भानुप्रिया के परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लगाए गंभीर आरोप, भाई ने कहा- उसे मानसिक रूप से किया जाता था प्रताड़ित, जांच में जुटी पुलिस
बिलासपुर-  बिलासपुर के मेडिकल कॉलेज सिम्स के गर्ल्स हॉस्टल में MBBS महिला डॉक्टर की मौत के मामले में नया मोड़ सामने आया है। मृतिका के परिजनों ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और अस्पताल स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

बता दें कि मृतका के भाई अखिल सिंह ने मीडिया से कहा कि डॉ. भानुप्रिया को उसके अस्पताल स्टाफ द्वारा मानसिक रुप से प्रताड़ित किया जा रहा था, जिसके चलते वह परेशान थी और इसी वजह के चलते उसने यह जानलेवा कदम उठाया है। अखिल ने इस मामले की उचित जांच कर जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

गौरतलब है कि अंबिकापुर जिले के सूखरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में MBBS डॉक्टर भानुप्रिया सिंह पदस्थ थीं। बीते शनिवार को मृतका भानुप्रिया दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए बिलासपुर आई हुई थीं और सिम्स गर्ल्स हॉस्टल स्थित सहेली के कमरे में रुकी हुई थीं। यहां रविवार की दोपहर 12 बजे के करीब सिम्स गर्ल्स हॉस्टल में हड़कंप मच गया, जब भानुप्रिया ने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया। मृतका के चीखने की आवाज सुनकर पड़ोसी सहेलियों ने आकर देखा तो भानुप्रिया फांसी के फंदे पर लटक रही थीं। जिसे सहेलियों ने मिलकर पंखे से उतारा और घटना की सूचना कोतवाली पुलिस सहित प्रबंधन को दी।

पुलिस ने मोबाइल फोन समेत अन्य दस्तावेज किया जब्त

मामले में कोतवाली पुलिस ने भानुप्रिया के शव का पंचनामा कर जांच शुरू की है और मोबाइल फोन समेत अन्य दस्तावेज को जब्त कर आगे की विवेचना कार्रवाई में जुटी हुई है।

ITBP जवान की प्रताड़ना से परेशान पत्नी ने दर्ज कराई FIR: नाराज समाज ने महिला के पूरे परिवार को किया बहिष्कृत

बिलासपुर-  समाज से बहिष्कार का दंश झेल रही एक महिला और उसकी छोटी सी बच्ची समाज में शामिल होने और न्याय की मांग को लेकर दर दर भड़कने पर मजबूर है, न्याय की आस लिए हाईकोर्ट की शरण पहुंची महिला की फरियाद को सुनने के बाद हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने कांकेर के कलेक्टर, एसपी और डडसेना कलार समाज के संभागीय अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

बता दें कि कांकेर के ढेकुना गांव की रहने वाली मुनिका की शादी लखनपुरी गढ़िया पारा के रहने वाले राजेश्वर कुमार से हुई, जो कि ITBP में चाइना बॉर्डर में पदस्थ है। शादी के कुछ दिनों बाद ही पति–पत्नी के बीच झगड़े शुरू हो गए, झगड़ा इतना बढ़ा कि कुछ साल बाद नौबत थाने तक पहुंच गई। इस दौरान मुनिका ने अपने पति के खिलाफ मारपीट और भरण पोषण को लेकर कांकेर के थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जो कलार समाज को नागवार गुजरी। महिला का आरोप है कि इस बात से नाराज होकर गांव के सरपंच समेत समाज के लोगों ने बैठक की और मुनिका और उसके पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया।

समाज से बहिष्कृत होने के बाद से मुनिका और उसके परिवार पर मुसीबतों की झड़ी लग गई, सबसे बड़ी बात तो यह है कि मुनिका की बहन से शादी के लिए आने वाले रिश्तों को भी तोड़ दिया जा रहा है। इस सबसे परेशान मोनिका न्याय की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट की शरण में पहुंची। प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कांकेर के कलेक्टर एसपी और डडसेना कलार समाज के संभागीय अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

तालाब में तैरती मिली महिला की लाश, पुलिस ने बरामद की 500-500 की गड्डियां, फोरेंसिक की टीम जांच में जुटी …

बलौदाबाजार-    जिले के ढाबाडीह गांव के बंद पडे़ पत्थर खदान में अज्ञात महिला की लाश मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया है. महिला की लाश खदान में पानी के अंदर मिली. वहीं पानी के बाहर आस-पास खून और घसीटने के निशान मिले हैं. सूचना मिलने पर पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच कर घटना की जांच में जुटी हुई है.

CD कांड: CBI ने सुप्रीम कोर्ट से अपना आवेदन लिया वापस, राज्य में ही हो सकती है सुनवाई

रायपुर-   सीबीआई ने 2017-18 के बहुचर्चित सीडी कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट में दीगर राज्य में सुनवाई के लिए दिया गया आवेदन वापस ले लिया है। इस विवादास्पद मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सलाहकार विनोद वर्मा मुख्य आरोपी हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने सीडी बनाकर उसे वायरल और वितरित किया। दोनों आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं।

बता दें कि सीडी कांड ने उस समय राज्य की राजनीति में बड़ा तूफान खड़ा कर दिया था। सीबीआई के इस कदम के बाद अब माना जा रहा है कि मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ में ही जारी रहेगी।
मूलभूत सुविधा के लिए धरने पर बैठे आदिवासी परिवार, कहा – अपना हक लेकर रहेंगे…


सक्ती-    छत्तीसगढ़ के सक्ती में सड़क की मांग को लेकर अब करीब 20 आदिवासी परिवार धरने पर बैठ गए है. ठाकुरमुडा मोहल्ले के बूढ़े, बच्चे, महिला सभी इस बार सड़क की मांग को लेकर सक्ती नगर पालिका के सामने धरना देकर नारेबाजी कर रहे.

धरने में बैठे आदिवासी परिवार का कहना है कि नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि बेसुध हो चुके हैं, जिन्हें हम वार्डवासियों की तकलीफ दिखाई नहीं देती. दो दिन पूर्व लापता अध्यक्ष और लापता पार्षद के पोस्टर लगाने का उद्देश्य यही था कि शायद उन्हें शर्म आ जाए और वो हमारी सुध लेने ओर तकलीफ जानने मोहल्ले में आए, मगर उनकी सोच गलत साबित हुई. ये सभी जनप्रतिनिधि मतलबी हैं.

आदिवासी परिवारों ने कहा, केवल चुनाव में ही हम याद आते हैं और चुनाव के बाद हमारी तकलीफ से उन्हें कोई मतलब नहीं रहता इसलिए अब सभी मोहल्ले वासियों ने निश्चय कर लिया है कि जब तक हमारे मोहल्ले के लिए सड़क नहीं बन जाती तब तक धरने पर यूंही बैठे रहेंगे. इसके बाद भी अगर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया तो आमरण अनशन शुरू करेंगे, लेकिन अपना हक अपनी मूलभूत सुविधा का अधिकार ले के रहेंगे.

छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 से, अधिसूचना जारी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू हो जा रहा, जो 20 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र में कुल 4 बैठकें होगी. इसकी अधिसूचना छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा ने जारी कर दिया है. यह सत्र छत्तीसगढ़ की षष्ठम विधानसभा का चतुर्थ सत्र है. इस सत्र में वित्तीय कार्य के साथ अन्य शासकीय कार्य संपादित किए जाएंगे.

 

जनजातीय परंपरा के संरक्षक बैगा, गुनिया और सिरहा को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया सम्मानित

जगदलपुर-      मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सर्किट हाउस में आयोजित कार्यक्रम में जनजातीय परंपरा के संरक्षक बैगा, गुनिया और सिरहा को शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बैगा, गुनिया और सिरहा जैसे परंपरागत जनजातीय समुदायों को अब प्रत्येक वर्ष 5-5 हजार रुपये की सम्मान निधि दी जाएगी। यह पहल जनजातीय समाज की सांस्कृतिक परंपराओं को प्रोत्साहन देने के साथ उनके आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने कहा कि सरकार जनजातीय समाज की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह के फैसले छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके गौरव को बढ़ाने में सहायक साबित होंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने जनजातीय समुदाय की परंपराओं को संजोने और उन्हें समाज के विकास में भागीदार बनाने के महत्व पर जोर दिया। इस अवसर पर वनमंत्री केदार कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, पूर्व विधायक महेश गागड़ा सहित  स्थानीय जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया बस्तर हाट की थीम पर आधारित एक्सपीरियंस जोन और स्टाल्स का अवलोकन

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आज बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने चित्रकोट पहुंचने पर बस्तरिया अंदाज में स्वागत हुआ। उनके स्वागत में जनजातीय लोक नर्तक दलों ने आकर्षक प्रस्तुति दी। जनप्रतिनिधियों ने पारंपरिक गौर सिंग मुकुट पहनाकर उनका अभिनन्दन किया।

प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चित्रकोट में बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक के आयोजन हेतु विशेष तैयारियां की गई थीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर हाट की थीम पर आधारित एक्सपीरियंस जोन एवं विभिन्न विभागीय स्टालों का अवलोकन किया। प्राधिकरण के बैठक स्थल पर संभाग के सात जिलों बस्तर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, सुकमा और बीजापुर की विकास योजनाओं और उपलब्धियों को स्टॉल के जरिए साझा किया गया। इन स्टालों में विकास और नवाचार की विस्तृत झलक दिखी।

'बस्तर कॉफी' के सफर की दिखी झलक

बस्तर जिले के स्टाल में 'बस्तर कॉफी' की प्रक्रिया और उसके प्रसार को रोचक ढंग से दिखाया गया है। प्रदर्शनी में कॉफी उत्पादन, ताजा चेरी उत्पादन से लेकर कॉफी की धुलाई, भुनाई, पिसाई और पाउडर पैकेजिंग तक की पूरी प्रक्रिया का प्रदर्शन किया गया है। 'बस्तर कैफे' की पहल से स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया गया है। बस्तर कॉफी ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास भी जारी है।

कला और नवाचार का संगम

कोण्डागांव जिले ने स्टाल के माध्यम से अपनी पारंपरिक शिल्पकला और आधुनिक विकास परियोजनाओं को सामने रखा है। झिटकू मिटकी आर्टिसन प्रोड्यूसर ने बेल मेटल कला से अयोध्या के श्री राम मंदिर के स्थापत्य को प्रदर्शित किया। इस दौरान जिले में हो रहे पर्यटन विकास, रोजगार के अवसर बढ़ाने गारमेंट फैक्ट्री, एनीमिया मुक्त कोण्डागांव अभियान स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने, 'मावा कोण्डानार' मोबाइल ऐप: पारदर्शी प्रशासन और नागरिक सुविधाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने की दिशा में पहल की जानकारी दी गई।

शिक्षा और बाल विकास में नवाचार

दंतेवाड़ा जिले ने शिक्षा और बाल कल्याण के क्षेत्र में किए गए नवाचारों को साझा किया। बाल मित्र कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल से बाहर और अप्रवेशी बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पहल शुरू की गई है । बाल मित्र पुस्तकालय एवं पंचायत के जरिए बच्चों को नेतृत्व और निर्णय लेने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम शिक्षा के साथ-साथ समग्र विकास के लिए भी अहम साबित हो रहा है।

लघु वनोपज से बढ़ती आजीविका

कांकेर जिले में लघुवनोपज आधारित परियोजनाओं और उद्यानिकी विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। फ्रेश सीताफल परियोजना स्थानीय किसानों सहित स्वसहायता समूह की दीदियों के लिए आय का प्रमुख स्रोत बनी है। पोषण और रोजगार, लघु धान के मछली पालन, कड़कनाथ मुर्गी पालन में रोजगार के नए अवसर और आजीविका संवर्धन की जानकारी दी गई है।

महिला सशक्तिकरण का उदाहरण

नारायणपुर जिले में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं। स्वसहायता समूहों की दीदियों ने हर्बल गुलाल, मशरूम उत्पादन, कड़कनाथ पालन और बटेर पालन जैसी गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। इन गतिविधियों से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिली है। पोषण आहार और एकीकृत कृषि, कृषि में नवीन तकनीकों के समावेश का प्रदर्शन किया गया है।

यातायात और आवासीय योजनाओं की प्रगति

सुकमा जिले के स्टाल में आधारभूत संरचना और ग्रामीण विकास पर जोर दिया गया है। हक्कुम मेल अंतर्गत यातायात सुविधा को बेहतर बनाने की दिशा में हो रहे कार्य, प्रधानमंत्री आवास योजना,आवासीय परियोजनाओं से सकारात्मक बदलाव, लखपति दीदी योजना मरईगुड़ा (वन) पंचायत, महिला स्वसहायता समूहों को आर्थिक सशक्तिकरण में हो रहे सकारात्मक परिणामों को प्रदर्शित किया गया।

'नियद नेल्ला नार' योजना के सकारात्मक परिणाम

बीजापुर जिले में प्रदेश सरकार द्वारा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में संचालित 'नियद नेल्ला नार' योजना के माध्यम से समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें ग्रामीणों के लिए बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए तकनीकी और स्थानीय संसाधनों का उपयोग, जिले के प्राकृतिक सौंदर्य को पर्यटन के माध्यम से दुनिया के पटल पर रखने के प्रयासों की जानकारी दी गई है।

विवादों में घिरा आईआईटी भिलाई का मिराज कार्यक्रम : स्टैंडअप कॉमेडियन यश राठी ने अश्लील स्पीच के साथ भगवान राम पर की अभद्र टिप्पणी

दुर्ग- आईआईटी भिलाई में आयोजित मिराज कार्यक्रम का विरोध शुरू हो चुका है. यह विरोध स्टैंडअप कॉमेडियन यश राठी के द्वारा IIT BHILAI के एनुअल फंक्शन में अश्लीलता परोसने पर किया जा रहा है. वहीं यश राठी ने भगवान राम पर भी अभद्र टिप्पणी किया. जिसका विरोध शुरू हो चुका है और आईआईटी की गरिमा पर भी सवाल उठ रहे हैं.

इस कार्यक्रम के दौरान यश ने अपने स्पीच में अश्लील गालियां दी, जिसे सुनकर वहां बैठे प्रोफेसर और उनके परिजनों को अपना कान बंद करना पड़ गया. जिसका वीडियो भी स्टूडेंट ने बनाया है. यह वीडियो सोशल मीडिया में आने के बाद अब हिंदू संगठनों ने आईआईटी प्रबंधन का विरोध शुरू कर दिया है. IIT BHILAI के डायरेक्टर राजीव प्रकाश का कहना है कि उन्होंने इस मामले में जांच के लिए कमेटी गठित की है. इस आयोजन में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने तीन सदस्यीय प्रोफेसर की जांच टीम को गठित किया है. जांच टीम ये पता लगाएगी कि कोसा ने यश राठी को सिलेक्ट करने से पहले क्या देखा. किस आधार पर उन्होंने उसे यहां गेस्ट के रूप में बुलाया. उसे अश्लील स्पीच देने के लिए पहले से रोका गया था या नहीं.

IIT Bhilai डायरेक्टर राजीव प्रकाश

IIT में हर साल स्टूडेंट आपस में कंट्रीब्यूशन कर मिराज के रूप में एनुअल फंक्शन आयोजित करते हैं. उसका आयोजन कोसा (काउंसिल ऑफ स्टूडेंट्स अफेयर) नाम की स्टूडेंट्स कमेटी करती है. इसमें 7-8 बच्चों को शामिल किया जाता है. यही बच्चे पूरे आयोजन की तैयारी, फंडिंग, आयोजन की रूप रेखा और यहां तक की गेस्ट तक का सिलेक्शन करते हैं. यश राठी को बुलाए जाने पर अब इसी कमेटी के ऊपर सवाल उठ रहे हैं 9 नवंबर की रात मेराज में गाने, बैंड और कॉमेडी के लिए सेलिब्रिटी को बुलाया गया था. जिसमें स्टैंडअप कॉमेडियन और अश्लील स्पीच देने के लिए पॉपुलर और यू-ट्यूबर यश राठी को बुलाया गया था.

यश राठी ने कार्यक्रम की शुरुआत तो इंग्लिश स्पीच से की, लेकिन जैसे ही उन्होंने हिंदी में बोलना शुरू किया, अश्लील और गंदे शब्दों का इस्तेमाल किया कि वो वहां बैठे गर्ल्स स्टूडेंट्स के परिजन और प्रोफेसर ने अपना कान बंद कर लिया. अश्लील बातें इतनी ज्यादा थी की कुछ लोग कार्यक्रम से उठकर चले गए. हालांकि, स्टैंडअप कॉमेडियन यश राठी पूरा समय नहीं बोल पाए और आयोजकों ने उन्हें बीच में ही रोक कर कार्यक्रम बंद करा दिया. इस आयोजन के बाद से IIT BHILAI के प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं. इस अश्लील स्पीच की वजह से उसकी गरिमा और संस्कार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसके लिए जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी.

कांग्रेस नेता धनेंद्र साहू का आरोप, रबी सीजन में धान बोने पर कार्रवाई की धमकी दे रहे अफसर, आदेश का करेंगे विरोध, भाजपा नेता श्रीवास्तव बोले –
रायपुर-   कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने BJP सरकार पर रबी फसलों के लिए जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश को लेकर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि धमतरी, राजनांदगांव और रायपुर जिले के कलेक्टरों द्वारा आदेश जारी कर धान बोने वाले किसानों को हतोत्साहित किया जा रहा है. धान की जगह दलहन-तिलहन बोने के आदेश जारी किए गए हैं. वहीं धान बोने पर किसानों पर कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने मौखिक आदेश भी दिया गया है. इस आदेश का कांग्रेस विरोध करेगी. वहीं भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने इस आदेश पर कहा है कि किसानों पर कोई दबाव नहीं है.

दरअसल छत्तीसगढ़ में अक्टूबर से दिसंबर तक रबी फसलों की बोवाई होती है, जहां ज्यादातर किसान ठंड में भी धान की बोवाई करते हैं. बोवाई को लेकर तीन जिला कलेक्टरों द्वारा जारी किए गए आदेश पर अब सवाल उठने लगा है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने बताया कि सारे गांव से जानकारी मिल रही है कि कोटवारों द्वारा मुनादी कराकर धान की फसल नहीं लेने की धमकी दी जा रही. साथ ही धान बोने पर जुर्माना लगाकर कार्रवाई भी करने की चेतावनी दी जा रही है.

धनेंद्र साहू ने ये भी कहा आदेश लिखित में न देकर मौखिक आदेश अधिकारियों द्वारा दिया जा रहा है. धमतरी, राजनांदगांव और रायपुर जिले के कलेक्टरों द्वारा आदेश जारी कर धान की जगह दलहन-तिलहन की खेती करने किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा, किसानों का अधिकार है कि खेत के अनुकूल फसल लगाए. किसान कोई अफ़ीम या गांजा नहीं उगा रहे, जिसे सरकार बैन कर रही है, लेकिन अब ऐसा फरमान सरकार ने जारी किया है, जिससे सरकार की नीति पर सवाल उठ रहा है. किसान विरोधी नीति भाजपा सरकार ने लाई है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धनेंद्र साहू ने इस बात को भी उजागर किया कि रमन सरकार के वक़्त भी सरकार ने ऐसा आदेश जारी किया था, जिसे बाद में विरोध के कारण वापस ले लिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल इस किसान विरोधी आदेश को निरस्त करना चाहिए.

किसानों पर कोई दबाव नहीं : भाजपा

रबी सीजन में धान बुआई नहीं करने के आदेश पर भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा, मूलतः छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है. इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं है कि धान हमारे लिए प्राथमिकता है. बदलते समय में किसानों को कौन सी फसल लगानी है और उसके लाभ के लिए विचार मंथन होता है, इसके लिए जरूरी नहीं कि इसमें कार्यवाही होगी. किसानों ऊपर कोई दबाव नहीं है. किसान यदि आज 100 रुपए कमा रहा है तो कल 200 कैसे कमाए, इसकी जानकारी देना सरकार की जिम्मेदारी है.