मातम में बदली दिवाली की खुशियां, गैस सिलेंडर में ब्लास्ट, पति की मौत,  पत्नी की हालत गंभीर

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में बड़ा हादसा हो गया। जहां गैस सिलेंडर ब्लास्ट होने से पति की मौत हो गई। जबकि पत्नी गंभीर रूप से घायल बताई जा रही है। गैस सिलेंडर में धमाके से पति का हाथ कई मीटर दूर जा गिरा। वहीं मोपेड के परखच्चे उड़ गए। दिवाली की खुशियां मातम में तब्दील हो गई।

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को कानपुर के सीसामाऊ क्षेत्र निवासी सुरेंद्र अपनी पत्नी के साथ दिवाली के लिए कुछ सामान लाने के लिए मोपेड से बाजार गए थे। वापस आते समय उनके हाथ में गैस का छोटा सिलेंडर और कुछ पटाखे भी थे। सुरेंद्र जैसे ही घर के पास पहुंचे तो घर के बाहर ही सिलेंडर में अचानक ब्लास्ट हो गया। जिससे सुरेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई।

धमाके की आवाज सुन आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। आनन फानन में सुरेंद्र की पत्नी को अस्पताल ले गए। जहां उसका इलाज जारी है। गैस सिलेंडर में ब्लास्ट की वजह से मोपेड चकनाचूर हो गई। वहीं आसपास के वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। बताया जा रहा है कि पटाखा साथ में होने की वजह से गैस सिलेंडर में ब्लास्ट हुआ है। फिलहाल पुलिस सभी पहुलओं की बारीकी से जांच कर रही है।
दिया से लगी घर में भीषण आग, दंपति समेत 3 की मौत

डेस्क:–यूपी के कानपुर से बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक में भीषण आग लग गई, जिसमें दंपति और नौकर की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और दमकल टीम मौके पर पहुंची। दमकल की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

दरअसल, यह पूरी घटना काकादेव थाना क्षेत्र के पांडू नगर की है। बताया जा रहा है कि संजय श्यामदासानी का परिवार दिवाली पूजन के बाद मंदिर में दिया जलाकर सो गया था। देर रात अचानक आग लग गई। कुछ ही देर में घर में रखे लकड़ी के सूखे फर्नीचर से आग तेजी से फैलती चली गई और देखते ही देखते घर में भीषण आग लग गई।

वहीं, दम घुटने से पति संजय श्यामदासानी, पत्नी कनिका श्यामदासानी की जान चली गई। जबकि हाऊस मेड बुरी तरह झुलस गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और दमकल टीम मौके पर पहुंची और हाऊस मेड को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इजाल के दौरान उसकी मौत हो गई. इधर, कड़ी मशक्कत के बाद दमकल ने आग पर काबू पाया।

डीसीपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि हादसे में संजय श्यामदासानी (48), कनिका श्यामदासानी (45) और छवि चौहान की मौत हो गई है  बताया जा रहा है कि मंदिर में रखे दीपक से आग लग गई थी। ये गहरी नींद में थे और बाहर नहीं निकल पाए थे। मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
दिवाली और घर आए मेहमानों को खिलाएं पान लड्डू, हर कोई करेगा तारीफ़…

डेस्क :– साल का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली का इंतज़ार लोगो को साल भर रहता हा, और आज ये त्यौहार लोग ख़ुशी-ख़ुशी परिवार के साथ मिलकर मनाएँगे। और  कल से शुरू होगा परिवार और रिश्तेदारों, दोस्तों से मिलने जाने का दौर.जब घर में मेहमान आते हैं, तो उनका मुँह मीठा कराया जाता है। खोवा की मिठाई , काजू कतली, रसगुल्ला, गुलाबजामून से तो सभी मुँह मीठा करवाते हैं, और हर कोई वही वही मिठाई खाके उब जाता है. ऐसे में आप इस बार अपने मेहमानों को पान की मिठाई खिलाएँ। ये हर किसी को पसंद आएगी और लोग एक की जगह दो खाएँगे । तो चलिए जानते हैं इसे बनाने का तरीक़ा।

सामग्री
पान के पत्ते- ताजे और साफ पान के पत्ते
खोया- 200 ग्राम
नारियल का बुरादा- 100 ग्राम
इलायची पाउडर- 1/2 चम्मच
काजू- 50 ग्राम (बारीक कटा हुआ)
बादाम- 50 ग्राम (बारीक कटा हुआ)
चांदी का वर्क- सजाने के लिए (वैकल्पिक)
गुलाब जल- 1 चम्मच (ऑप्शनल)

*विधी*

1-पान मिठाई बनाने के लिए सबसे पहले पान के पत्तों को अच्छी तरह धो लें. फिर इन्हें मिक्सर में पीसकर एक चिकना पेस्ट बना लें।
2-अब एक नॉन-स्टिक पैन में खोया डालकर धीमी आंच पर पिघला लें. खोया पिघलने के बाद इसमें इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें।
3-इसके बाद पिघले हुए खोये में पान का पेस्ट, नारियल का बुरादा, काजू और बादाम डालकर अच्छी तरह मिला लें।
4-अगर मिश्रण गाढ़ा न हो तो थोड़ा सा गुलाब जल डाल सकते हैं.फिर इस मिश्रण को हाथों में लेकर छोटे-छोटे लड्डू बना लें।
5-अगर आप चाहें तो लड्डूओं को चांदी के वर्क से सजा सकते हैं.इन लड्डूओं को एक एयरटाइट कंटेनर में रखकर आप फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं।
दिवाली में तेल-मीठा खाकर बिगड़ जाता है हाजमा,तो इन चीजों को खा-पीकर सेहत रखें अच्छी…




डेस्क:– दिवाली, हिंदु धर्म का सबसे बड़ा, सबसे पुराना और आस्था का सबसे बड़ा पर्व है. इस त्यौहार को रोशनी (प्रकाश या सजावट), मिठाई और खुशी के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. देश-परदेस में बसे परिवार के सदस्य अपने पुस्तैनी घरों को लौटते हैं। सब मिलकर दिवाली मनाते हैं. एक-दूसरे को तोहफे देते हैं। मिठाईयां और पकवान खिलाते हैं। अब खाना ज्यादा होना स्वाभाविक है। इससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। जैसे- ब्लोटिंग, अपच. मगर, इसके कारण आप सालभर के इस त्यौहार में न खाएं, ऐसा न कीजिए. बस कुछ आयुर्वेदिक उपाएं करें, बस. इनसे सेहत को कोई नुकसान भी नहीं होगा ।

दुनियाभर में आयुर्वेद के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 29 अक्टूबर को आयुर्वेद डे मनाया जाता है. इस साल भी यह दिवस मनाया गया। इस मौके में जानें कैसे आयुर्वेद उपायों को करके आप अपनी दिवाली बिना किसी समस्या के मना सकते हैं।

हल्का खाना खाएं, जैसे दाल, भाजियां, सलाद. तेल और मसालेदार खाने से बचें।

फल में आप मौसमी, सेब, नाशपाती, संतरा खा सकते हैं ये पाचन के बहुत फायदेमंद होते हैं. साथ ही दही खाएं। ये पाचन शक्ति को बढ़ाता है।घी भी पाचन में सहायक है तो।

*जड़ी-बूटियों भी ले सकते हैं-*

*अजवाइन*

अजवाइन हर घर में उपलब्ध होती है. यह पाचन की बेहतरीन घरेलू दवा है। यह गैस को भी कम करती है. अगर, ऐसे ही अजवाइन खाएं तो भी ठीक है अगर आफ इसमें थो़ड़ी हींग और काला नमक डालकर पाउडर के फॉर्म में पानी के साथ मिलाकर खाएंगे तो और फायदा होगा।

*जीरा*
जीरा पाचन शक्ति को बढ़ाता है. यह भूख भी बढ़ाता है इसे पानी में उबालकर पीएं. पाचन दुरुस्त रहेगा "m

*धनिया*
धनिया पाचन को मध्यम रखता है. पेट की जलन को कम करता है।

इन रीति-रिवाजों के बिना अधूरी है दिवाली की रोशनी…

डेस्क:– दिवाली के दिन कुछ विशेष परंपराएं और रीति-रिवाज पूरे होते हैं, जिनके बिना यह त्योहार अधूरा माना जाता है। हालाँकि, ये परंपराएँ अलग-अलग स्थानों और परिवारों के आधार पर भिन्न-भिन्न भी होती हैं। आइए जानते हैं दिवाली से जुड़ी कुछ परंपराओं और रीति-रिवाजों के बारे में…

दिवाली के दिन घरों को दीयों, मोमबत्तियों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है। दिवाली के दिन दीयों और लाइटों की यह सजावट न सिर्फ घर की खूबसूरती बढ़ाती है बल्कि इसे अंधकार से प्रकाश की ओर संक्रमण का प्रतीक भी माना जाता है।

दिवाली के दिन ज्यादातर घरों में रंगोली बनाने की परंपरा है।लक्ष्मी की पूजा करके घर के आंगन और दरवाजों पर विशेष रंगों से सुंदर डिजाइन और पेंटिंग भी बनाई जाती है। घर में रंगोली बनाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और इसे देवी लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक भी माना जाता है।

दिवाली की रात पटाखे और पटाखे फोड़े जाते हैं, जिससे इस त्योहार की खुशी दोगुनी हो जाती है। हालांकि, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पटाखे न जलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि पटाखों से बच्चों, बुजुर्गों और जानवरों को कई परेशानियां होती हैं और कई बीमारियां होने लगती हैं।

दिवाली के दिन ज्यादातर घरों में पारंपरिक मिठाइयां भी बनाई जाती हैं और इन्हें लक्ष्मी पूजा के दौरान भी चढ़ाया जाता है। परिवार के सदस्य घर में बनी मिठाइयों जैसे लड्डू, जलेबी, गुलाब जामुन आदि का आनंद लेते हैं। दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों के बीच दिवाली की मिठाइयों का आदान-प्रदान भी किया जाता है।


दिवाली पर नवविवाहित जोड़ों और बच्चों को विशेष गिफ्ट दिए  जाते हैं और बड़ों का आशीर्वाद मिलता है। यह परंपरा रिश्तों को मजबूत करने और खुशियां बांटने का एक तरीका है
दिवाली के दीए सोख रहें हैं बहुत ज़्यादा तेल, तो इस तरह से जालाएँ दीया

डेस्क:–दिवाली पर मिट्टी के ही दीये जलाए जाते हैं. यह परंपरा युगों से चली आ रही है, या यूं कहें कि यह परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर आयोध्या लौटे थे। यह परंपरा पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होती आ रही है। हमें मिट्टी से जोड़े रखे हुए है। यह प्रकाश का पर्व तो है ही, साथ ही पर्यावरण के प्रति हमें हमारे दायित्व की याद दिलाता है।

कई लोग परेशान होते हैं कि मिट्टी के दीये बहुत जल्दी तेल सोख लेते हैं। आज इस परेशानी से निजात दिलाने की उपाए जानिएं।

गांव हो या शहर, मिट्टी के दीये ही जलाए जाते हैं। बस इन्हें जलाने से पहले दीयों को अच्छे से साफ कर लें। इनमें जमी मिट्टी, गदंगी को हटा दें। इसके बाद कुछ घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दें. इससे दीये की मिट्टी पानी सोख लेगी और जलाने के समय तेल कम सोखेगी। इससे न सिर्फ तेल की खपत कम होगी, साथ ही दीया लंबे समय तक जलेगा।

दीये में सरसों का तेल ही डालें, क्योंकि यह तेल धीमे जलता है। साथ ही सरसों तेल के जलने से जो धुआं निकलता है वो वातावरण को शुद्ध करता है.यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा है। दीये में तेल डालते वक्त थोड़ा नमक मिला दें। यह उपाए इसलिए क्योंकि नमक दीये की मिट्टी को तेल सोखने से रोकता है। दीया देर तक जलता है। लौ को स्थिर रखता है।दीया जल्दी नहीं बुझता ।

दीये में सरसों के तेल के साथ अगर शुद्ध घी मिला दें तो लौ स्थिर और धीमी रहेगी। तेल की खपत कम होगी।

अगर, आप इन उपायों को करते हैं तो निश्चित है कि दीया लंबा जलेगा। साथ ही आप बिना किसी परेशानी के त्यौहार का पूरा आनंद उठा पाएंगे।

मौसम विभाग के अनुसार, दिवाली के बाद ठंड में आ सकती तेजी,इन जिलों में होगी बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
डेस्क :–मध्य प्रदेश में हल्की ठंड का आगाज हो गया है। सुबह-सुबह लोग ठंड का अनुभव करने लगे हैं और रात के तापमान में भी गिरावट देखी जा रही है। हालांकि, दोपहर में अच्छी धूप निकलने से गर्मी महसूस होती है। सुबह से धुंध भी छाने लगी है, जिससे कई जिलों में दृश्यता में कमी आई है। मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि रात का तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।

मौसम विभाग के अनुसार, हवा का रुख उत्तर-पूर्वी से दक्षिणी दिशा में बदल गया है, जिससे हवा की गति कम हो गई है। इस वजह से दिन के समय तापमान बढ़ रहा है, लेकिन रात के समय ठंड का एहसास हो रहा है। राज्य के अधिकांश जिलों में रात का तापमान 20 डिग्री के आसपास है, जिससे शहरों में गुलाबी ठंड का अनुभव हो रहा है। पचमढ़ी का तापमान सबसे ठंडा, 14 डिग्री सेल्सियस, दर्ज किया गया।

हालांकि, वर्तमान में बारिश की कोई संभावना नहीं है, लेकिन कुछ जिलों में बादल छाए रहने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, दिवाली तक मौसम सामान्य रहेगा, लेकिन उसके बाद रात के तापमान में और गिरावट देखी जा सकती है।

दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के ऊपर एक चक्रवाती घेरा बना हुआ है, जिसके कारण पूर्वी और दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश में हल्की बारिश की संभावनाएं बनी हुई हैं। यह चक्रवाती घेरा 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है और दक्षिण दिशा की ओर झुका हुआ है।

मौसम विभाग का कहना है कि ठंड की शुरुआत ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से होगी। जैसे ही पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी शुरू होगी, ठंडी हवाएं ग्वालियर-चंबल की ओर बढ़ेंगी। वर्तमान में ग्वालियर, जबलपुर, सागर और दमोह जैसे जिलों में हल्की ठंड का अनुभव हो रहा है, और आने वाले दिनों में ठंड में वृद्धि की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार, दिवाली के बाद ठंड में तेजी आ सकती है। दिन का तापमान सामान्य रहेगा, लेकिन तेज धूप के कारण गर्मी का एहसास होगा। मंगलवार को कई जिलों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया, और भोपाल में दिन का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा। आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना है, जिससे सर्दी का अनुभव और बढ़ सकता है।
जम्मू-कश्मीर के अखनूर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना का बहादुर खोजी कुत्ता ‘फैंटम’ शहीद


डेस्क:– भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तीन आतंकियों को मार गिराया। सेना के वाहन पर इन आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया था।सेना ने उन्हें चारों ओर से घेरते हुए एक विशेष ऑपरेशन चलाया, जिसमें भारतीय सेना के कुत्ते फैंटम ने अद्वितीय साहस का प्रदर्शन किया।

सोमवार को जम्मू-कश्मीर के अखनूर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना का बहादुर खोजी कुत्ता ‘फैंटम’ शहीद हो गया। फैंटम ने आतंकियों का डटकर मुकाबला किया और अदम्य साहस का परिचय दिया। आतंकियों ने सुबह के समय एक एंबुलेंस पर हमला किया, जिसके बाद भारतीय सेना ने क्षेत्र को घेरकर आतंकियों की खोज में अभियान शुरू किया। इसके बाद आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हो गई। सेना के खोजी कुत्ते ‘फैंटम’ को इसी मुठभेड़ में गोली लग गई।

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने एक पोस्ट अपलोड की है। इसमें उन्होंने लिखा की ‘जब हमारे सैनिक आतंकियों की ओर बढ़ रहे थे, तब फैंटम ने दुश्मन की गोलियों का सामना किया और अपने ऊपर वार सहन किया। गंभीर रूप से घायल होने के बाद, सेना ने बहादुर फैंटम को खो दिया’। डॉक्टरों की कोशिश के बाद भी फैंटम को नहीं बचाया जा सका। बता दें की फैंटम 25 मई 2020 को पैदा हुआ था। चार साल की उम्र में ही ‘फैंटम’ देश के लिए कुर्बान हो गया।
आईए जानते हैं कब हैं देव दीपावली ?आखिर इस दिन देवता क्यों मानते हैं दिवाली
डेस्क : – दीपों का पर्व दिवाली, जो प्रकाश का उत्सव है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही, देव दीपावली का पर्व भी मनाया जाता है। ये दोनों त्योहार भारत में धूमधाम से मनाए जाते हैं। कुछ ही दिनों में पांच दिवसीय दीपोत्सव का आरंभ होने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली का पर्व मनाया जाता है, जबकि देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा के दिन होती है।


इस वर्ष दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, और इसके 15 दिन बाद, 15 नवंबर को देव दीपावली का पर्व होगा। यह दिन विशेष रूप से रोशनी का उत्सव माना जाता है। देव दीपावली का महत्व इस तथ्य में निहित है कि इसे देवताओं द्वारा मनाए जाने वाली दिवाली माना जाता है।

देव दीपावली का पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस पौराणिक घटना के बाद सभी देवताओं ने स्वर्गलोक में दीप जलाए थे, और तब से इस दिन को देव दीपावली के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।

इस वर्ष देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 15 नवंबर को दोपहर 12 बजे से शुरू होगी और 16 नवंबर को शाम 5:10 बजे समाप्त होगी। इसलिए, उदया तिथि के अनुसार, देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन कई स्थानों पर तुलसी विवाह का उत्सव भी मनाया जाता है, जिसमें तुलसी जी का विवाह शालिग्राम भगवान से किया जाता है।

*देव दीपावली पर की जाने वाली रस्में*

देव दीपावली को देवताओं की दिवाली कहा जाता है। इस दिन सभी देवता धरती पर आकर दिवाली मनाते हैं, इसलिए इस अवसर पर उनके लिए दीये जलाने की परंपरा है। वाराणसी में देव दीपावली का विशेष महत्व है। यहां हर साल गंगा के तट पर लाखों दीप जलाए जाते हैं, जिससे अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। लोग जलाशयों के किनारे दीपक जलाकर इस पर्व को मनाते हैं, और यह दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है।

इस प्रकार, देव दीपावली का पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव का भी प्रतीक है, जो प्रकाश और समृद्धि के संदेश को फैलाता है।
एलेक्सा को दिया गया ऐसा अजीब कमांड, देखकर हैरान रह गए लोग
डेस्क :– एलेक्सा को आमतौर पर जब हम कोई कमांड देते हैं, तो वह उसे पूरा करती है, लेकिन इस बार उसे कुछ ऐसी कमांड दी गई है, जिसने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है। दो दिनों बाद दिवाली आने वाली है और लोग त्योहार को अपने-अपने तरीके से मनाने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच, एक अनोखा वीडियो सामने आया है जिसमें एलेक्सा को रॉकेट लॉन्च करते हुए देखा जा सकता है।

इंस्टाग्राम पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति Amazon Alexa से एक छोटा रॉकेट लॉन्च करने का कमांड दे रहा है। यह रॉकेट बाद में आसमान में जाकर फट जाता है। इस वीडियो पर अब तक 4 लाख से ज्यादा लोगों के लाइक आए हैं। आइए, इस बारे में और जानते हैं।

इस वायरल वीडियो में एक व्यक्ति बिना हाथ लगाए बोतल में रखे रॉकेट को जलाते हुए दिखाई देता है, और इसके लिए वह एलेक्सा की मदद ले रहा है। वह रॉकेट फायर करने का कमांड एलेक्सा को देता है, और एलेक्सा उस कमांड का पालन करते हुए कहती है, “यस बॉस।” हालांकि, उस बोतल के पास आपको दो लाल तार नजर आएंगे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इसमें कुछ तकनीकी पहलू शामिल हैं। इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर “manisprojectslab” नामक यूजर ने साझा किया है।