मांगा किराया तो किरायेदार ने की मकान मालिक की हत्या, मालकिन को अधमरा छोड़ा… ऐसे हुआ खुलासा
रायपुर-  राजधानी के अवंती विहार स्थित माकन में कुछ दिन पहले बुजुर्ग दंपति पर जानलेवा हमला और हत्या मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी कोई और नहीं बल्कि मृतक रत्नेश्वर बैनर्जी और उनकी पत्नी माया बैनर्जी के घर में किराए पर रहने वाला किरायेदार ही निकला. पुलिस ने आरोपी मुकेश कुमार को चंड़ीगढ़ से गिरफ्तार किया है. यह पूरा मामला खम्हारडीह थाना क्षेत्र का है

यह है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार, घटना 30 अक्टूबर की रात की है. घटना वाली रात रवि बनर्जी ने अपने माता-पिता को बार बार फ़ोन किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया उसके बाद बेटे ने अपने सहयोगी प्रखर शर्मा को अवंति विहार सेक्टर- 02 अपने घर जाकर देखने बोला. उसने पहुंचकर देखा कि घर का मेन दरवाजा बंद था, दरवाजा खोलकर अंदर जाकर खिड़की से देखा तो बैठक रूम में रवि बनर्जी के पिता जमीन में पेट के बल खून से लथपथ था और दूसरे कमरे में उसकी मां माया बनर्जी डायनिंग टेबल के पास पड़ी थी. दरवाजा बाहर से लगा हुआ था. आवाज देने पर भी उन दोनों के द्वारा कोई जवाब न देने पर डायल 112 और 108 एम्बुलेंस को प्रखर शर्मा फोन बुलाया. जिनके आने पर प्रखर ने अंदर जाकर देखा तो रतनेश्वर बनर्जी और माया बनर्जी को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा सिर पर गम्भीर चोट पहुंचाया गया था जिससे रत्नेश्वर बैनर्जी की मृत्यु हो गई थी और माया बैनर्जी आहत थी जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं मामले पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 103, 109 बी.एन.एस. के तहत अपराध दर्ज कर जांच में जुट गई.

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि घटना के बाद से बुजुर्ग दंपति के मकान में किराये से रहने वाला किरायेदार मुकेश कुमार लगातार फरार चल रहा था. जसिके बाद उसपर संदेह हुआ और उसकी पतासाजी शुरू की गई. मुखबीर और तकनीकी माध्यमों से भी उसकी पतासाजी की जा रही थी, इसी दौरान पुलिस को उसकी उपस्थिति दुर्ग में होने की प्राप्त हुई.

आरोपी मुकेश कुमार, जो कि उनके घर में किरायेदार के तौर पर रहता था, घटना के बाद से फरार है. पुलिस टीम ने तकनीकी सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से मुकेश कुमार का पीछा किया. आरोपी लगातार दुर्ग, नागपुर, हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली, और चंडीगढ़ में अपनी लोकेशन बदल रहा था. अंततः उसे चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया.

आरोपी ने इस वजह से दिया खौफनाक वारदात को अंजाम

पुलिस ने गिरफ्तार कर उससे पूछताछ किया, जिसमें उसने अपना गुनाह कबूल किया. उसने बताया कि वह रत्नेश्वर बैनर्जी और माया बैनर्जी के घर में किरायेदार के रूप में रह रहा था, लेकिन काफी समय से किराया नहीं दे पाया था. साथ ही आरोपी पर अन्य लोगों का 20 से 25 लाख का उधार भी था, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान था. घटना के दिन मकान मालिकों ने किराया मांगा, जिस पर विवाद हो गया. इस दौरान गुस्से में आकर मुकेश ने घर में रखी नटराज मूर्ति से हमला कर दिया, जिससे रत्नेश्वर की मौके पर ही मौत हो गई और माया गंभीर रूप से घायल हो गईं. इसके बाद आरोपी ने मृतक के शरीर से सोने की अंगूठी और चेन चुराई और फरार हो गया.

पुलिस ने आरोपी मुकेश कुमार के कब्जे से सोने की अंगूठी, चेन, घटना में प्रयुक्त नटराज की मूर्ति और एक मोबाइल फोन बरामद किया है. मुकेश कुमार के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

कटघोरा वनमंडल के रेंजर देवदत्त खाण्डे निलंबित, वन अपराध तथा वन्यजीवों के अवैध शिकार के रोकथाम में उदासीनता का मामला

रायपुर-     छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख ने वनमंडल कटघोरा में पदस्थ रेंजर देवदत्त खाण्डे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन की यह कार्यवाही रेंजर देवदत्त खाण्डे द्वारा एतमानार परिक्षेत्र अंतर्गत पी.ओ.आर. प्रकरणों की जांच एवं वन अपराध तथा वन्यजीवों के अवैध शिकार के रोकथाम एवं जांच में लापरवाही एवं उदासीनता बरतने के कारण की गई है।

गौरतलब है कि वन विभाग को रेंजर देवदत्त खाण्डे के विरूद्ध बिना कार्य कराए प्रमाणक प्रस्तुत करने की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच वनमंडलाधिकारी, कटघोरा द्वारा की गई। जांच में उक्त शिकायत सही पायी गई। रेंजर श्री खाण्डे के विरूद्ध जांच-पड़ताल में यह भी पाया गया कि वे एतमानार परिक्षेत्र अंतर्गत पी.ओ.आर. प्रकरणों की जांच एवं वन अपराध तथा वन्यजीवों के अवैध शिकार के रोकथाम में असफल रहे हैं। जिसके चलते प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत शासकीय काम एवं पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही तथा शिकायत की जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाये पर निलंबित कर दिया है।

बागबाहरा जंगल से रेस्क्यू कर सफेद पूंछ वाले बीमार गिद्ध की बचाई गई जान, नंदनवन जंगल सफारी में 1 माह तक चला इलाज

रायपुर-     राजधानी रायपुर के समीप स्थित नंदनवन जंगल सफारी के वन अधिकारियों एवं चिकित्सकों की टीम विलुप्त प्रजाति के सफेद पूंछ वाले बीमार गिद्ध का रेस्क्यू कर उसकी जान बचाने में सफल रही है। यह बीमार गिद्ध लगभग 500 किलोमीटर की उड़ान भरता हुआ बीते दिनों छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद वनक्षेत्र के बागबाहरा पहुंचा था। इस बीमार गिद्ध के रेस्क्यू के बाद नंदनवन जंगल सफारी के वन्य चिकित्सकों एवं वन अधिकारियों ने बड़ी सावधानी के साथ इस गिद्ध का इलाज किया। इसके स्वास्थ्य पर सतत निगरानी रखी, जिसके चलते कुछ ही दिनों में यह गिद्ध स्वस्थ एवं सामान्य स्थिति में आ गया। जंगल सफारी की टीम ने इस गिद्ध को फिर से उड़ान भरने के लिए छोड़ दिया है।

नंदनवन जंगल सफारी के अधिकारियों द्वारा बीमार गिद्ध के बचाव कार्य की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं वन मंत्री केदार कश्यप ने सराहना की है। उन्होंने गिद्ध के रेस्क्यू ऑपरेशन और इलाज में लगी अधिकारियों की टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विलुप्त होती गिद्ध की इस प्रजाति का छत्तीसगढ़ के अधिकारियों द्वारा बचाव के लिए किए गए प्रयासों की जितनी सराहना की जाए कम है।

गौरतलब है कि सफेद पूंछ वाला गिद्ध (वाईट रुम्पड वल्चर) एक संकट ग्रस्त प्रजाति है। वर्तमान में इस प्रजाति की संख्या देश में 13 हजार से भी कम रह गई है। यह गिद्ध बड़े पेड़ों पर घोंसला बनाते हैं और साल भर में केवल एक ही अंडा देते हैं, जिससे इनकी संख्या बढ़ने की गति धीमी होती है। ये गिद्ध केवल उन्हीं क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहां जैव विविधता समृद्ध होती है और प्रदूषण या औद्योगीकीकरण का प्रभाव कम होता है। गिद्ध के इस प्रजाति के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में भारत में वाईट रुम्पड वल्चर की निगरानी और संरक्षण के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) और ताडोबा अंधेरी टाइगर रिजर्व ने एक विशेष पहल करते हुए 10 सफेद पूंछ वाले एक गिद्धों को एक साथ जियो-ट्रैकिंग उपकरण के साथ जंगल में छोड़ा गया था, जिसमें से एक गिद्ध महाराष्ट्र राज्य में उड़ान भरते हुए छत्तीसगढ़ के इन्द्रावती टाईगर रिजर्व होते हुए कांकेर जिले से महासमुंद वन क्षेत्र बागबाहरा में पहुंच गया था। नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) और ताडोबा अंधेरी टाइगर रिजर्व का गिद्धों को छोड़ने का उद्देश्य उनके प्रवास मार्गों का अध्ययन करने के साथ- साथ उनको प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रख उनका संरक्षण और संवर्धन करना था। उन 10 गिद्धों में से एक गिद्ध 20 दिनों में लगभग 500 किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद महासमुंद वन क्षेत्र में आ गया था। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) की निगरानी टीम ने जियो-ट्रैकिंग उपकरण की मदद से जाना कि यह गिद्ध बागबाहरा जंगल मे एक ही स्थान पर लंबे समय तक रुका हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने नंदनवन जंगल सफारी रायपुर के अधिकारियों से सम्पर्क किया और पूरी स्थिति की जानकारी दी।

नंदनवन जंगल सफारी के वन्यजीव डॉक्टरों और वन अधिकारियों की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बागबाहरा क्षेत्र से गिद्ध का सुरक्षित रेस्क्यू किया और 26 अगस्त को उसे नंदनवन जंगल सफारी ले आए। यहां चिकित्सकों की देखरेख में गिद्ध को उचित उपचार और पोषण दिया गया, जिससे वह स्वस्थ होने लगा। कुछ दिनों में ही गिद्ध पूरी तरह से स्वस्थ हो गया और उसकी सक्रियता लौट आई।

नंदनवन जंगल सफारी के संचालक धम्मशील गणवीर ने बताया कि नंदनवन जंगल सफारी से वन्य जीव चिकित्सकों के सलाह के आधार पर 26 सितंबर 2024 को गिद्ध को फिर से उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया, जिसके बाद यह गिद्ध यहाँ से 1100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हुए गुजरात के सूरत इलाके में पहुंच गया है। इस गिद्ध की लोकेशन की ट्रेकिंग बीएनएचएस द्वारा की जा रही है।

बार में देर रात चल रही थी शराब पार्टी, पुलिस ने मारा छापा, बार मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज
बिलासपुर-    हैवंस पार्क बार में देर रात शराब पार्टी पर चलने की सूचना पर पुलिस ने बार में छापा मारा. पुलिस के पहुंचते ही युवक-युवतियां भाग निकले. पुलिस ने बार मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज किया है. वहीं बिना नंबर कार और नशे में धुत युवकों पर भी कार्रवाई की है. एसपी ने देर रात शहर भ्रमण कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए.
जशपुर बना एडवेंचर पर्यटन का मुख्य आकर्षण

रायपुर-  जशप्योर और पहाड़ी बकरा एडवेंचर द्वारा हाल ही में आयोजित एक बाइक ट्रिप ने पूरे देश भर के राइडर्स को आकर्षित किया। देशभर से आए इन साहसी बाइकर्स ने जशपुर की घुमावदार सड़कों, कठिन ट्रेल्स, और हरे-भरे जंगलों का रोमांचक अनुभव लिया। इन राइडर्स को हिमालय राज्य जैसे लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कठिन रास्तो पर बाइकिंग अनुभव प्राप्त है और उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की अनछुई प्राकृतिक सुंदरता को एक नए नजरिये से देखा। जशपुर का अनोखा प्राकृतिक आकर्षण जैसे रानी दह जलप्रपात, सारुडीह चाय बागान, किनकेल पाठ, चुरी और मक्करभज्जा जलप्रपात एवं यहाँ के जनजातीय संस्कृति एवं खाद्य उत्पाद उनके लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बने। इसके अलावा, देशदेखा क्लाइंबिंग सेक्टर में रॉक क्लाइम्बिंग एवं कैंपिंग तथा पंड्रापाठ में स्टार गेजिंग का रोमांचक अनुभव भी उनके लिए खास था।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने पर्यटन को प्रोत्साहित करने और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए पिछले वर्ष से व्यापक प्रयास शुरू किए गए हैं। मुख्यमंत्री साय ने जशपुर की प्राकृतिक संपदा और रोमांचक गतिविधियों की संभावनाओं को देखते हुए इसे साहसिक खेलों के एक नए केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। उनके कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी नीतियों के कारण, यह क्षेत्र अब न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में एक प्रमुख साहसिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो रहा है।

साहसिक खेल और पर्यटन केवल मनोरंजन के साधन नहीं हैं, बल्कि ये स्थानीय युवाओं के रोजगार का एक प्रमुख स्रोत भी बन सकते हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में स्थानीय युवाओं एवं जनजातीय लोगो को एडवेंचर खेलों की बारीकियों में अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित किया जा चूका है। जशपुर के “देशदेखा क्लाइंबिंग सेक्टर” में स्थानीय गाइडों की मदद से रॉक क्लाइम्बिंग का आयोजन हुआ, जो अब देशभर में एडवेंचर खेलों के शौकीनों के बीच चर्चा में है।

इस यात्रा के दौरान एक विशेष स्टार गेजिंग सत्र का भी आयोजन किया गया था, जिसमें प्रतिभागियों ने खुली रात के आकाश में खगोलीय पिंडों को देखा और एस्ट्रोलॉजी के बारे में जाना। जशपुर का यह हिस्सा अब राष्ट्रीय स्तर पर स्टार गेजिंग के लिए उपयुक्त स्थान के रूप में देखा जा रहा है, जो पर्यटकों को एक विशेष और अनोखा अनुभव देने की क्षमता रखता है।

बाइकर्स ने यहां के स्थानीय आदिवासी खान-पान और संस्कृति का भी आनंद लिया। जशप्योर द्वारा बनाये गए महुआ और मिलेट के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद, और आदिवासी घरों का दौरा कर उनके रहन-सहन और सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जानना, उनके लिए यादगार अनुभव रहा। अंतराष्ट्रीय पर्वतारोहण गाइड, एक्सट्रीम एडवेंचर स्पोर्ट ट्रेनर एवं जिला एडवेंचर टूरिज्म के सलाहकार के स्वप्निल राचेलवार ने कहा की यह क्षेत्र विविध सम्भावनावो से परिपूर्ण है। यहाँ के स्थानीय एवं जनजातीय लोग ऐसे खेलो में प्राकृतिक एवं मानसिक रूप से सशक्त होते हैं, और उचित मार्गदर्शन पाकर यहाँ से कई अन्तराष्ट्रीय स्तर के खिलाडी एवं पेशेवर गाइड उभर कर बहार आ सकते हैं। जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार की इसी क्रमबद्ध पहल ने यह भी सुनिश्चित किया कि इस क्षेत्र का विकास पर्यावरण संरक्षण और आदिवासी संस्कृति के सम्मान के साथ हो। उनका सपना है कि जशपुर साहसिक खेलों के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरे और इसके माध्यम से स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाया जाए। जशपुर अब एडवेंचर खेलों का छत्तीसगढ़ में एक नया केंद्र बनकर उभर चूका है। यह न केवल केंद्रीय भारत बल्कि सपूर्ण राष्ट्र में एडवेंचर खेलों का हॉटस्पॉट बनने की ओर अग्रसर है, जहाँ पर्यटक एक अलग और अनोखा अनुभव पा सकते हैं।

पटेल परिवार की 6 महिलाओं को मिल रहा है महतारी वंदन का लाभ

  रायपुर-     छत्तीसगढ़ में महिलाओं को अपने घरेलू खर्च को पूरा करने से लेकर स्वयं के सुखद भविष्य के सपने गढ़ने तक के लिए शासन की महतारी वंदन योजना कारगर साबित होते दिखाई दे रही है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश की महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना की शुरूआत की गई है जिसके अंतर्गत हितग्राही महिलाओं को प्रति माह एक-एक हजार रूपए की राशि प्रदान की जा रही है। अभी तक महतारी वंदन योजना के 9 किस्त जारी हो चुके है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस योजना की नौवीं किस्त को दीपपर्व के पहले जारी किया गया।
कबीरधाम जिले के आदिवासी और विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बाहुल्य बोड़ला विकासखण्ड के ग्राम भोंदा के रहने वाले पटेल परिवार की छह महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ मिला रहा है। हर माह प्रत्येक महिला को एक-एक हजार रूपए इस प्रकार पटेल परिवार की सभी 6 महिलाओं को कुल 6 हजार रूपए की राशि मिल रही है। उनके खाते में नौवीं किस्त की राशि भी आ चुकी है। अब तक महतारी वंदन योजना से इस परिवार के खाते में कुल 54 हजार रुपए जमा हो गए है।कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड के ग्राम बोड़ला में रहने वाले सदाराम पटेल और रामकुमार पटेल दोनों भाई संयुक्त परिवार में रहते हैं। इस परिवार में दिलेश्वरी, मनीषा, अनिता, गनेशिया सहित कुल छः महिलाएं हैं। परिवार की महिलाओं में महतारी वंदन योजना से अपने और अपने बच्चों के भविष्य के प्रति सुरक्षा का अहसास बढ़ने के साथ ही महतारी वंदन उन्हें सुखद भविष्य की योजना बनाने के लिए भी प्रेरित कर रही है। हर माह मिलने वाले महतारी वंदन योजना की राशि से अब परिवार की महिलाओं ने अपने-अपने बच्चों के नाम केन्द्र सरकार द्वारा डाक घर के माध्यम से संचालित होने वाली सुकन्या समृद्धि योजना और ग्रामीण डाक बीमा जैसी योजनाओं में खाता खुलवाने का मन बनाया है। आगामी अनेक वर्षों तक के लिए अपने बच्चों के लिए यह परिवार सुकन्या समृद्धि योजना या ग्रामीण डाक जीवन बीमा जैसी योजनाओं में खाता खोल कर बच्चों के सुखद भविष्य के लिए एक-एक हजार रूपए जोड़ने का मन बनाया है। परिवार के मुखिया और महिलाओं ने डाक घर जा कर इन योजनाओं के फायदे के बारे में पूरी जानकारी भी ले रखी है।
परिवार की महिलाओं को आशा है कि महिलाओं की आर्थिक उन्नति और उनकी समृद्धि के लिए खोली गई महतारी वंदन योजना सतत रूप से संचालित होते रहेगी और उनके खाते में हर माह ऐसे ही पैसे आते रहेंगे। इसलिए इस पैसे को जोड़कर एक बेहतर सुखद प्लान बनाया जा सकता है।
पटेल परिवार की महिलाओं ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना में वह महतारी वंदन योजना की राशि को जमा कराने जा रही हैं, जिससे 15 वर्ष बाद उन्हें एक मुश्तराशि मिले और इस राशि का उपयोग बच्चों के सुखद भविष्य के लिए खर्च किया जा सके। इन महिलाओं ने बताया कि वे महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि को अपने बच्चों की शिक्षा और शादी के लिए जमा कर रहीं हैं। खेती बाड़ी कर अपना और पूरे परिवार का जीवन यापन करने वाले मरार पटेल परिवार के लिए महतारी वंदन योजना आर्थिक समृद्धि और तरक्की का एक मजबूत आधार बन कर सामने आई है। परिवार की सभी बहुएं पढ़ी लिखी है। पटेल परिवार की बहु दिलेश्वरी, मनीषा, अनिता, गनेशिया और इन सभी की सासु मां सुखबती पटेल और बीरझा बाई ने बताया कि आज पूरा परिवार बहुत खुश है। परिवार को हर माह 6 हजार रूपए की अतिरिक्त आमदनी हो रही है। हमारा परिवार हर सुख-दुख में एकजुट है। इसी तरह से पांच साल से परिवार के छहः महिलाओं के खाते में जमा होने राशि का हिसाब करेंगे तो परिवार के पास कुल 3 लाख 60 हजार रूपए की अतिरिक्त आमदनी होगी।
छत्तीसगढ़ की माताओं और बहनों को अब हर माह महतारी वंदन योजना की राशि का इंतजार रहता है। उनको पता है कि छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव की सरकार मोदी की गांरटी के मुताबिक हर माह को महतारी वंदन का पैसा उनके खाते में आ जाएगी। छत्तीसगढ़ की महिलाएं और उनके परिवार महतारी वंदन योजना से अपने आप को सुरक्षित भी महसुस कर रही है, साथ ही सुखद भविष्य की सपने गढ़ने और बूनने भी लग गए है। परिवार और महिलाओं को पूरा यकिन भी होने लगा है कि महतारी वंदन योजना से परिवार की बेटियों की पढ़ाई लिखाई से लेकर उनकी शादी तक का बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि कबीरधाम जिले में महतारी वंदन की योजना का 2 लाख 55 हजार महिलाओं को लाभ प्राप्त हो रहा है। महिलाओं के खाते में प्रत्येक माह डीबीटी के माध्यम से राशि पहुंच रही है। इस योजना के तहत जिले के सभी लाभार्थी महिलाओं को प्रत्येक माह कुल 23 करोड़ 56 लाख रूपए डीबीटी के माध्यम से राशि अंतरण किया जा रहा है। योजना प्रारंभ होने के बाद से 9 किस्तों के जरिए महिलाओं के खाते में कुल 212 करोड़ 4 लाख रूपए की राशि अंतरित की जा चुकी है।
1 अक्टूबर 2024 की अर्हता तिथि के आधार पर फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली की जाएगी तैयार, छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किया आदेश

रायपुर-     छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 1 अक्टूबर 2024 की अर्हता तिथि के अनुसार फोटो युक्त निर्वाचक नामावली तैयार करने का आदेश जारी किया गया है। अब जो मतदाता 1 अक्टूबर 2024 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके होंगे, वे आगामी स्थानीय नगरीय निकाय निर्वाचन में मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे। पूर्व में निर्वाचक नामावली हेतु 01 जनवरी 2024 की अर्हता तिथि निर्धारित की गई थी किन्तु राज्य शासन द्वारा नगरीय प्रशासन अधिनियम में संशोधन उपरांत 01 अक्टूबर 2024 की तिथि निर्धारित की गई है, जिसका प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र में किया जा चुका है। यह प्रक्रिया चुनाव में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है, ताकि सभी योग्य मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पूर्व में जारी आदेश में संशोधन किया गया है जिसके तहत् अर्हता तिथि अनुसार मतदाता सूची में नाम शामिल करने, हटाने तथा अद्यतन करने का कार्य किया जा सकेगा। नगरीय निकाय हेतु मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन 16 अक्टूबर 2024 को किया जा चुका हैं। अब नवीन संशोधित जारी कार्यक्रम अनुसार दावे तथा आपत्तियां प्राप्त करना बुधवार 13 नवम्बर 2024 से तथा दावा/आपत्तियां प्राप्त करने की अंतिम तारीख व समय बुधवार 20 नवम्बर 2024 को दोपहर 3 बजे तक एवं दावा/आपत्तियों को निपटारे की अंतिम तारीख बुधवार 24 नवम्बर 2024 निर्धारित किया गया है।

इसी प्रकार प्ररूप क-1 में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को दावा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि बुधवार 27 नवम्बर 2024, प्ररूप क-1 में प्राप्त दावा का निराकरण करने की अंतिम तिथि शनिवार 30 नवम्बर 2024 तथा दावे/आपत्तियों के निराकरण आदेश के विरूद्ध अपील करने की अंतिम तारीख निराकरण आदेश पारित होने के 05 दिवस के भीतर निर्धारित किया गया है। निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन बुधवार 11 दिसम्बर 2024 को किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव ने बताया कि यदि किसी मतदाता के नाम, फोटो या अन्य विवरण में कोई त्रुटि हो तो उसे समय रहते सुधरवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अब नवीन अर्हता तिथि अनुसार हर योग्य व्यक्ति को मतदान का अधिकार मिल सकेगा तथा चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न होगा।

रायपुर दक्षिण उपचुनाव का थमा प्रचार : मतदान केंद्रों के लिए कल रवाना होंगे मतदानकर्मी

रायपुर-   रायपुर दक्षिण उप चुनाव का प्रचार-प्रसार आज शाम थम गया. अंतिम दिन भाजपा-कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंकी. उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमाशंकर बंदे ने बताया, नियमानुसार प्रचार प्रसार थम गया है. कल सुबह मतदान कर्मियों को सेजबहार से रवाना किया जाएगा. 1500 से ज्यादा मतदानकर्मी मतदान कराएंगे.

चुनाव अधिकारी ने बताया, दक्षिण उपचुनाव के रण में 30 प्रत्याशी मैदान में हैं. रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में 266 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. 2,71,000 से ज्यादा मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. 13 नवंबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा. सुरक्षा की पूरी तैयारी कर ली गई है.

रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव- मतदाता फोटो पहचान पत्र के अतिरिक्त 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेज दिखाकर भी कर सकते हैं मतदान
रायपुर-   रायपुर नगर (दक्षिण) विधानसभा उप-निर्वाचन के लिए आगामी 13 नवम्बर को होने वाले मतदान के लिए वोटर मतदाता फोटो पहचान पत्र के अतिरिक्त 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेज दिखाकर भी मतदान कर सकते हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी मतदाताओं को निर्वाचक फोटो पहचान पत्र जारी किए गए हैं। आयोग सभी मतदाताओं से अपेक्षा करता है कि वे मतदान स्थल पर अपना मत देने से पहले अपनी पहचान सुनिश्चित करने के लिए आयोग की ओर से जारी निर्वाचक फोटो पहचान पत्र दिखाएंगे।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती कंगाले ने कहा कि यदि कोई निर्वाचक फोटो पहचान पत्र नहीं दिखा पाता है तो भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उनके लिए 12 वैकल्पिक दस्तावेज भी अनुमत किए गए हैं। ऐसे निर्वाचक जो अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए 12 वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों यथा आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंकों/डाकघरों द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय द्वारा स्वास्थ्य बीमा स्कीम के तहत जारी स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, रजिस्टार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) द्वारा नेशनल पापुलेशन रजिस्टर (NPR) के अंतर्गत जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किया गया फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किया गया सरकारी पहचान पत्र तथा भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड दिखाकर मतदान कर सकते हैं।
बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रदेशभर में मनाया जाएगा जनजातीय गौरव दिवस, सभी जिला मुख्यालयों में होंगे कार्यक्रम

रायपुर-      छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाया जाएगा. इस अवसर पर राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में CM साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. इसके पहले भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया 13 नवंबर को छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पदयात्रा करेंगे.

CM साय राजधानी में आयोजित कार्यक्रमों में होंगे शामिल

वहीं, प्रदेश के अन्य जिलों में भी बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. बिलासपुर में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, मुंगेली में उपमुख्यमंत्री अरुण साव और राजनांदगांव में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रमों में शामिल होंगे.

जानिए किस जिले के कार्यक्रम में कौन से मंत्री होंगे शामिल:

जानिए कौन थे भगवान बिरसा मुंडा

बिरसा मुंडा (15 नवम्बर 1875 – 9 जून 1900) एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोक नायक थे. उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में हुए एक आदिवासी धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए. उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनजातीय समुदाय को एकजुट किया और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया और महज 25 साल की उम्र में वे शहीद हो गए. इसके बाद से ही उन्हें भारत के आदिवासी भगवान मानने लगे. उन्हें ‘धरतीबा’ के नाम से भी जाना जाता है.इसलिए उनकी जयंति को देशभर में जनजातीय दिवस के रूप में मनाया जाता है.