा उम्मीदवार का प्रचार कर रही हैं।

मिर्जापुर की मंझवा सीट से भाजपा ने सुचिस्मिता मौर्या, सपा ने ज्योति बिंदु को उतारा है। बसपा ने वहां दीपू तिवारी को टिकट देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है। आसपा ने धीरज मौर्या को मैदान में उतारा है। बसपा जहां भाजपा का सिरदर्द बढ़ा रही है, वहीं धीरज मौर्या सपा के लिए सिरदर्द बन गये हैं।

कानपुर की सीसामऊ सीट से भाजपा ने सुरेश अवस्थी, सपा ने नसीम सोलंकी और बसपा ने वीरेंद्र शुक्ला को मैदान में उतारा है। इस सीट से आसपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। मीरापुर और कुंदरकी दो ऐसी सीटें हैं जहां पर असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पार्टी एआईएमआईएम से कैंडिडेट्स उतारे हैं। मीरापुर से भाजपा की जगह आरएलडी के उम्मीदवार मिथलेश पाल, सपा से सुम्बुल राणा, बसपा से शाह नजर, आसपा से जाहिद हुसैन और एआईएमआईएम से अरशद राणा को मैदान में उतारा गया है।

कुंदरकी सीट से एआईएमआईएम से मोहम्मद वारिस, भाजपा से रामवीर सिंह ठाकुर, सपा से हाजी रिजवान, बसपा से रफतउल्ला और आसपा से हाजी चांद बाबू को उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा, मैनपुरी की करहल सीट पर भाजपा ने सरप्राइज दिया है। भाजपा ने अनुजेश यादव को टिकट देकर लोगों को सरप्राइज कर दिया, क्योंकि वो अखिलेश यादव के बहनोई हैं। करहल सीट सपा के प्रभत्व वाली सीट रही है और यादव वोटरों का दबदबा माना जाता रहा है। ऐसे में भाजपा ने यादव उम्मीदवार और अखिलेश यादव के परिवार के सदस्य को टिकट देकर चौंका दिया है।