फिर सुलगने लगा बांग्लादेश, अब शेख हसीना के समर्थक सड़कों पर, ट्रंप के जीतते ही आवामी लीग में उत्साह!
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बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री और देश की सबसे बड़ी पार्टी अवामी लीग की नेता शेख हसीना एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। दरअसल, बांग्लादेश में एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। इस बार शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ता सड़क पर उतर गए हैं।शेख हसीना की पार्टी के समर्थकों और भूमिगत हुए नेता रविवार को ढाका के गुलिस्तान, जीरो पॉइंट, नूर हुसैन स्क्वायर इलाकों में सड़कों पर उतरे।अपने नेताओं को गलत तरीके से फंसाने, छात्र विंग पर प्रतिबंध लगाने और एएल कार्यकर्ताओं को सताने के लिए अवामी लीग द्वारा यह विरोध प्रदर्शन किया गया।
5 अगस्त को शेख हसीना के तख्तापलट के बाद तीन महीनों में जो नहीं हुआ ढाका में वो देखना को मिला। तख्तापलट के बाद शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ता हमलों का शिकार हुए। वो अब अचानक खुलकर यूनुस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। हालांकि अंतरिम सरकार ने उन्हें चेतावनी दी लेकिन वो नहीं माने। कुछ समय पहले अंतरिम सरकार ने अवामी लीग के स्टूडेंट विंग ‘स्टूडेंट लीग’ को बैन कर दिया था। संगठन के खिलाफ 2009 के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत ये कार्रवाई की गई। स्टूडेंट लीग को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल पाया गया। इसी के खिलाफ अवामी लीग ने मोर्चा खोल दिया। वो नेता भी बाहर आ गए जो कल तक अंडरग्राउंड थे।
हसीना की पार्टी अवामी लीग के फेसबुक पेज पर सफल विरोध मार्च के लिए आह्वान करते हुए पोस्ट जारी हैं, जिसमें कार्यकर्ताओं के लिए विभिन्न निर्देश दिए गए हैं। इस पोस्ट में, पार्टी ने 10 नवंबर को शहीद नूर हुसैन दिवस के उपलक्ष्य में ढाका के जीरो प्वाइंट शहीद नूर हुसैन स्क्वायर पर विरोध मार्च की घोषणा की। उन्होंने तीन बजे भी मार्च निकालने की घोषणा की।पोस्ट के जरिए कार्यकर्ताओं और सहयोगियों के साथ-साथ आम लोगों को भी इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है जो मुक्ति संग्राम के मूल्यों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास करते हैं।
इधर आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए बांग्लादेश की सेना-पुलिस तैनात कर दी गई। ढाका पुलिस ने उन्हें विरोध रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं दी है। देशभर में सेना की 191 टुकड़ियां तैनात की गई है। वहीं इस बीच सरकार के विभिन्न हलकों ने चेतावनी भी दी है कि आवामी लीग को विरोध मार्च आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अवामी लीग को फासीवादी करार देते हुए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि वह अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी को नियोजित रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं देगी।
अब सवाल है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि अवामी लीग इतनी आक्रामक हो गई? इसे अमेरिका में डोनल्ड ट्रंप की वापसी से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, शेख हसीना ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर डोनाल्ड ट्रंप को बधाई संदेश दिया है। इसमें शेख हसीना ने खुद को बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बनाता।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना ने ट्रंप को बधाई संदेश अपनी पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग के लेटर हेड पर लिखा। लेटर हेड पर सामने ही मोटे अक्षरों में पार्टी का नाम है। इसके नीचे पता 23 बंगबंधु एवेन्यू, ढाका का पता लिखा था। आखिर में बांग्लादेश अवामी लीग के ऑफिस सेक्रेटरी बिप्लब बरुआ के हस्ताक्षर।
इसके अलावा शेख हसीना ने ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया के साथ एक तस्वीर भी पोस्ट की है। इसमें शेख हसीना के साथ उनकी बेटी साइमा वाजिद भी खड़ी हैं।
पार्टी के सुप्रीम नेता के एक्टिव मोड में आने से शायद बांग्लादेश में ठंडे पड़ चुके कार्यकर्ताओं को भी ग्रीन सिग्नल मिला। जिसके बाद बांग्लादेश में अवामी लीग माहौल बनाने में जुट गई है।
अमेरिका के डेमोक्रेट्स ने यूनुस का खुले तौर पर समर्थन किया
बता दें कि शेख हसीना ने कथित तौर पर खुद को बांग्लादेश से हटाए जाने के पीछे वर्तमान जो बाइडन प्रशासन के होने का आरोप लगाया था। शेख हसीना ने प्रधानमंत्री रहते हुए भी अमेरिका पर उनके खिलाफ तख्तापलट का आरोप लगाया था।
शेख हसीने के तख्तापलट के पीछे अमेरिका का हाथ होने का कोई ठोस सबूत भले ही ना हो, लेकिन अमेरिका के डेमोक्रेट्स ने यूनुस का खुले तौर पर समर्थन किया था। इसकी झलक मोहम्मद यूनुस की संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए हाल में ही अमेरिका यात्रा के दौरान दिखाई दिया। इस दौरान मोहम्मद यूनुस बहुत प्रेम से राष्ट्रपति जो बाइडन से मिलते नजर आए थे। दोनों नेताओं के बॉडी लैंग्वेज को लेकर काफी सवाल उठे थे। इतना ही नहीं, सवाल यह भी उठे थे कि खुद को दुनिया का सबसे मजबूत लोकतंत्र कहने वाले देश का राष्ट्रपति एक अलोकतांत्रित तरीके से नियुक्त कार्यवाहक से कैसे मिल रहा है।
यूनुस डोनाल्ड ट्रंप के धुर विरोधी
वहीं, अगर मोहम्मद यूनुस की बात की जाए तो वे घोषित तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के धुर विरोधी डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक हैं। 2016 में, ट्रंप के पहली बार राष्ट्रपति चुनाव जीतने के ठीक बाद, पेरिस में एक व्याख्यान देते हुए, यूनुस ने कहा था, "ट्रंप की जीत ने हमें इतना प्रभावित किया है कि आज सुबह मैं मुश्किल से बोल पा रहा था। मेरी सारी ताकत खत्म हो गई। क्या मुझे यहां आना चाहिए? बेशक, मुझे आना चाहिए, हमें इस गिरावट को अवसाद में नहीं जाने देना चाहिए, हम इन काले बादलों को दूर कर देंगे।" ट्रंप पर यूनुस के पिछले विचार और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की ट्रंप द्वारा सार्वजनिक रूप से निंदा किए जाने के कारण इस नोबेल पुरस्कार विजेता के लिए अमेरिका से निपटना मुश्किल हो सकता है।
Nov 11 2024, 16:26