वक्फ बोर्ड के लिए बनी जेपीसी की बैठक में फिर विवाद, विपक्षी सांसदों ने किया वॉकआउट, पिछली बार टूटी थी कांच की बोतल

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वक्फ बिल पर बनी जेपीसी की बैठक में फिर हंगामा हो गया। विपक्षी दलों के सांसद दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रेजेंटेशन का विरोध करते हुए बैठक से बाहर निकल गए। वॉकआउट करने वाले सदस्यों में आप के संजय सिंह, डीएमके के मोहम्मद अब्दुल्ला, कांग्रेस के नसीर हुसैन सहित कई नाम हैं।हालांकि, थोड़ी देर बाद वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी की बैठक में विपक्ष के सांसद फिर से शामिल हुए। दरअसल, विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि दिल्ली वक्फ बोर्ड प्रशासक ने दिल्ली सरकार की जानकारी के बिना प्रस्तुति में कुछ बदलाव किए थे।

संसद भवन परिसर में आज वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी की बैठक चल रही है।यह बैठक संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में की गई। इस दौरान विपक्षी दलों के सांसद दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रस्तुतिकरण का विरोध करते हुए बैठक से बाहर निकल गए। विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि समिति के समक्ष पेश हुए दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक ने दिल्ली सरकार की जानकारी के बिना प्रस्तुतिकरण में बदलाव किया है।

आम आदमी पार्टी के सदस्य संजय सिंह, द्रमुक सांसद मोहम्मद अब्दुल्ला, कांग्रेस के नसीर हुसैन और मोहम्मद जावेद समेत अन्य कुछ विपक्षी सदस्य बैठक छोड़कर बाहर निकल गए।विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम के आयुक्त और दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक अश्विनी कुमार ने मुख्यमंत्री की मंजूरी के बिना वक्फ बोर्ड की प्रारंभिक रिपोर्ट को पूरी तरह बदल दिया।

इससे पहले वक्फ बिल के लिए जेपीसी की बैठक में जोरदार झड़प हुई थी। बैठक भाजपा और टीएमसी के बीच ये झड़प हुई थी। इसमें कल्याण बनर्जी घायल हो गए थे। जानकरी के अनुसार, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने वहां रखी एक गिलास पानी की बोतल उठाई और मेज पर दे मारी और दुर्घटनावश खुद को चोट पहुंचा ली थी। इसके बाद कल्याण बनर्जी को संस्पेंड कर दिया गया था। बीजेपी ने आरोप लगे था कि गुस्से में कल्याण बनर्जी ने पानी की बोतल को मेज पर पटक दिया था। इसके उन्होंने इसे चेयरमैन की तरफ उछाला था। इस वजह से उन्हें ये चोट लग गई थी। वहीं, विपक्ष ने इस घटना के लिए बीजेपी सांसदों को जिम्मेदार बताया था।

भारत में पहली बार बनेंगे C-295 मिलिट्री एयरक्राफ्ट, रफ्तार देख थम जाएगी दुश्मनों की सांस, जानें इसकी खासियत

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अब एयरबस के C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत में ही बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) परिसर में C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज भी मौजूद रहे। भारत के C-295 कार्यक्रम में कुल 56 एयरक्राफ्ट होंगे जिनमें से 16 सीधे एयरबस डिलीवर करेगा और बाकी 40 भारत में बनाए जाएंगे। इन 40 C-295 विमानों को बनाने की जिम्मेदारी 'टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड' की होगी। इसके साथ ही भारत के रक्षा क्षेत्र में बड़ा कायाकप्ल होगा।

यह प्रोजेक्ट अहम इसलिए भी है, क्योंकि पहली बार देश में कोई निजी कंपनी सेना के लिए प्लेन बनाएगी। यह पहली बार है जब कोई निजी कंपनी भारत में पूरा का पूरा मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगी। साल 2021 में 56 C-295 एयरक्राफ्ट के लिए 21हजार 935 करोड़ रुपये की टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के तहत डील हुई थी। इस डील के तहत भारत को पिछले साल सितंबर के पहला C-295 एयरक्राफ्ट मिल गया था। डील में 56 विमानों में से पहले 16 विमान स्पेन और बाकी भारत में बनाए जाएंगे। 40 C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए वडोदरा में टाटा ने एयरबस के साथ मिलकर मैनुफैक्चरिंग कॉम्लेक्स बनाया है।

यह विमान सैनिकों को ध्यान में रखकर खास डिजाइन किया गया है। इसे कार्गो से लेकर जवानों तक को ट्रांसपोर्ट करने के लिए यूज किया जा सकता है। एयरक्राफ्ट को कई तरह के मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें ट्रांसपोर्ट, पैराशूट ड्रॉपिंग, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटेलिजेंस (ELINT), मेडिकल निकासी (MEDEVAC), और समुद्री गश्त शामिल हैं। बाकी कार्गो विमानों की तुलना में इस विमान का टेकऑफ टाइम कम है।सी-295 एक मीडियम साइज का विमान जो किसी भी तरह की हवाई पट्टी पर उतारा जा सकता है।

कम वजन के ट्रांस्पोर्टेशन के लिए अहम C-295 एयरक्राफ्ट

यह कॉम्प्लेक्स देश का पहला निजी फाइनल असेंबली लाइन है, जो मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगा। भारतीय वायुसेना, के लिए ट्रांसपोर्ट विमान भारत के लिए बेहद जरूरी है, जिससे सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकें। C-295 कम वजन के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारतीय सेना केलिए अहम साबित होने वाला है।

C-295 एयरक्राफ्ट की कितनी है क्षमता?

सी-295 एयरक्राफ्ट की फंक्शनिंग की बात करें तो इसे दो पायलट्स उड़ाते हैं। इसमें एक साथ 73 सैनिक, 48 पैराट्रूपर्स, 12 स्ट्रेचर इंटेसिंव केयर मेडवैक, या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मिडिकल अटेंडेंट सफर कर सकते हैं। डायमेंशंस का उल्लेख करें तो यह C-295 एयरक्राफ्ट 9250 KG का वजन उठा सकता है। इसकी लंबाई 80.3 फीट, विंगस्पैन 84.8 फीट, ऊंचाई 28.5 फीट है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 37 लाख लोगों को दिया दिवाली गिफ्ट, कर दिया बड़ा ऐलान

एशिया के दिग्गज कारोबारी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 37 लाख लोगों को आज दिवाली गिफ्ट दे दिया है. दरअसल, रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी 7 साल बाद फिर से बोनस शेयर दे रहे हैं. उन्होंने आज यानि 28 अक्टूबर को रिकॉर्ड डेट तय की है. मुकेश अंबानी इस साल हुई AGM में कहा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज एक शेयर पर एक बोनस शेयर योग्य निवेशकों को देगी.

आज है रिकॉर्ड डेट

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को बताया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के शरहोल्डर्स को एक शेयर पर एक शेयर बोनस दिया जाएगा. योग्यता तय करने के लिए कंपनी ने 28 अक्टूबर 2024, दिन सोमवार को रिकॉर्ड डेट घोषित किया था. यानी जिन निवेशकों का नाम कंपनी के रिकॉर्ड बुक में रहेगा उन्हें ही एक शेयर पर एक शेयर फ्री मिलेगा. ऐसे में अगर आपके पास भी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर है तो ये खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है. क्योंकि बोनस शेयर मिलने से शेयर डबल हो जायेंगे.

7 साल पहले भी दिया बोनस शेयर

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 7 साल पहले भी शरहोल्डर्स को बोनस शेयर का तोहफा दिया था. बीएसई पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने 2017 में बोनस शेयर दिया था. तब भी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक शेयर पर एक शेयर बोनस के तौर पर दिया था. 2009 में भी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक शेयर पर एक शेयर बोनस दिया था.

शेयर का हाल

रिलायंस के शेयर के हाल की बात करें तो बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन कंपनी का शेयर 2,656.30 पर बंद हुआ था. शेयर के परफॉरमेंस की बात करें तो एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने RIL पर अपनी ADD रेटिंग के साथ 3,350 रुपये का टार्गेट प्राइस तय किया है. नोमुरा ने RIL को 3,450 रुपये का टारगेट दिया है और इसे बाय रेटिंग भी दी है.

लॉरेंस बिश्नोई की हत्या के लिए 1 करोड़ का इनाम रखने वाले करणी सेना के अध्यक्ष ने कर दिया एक और बड़ा ऐलान

क्षत्रिय करणी सेना के अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने एक और घोषणा की है कि वे लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मी को 1 करोड़ 11 लाख 11 हजार और 111 रुपए देंगे. शेखावत ने कहा कि उनका यह ऑफर अब साबरमती जेल में बंद कैदियों के लिए भी है. शेखावत ने लॉरेंस बिश्नोई को हत्या करने के लिए उकसाया है और कहा कि यदि कोई कैदी लॉरेंस की हत्या कर दे तो उसे भी एनकाउंटर के लिए रखा गया इनाम मिलेगा.

पिछले दिनों, क्षत्रिय करणी सेना के प्रमुख राज शेखावत ने लॉरेंस बिश्नोई के एनकाउंटर पर इनाम की घोषणा की, जो राजपूत करणी सेना के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या का बदला लेने के लिए था. गुजरात के वडोदरा से आने वाले शेखावत ने कहा कि उनका संगठन एनकाउंटर पर इनाम देगा, और अगर कोई कैदी जेल में हत्या कर दे तो उसे 1 करोड़ 11 लाख 11 हजार और 111 रुपये का इनाम मिलेगा.

शेखावत ने अपने X हैंडल पर एक वीडियो किया पोस्ट “मैंने जो पुरस्कार राशि की घोषणा की है वह एनकाउंटर पर पुलिसकर्मियों को जरूर दी जाएगी. साथ ही साथ एक और घोषणा करता हूं कि साबरमती जेल में बंद कोई भी कैदी, योद्धा लॉरेंस को ठोकेगा, उसको भी यही पुरस्कार राशि पुरस्कार में क्षत्रिय सेना से दी जाएगी”

राज शेखावत ने मीडिया रिपोर्ट का भी खंडन किया जिसमें कहा गया था कि वह महादेव के अलावा किसी के बाप से नहीं डरते हैं. शेखावत ने पहले कहा था कि उनके चमचों ने उनके खिलाफ 1.50 करोड़ रुपए की सुपरी दी थी, लेकिन जिस लड़के को हत्या करने का काम सौंपा गया था, उसका अनुयायी निकला और आकर सारी बात उन्हें बता दी.

C-295 एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन, पीएम मोदी ने कहा-भारत के रक्षा क्षेत्र का कायाकल्प, स्पेन के राष्ट्रपति संग रोड शो

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भारत के डिफेंस सेक्टर में निजी भागीदारी को बड़ा बूस्ट मिलने वाला है। अब एयरबस के C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत में ही बनेंगे। इसके लिए, वडोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निजी क्षेत्र के इस प्लांट का उद्घाटन किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज़ ने वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) कैंपस में C-295 विमान बनाने के लिए संयुक्त रूप से टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया।C-295 कार्यक्रम के तहत कुल 56 विमान हैं, जिनमें से 16 स्पेन से सीधे एयरबस द्वारा डिलीवर किए जा रहे हैं और शेष 40 भारत में बनाए जाने हैं। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड इन 40 विमानों को भारत में बनाने के लिए जिम्मेदार है। यह सुविधा भारत में सैन्य विमानों के लिए निजी क्षेत्र की पहली फाइनल असेंबली लाइन (FAL) होगी।

रतन टाटा की आत्मा जहां भी होगी, आज बहुत खुश होगी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में रतन टाटा को याद किया। उन्होंने कहा, हाल ही में हमने देश के महान सपूत रतन टाटा जी को खो दिया। अगर आज वो हमारे बीच होते तो उन्हें खुशी होती, लेकिन उनकी आत्मा जहां भी होगी, वो खुश होगी। ये C-295 विमान फैक्ट्री नए भारत की नई कार्य संस्कृति को दर्शाती है।

भारत के रक्षा क्षेत्र का कायाकल्प- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा, आज भारत में रक्षा उत्पादन क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहा है। 10 साल पहले अगर हमने ठोस कदम नहीं उठाए होते, तो आज इस मंजिल पर पहुंचना असंभव ही था। किसी भी संभावना को सफलता में बदलने के लिए सही प्लान और सही साझेदारी जरूरी है। भारत के रक्षा क्षेत्र का कायाकल्प सही प्लान और सही साझेदारी का उदाहरण है। बीते दशक में देश ने अनेक ऐसे फैसले लिए जिससे भारत में एक जीवंत रक्षा उद्योग का विकास हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मैं गुजरात का सीएम था, तब वडोदरा में ट्रेन के कोच बनाने के लिए एक फैक्ट्री लगाने का फैसला किया गया था। रिकॉर्ड समय में फैक्ट्री को उत्पादन के लिए तैयार भी कर दिया गया। आज हम उस फैक्ट्री में बने मेट्रो कोच दूसरे देशों को निर्यात कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में इस फैक्ट्री में बने विमान भी दूसरे देशों को निर्यात किए जाएंगे।

ये फैक्ट्री भारत-स्पेन संबंधों को मजबूती देगी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, मेरे मित्र पेड्रो सांचेज की ये पहली भारत यात्रा है। आज से हम भारत और स्पेन की साझेदारी को नई दिशा दे रहे हैं। हम C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के उत्पादन की फैक्ट्री का उद्घाटन कर रहे हैं। ये फैक्ट्री भारत-स्पेन संबंधों को मजबूती देने के साथ ही मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड मिशन को भी सशक्त करने वाली है.”

प्रधानमंत्री मोदी, यह आपके विजन की एक और जीत है- सांचेज़

वहीं, स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज़ ने कहा, आज हम न केवल आधिकारिक तौर पर एक अत्याधुनिक औद्योगिक सुविधा का उद्घाटन कर रहे हैं। आज हम यह भी देख रहे हैं कि कैसे दो प्रतिष्ठित कंपनियों के बीच एक असाधारण परियोजना वास्तविकता बन जाती है। प्रधानमंत्री मोदी, यह आपके विजन की एक और जीत है। आपका विजन भारत को एक औद्योगिक महाशक्ति और निवेश और व्यापार के लिए एक आकर्षण बनाना है।

यूक्रेन को भारत पर क्यों है भरोसा? जेलेंस्की बोले- मोदी जंग पर असर डाल सकते हैं

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रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए 32 महीने से अधिक बीत चुके हैं। इसके बावजूद भी संघर्ष रूकने का नाम नहीं ले रहा है। अब रूस ने यूक्रेन पर फिर से हमले तेज कर दिए हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दोनों देशों से शांति की अपील कर रहे हैं। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन जंग खत्म कराने में बड़ा असर डाल सकते हैं।

यूक्रेन पीस समिट नई दिल्ली में हो- जेलेंस्की

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि वे चाहते हैं कि दूसरी यूक्रेन पीस समिट नई दिल्ली में हो। मोदी चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी वास्तव में ऐसा कर सकते हैं यदि वे एक निश्चित शिखर सम्मेलन आयोजित कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए हमें उन प्रस्तावों के संदर्भ में खुद को तैयार करने की आवश्यकता है जिन पर किसी भी देश की बात सुनी जा सकती है - भारत, यूरोपीय संघ, अफ्रीकी महाद्वीप आदि के प्रस्ताव।

मोदी एक बहुत बड़े देश के प्रधानमंत्री- जेलेंस्की

जेलेंस्की ने कहा कि मोदी आबादी और इकोनॉमी के हिसाब से एक बहुत बड़े देश के प्रधानमंत्री हैं। किसी भी संघर्ष के रोकने में भारत और मोदी का बड़ा असर हो सकता है। पीएम मोदी की तरफ से यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत कराने की संभावना पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल, वे ऐसा कर सकते हैं।

मोदी हमारे बच्चों को वापस लाने में मदद करें- जेलेंस्की

जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने यूक्रेन के हजारों बच्चों का अपहरण कर लिया है। हम चाहते हैं कि मोदी हमारे बच्चों को वापस लाने में मदद करें। वे पुतिन से कह सकते हैं कि मुझे सिर्फ 1,000 यूक्रेनी बच्चें दें, जिसे यूक्रेन को हम लौटा देंगे। अगर मोदी ऐसा करेंगे तो हम अपने ज्यादातर बच्चे को वापस अपने लाने में सफल हो सकते हैं।

रूस ने पिछले सप्ताह यूक्रेन पर 1100 से अधिक हवाई बम दागे

राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को दावा किया है कि रूस ने पिछले सप्ताह यूक्रेन पर 1100 से अधिक निर्देशित हवाई बम दागे हैं। इसके अलावा, 560 से अधिक स्ट्राइक ड्रोन और विभिन्न प्रकार की लगभग 20 मिसाइलों की बौछार की है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि रूस यूक्रेन के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई बंद नहीं कर रहा है। रोजाना, वह विभिन्न प्रकार के हथियारों का उपयोग करके हमारे लोगों, शहरों और गांवों के खिलाफ आक्रामकता शुरू करता है। इस सप्ताह, रूस ने 1100 से अधिक निर्देशित हमले किए हैं। इनमें हवाई बम, 560 से अधिक स्ट्राइक ड्रोन और विभिन्न प्रकार की लगभग 20 मिसाइलें शामिल हैं।

सर्दी ने बढ़ाई राष्ट्रपति जेलेंस्की की टेंशन

बता दें कि कुछ दिनों में यूक्रेन और रूस में कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है। सर्दी में युद्द लड़ना दोनों देशों के सैनिकों के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस बात को लेकर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यह यूक्रेन और यूक्रेनी लोगों के लिए तीसरी कठिन सर्दी है। हम कदम-दर-कदम अपनी ऊर्जा प्रणालियों को मजबूत कर रहे हैं। हम रूस की सेना को मुहतोड़ जवाब देंगे।

देश में 2025 से शुरू हो सकती है जनगणना, दस साल का चक्र भी बदलेगा

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देश में अगले साल से जनगणना की शुरुआत हो सकती है।मीडिया रिपोर्टे में सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है। यह जनगणना 2025 से शुरू होकर 2026 तक चलेगी।बताया जा रहा है कि 2025 से जनगणना शुरू होने के कारण इसका चक्र भी बदल जाएगा।पहले जनगणना हर 10 साल पर दशक के शुरूआत में होती थी, जैसे 1991, 2001, 2011 अब इसे बदलकर हर 10 साल में 2025, 2035, 2045, 2055 कर दिया जाएगा।जनगणना दशक की शुरूआत से नहीं होगी।

भारत में पिछली बार जनगणना 2011 में दर्ज की गई थी। इसका अगला चरण 2021 में शुरू होना था, लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण इसमें देरी हो गई। इसके बाद से जनगणना को लेकर कई सवाल पूछे जा रहे हैं कि अगली जनगणना के आंकड़े कब प्रकाशित किए जाएंगे। अब, केंद्र सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अगली जनगणना के आंकड़े 2026 में उपलब्ध होंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जनगणना के डेटा रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया 2025 में शुरू होगी और रिपोर्ट 2026 में प्रकाशित की जाएगी।

संप्रदाय को लेकर भी पूछे जा सकते हैं सवाल

जनगणना के दौरान संप्रदाय को लेकर भी सवाल पूछा जा सकता है। कि वे किस संप्रदाय के अनुयायी हैं। देश में कई समाज अपने आप को अलग संप्रदाय का मानते हैं। जैसे कर्नाटक में लिंगायत और अलग-अलग राज्यों में रविदासी, वाल्मीकि जैसे संप्रदाय भी हैं। ऐसे में सरकार इस बार धर्म और वर्ग के अलावा संप्रदाय के आधार पर भी जनगणना करा सकती है।

लोकसभा सीटों का परिसीमन भी होना है

जनगणना के बाद देश में लोकसभा सीटों का परिसीमन भी होना है। परिसीमन की प्रकिया 2028 तक पूरी होनी है। सूत्रों ने बताया कि जनगणना पूरी होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन शुरू होगा। परिसीमन की प्रक्रिया 2028 तक पूरी होने की उम्मीद है।

जातीय जनगणना पर सरकार ले सकती है फैसला

बता दें कि देश के विपक्षी राजनीतिक दल जातिवार जनगणना की मांग कर रहे हैं। लोकसभा में सरकार के मंत्री इसको लेकर बयान दे चुके हैं। सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि जातीय जनगणना संविधान सम्मत नहीं होती है। हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार जातीय जनगणना करा सकती है। सरकार चाहती है कि सभी धर्मों में मौजूद जाति व्यवस्था का पता चले और एनडीए के साथियों की मांग का सम्मान हो इसलिए जातीय जनगणना को लेकर भी सरकार कोई फैसला ले सकती है।

1872 में हुई थी पहली जनगणना

भारत की जनगणना हर दशक में दर्ज की जाती है, पहली जनगणना 1872 में हुई थी। स्वतंत्रता के बाद पहली जनगणना 1951 में और आखिरी जनगणना 2011 में दर्ज की गई थी। जनगणना के आंकड़े भारत सरकार के लिए नीति निर्माण और कार्यान्वयन तथा देश में संसाधनों के समान वितरण को सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जनगणना जनसंख्या, जनसांख्यिकी, आर्थिक स्थिति आदि सहित कई पहलुओं पर प्रकाश डालती है। 2011 के आंकड़ों के अनुसार, भारत की जनसंख्या 121.1 करोड़ है, जिसमें 52 प्रतिशत पुरुष और 48 प्रतिशत महिलाएं हैं।

मेक इन इंडिया” की मिसाल, भारत में पहली बार बनेंगे मिलिट्री एयरक्राफ्ट, पीएम मोदी और स्पेन के पीएम करेंगे उद्घाटन

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भारत की एविएशन इंडस्ट्री में आज से एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है।आज भारत के डिफेंस सेक्टर में निजी भागीदारी को बड़ा बूस्ट मिलने वाला है. अब एयरबस के C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत में ही बनेंगे। इसके लिए वडोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार है। स्‍पेन की कंपनी एयरबस के सहयोग से टाटा समूह भारत में C-295 विमान बनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज के साथ मिलकर निजी क्षेत्र के इस प्लांट का उद्घाटन करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने कहा, स्पेन सरकार के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज वडोदरा पहुंचे, जो 18 वर्षों में किसी स्पेनिश राष्ट्रपति की पहली भारत यात्रा है। भारत-स्पेन संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए यह आधिकारिक यात्रा अहम है। वडोदरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने राष्ट्रपति सांचेज का स्वागत किया। अपनी यात्रा के दौरान स्पेन के राष्ट्रपति सांचेज, प्रधानमंत्री मोदी के साथ वडोदरा में C295 विमान के फाइनल असेंबली लाइन प्लांट का उद्घाटन करेंगे, जो विमानन क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत प्रमुख पहल है। इस प्लांट की स्थापना टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने एयरबस स्पेन के साथ मिलकर की है।

एयरबस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम मिलकर वडोदरा प्लांट में 40 विमान बनाएंगे। यह प्लांट भारत में सैन्य विमानों के लिए किसी प्राइवेट सेक्टर की पहली फाइनल असेंबली लाइन होगी। इसमें मैन्युफैक्चरिंग से लेकर एसेंबलिंग, टेस्टिंग, डिलीवरी और मेंटनेंस का पूरा इकोसिस्टम शामिल होगा। टाटा के अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड जैसी दिग्गज सरकारी डिफेंस कंपनियां भी इसमें शामिल होंगी। C295 एक मिलिट्री एयरक्राफ्ट है।

खास बात है कि टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रहे दिवंगत रतन टाटा के रहते ही एयरबस और टाटा समूह में यह एग्रीमेंट हो गया था। टाटा ग्रुप 2026 तक पहला हवाई जहाज बनाएगा। भारत में बनने वाला यह प्लेन, विमानन विकास और विनिर्माण यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके प्रोडक्शन से भारत का की एयरोस्पेस इंडस्ट्री और मजबूत होगी औक देश इस सेक्टर आत्मनिर्भर बनने की राह पर बढ़ेगा।

इससे ना सिर्फ देश में हवाई जहाज बनेंगे बल्कि इस इंडस्ट्री से जुड़े योग्य लोगों को नौकरियां के अवसर भी मिलेंगे। यह प्रोजेक्ट विभिन्न साइट्स पर सीधे तौर पर 3,000 से अधिक नौकरियाँ पैदा करेगा और सप्लाई चैन में 15,000 से अधिक अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करेगा। यह अनुमान लगाया गया है कि प्रत्येक विमान की असेंबली के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और उसके आपूर्तिकर्ताओं को 1 मिलियन घंटे से ज्यादा लेबर की आवश्यकता होगी। इस प्लांट के शुरू होने से एविएशन इंडस्ट्री में ना सिर्फ नई नौकरियां आएंगी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती भी देगी।

मध्य प्रदेश में चलती ट्रेन में आग लगने से मचा हड़कंप, यात्रियों ने ट्रेन से कूद कर बचाई जान

डेस्क: मध्य प्रदेश में एक चलती हुई ट्रेन में आग लगने से हंगामा हो गया है। हालात ये बन गए कि यात्रियों को ट्रेन से कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी। ये ट्रेन इंदौर से रतलाम आ रही थी। डेमू ट्रेन के इंजन में रुणीजा से प्रीतम नगर के बीच आग लगने की ये घटना हुई। 

घटना स्थल पर फायर ब्रिगेड के पहुंचने का रास्ता नहीं था। घटनास्थल पर स्थानीय लोग और रेलवे के कर्मचारी आग को नियंत्रित करने में जुटे थे। स्थानीय किसानों ने अपनी मोटरपंप और पाइप का इस्तेमाल कर आग बुझाने में मदद की और उनकी तत्परता से आग पर काबू पाया गया। घटना के बाद ट्रेन को रतलाम लाने के लिए अल्टरनेट इंजन का इस्तेमाल किया गया। रेलवे प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। 

इससे पहले मुंबई के बांद्रा टर्मिनस स्टेशन पर शनिवार-रविवार की दरमियानी रात भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में 10 यात्री घायल हो गए थे। इनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना देर रात दो बजे हुई थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुंबई से गोरखपुर जाने वाली ट्रेन जब प्लेटफार्म पर पहुंची तो ट्रेन में चढ़ने की जल्दबाजी में भगदड़ मच गई, जिससे करीब 10 यात्री घायल हो गए। 

आनन-फानन में घायल यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। दरअसल, दीपावली और छठ के समय भारतीय रेलवे की ट्रेनों में हर साल भीड़ देखी जाती है। देश के अलग-अलग शहरों से लोग यूपी-बिहार त्योहार मनाने जाते हैं। इस बीच भीड़ ज्यादा होने की वजह से ये हादसा हुआ है। 

वहीं बांद्रा टर्मिनस पर हुए हादसे के बाद रेलवे की तरफ से कहा गया है कि साप्ताहिक ट्रेन बांद्रा-गोरखपुर एक्सप्रेस री-शेड्यूल हुई थी। यह गाड़ी सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर चलने वाली थी। री-शेड्यूल होने के बाद आज सुबह गाड़ी प्लेटफॉर्म पर लेट आई। रात 3 से साढ़े 3 बजे के आसपास गाड़ी आई। स्टेशन पर भीड़ ज्यादा होने से जनरल बोगी में चढ़ने के लिए भगदड़ सी मच गई। 

डिजास्टर के मुताबिक 9 लोग घायल थे, लेकिन रेलवे ने पुष्टि की है कि कुल 10 लोग घायल हैं। कुछ लोगों के पैर में फ्रैक्चर हुआ है, कुछ एक के कमर में फ्रैक्चर हुआ है। दो घायलों को डिस्चार्ज कर दिया गया है, बाकी भाभा अस्पताल में एडमिट हैं। ट्रेन आखिरकार 5 बजकर 10 मिनट पर रवाना हो गई, स्थिति शांत है।

ताइवान पर अमेरिका के एक फैसले ने चीन को दिया 33 हजार वोल्टेज का झटका, अब क्या करेंगे जिनपिंग

डेस्क: अमेरिका ने चीन से तनाव के बीच ताइवान को लेकर अपने एक फैसले से बीजिंग में बवाल मचा दिया है। अमेरिका ने चीन के दुश्मन ताइवान को सैन्य मजबूती देने के लिए 2 अरब डालर का हथियार देने का ऐलान किया है। इससे चीनी खेमे में बौखलाहट मच गई है। को सतह से हवा में मार करने वाली उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति सहित दो अरब डॉलर के हथियार बेचने की मंजूरी दे दी। ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका के इस कदम से चीन नाराज हो सकता है।

ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय ने शनिवार को संभावित हथियार बिक्री को मंजूरी देने के लिए वाशिंगटन को धन्यवाद दिया। द्वीप के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के नेतृत्व में ताइवान अपनी रक्षा शक्ति को बढ़ा रहा है क्योंकि चीन ने उसके खिलाफ अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ा दिया है। चीन ताइवान पर अपना दावा करता रहा है। बीजिंग ने पिछले सप्ताह मई में लाई के पदभार संभालने के बाद से दूसरी बार ताइवान को घेरते हुए युद्ध अभ्यास किया था।

राष्ट्रपति के प्रवक्ता करेन कुओ ने कहा, “ताइवान की आत्मरक्षा क्षमताओं को मजबूत करना क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने का आधार है।” अमेरिकी विदेश मंत्रालय के राजनीतिक-सैन्य मामलों के ब्यूरो के अनुसार, संभावित हथियार बिक्री सौदे में सतह से हवा में मार करने वाली तीन उन्नत मिसाइल प्रणाली और संबंधित उपकरण शामिल हैं, जिनकी कीमत 1.16 अरब डॉलर तक है। सौदे में अनुमानित 82.8 लाख डॉलर मूल्य की रडार प्रणाली भी शामिल है।