अपने मिट्टी से हजारों मील दूर होने के बाद भी छठी मईया के प्रति लोगों की आस्था कम नहीं होती
बिहार , झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश के
महापर्व छठ ने महासागरों के पार अपना रास्ता खोज लिया है। अपने मिट्टी से हजारों मील दूर होने के बाद भी छठी मईया के प्रति लोगों की आस्था कम नहीं होती , इसीलिए तो छठ पूजा लोक आस्था का सबसे बड़ा पर्व है। जिले के डोमचांच नगर पंचायत क्षेत्र के मूल निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर कृष्णकांत सिंह की इंजीनियर पत्नी नीलम सिंह अमेरका के सीएटल में पूरे उत्साह और भक्ति के साथ छठ पर्व मना रही हैं। नीलम लगातार तीसरे वर्ष भी अमरीका में छठ पूरी पवित्रता और पारंपरिक अनुष्ठानों से मना कर अपनी सभ्यता और संस्कृति की अनूठी मिशाल पेश कर रही हैं।
अपने गहरे आध्यात्मिक महत्व और अद्वितीय अनुष्ठानों के लिए जाना जाने वाला, छठ पूजा जीवन, ऊर्जा और समृद्धि प्रदान करने के लिए सूर्य देव और छठी मैया का सम्मान करता है। नीलम सिंह ने नहाय खाय के साथ इस महापर्व की शुरुवात की तथा खरना का प्रसाद ग्रहण कर 36 घण्टे का निर्जला उपवास भी रखना शुरू किया। खरना के आयोजन में लगभग 60 लोगों ने अमेरिका में स्थित उनके आवास पर पहुंच प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद अस्ताचलगामी एवं उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर चार दिवसीय आस्था के महान पर्व छठ का समापन हो गया। अर्घ्य अर्पित करने में भी भारतीय मूल के काफी संख्या मे लोगों ने भाग लिया तथा पूरे श्रद्धा एवं भक्ति के साथ छठ का महाप्रसाद ग्रहण किया। इंजीनियर कृष्णकांत सिंह के कॉलेज में सीनियर कुसुम और उनके पति संजय कुमार ने महापर्व के लिए विशेष रूप से कैलिफ़ोर्निया से सिएटल की यात्रा की है । उनके जूनियर मित्र मणिभूषण और उनकी पत्नी शालिनी श्रीवास्तव ने आयोजन में शुरू से ही साथ रहकर इनका पूर्ण सहयोग दिया । वहीँ निधि झा, रितु सिंह, और मनीषा राज ने खरना के प्रसाद बनाने में भरपूर सहयोग दिया। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में सम्मिलित होने वाले अन्य लोगों में नमिता, सुमित, दीपक झा, मंजरी, सुदीप, सिद्धार्थ, मिनाक्षी, गीता, रमेश, श्रुति, प्रभाकर, क्षितिज, मनीषा शुक्ला, कुणाल, नेहा, रानी सिंह, अमित बहादुर सिंह, साक्षी, मयंक, त्विशा, प्रेम, दिशिका, अभिषेक, संदीप सक्षम, अभिमन्यु, अनुजा, खुशबु, मुकेश, उपासना पांडेय, ऋचा मिश्रा, कुमार अंकित, आस्था शेखर, अमृता, अंकित, अनुकृति, राकेश, नेहा सहाय, अंकुर, अर्चना, अंकिता, रवि, नितीश, और निशि भी हैं। ये सभी लोग बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं जो अब अमेरिका में रह रहे हैं। विदेश में रह कर भी छठ महापर्व के सफल आयोजन करने को लेकर डोमचांच समेत कोडरमा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में इस परिवार की काफी सराहना की जा रही है। इंजीनियर कृष्णकांत सिंह मूल रूप से डोमचांच काली मंडा के निवासी हैं तथा उनकी पूरी शिक्षा दीक्षा डोमचांच एवं कोडरमा के विभिन्न सरकारी स्कूलों व कॉलेज में हुई हैं। गौरतलब है की कृष्णकांत सिंह अपनी पत्नी नीलम सिंह, पुत्री अनन्या एवं पुत्र आर्यमन के साथ पिछले 14 वर्षो से अमेरिका में रह रहे हैं। अमेरिका में छठ पूजा मनाकर, भारतीय प्रवासी त्योहार के कृतज्ञता, भक्ति और सद्भाव के संदेश और अपने विरासत को नए तटों तक फैला रहे हैं। अपनी जड़ों से जुड़े रहने और पीढ़ियों के बीच सांस्कृतिक निरंतरता को बढ़ावा देने का ये तरीका काफी प्रशंसनीय है।
Nov 08 2024, 18:01