मदरसा मसूद गाजी में उच्च शिक्षा के बाद भाषाओं में रोजगार के अवसर विषय पर साहित्यिक वातार्लाप
सम्भल: अल्लामा इकबाल फाउंडेशन सम्भल के तत्वावधान में उर्दू सप्ताह कार्यक्रम श्रंखला के अन्तर्गत मदरसा मसूद गाजी, सैफ खान सराय में "उच्च शिक्षा के बाद भाषाओं में रोजगार के अवसर" विषय पर एक साहित्यिक वातार्लाप का आयोजन किया गया। इस वातार्लाप का उद्देश्य युवाओं को भाषा ज्ञान के माध्यम से रोजगार के बढ़ते अवसरों से अवगत कराना था।
वातार्लाप कार्यक्रम की अध्यक्षता ताहिर सलामी ने की, और कार्यक्रम में अल्लामा इकबाल फाउंडेशन के चेयरमैन प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी (पूर्व प्राचार्य एमजीएम पीजी कॉलेज संभल) मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि "आज के दौर में सिर्फ उच्च शिक्षा ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि भाषाओं का ज्ञान भी रोजगार के दरवाजे खोलता है।" उन्होंने उर्दू, हिंदी, और अंग्रेजी जैसी भाषाओं के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि कैसे इन भाषाओं में दक्षता से पत्रकारिता, अनुवाद, डिजिटल कंटेंट राइटिंग, और शैक्षिक क्षेत्र में अवसर प्राप्त किए जा सकते हैं।
हैदरी साहब ने युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि "भाषा ज्ञान से हम अपने सामाजिक दायरे को विस्तृत कर सकते हैं और इसके माध्यम से समाज में भी योगदान दे सकते हैं।" उन्होंने उर्दू भाषा के महत्व पर विशेष जोर दिया, जिसे अब कई क्षेत्रों में सम्मान के साथ देखा जा रहा है।
वातार्लाप में शामिल विषय विशेषज्ञौं एवं छात्र छात्राओं भी अपने विचार प्रस्तुत किए और भाषा में कौशल प्राप्त करने के लिए सुझावए मांगे। वातार्लाप का समापन हाफिज मैहदी हसन के धन्यवाद भाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि अल्लामा इकबाल फाउंडेशन द्वारा आयोजित ऐसे कार्यक्रम युवा पीढ़ी के लिए अत्यंत लाभकारी हैं, और इससे उन्हें अपने करियर के विकास में नई दिशाएं मिलेंगी।
इस अवसर पर अफीफा समन, अल्हाज तनवीर अशरफी ,जुहैब मेहंदी, मास्टर मौहम्मद फरमान अब्बासी, शमायम रजा, जुबेर उमर, आदि ने विषय से संबंधित अपने विचार प्रकट किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता ताहिर सलामी ने एवं संचालन शफीक बरकाती ने किया। जबकि मदरसे की प्रधानाचार्या ने सभी मेहमानों का धन्यवाद प्रेषित किया।
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