इंडियन पब्लिक स्कूल में पंडित जवाहर लाल नेहरू की मनाई गई 135 वी जयंती
मिजार्पुर।सीटी विकास खंड के परवा राजधर स्थित इंडियन पब्लिक स्कूल में देश के प्रथम प्रधान मंत्री भारत रत्न स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का 135 वी जयंती मनाई गई।इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक घनश्याम ओझा ने सर्व प्रथम चाचा नेहरू के तस्वीर पर माल्यार्पण किया। उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था उनके पिता का पंडित मोती लाल नेहरू और माता का नाम स्वरूप रानी था।उनका प्रारंभिक शिक्षा हैरो कॉलेज और उच्च शिक्षा हेतु वे लंदन के कैम्ब्रिज कॉलेज से ला की डिग्री हासिल की थी।
उनका विवाह कमला नेहरू से हुआ था उन्हें एक कन्या हुई थी जिनका नाम इंदिरा था। श्री ओझा ने कहा कि देश के आजादी से लेकर जीवन पर्यंत नेहरू जी देश के विकास में सदैव संघर्ष करते रहे। श्री ओझा ने कहा कि चाचा नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे इसीलिए उन्हें बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कह कर पुकारते हैं। श्री ओझा ने नेहरू जी के बाल जीवन से जुड़ी अनेक रोचक जानकारी भी दिलाई। विद्यालय के नेहरू जी के विषय राजनीतिक सफर की चर्चा करते हुए कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जी 1912 में महात्मा गांधी के संपर्क में आए और कांग्रेस से जुड़कर आजादी के आंदोलन को तीव्र गति प्रदान की।1920 में प्रतापगढ़ के पहले किसान मोर्चे को संगठित करने का बोध नेहरू जी ही मिला था।1928में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध में घायल हुए और 1930 में नमक आंदोलन में गिरफ्तार हुए छ: माह जेल काटी।
नेहरू जी ने अपनी आत्मकथा अल्मोड़ा जेल के अंदर 1935 में लिखी।उन्हें देश के आजादी दिलाने में कुल 9 बार जेल जाना पड़ा।जब देश 15 अगस्त 1947 में आजाद हुआ तब देश के पहले प्रधान मंत्री के रूप पंडित जवाहर लाल नेहरू चुने गए।उनकी कर्मठता को देखते हुए 1954 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सुशोभित किया गया।प्रबंधक घनश्याम ओझा के द्वारा फीता काटकर मेले का उद्घाटन किया गया बच्चों द्वारा विविध प्रकार के आकर्षक स्टाल लगाए गए थे। विद्यालय के प्रबंधक अध्यापिकाओं द्वारा बच्चों को नेहरू जयंती के अवसर पर टॉफी, पेन, पेंसिल, इरेजर, कटर भी दिया गया।कार्यक्रम की तैयारी कराने वाली अध्यापिकाओं कल्पना ओझा, बुलबुल राही,श्रेया सिंह,रोशनी दुबे, आंचल सिंह पटेल को ममता देवी और नैंसी विश्वकर्मा द्वारा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
Nov 14 2024, 18:12