आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक उत्तर प्रदेश के समस्त अधिवक्तओं कोई सुविधा प्रदान नहीं की गई
संभल। विगत वर्षों से सरकार द्वारा न्यायिक अधिकारयो को मिलने वाली उनकी हर आवश्यक भौतिक सुख सुविधाओ से परिपूर्ण कर दिया है परन्तु अधिवक्ता समाज आज भी अपनी मूलभूत आवयश्कताओं के अभाव में बगैर व्यवस्थित चैम्बर व वाहन पार्किंग के अपने न्यायिक कार्यों का निष्पादन समर्पण भावना के साथ करता चला आ रहा है। उसके बावजूद आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक उत्तर प्रदेश के समस्त अधिवक्तओं कोई सुविधा प्रदान नहीं की गई है।
2-यह कि उत्तर प्रदेश में आये दिन अधिवक्ताओं की हत्याएं हो रही है। सरकार अधिवक्तओ की मूलभूत आवश्यकताओं एवं सुरक्षा पर गम्भीर नही दिख रही है। जिसके कारण अधिवक्ता समाज में अपनी सुरक्षा को लेकर चिन्ता एवं भय व्याप्त है। ऐसी दशा में प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से विधि आयोग उ०प्र० मे विचाराधीन एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट अविलम्ब लागू किये जाने हेतु आवयश्क एवं प्रभावी कार्यवाही की जाये।
3-यह कि प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं को संविधान द्वारा प्रदत्त मूलभूत एवं मौलिक अधिकार तथा वॉक एवं अभिव्यक्ति की आजादी पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा लगाई गई रोक पर विचार विमर्श किया जाये
4-यह कि प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं को सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना एवं टर्म पॉलिसी के अन्र्तगत आच्छादित किये जाने पर विचार विर्मश हो।
Oct 22 2024, 16:36