पटरी पर लौट रहे भारत-चीन के कूटनीतिक संबंध, डिसइंगेजमेंट के बाद पड़ोसी देश के साथ रिश्तों पर क्या कुछ बोले जयशंकर
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भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर सैन्य तनाव कम हो रहा है। 2020 में हुए टकराव के बाद दोनों देशों की सेना पीछे हट चुकी हैं।डेमचोक और देपसांग में दोनों देशों के सैनिक पीछे हट चुके हैं। संयुक्त रूप से गश्त शुरू हो गई है। भारत और चीन के बीच सीमा समझौते के बाद दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर दिख रहे हैं। ये बात खुद भारतीय विदेश मंत्री एस जशंकर ने कही है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया में कार्यक्रम के दौरान कहा कि पहले भारत-चीन के संबंध बेहद खराब हो गए थे लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है।
विदेशमंत्री एस जयशंकर इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं।यहां उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत और चीन के संदर्भ में हां, हमने कुछ प्रगति की है। आप जानते हैं, हमारे संबंध बहुत बहुत अशांत थे, जिसके कारण आप सभी जानते हैं। हमने उस दिशा में कुछ प्रगति की है जिसे हम विघटन कहते हैं। सैनिक एक-दूसरे के बहुत करीब थे, जिससे कुछ अप्रिय घटना होने की संभावना थी, लेकिन डिसइंगेजमेंट काफी सुधरी है।
विदेश मंत्री ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आसपास बहुत बड़ी संख्या में चीनी सैनिक तैनात हैं, जो 2020 से पहले वहां नहीं थे और बदले में हमने भी जवाबी तैनाती की। इस अवधि के दौरान संबंधों के अन्य पहलू भी प्रभावित हुए हैं। इसलिए स्पष्ट रूप से, हमें पीछे हटने के बाद देखना होगा कि हम किस दिशा में आगे बढ़ते हैं। जयशंकर ने कहा, लेकिन, हमें लगता है कि पीछे हटना एक स्वागत योग्य कदम है। इससे यह संभावना खुलती है कि अन्य कदम भी उठाए जा सकते हैं।
जयशंकर ने कहा कि पिछले महीने रूस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात के बाद उम्मीद थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और मैं दोनों अपने समकक्षों से मिलेंगे। तो चीजें इस तरह हुई हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत विकास के पथ पर अग्रसर है और दुनिया के साथ आगे बढ़ना चाहता है। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया के देशों में भारत के साथ काम करने की सदिच्छा और भावना है।
Nov 04 2024, 16:23