मध्यप्रदेश में कांग्रेस की नई टीम बनते ही बिखरने लगी, अब तक 6 बड़े नेताओं ने दिया इस्तीफा, सीनियर नेता भी दिखे नाराज

मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद नई कार्यकारिणी की घोषणा तो कर दी, लेकिन कांग्रेस की नई टीम के सामने आने के बाद से ही नेताओं के इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. जीतू पटवारी की नई टीम के लिए कांग्रेस ने दो सूची में नई प्रदेश कार्यकारिणी घोषित की थी, जिससे अब तक कई सीनियर नेताओं की नाराजगी सामने आई है, जबकि कार्यकारिणी में जगह पाने वाले कई नेताओं ने ही इस्तीफे दिए हैं.

6 नेताओं ने ठुकराया पद

दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने के बाद अब तक 6 नेताओं ने पद ठुकरा दिया है. जिसमें पूर्व विधायक भी शामिल हैं. सबसे पहले इंदौर के कांग्रेस नेता प्रमोद टंडन ने कांग्रेस पार्टी ही छोड़ी थी, जबकि उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में सचिव बनाया गया था. लेकिन सूची आने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 177 पदाधिकारियों के नाम घोषित किए थे, जबकि दूसरी लिस्ट में 158 पदाधिकारियों के नाम घोषित किए थे. इस तरह से कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में अब तक 355 पदाधिकारी हो गए है. लेकिन कई जिलों से असंतोष दिख रहा है.

पूर्व विधायक ने भी छोड़ा पद

रैगांव विधानसभा सीट से कांग्रेस की पूर्व विधायक रही कल्पना वर्मा को प्रदेश कार्यकारिणी में सचिव बनाया गया था. लेकिन उन्होंने सचिव का पद लेने से इंकार कर दिया है. वहीं दौर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमन बजाज, भोपाल कांग्रेस के पूर्व शहर अध्यक्ष मोनू सक्सेना, मुरैना से रामलखन दंडोतिया और यासिर हसनत सिद्धीकी ने पद लेने से इंकार किया है. कई नेता खुद को जो पद मिला है उससे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं.

सीनियर नेता भी दिखे थे नाराज

मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी को लेकर सीनियर नेता भी नाराज दिखे थे. पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल और गोविंद सिंह ने भी सवाल उठाए थे. गोविंद सिंह ने अपने समर्थकों को जगह नहीं मिलने की बात कही थी, जबकि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विंध्य की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था. वहीं पूर्व विधायक और कार्यकारिणी में अध्यक्ष बनाए लक्ष्मण सिंह ने भी कार्यकारिणी को लेकर सवाल खड़े किए थे. माना जा रहा है कि पहली लिस्ट में नेताओं की नाराजगी बढ़ने के बाद ही दूसरी लिस्ट जारी की गई थी. लेकिन दूसरी लिस्ट के बाद भी सियासत दिख रही है.

डोनाल्ड ट्रंप को क्यों आई हिंदुओं की याद? उठाया बांग्लादेश में हिंसा का मुद्दा, भारत और पीएम मोदी को लेकर भी बोले

#donaldtrumphindu_politics

अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव से ठीक पांच दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदू वोटों को साधने की कोशिश।चुनाव से ठीक ट्रंप को हिंदुओं की याद आने लगी।ट्रंप ना सिर्फ दिवाली पर अमेरिका में मौजूद हिन्‍दुओं को बधाई बल्कि बांग्लादेश के हिंदुओं पर हुए हालिया घटनाक्रम की कड़ी निंदा करते हुए बड़ा बयान दिया।उन्होंने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया और पीएम मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया। साथ ही ट्रंप ने कहा, हम अमेरिका को फिर से मजबूत बनाएंगे और यहां की शांति को वापस लाएंगे। हम अमेरिका के हिंदुओं की भी रक्षा करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, 'मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और दूसरे अल्पसंख्यकों के खिलाफ बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं, जिन पर भीड़ ने हमला किए और लूटपाट की गई। वह लोग पूरी तरह से अराजकता की स्थिति में है। यह मेरी निगरानी में कभी नहीं हुआ। कमला हैरिस और बाइडन ने दुनिया और अमेरिका में हिंदुओं की उपेक्षा की है। वे इजरायल से लेकर यूक्रेन और हमारी अपनी दक्षिणी सीमा तक एक आपदा में हैं।'

पूर्व राष्ट्रपति ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद वहां हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ हिंसा की भी निंदा की। उन्होंने कहा, "मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ हो रही बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं। वहां अल्पसंख्यकों पर भीड़ की ओर से हमला किया जा रहा है और लूटपाट की जा रही है, जो पूरी तरह से अराजकता की स्थिति है।"

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए ट्रंप ने लिखा, "हम हिंदू अमेरिकियों को कट्टरपंथी वामपंथियों के धर्म-विरोधी एजेंडे से भी बचाएंगे। हम आपकी आजादी के लिए लड़ेंगे। ट्रंप ने भारत का जिक्र करते हुए कहा, "मेरे प्रशासन के तहत हम भारत और मेरे अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी महान साझेदारी को भी मजबूत करेंगे।"

ट्रंप ने आर्थिक नीतियों सहित अन्य मुद्दों पर भी कमला हैरिस की आलोचना की। उन्होंने कहा, "कमला हैरिस अधिक नियमों और ज्यादा टैक्सों के साथ आपके छोटे व्यवसायों को नष्ट कर देंगी। इसके उलट मैंने अपने पिछले कार्यकाल में टैक्स में कटौती, नियमों में ढील, अमेरिकी ऊर्जा को मुक्त करने और इतिहास की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया था। हम इसे फिर से करेंगे, पहले से कहीं अधिक बड़ा और बेहतर - और हम अमेरिका को फिर से महान बनाएंगे। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, सभी को दिवाली की शुभकामनाएं। मुझे उम्मीद है कि रोशनी का यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत सुनिश्चित करेगा।

ट्रंप हिंदु राग क्यों अलापने लगे?

अब सवाल ये उठ रहा है कि चुनाव से ठीक पांच दिन पहले ट्रंप हिंदु राग क्यों अलापने लगा हैं? दरअसल, पिछले चार सालों में ट्रंप के सपोर्ट में हिंदुओं के सपोरिट में 9 प्रतिशत का इजाजा हुआ है साल 2020 में जब अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव हुए थे तब ट्रंप को 22 फीसदी भारतीयों ने समर्थन दिया था। एक सर्वे के मुताबिक कमला हैरिस का ग्राफ पिछले चार सालों में भारतीय मूल के लोगों में सात प्रतिशत तक नीचे गया है। 2020 के अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान कमला हैरिस 68 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद थी जो अब 61 प्रतिशत रह गई हैं। कमला हैरिस की डेमोक्रेट पार्टी के लिए भारतवंशी ट्रेडीशनल वोट बैंक रहा है लेकिन अब इसमें गिरावट दर्ज की जा रही है।

सर्वे के बाद हिन्‍दू वोटर्स को लुभाने में लगे

ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत में अमेरिका की वाइट पॉपुलेशन पर फोकस ज्‍यादा रखा था। यही वजह है कि प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान उन्‍होंने बाहरी लोगों द्वारा अमेरिका की सड़कों से आवारा कुत्‍ते उठाकर उन्‍हें मारकर खाने के वायरल वीडियो को भी मुद्दा बना दिया था। अब सर्वे में आ रहे ताजा आंकड़े देख ट्रंप कमला हैरिस के साथ क्‍लोज फाइट के बीच हिन्‍दू वोटर्स को लुभाने में लगे हैं। अमेरिका में करीब 52 लाख लोग भारतीय मूल के हैं। इनमें से 26 लाख लोग इन चुनावों में वोट डालने योग्‍य हैं।

तिरुमाला मंदिर में काम करने वाले सभी हिंदू हों”, तिरुपति मंदिर बोर्ड का अध्यक्ष बनते ही बीआर नायडू का बड़ा बयान

#tirupati_temple_trust_newly_appointed_chief_says_all_working_in_tirumala_must_be_hindus

तिरुमाला तिरुपति के प्रसादम (लड्डू) में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के विवाद के बाद बीआर नायडू को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बोर्ड का नया अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में काम करने वाले सभी हिंदू लोगों को होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि साथ ही यहां पर काम करने वाले गैर हिंदुओं को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार के साथ बात करेंगे।

हैदराबाद में पत्रकारों से बात करते हुए बीआर नायडू ने तिरुमाला में हिंदुओं के काम करने को लेकर कहा, तिरुमाला में काम करने वाला हर व्यक्ति हिंदू होना चाहिए। मेरी यही पहली कोशिश होगी कि इस दिशा में काम किया जाए। इसमें कई मुद्दे हैं। हमें इस पर ध्यान करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह आंध्र प्रदेश सरकार से इस संबंध में बात करेंगे कि दूसरे धर्मों के कर्मचारियों के साथ कैसे व्यवहार किया जाए, क्या उन्हें अन्य सरकारी विभागों में भेजा जाना चाहिए या फिर उन्हें वीआरएस दी जानी चाहिए।

बी आर नायडू ने आरोप लगाया कि तिरुपति मंदिर में पिछली वाईएसआर कांग्रेस सरकार के दौरान कई अनियमितताएं हुईं। कहा गया कि मंदिर की पवित्रता की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ निभाएंगे।

आंध्र प्रदेश सरकार ने बुधवार को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के लिए 24 सदस्यों के साथ एक नया बोर्ड गठित किया, जो तिरुमाला तिरुपति में प्रसिद्ध बालाजी मंदिर का प्रबंधन करेगा। सरकार ने बी आर नायडू को नवगठित टीटीडी बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया, जबकि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की सह-संस्थापक और एमडी सुचित्रा एला को सदस्यों में शामिल किया गया है।

बता दें कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल के दौरान प्रसिद्ध लोध प्रसादम की तैयारी में पशु वसा से युक्त घी का इस्तेमाल किया गया था। इस मामले में साउदी केस सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एडिटेटी) का गठन किया गया है।

पंजाब के सीएम भगवंत मान को लिखूंगी खत” क्यों कहनी पड़ी है मरियम को यह बात

#maryamnawazsharifletterpunjabcmbhagwant_mann

हरियाणा और पंजाब में जलने वाली पराली को अब तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ही स्मॉग का जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, लेकिन अब पाकिस्तान भी यही आरोप लगाने लगा है। दरअसल, धुंध और प्रदूषण की परेशानी से भारत और पाकिस्तान के दोनों तरफ के पंजाब परेशान हैं। इस बीच पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने प्रदूषण से निपटने के लिए भारत और पाकिस्तान के मिलकर काम करने की बात कही है। मरियम नवाज ने कहा है कि स्मॉग की समस्या को लेकर वो भारतीय पंजाब के सीएम भगवंत मान को पत्र लिखने की सोच रही हूं।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर में एक दिवाली कार्यक्रम में मरियम ने कहा कि लाहौर में जो धुंध छाया है, उस पर हमें भारत के साथ समन्वय की जरूरत है। मैं भारत में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिखने की सोच रहा हूं क्योंकि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि एक मानवीय मुद्दा है। अगर हम भी इस दिशा में कदम उठा रहे हैं, तो भारतीय पक्ष से भी पहल होनी चाहिए।

हवाओं को सरहद का नहीं पता

मरियम ने इस दौरान कहा कि हवाओं को नहीं पता कि बीच में एक सीमा है और दोनों तरफ धुंध है। मुझे लगता है कि जब तक दोनों पंजाब एक साथ नहीं आते, हम स्मॉग की समस्या से नहीं निपट पाएंगे। हमें मिलकर काम करना चाहिए कि लोगों को अच्छी हवा सांस लेने को मिल सके क्योंकि अच्छी सेहत दोनों ही तरफ के लोगों का हक है।

क्यों कहनी पड़ी है मरियम को यह बात

मरियम पंजाब को यह बात इसलिए कहनी पड़ी है, क्योंकि पाकिस्तानी पंजाब के पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने लाहौर में फैली प्रदूषण की चादर का ठीकरा भारतीय पंजाब पर फोड़ा है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि भारत के अमृतसर और चंडीगढ़ से 7 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से प्रदूषित हवा लाहौर पहुंच रही है। ऐसा कुछ दिनों से हवा की दिशा बदलने के कारण हुआ है। पाकिस्तानी पंजाब की सीनियर मंत्री मरियम औरंगजेब के ऑफिस ने भी लाहौर के लिए इमरजेंसी अलर्ट जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि हम स्मॉग हटाने की जितनी कोशिश कर रहे हैं, उतनी अपने यहां भारत नहीं कर रहा है।

बता दें कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में स्कूलों शुक्रवार से रविवार तक बंद रहेंगे। धुंध का स्तर बढ़ने और एयर क्वालिटी खराब होने के कारण यह फैसला लिया गया।लाहौर में औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 208 दर्ज किए जाने के बाद ऐसा किया गया।लाहौर को पाकिस्तान का सबसे प्रदूषित शहर माना गया है और इसे दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर माना गया है। इसका मुख्य कारण धुंध के कारण बिगड़ती स्थिति है।

रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया की एंट्री, जेलेंस्की ने चीन की चुप्पी पर उठाए सवाल

#north_korean_soldiers_preparing_to_fight_against_ukraine

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग में लड़ने के लिए अपने सैनिकों को रूस के कुर्स्क क्षेत्र में भेजा है। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने इसकी पुष्टि की है। नाटो महासचिव मार्क रट ने सोमवार को कहा कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में उत्तर कोरियाई सेना की टुकड़ियां तैनात की गई हैं।ये सैनिक यूक्रेन के साथ लड़ाई में रूस की मदद करने की तैयारी कर रहे है।यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में उत्तर कोरिया की भागीदारी को लेकर चेतावनी जारी की है।जेलेंस्की ने इस मुद्दे पर चीन की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। जेलेंस्की ने इसे लेकर सोशल मीडिया साइट पर एक पोस्ट भी साझा किया है।

जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'मैंने दक्षिणी कोरिया के केबीएस को एक साक्षात्कार दिया, जिसमें इस युद्ध में उत्तर कोरिया की अधिकारिक भूमिका पर जोर दिया गया। यह सिर्फ हथियारों या रूसी कारखानों में काम करने वाले मजदूरों की बात नहीं है। उत्तर कोरियाई सैनिक हमारे कब्जे वाले क्षेत्र कुर्स्क में यूक्रेन से लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। यानी एक के खिलाफ दो देशों का युद्ध।'

यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में कोरियाई सैनिकों को शामिल करने के फैसले को लेकर जेलेंस्की ने रूस की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रूस ने उत्तर कोरिया के साथ खुलेआम साझेदारी की है और लगभग 3.5 मिलियन तोपें खरीदी हैं।'इतना नहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, 'उन तोपों और मिसाइलों का इस्तेमाल हमारे लोगों के खिलाफ किया गया था, लेकिन अब यह महज हथियार नहीं रह गए हैं। हमारे पास जानकारी है कि 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में एक प्रशिक्षण शिविर में हैं और जल्द ही यह संख्या बढ़कर 12,000 सैनिकों और अधिकारियों तक पहुंचने की उम्मीद है।

जेलेंस्की ने मौजूदा स्थिति पर चीन के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, 'उत्तर कोरिया की हरकतें बेतरतीब नहीं हैं। उनके रणनीतिक लक्ष्य हैं। मैं चीन की चुप्पी से हैरान हूं। मैं यह नहीं कह सकता कि चीन हमारे पक्ष में है, लेकिन क्षेत्रीय सुरक्षा गारंटर के रूप में उसकी चुप्पी चौंकाने वाली है। यह एशियाई सुरक्षा गठबंधन का समय हो सकता है। जापान और दक्षिण कोरिया दोनों ही मजबूत, सभ्य राष्ट्र हैं और उत्तर कोरिया की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए चीन से संपर्क करना जरूरी हो सकता है, क्योंकि उत्तर कोरिया सक्रिय रूप से उस क्षेत्र को युद्ध में धकेल रहा है। उनकी हरकतें संयोग नहीं हैं, वे बदले में रूस का समर्थन चाहते हैं।'

बता दें कि नॉर्थ कोरिया के 8000 सैनिक इस समय यूक्रेन की सीमा के पास रूस के कुर्स्क क्षेत्र में मौजूद हैं। ये सैनिक यूक्रेन के साथ लड़ाई में रूस की मदद करने की तैयारी कर रहे है। इसी बीच नॉर्थ कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में रूस को 1000 से ज्यादा मिसाइलें दी हैं। इस बात की जानकारी साउथ कोरिया के रक्षा मंत्री ने दी है।साउथ कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने गुरुवार को कहा कि नॉर्थ कोरिया ने यूक्रेन में लड़ने के लिए सैनिकों के अलावा रूस को 1,000 से अधिक मिसाइलें भेजी हैं।

इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल में ही अपने बयान में कहा था कि इस समय रूस में नॉर्थ कोरिया के 10000 सैनिक मौजूद हैं। उनमें से लगभग 8000 से ज्यादा सैनिकों को रूस के कुर्स्क क्षेत्र में तैनात किया गया है। उन्होंने आशंका जताई है कि रूस आने वाले दिनों में इन सैनिकों का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में कर सकता है।

कुर्स्क रूसी इलाका है, जहां अगस्त महीने यूक्रेन की सेना घुस गई थी और बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद रूस को यहां पर अपनी सेना भेजनी पड़ी थी।पिछले कुछ सप्ताह में रूसी सेना ने कुर्स्क क्षेत्र के आधे हिस्से पर फिर से कब्जा पाने में सफलता हासिल की है, लेकिन यूक्रेनी सेना अभी इलाके में मौजूद है और रूस को कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि किम जोंग उन के सैनिकों के शामिल होने से रूस को बढ़ मिल सकती है।

दिवाली पर खूब जले पटाखे, कहां रही पटाखों पर बैन के लिए बनाई गई 377, जानिए किस लेवल तक पहुंचा AQI

#diwalinextdaypollutionindelhincr

सरकार और सुप्रीम कोर्ट के सख्‍त आदेश के बावजूद दिल्‍ली-एनसीआर मे दिवाली की रात लोगों ने जमकर पटाखे चलाए। जिसके चलते दिल्‍ली सहित नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम समेत एनसीआर के अन्‍य शहरों की हवा दमघोंटू हो गई। कुछ स्‍थानों पर रात के वक्‍त वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्‍यूआई का स्‍तर 700 के पार पहुंच गया था। हालांकि शुक्रवार सुबह इसमें कुछ गिरावट जरूर दर्ज की गई।दिल्ली के कई इलाकों में रात में एक्‍यूआई 700 के पार चला गया है। वहीं कुछ इलाकों में एक्यूआई 500 के पार पहुंच गया है। दिल्ली का औसत एक्यूआई 556 दर्ज किया गया। वहीं, आनंद विहार में 714, डिफेंस कॉलोनी में 631, पटपड़गंज में 513 एक्यूआई दर्ज किया गया। हालांकि, आनंद विहार इलाके में शुक्रवार सुबह प्रदूषण का स्‍तर 395 दर्ज हुआ, जो पूरी दिल्‍ली में सबसे अधिक है. इसके अलावा अशोक विहार में 384, मथुरा रोड पर 369, आया नगर में 352, अलीपुर में 350 और चांदनी चौक में प्रदूषण का स्‍तर 336 नामा गया। कुल मिलाकर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में वायु गुणवत्ता काफी खराब स्थिति में पहुंच चुका है।

दिल्ली में पांच साल से लग रहा प्रतिबंध

बढ़ते प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवें साल भी राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की है। दिवाली की पूर्व संध्या पर, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध क्रियान्वित करने के लिए टीमें गठित की गई हैं। इसके बावजूद पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों का उल्लंघन हुआ।

पटाखों पर बैन के लिए बनाई गई 377 टीमें

बता दें कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन का अनुपालन कराने के लिए 377 टीमें भी गठित की थीं। इसके अलावा लोगों के बीच जागरुकता अभियान भी चलाए गए। इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में जमकर पटाखे जलाए गए। दिल्ली में बीते 24 घंटे में औसत एक्यूआई 330 दर्ज किया गया। वहीं रात 9 बजे दिल्ली का पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर क्रमश: 145.1 और 272 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक दर्ज किया गया।

पिछले सालों में दिवाली पर प्रदूषण का स्‍तर

2015 दीवाली के दिन AQI343

2016 दीवाली के दिन AQI431

2017 दीवाली के दिन AQI319

2018 दीवाली के दिन AQI281

2019 दीवाली के दिन AQI337

2020 दीवाली के दिन AQI414

2021 दीवाली के दिन AQI382

2022 दीवाली के दिन AQI 312

2023 दीवाली के दिन AQI 218

नेपाल ने चीनी कंपनी को दिया विवादित नक्शे वाले नोट छापने का ठेका, मैप में 3 भारतीय इलाके

#chinese_firm_to_print_nepal_notes_with_map_featuring_indian_regions 

नेपाल ने भारत से पंगा लेने का काम किया है। नेपाल के केंद्रीय बैंक ‘नेपाल राष्ट्र बैंक’ ने चीन की एक कंपनी को 100 रुपए के नए नेपाली नोट छापने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। इन नोटों पर बने नक्शे में भारत के लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी इलाके को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है। इस इलाके को लेकर भारत-नेपाल के बीच करीब 35 साल से विवाद है।

नेपाल राष्ट्र बैंक ने 100 रुपये के नोटों की छपाई का काम चीन की कंपनी को सौंपा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रतिस्पर्धी वैश्विक निविदा प्रक्रिया के बाद चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन को 100 रुपये के नोट छापने का ठेका दिया गया है। चीनी कंपनी नोटों की 30 करोड़ प्रतियां छापेगी। एनआरबी ने कंपनी से 300 मिलियन 100 रुपये के नोटों को डिजाइन, प्रिंट, आपूर्ति और वितरित करने को कहा है, जिसकी कीमत लगभग 8.99 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। 

इस नोट में बने नक्शे में भारत के लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी क्षेत्र को नेपाल का हिस्सा दर्शाया गया है। नेपाल ने एक संवैधानिक संशोधन के जरिए 20 मई, 2020 को लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपना हिस्सा बताते हुए नया नक्शा जारी किया था। इसमें पश्चिमी तिब्बत के न्गारी क्षेत्र में स्थित सभी विवादित क्षेत्रों को नेपाल ने अपना कहा है। ये क्षेत्र बीते 60 वर्षों से पूरी तरह से भारत के नियंत्रण में हैं। यहां के लोग भारतीय नागरिक हैं। भारत में कर चुकाते हैं और भारतीय में मतदान करते हैं।

नेपाल के मंत्रिमंडल ने इस साल मई में इस नोट के डिजाइन में बदलाव को मंजूरी दी थी। तब नेपाल में पुष्प कमल दहल प्रचंड प्रधानमंत्री थे। केपी शर्मा ओली इस सरकार का समर्थन कर रहे थे। 12 जुलाई को ओली ने प्रचंड सरकार सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। अब वे नेपाल के पीएम हैं। 

भारत ने पहले ही नेपाल की ओर से किए गए क्षेत्रीय दावे को आर्टिफिशियल विस्तार करार दिया और अस्थिर करने वाला बताया है। भारत ने साफ कर दिया है कि पश्चिमी नेपाल की सीमा पर स्थित लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा उसका हिस्सा हैं।

हिमाचल प्रदेश के मनाली में एक और पैराग्लाइडर चेक गणराज्य के नागरिक की पहाड़ी से टकराने के बाद मौत, दो से नौ नवंबर को होना है बड़ा इवेंट

बेल्जियम के पैराग्लाइडर की मौत के एक दिन बाद हिमाचल प्रदेश के मनाली में एक और पैराग्लाइडर की बुधवार को पहाड़ी से टकराने के बाद मौत हो गई। यह पैराग्लाइडर चेक गणराज्य का नागरिक था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बीड बिलिंग में दो नवंबर से शुरू होने वाले पैराग्लाइडिंग विश्व कप-2024 से पहले हिमाचल प्रदेश में दो दिनों में दो पैराग्लाइडर की मौत के मामले सामने आए हैं।

6 सालों से पैराग्लाइडिंग कर रही थी डीटा

मृत पैराग्लाइडर की पहचान डीटा मिसुरकोवा (43) के रूप में हुई है, जो मनाली में माढ़ी के पास पहाड़ों से टकरा गई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, तेज हवाओं के कारण उसका ग्लाइडर से नियंत्रण खो गया। उन्होंने बताया कि पैराग्लाइडर को तुरंत मनाली के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अनुभवी पैराग्लाइडर, मिसुरकोवा पिछले 6 वर्षों से पैराग्लाइडिंग कर रही थीं।

पैराशूट नहीं खुलने से बेल्जियम के पैराग्लाइडर की मौत

बीड़ बिलिंग में मंगलवार को बेल्जियम के एक पैराग्लाइडर की एक अन्य पैराग्लाइडर से हवा में टकराने के बाद पैराशूट नहीं खुलने से मौत हो गई। मनाली में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान (एबीवीआईएमएएस) के निदेशक अविनाश नेगी ने बताया, “दुर्घटनाओं के मद्देनजर दुर्घटना स्थलों को चिन्हित करने के लिए ऊंचे पहाड़ों पर विशेष टावर लगाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।” यहां दो से नौ नवंबर को होने वाले विश्व कप में 50 देशों के 130 पैराग्लाइडर हिस्सा लेंगे।

मेक्सिको सुप्रीम कोर्ट के 8 जजों ने कहा, वे चुनाव में खड़े होने के बजाय अदालत ही छोड़ देंगे, जानिए, पूरा मामला

मेक्सिको के सुप्रीम कोर्ट के आठ न्यायाधीशों ने कहा है कि वे चुनाव में खड़े होने के बजाय अदालत छोड़ देंगे, जैसा कि पिछले महीने पारित एक विवादास्पद न्यायिक बदलाव के लिये आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एवं सात अन्य न्यायाधीशों ने मंगलवार और बुधवार को यह कहते हुए त्यागपत्र सौंप दिया कि अगले साल चुनाव में उतरने के बजाय वे अपना पद छोड़ देंगे।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के तीन अन्य न्यायाधीशों ने चुनाव में उतरने का संकेत दिया है। पहले सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों का चयन सीनेट द्वारा किया जाता था। पिछले महीने मेक्सिको की कांग्रेस ने न्यायाधीशों को चुनाव में उतारने की तत्कालीन राष्ट्रपति एंड्रिस मैन्युअल लोपेज ओब्राडोर द्वारा की गयी पहल को अनुमोदित कर दिया था और उसपर अधिकतर प्रांतों की मुहर लग चुकी है।

ओब्राडोर और उनके उत्तराधिकारी क्लाडिया शीनबॉम समेत उनके सहयोगियों का कहना है कि इस क्रांतिकारी बदलाव से न्यायपालिका को भ्रष्टाचार से निजात मिलेगा। हालांकि विरोधी कहते हैं कि इससे अदालतें कम स्वतंत्र हो जाएंगी और राजनीतिक शक्तियों के इशारे पर काम करेंगी।

भारत की यह है एकमात्र ट्रेन, जिसे पास देने के लिए रुक जाती है राजधानी, दुरंतो जैसी VVIP ट्रेनें, डिटेल में जानिए

भारत की ऐसी इकलौती ट्रेन है जिसे पास देने के लिए राजधानी शताब्दी और वंदे भारत जैसी ट्रेन भी रुक जाती है। भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यहां रोजाना करीब एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए लगभग 13,000 से अधिक ट्रेनें संचालित होती है। लाखों की संख्या में यात्री ट्रैवल करते हैं। इस दौरान उन्हें अलग-अलग तरीके का अनुभव मिलता है। पहले ट्रेन को सामान के लिए संचालित किया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इसका विस्तार किया गया। अब ट्रेन भी क्लासिफाइड हो चुके हैं। एक ही रेल में आपको बहुत से प्रकार के कोच्स देखने को मिलेंगे। जिनमें जनरल कोच, स्लीपर कोच, 3 टायर, 3 इकोनॉमिक्स टायर, 2 टायर और 1 टायर शामिल है।

सफर करते समय लोग काफी बोर भी हो जाते हैं, इसलिए वह ट्रेन में बेचे जाने वाली तरह-तरह की चीज खरीदते हैं। कुछ लोग तो घर से भी बनाकर लाते हैं। कुछ सफर ऐसे होते हैं, जो चंद घंटे में खत्म हो जाते तो कुछ 1 से 2 दिन का समय लेते हैं। इस दौरान ट्रेन बहुत से राज्यों से होकर निकलती है, जिससे यात्रियों को विभिन्न राज्यों के संस्कृति, वातावरण और खान-पान से रूबरू होने का मौका मिलता है।

यदि आप राजधानी, शताब्दी या दुरंतो जैसी ट्रेन में सफर कर रहे होते हैं, तो कुछ ऐसी ट्रेन होती हैं जिन्हें साइड में खड़ा कर दिया जाता है और इन ट्रेनों को पास कराया जाता है, लेकिन शायद आपको भारत की इकलौती ऐसी ट्रेन के बारे में नहीं पता। जिसे पास देने के लिए राजधानी शताब्दी और वंदे भारत जैसी ट्रेन भी रुक जाती है।

रुक जाती हैं VVIP ट्रेनें

दरअसल, इस ट्रेन को एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल ट्रेन के नाम से जानते हैं। यह भारत की वीवीआईपी ट्रेन है, जो किसी को भी पास नहीं देती, बल्कि अच्छी से अच्छी वीआईपी ट्रेन भी इसे पास देने के लिए रुक जाती है। इस ट्रेन का भारतीय रेलवे में काफी बड़ा महत्व है। यह ट्रेन जब सफर पर निकलती है, तो अच्छे-से-अच्छे ट्रेनों को भी रोकना पड़ता है। यूं तो भारत में रेल का जाल बहुत बड़े स्तर पर फैला हुआ है और पिछले 2 महीने से लगातार एक-के-बाद-एक कई रेल हादसे हो रहे हैं। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी रेल एक्सीडेंट होते आए हैं। ऐसे में ट्रेन मेडिकल सुविधा देने के लिए मौके पर पहुंचती है, जिसमें हर तरह की दवाई और चिकित्सक की सुविधा उपलब्ध रहती है।

इंडियन रेलवे के महत्वपूर्ण यार्ड और स्टेशनों पर इन ट्रेनों को खड़ा किया जाता है, जो कि राहत और बचाव कार्य के लिए बहुत ही कम समय में दुर्घटना स्थल पर पहुंच जाती है और लोगों को राहत प्रदान करती है।